जबलपुर. मप्र हाईकोर्ट के जस्टिस एसए धर्माधिकारी व जस्टिस अनुराधा शुक्ला की युगलपीठ ने आयुध निर्माणी फैक्टरी (ओएफके) जबलपुर पर हमले की साजिश के आरोपी जबलपुर निवासी सैयद मामूर अली की जमानत अर्जी निरस्त कर दी.
युगलपीठ ने मामले में कहा कि धर्म आधारित आतंकवाद दूसरे धर्मों के प्रति घृणास्पद विचारों से उत्पन्न होता है. ऐसे व्यक्ति के प्रति उदारता नहीं दिखाई जा सकती जो आतंकवाद और अवैधानिक गतिविधियों के गंभीर आरोप का सामना कर रहा हो.
मामले की सुनवाई दौरान प्रदेश शासन की ओर से जमानत आवेदन का विरोध किया गया. सुनवाई के दौरान दलील दी गई कि आरोपी को एनआईए दिल्ली की टीम ने 26 मई 2023 को गिरफ्तार किया था. उसके विरुद्ध ओएफके पर हमला करने की साजिश और उसके लिए हथियार तैयार करवाने का गंभीर आरोप लगा है.
इसलिए भारतीय दंड विधान और गैर.कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम 1967 की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है. इससे पूर्व भोपाल स्थित एनआईए की विशेष कोर्ट भोपाल ने 12 अप्रैल 2024 को आरोपी की जमानत अर्जी निरस्त कर चुकी है. इसीलिए हाईकोर्ट में आवेदन लगाया गया है.