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Home ताज़ा समाचार

ओलंपिक गोल्ड मेडल जीतने के बाद ही पूरा होगा मेरा सपना : हॉकी प्लेयर अभिषेक नैन

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August 13, 2024
in ताज़ा समाचार
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सोनीपत, 13 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय हॉकी टीम ने पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर ओलंपिक में लगातार बैक टू बैक दो पदक जीते हैं। भारतीय हॉकी टीम में सोनीपत के मयूर विहार के रहने वाले अभिषेक नैन का प्रदर्शन भी बढ़िया रहा। अभिषेक का मंगलवार को सोनीपत पहुंचने पर जोरदार स्वागत किया गया।

अभिषेक इस स्वागत से काफी खुश नजर आए। इस अवसर पर अभिषेक ने कहा, “बहुत खुशी है कि हमने एक मेडल जीता। हालांकि गोल्ड मेडल न जीतने का दुख है। उम्मीद है कि अगली बार हम गोल्ड मेडल जीतेंगे। मैं सभी लोगों की खुशी में सहायक बना हूं, इसकी मुझे काफी प्रसन्नता है।”

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ओलंपिक खेलना अभिषेक का बचपन का सपना रहा है। हालांकि पेरिस ओलंपिक में मेडल आने के बावजूद यह सपना अभी पूरा नहीं हो पाया है। अभिषेक ने कहा, “मेरा ओलंपिक का सपना तब पूरा होगा, जब हम गोल्ड मेडल जीतेंगे।”

अभिषेक को बचपन में चोट लग गई थी। इस चोट से पहले भी हॉकी खेलते हुए वह अक्सर चोटिल होते रहते थे। ऐसे में उनके गुरु ने उनका हौसला बढ़ाया दिया। अभिषेक ने कहा, “बचपन में मेरी चोट को देखने के बाद माता-पिता ने हॉकी छोड़ने के लिए कह दिया था। मैं अक्सर चोटिल हो जाता था। ऐसे में मेरे गुरुजी ने मुझे आगे बढ़ाया।”

पेरिस ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम गोल्ड क्यों नहीं जीत पाई? इस सवाल पर अभिषेक ने कहा, “हमको जो मौके मिले, हम उसको सेमीफाइनल मैच में गोल में तब्दील नहीं कर सके। हालांकि उस मैच में गेंद पर अधिकतर हमारा कब्जा था। हम इसके अलावा अच्छा खेले।”

कांस्य पदक में भारत का मुकाबला स्पेन से हुआ, जहां अंतिम डेढ़ मिनट का खेल काफी नर्वस करने वाला था। अंतिम डेढ़ मिनटों के बारे में बोलते हुए अभिषेक ने कहा, “उस वक्त खिलाड़ी मानसिक तौर पर काफी दबाव में थे, क्योंकि हम इससे ठीक पहले सेमीफाइनल मैच हार चुके थे। खिलाड़ियों पर मानसिक थकान भी हावी थी। वह अंतिम पल काफी तनाव और दबाव भरे थे।”

मालूम हो कि भारत ने स्पेन को कांस्य पदक मैच में 2-1 से मात दी थी। अभिषेक ने भारत की महिला पहलवान विनेश फोगाट के बारे में भी बात की और कहा कि विनेश मेडल की हकदार हैं। उन्होंने कहा, “विनेश को उनका हक मिलना चाहिए। जब मेडल नहीं मिलता है तो एक खिलाड़ी को बहुत दुख होता है। पिछले तीन ओलंपिक विनेश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण रहे। एक बार उनको चोट भी लग गई थी। ऐसे में विनेश ने कुश्ती से संन्यास का फैसला भी ले लिया।”

–आईएएनएस

एएस/

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सोनीपत, 13 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय हॉकी टीम ने पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर ओलंपिक में लगातार बैक टू बैक दो पदक जीते हैं। भारतीय हॉकी टीम में सोनीपत के मयूर विहार के रहने वाले अभिषेक नैन का प्रदर्शन भी बढ़िया रहा। अभिषेक का मंगलवार को सोनीपत पहुंचने पर जोरदार स्वागत किया गया।

