भुवनेश्वर, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने पिछली बीजू जनता दल (बीजेडी) सरकार पर नौकरी की भर्तियों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है।
उन्होंने दावा किया कि सरकारी पदों को बड़ी रकम में बेचा गया था। जिसको लेकर ओडिशा विधानसभा में शनिवार को बीजद सदस्यों का हंगामा देखने को मिला।
ओडिशा सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक 2024 पेश करने के दौरान मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी की ओर से दिए गए बयान का बीजू जनता दल (बीजद) के सदस्यों ने विरोध किया है।
बीजद सदस्य मुख्यमंत्री माझी से स्पष्टीकरण की मांग करते हुए अध्यक्ष के आसन पर चढ़ गए। बीजद की मुख्य सचेतक प्रमिला मल्लिक ने सीएम की टिप्पणियों की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने उन प्रतिभाशाली उम्मीदवारों का अपमान किया है, जिन्होंने निष्पक्ष तरीकों से परीक्षा पास करके एक मुकाम हासिल किया है। सीएम मोहन चरण माझी का बयान मेधावी छात्रों का अपमान है। उन्हें सदन में स्पष्टीकरण जारी करना चाहिए। उन्हें अपने आरोप साबित करने चाहिए।
विपक्षी बीजद ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री माझी को सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए बयानबाजी करके लोगों को गुमराह नहीं करना चाहिए।
मुख्यमंत्री माझी ने शुक्रवार को आरोप लगाया था कि नवीन पटनायक के नेतृत्व वाली पिछली सरकार ने ओडिशा के युवाओं के भविष्य के साथ समझौता किया था। उन्होंने राज्य सचिवालय में सहायक अनुभाग अधिकारियों की भर्ती में अनियमितताओं की ओर इशारा किया था। माझी ने पिछले साल की जूनियर इंजीनियर परीक्षा का भी जिक्र किया, जिसमें कथित तौर पर प्रश्नपत्र लीक हो गए थे।
उन्होंने कहा कि विधेयक का उद्देश्य पिछली सरकार की विरासत को तोड़ना और यह सुनिश्चित करना है कि भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं के लिए जिम्मेदार लोगों को दंडित किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि विधेयक में एक करोड़ रुपये का जुर्माना और 10 साल की कैद का प्रावधान है।
उन्होंने कहा कि मेरी सरकार भ्रष्टाचार के प्रति सख्त है। हम सरकार के कामकाज के हर क्षेत्र में पारदर्शिता और ईमानदारी में विश्वास करते हैं।
–आईएएनएस
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