अभिषेक इस स्वागत से काफी खुश नजर आए। इस अवसर पर अभिषेक ने कहा, “बहुत खुशी है कि हमने एक मेडल जीता। हालांकि गोल्ड मेडल न जीतने का दुख है। उम्मीद है कि अगली बार हम गोल्ड मेडल जीतेंगे। मैं सभी लोगों की खुशी में सहायक बना हूं, इसकी मुझे काफी प्रसन्नता है।”

ओलंपिक खेलना अभिषेक का बचपन का सपना रहा है। हालांकि पेरिस ओलंपिक में मेडल आने के बावजूद यह सपना अभी पूरा नहीं हो पाया है। अभिषेक ने कहा, “मेरा ओलंपिक का सपना तब पूरा होगा, जब हम गोल्ड मेडल जीतेंगे।”

अभिषेक को बचपन में चोट लग गई थी। इस चोट से पहले भी हॉकी खेलते हुए वह अक्सर चोटिल होते रहते थे। ऐसे में उनके गुरु ने उनका हौसला बढ़ाया दिया। अभिषेक ने कहा, “बचपन में मेरी चोट को देखने के बाद माता-पिता ने हॉकी छोड़ने के लिए कह दिया था। मैं अक्सर चोटिल हो जाता था। ऐसे में मेरे गुरुजी ने मुझे आगे बढ़ाया।”

पेरिस ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम गोल्ड क्यों नहीं जीत पाई? इस सवाल पर अभिषेक ने कहा, “हमको जो मौके मिले, हम उसको सेमीफाइनल मैच में गोल में तब्दील नहीं कर सके। हालांकि उस मैच में गेंद पर अधिकतर हमारा कब्जा था। हम इसके अलावा अच्छा खेले।”

कांस्य पदक में भारत का मुकाबला स्पेन से हुआ, जहां अंतिम डेढ़ मिनट का खेल काफी नर्वस करने वाला था। अंतिम डेढ़ मिनटों के बारे में बोलते हुए अभिषेक ने कहा, “उस वक्त खिलाड़ी मानसिक तौर पर काफी दबाव में थे, क्योंकि हम इससे ठीक पहले सेमीफाइनल मैच हार चुके थे। खिलाड़ियों पर मानसिक थकान भी हावी थी। वह अंतिम पल काफी तनाव और दबाव भरे थे।”

मालूम हो कि भारत ने स्पेन को कांस्य पदक मैच में 2-1 से मात दी थी। अभिषेक ने भारत की महिला पहलवान विनेश फोगाट के बारे में भी बात की और कहा कि विनेश मेडल की हकदार हैं। उन्होंने कहा, “विनेश को उनका हक मिलना चाहिए। जब मेडल नहीं मिलता है तो एक खिलाड़ी को बहुत दुख होता है। पिछले तीन ओलंपिक विनेश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण रहे। एक बार उनको चोट भी लग गई थी। ऐसे में विनेश ने कुश्ती से संन्यास का फैसला भी ले लिया।”

–आईएएनएस

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सोनीपत, 13 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय हॉकी टीम ने पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर ओलंपिक में लगातार बैक टू बैक दो पदक जीते हैं। भारतीय हॉकी टीम में सोनीपत के मयूर विहार के रहने वाले अभिषेक नैन का प्रदर्शन भी बढ़िया रहा। अभिषेक का मंगलवार को सोनीपत पहुंचने पर जोरदार स्वागत किया गया।

अभिषेक इस स्वागत से काफी खुश नजर आए। इस अवसर पर अभिषेक ने कहा, “बहुत खुशी है कि हमने एक मेडल जीता। हालांकि गोल्ड मेडल न जीतने का दुख है। उम्मीद है कि अगली बार हम गोल्ड मेडल जीतेंगे। मैं सभी लोगों की खुशी में सहायक बना हूं, इसकी मुझे काफी प्रसन्नता है।”

ओलंपिक खेलना अभिषेक का बचपन का सपना रहा है। हालांकि पेरिस ओलंपिक में मेडल आने के बावजूद यह सपना अभी पूरा नहीं हो पाया है। अभिषेक ने कहा, “मेरा ओलंपिक का सपना तब पूरा होगा, जब हम गोल्ड मेडल जीतेंगे।”

अभिषेक को बचपन में चोट लग गई थी। इस चोट से पहले भी हॉकी खेलते हुए वह अक्सर चोटिल होते रहते थे। ऐसे में उनके गुरु ने उनका हौसला बढ़ाया दिया। अभिषेक ने कहा, “बचपन में मेरी चोट को देखने के बाद माता-पिता ने हॉकी छोड़ने के लिए कह दिया था। मैं अक्सर चोटिल हो जाता था। ऐसे में मेरे गुरुजी ने मुझे आगे बढ़ाया।”

पेरिस ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम गोल्ड क्यों नहीं जीत पाई? इस सवाल पर अभिषेक ने कहा, “हमको जो मौके मिले, हम उसको सेमीफाइनल मैच में गोल में तब्दील नहीं कर सके। हालांकि उस मैच में गेंद पर अधिकतर हमारा कब्जा था। हम इसके अलावा अच्छा खेले।”

कांस्य पदक में भारत का मुकाबला स्पेन से हुआ, जहां अंतिम डेढ़ मिनट का खेल काफी नर्वस करने वाला था। अंतिम डेढ़ मिनटों के बारे में बोलते हुए अभिषेक ने कहा, “उस वक्त खिलाड़ी मानसिक तौर पर काफी दबाव में थे, क्योंकि हम इससे ठीक पहले सेमीफाइनल मैच हार चुके थे। खिलाड़ियों पर मानसिक थकान भी हावी थी। वह अंतिम पल काफी तनाव और दबाव भरे थे।”

मालूम हो कि भारत ने स्पेन को कांस्य पदक मैच में 2-1 से मात दी थी। अभिषेक ने भारत की महिला पहलवान विनेश फोगाट के बारे में भी बात की और कहा कि विनेश मेडल की हकदार हैं। उन्होंने कहा, “विनेश को उनका हक मिलना चाहिए। जब मेडल नहीं मिलता है तो एक खिलाड़ी को बहुत दुख होता है। पिछले तीन ओलंपिक विनेश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण रहे। एक बार उनको चोट भी लग गई थी। ऐसे में विनेश ने कुश्ती से संन्यास का फैसला भी ले लिया।”

–आईएएनएस

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सोनीपत, 13 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय हॉकी टीम ने पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर ओलंपिक में लगातार बैक टू बैक दो पदक जीते हैं। भारतीय हॉकी टीम में सोनीपत के मयूर विहार के रहने वाले अभिषेक नैन का प्रदर्शन भी बढ़िया रहा। अभिषेक का मंगलवार को सोनीपत पहुंचने पर जोरदार स्वागत किया गया।

अभिषेक इस स्वागत से काफी खुश नजर आए। इस अवसर पर अभिषेक ने कहा, “बहुत खुशी है कि हमने एक मेडल जीता। हालांकि गोल्ड मेडल न जीतने का दुख है। उम्मीद है कि अगली बार हम गोल्ड मेडल जीतेंगे। मैं सभी लोगों की खुशी में सहायक बना हूं, इसकी मुझे काफी प्रसन्नता है।”

ओलंपिक खेलना अभिषेक का बचपन का सपना रहा है। हालांकि पेरिस ओलंपिक में मेडल आने के बावजूद यह सपना अभी पूरा नहीं हो पाया है। अभिषेक ने कहा, “मेरा ओलंपिक का सपना तब पूरा होगा, जब हम गोल्ड मेडल जीतेंगे।”

अभिषेक को बचपन में चोट लग गई थी। इस चोट से पहले भी हॉकी खेलते हुए वह अक्सर चोटिल होते रहते थे। ऐसे में उनके गुरु ने उनका हौसला बढ़ाया दिया। अभिषेक ने कहा, “बचपन में मेरी चोट को देखने के बाद माता-पिता ने हॉकी छोड़ने के लिए कह दिया था। मैं अक्सर चोटिल हो जाता था। ऐसे में मेरे गुरुजी ने मुझे आगे बढ़ाया।”

पेरिस ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम गोल्ड क्यों नहीं जीत पाई? इस सवाल पर अभिषेक ने कहा, “हमको जो मौके मिले, हम उसको सेमीफाइनल मैच में गोल में तब्दील नहीं कर सके। हालांकि उस मैच में गेंद पर अधिकतर हमारा कब्जा था। हम इसके अलावा अच्छा खेले।”

कांस्य पदक में भारत का मुकाबला स्पेन से हुआ, जहां अंतिम डेढ़ मिनट का खेल काफी नर्वस करने वाला था। अंतिम डेढ़ मिनटों के बारे में बोलते हुए अभिषेक ने कहा, “उस वक्त खिलाड़ी मानसिक तौर पर काफी दबाव में थे, क्योंकि हम इससे ठीक पहले सेमीफाइनल मैच हार चुके थे। खिलाड़ियों पर मानसिक थकान भी हावी थी। वह अंतिम पल काफी तनाव और दबाव भरे थे।”

मालूम हो कि भारत ने स्पेन को कांस्य पदक मैच में 2-1 से मात दी थी। अभिषेक ने भारत की महिला पहलवान विनेश फोगाट के बारे में भी बात की और कहा कि विनेश मेडल की हकदार हैं। उन्होंने कहा, “विनेश को उनका हक मिलना चाहिए। जब मेडल नहीं मिलता है तो एक खिलाड़ी को बहुत दुख होता है। पिछले तीन ओलंपिक विनेश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण रहे। एक बार उनको चोट भी लग गई थी। ऐसे में विनेश ने कुश्ती से संन्यास का फैसला भी ले लिया।”

–आईएएनएस

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सोनीपत, 13 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय हॉकी टीम ने पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर ओलंपिक में लगातार बैक टू बैक दो पदक जीते हैं। भारतीय हॉकी टीम में सोनीपत के मयूर विहार के रहने वाले अभिषेक नैन का प्रदर्शन भी बढ़िया रहा। अभिषेक का मंगलवार को सोनीपत पहुंचने पर जोरदार स्वागत किया गया।

अभिषेक इस स्वागत से काफी खुश नजर आए। इस अवसर पर अभिषेक ने कहा, “बहुत खुशी है कि हमने एक मेडल जीता। हालांकि गोल्ड मेडल न जीतने का दुख है। उम्मीद है कि अगली बार हम गोल्ड मेडल जीतेंगे। मैं सभी लोगों की खुशी में सहायक बना हूं, इसकी मुझे काफी प्रसन्नता है।”

ओलंपिक खेलना अभिषेक का बचपन का सपना रहा है। हालांकि पेरिस ओलंपिक में मेडल आने के बावजूद यह सपना अभी पूरा नहीं हो पाया है। अभिषेक ने कहा, “मेरा ओलंपिक का सपना तब पूरा होगा, जब हम गोल्ड मेडल जीतेंगे।”

अभिषेक को बचपन में चोट लग गई थी। इस चोट से पहले भी हॉकी खेलते हुए वह अक्सर चोटिल होते रहते थे। ऐसे में उनके गुरु ने उनका हौसला बढ़ाया दिया। अभिषेक ने कहा, “बचपन में मेरी चोट को देखने के बाद माता-पिता ने हॉकी छोड़ने के लिए कह दिया था। मैं अक्सर चोटिल हो जाता था। ऐसे में मेरे गुरुजी ने मुझे आगे बढ़ाया।”

पेरिस ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम गोल्ड क्यों नहीं जीत पाई? इस सवाल पर अभिषेक ने कहा, “हमको जो मौके मिले, हम उसको सेमीफाइनल मैच में गोल में तब्दील नहीं कर सके। हालांकि उस मैच में गेंद पर अधिकतर हमारा कब्जा था। हम इसके अलावा अच्छा खेले।”

कांस्य पदक में भारत का मुकाबला स्पेन से हुआ, जहां अंतिम डेढ़ मिनट का खेल काफी नर्वस करने वाला था। अंतिम डेढ़ मिनटों के बारे में बोलते हुए अभिषेक ने कहा, “उस वक्त खिलाड़ी मानसिक तौर पर काफी दबाव में थे, क्योंकि हम इससे ठीक पहले सेमीफाइनल मैच हार चुके थे। खिलाड़ियों पर मानसिक थकान भी हावी थी। वह अंतिम पल काफी तनाव और दबाव भरे थे।”

मालूम हो कि भारत ने स्पेन को कांस्य पदक मैच में 2-1 से मात दी थी। अभिषेक ने भारत की महिला पहलवान विनेश फोगाट के बारे में भी बात की और कहा कि विनेश मेडल की हकदार हैं। उन्होंने कहा, “विनेश को उनका हक मिलना चाहिए। जब मेडल नहीं मिलता है तो एक खिलाड़ी को बहुत दुख होता है। पिछले तीन ओलंपिक विनेश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण रहे। एक बार उनको चोट भी लग गई थी। ऐसे में विनेश ने कुश्ती से संन्यास का फैसला भी ले लिया।”

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सोनीपत, 13 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय हॉकी टीम ने पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर ओलंपिक में लगातार बैक टू बैक दो पदक जीते हैं। भारतीय हॉकी टीम में सोनीपत के मयूर विहार के रहने वाले अभिषेक नैन का प्रदर्शन भी बढ़िया रहा। अभिषेक का मंगलवार को सोनीपत पहुंचने पर जोरदार स्वागत किया गया।

अभिषेक इस स्वागत से काफी खुश नजर आए। इस अवसर पर अभिषेक ने कहा, “बहुत खुशी है कि हमने एक मेडल जीता। हालांकि गोल्ड मेडल न जीतने का दुख है। उम्मीद है कि अगली बार हम गोल्ड मेडल जीतेंगे। मैं सभी लोगों की खुशी में सहायक बना हूं, इसकी मुझे काफी प्रसन्नता है।”

ओलंपिक खेलना अभिषेक का बचपन का सपना रहा है। हालांकि पेरिस ओलंपिक में मेडल आने के बावजूद यह सपना अभी पूरा नहीं हो पाया है। अभिषेक ने कहा, “मेरा ओलंपिक का सपना तब पूरा होगा, जब हम गोल्ड मेडल जीतेंगे।”

अभिषेक को बचपन में चोट लग गई थी। इस चोट से पहले भी हॉकी खेलते हुए वह अक्सर चोटिल होते रहते थे। ऐसे में उनके गुरु ने उनका हौसला बढ़ाया दिया। अभिषेक ने कहा, “बचपन में मेरी चोट को देखने के बाद माता-पिता ने हॉकी छोड़ने के लिए कह दिया था। मैं अक्सर चोटिल हो जाता था। ऐसे में मेरे गुरुजी ने मुझे आगे बढ़ाया।”

पेरिस ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम गोल्ड क्यों नहीं जीत पाई? इस सवाल पर अभिषेक ने कहा, “हमको जो मौके मिले, हम उसको सेमीफाइनल मैच में गोल में तब्दील नहीं कर सके। हालांकि उस मैच में गेंद पर अधिकतर हमारा कब्जा था। हम इसके अलावा अच्छा खेले।”

कांस्य पदक में भारत का मुकाबला स्पेन से हुआ, जहां अंतिम डेढ़ मिनट का खेल काफी नर्वस करने वाला था। अंतिम डेढ़ मिनटों के बारे में बोलते हुए अभिषेक ने कहा, “उस वक्त खिलाड़ी मानसिक तौर पर काफी दबाव में थे, क्योंकि हम इससे ठीक पहले सेमीफाइनल मैच हार चुके थे। खिलाड़ियों पर मानसिक थकान भी हावी थी। वह अंतिम पल काफी तनाव और दबाव भरे थे।”

मालूम हो कि भारत ने स्पेन को कांस्य पदक मैच में 2-1 से मात दी थी। अभिषेक ने भारत की महिला पहलवान विनेश फोगाट के बारे में भी बात की और कहा कि विनेश मेडल की हकदार हैं। उन्होंने कहा, “विनेश को उनका हक मिलना चाहिए। जब मेडल नहीं मिलता है तो एक खिलाड़ी को बहुत दुख होता है। पिछले तीन ओलंपिक विनेश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण रहे। एक बार उनको चोट भी लग गई थी। ऐसे में विनेश ने कुश्ती से संन्यास का फैसला भी ले लिया।”

–आईएएनएस

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सोनीपत, 13 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय हॉकी टीम ने पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर ओलंपिक में लगातार बैक टू बैक दो पदक जीते हैं। भारतीय हॉकी टीम में सोनीपत के मयूर विहार के रहने वाले अभिषेक नैन का प्रदर्शन भी बढ़िया रहा। अभिषेक का मंगलवार को सोनीपत पहुंचने पर जोरदार स्वागत किया गया।

अभिषेक इस स्वागत से काफी खुश नजर आए। इस अवसर पर अभिषेक ने कहा, “बहुत खुशी है कि हमने एक मेडल जीता। हालांकि गोल्ड मेडल न जीतने का दुख है। उम्मीद है कि अगली बार हम गोल्ड मेडल जीतेंगे। मैं सभी लोगों की खुशी में सहायक बना हूं, इसकी मुझे काफी प्रसन्नता है।”

ओलंपिक खेलना अभिषेक का बचपन का सपना रहा है। हालांकि पेरिस ओलंपिक में मेडल आने के बावजूद यह सपना अभी पूरा नहीं हो पाया है। अभिषेक ने कहा, “मेरा ओलंपिक का सपना तब पूरा होगा, जब हम गोल्ड मेडल जीतेंगे।”

अभिषेक को बचपन में चोट लग गई थी। इस चोट से पहले भी हॉकी खेलते हुए वह अक्सर चोटिल होते रहते थे। ऐसे में उनके गुरु ने उनका हौसला बढ़ाया दिया। अभिषेक ने कहा, “बचपन में मेरी चोट को देखने के बाद माता-पिता ने हॉकी छोड़ने के लिए कह दिया था। मैं अक्सर चोटिल हो जाता था। ऐसे में मेरे गुरुजी ने मुझे आगे बढ़ाया।”

पेरिस ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम गोल्ड क्यों नहीं जीत पाई? इस सवाल पर अभिषेक ने कहा, “हमको जो मौके मिले, हम उसको सेमीफाइनल मैच में गोल में तब्दील नहीं कर सके। हालांकि उस मैच में गेंद पर अधिकतर हमारा कब्जा था। हम इसके अलावा अच्छा खेले।”

कांस्य पदक में भारत का मुकाबला स्पेन से हुआ, जहां अंतिम डेढ़ मिनट का खेल काफी नर्वस करने वाला था। अंतिम डेढ़ मिनटों के बारे में बोलते हुए अभिषेक ने कहा, “उस वक्त खिलाड़ी मानसिक तौर पर काफी दबाव में थे, क्योंकि हम इससे ठीक पहले सेमीफाइनल मैच हार चुके थे। खिलाड़ियों पर मानसिक थकान भी हावी थी। वह अंतिम पल काफी तनाव और दबाव भरे थे।”

मालूम हो कि भारत ने स्पेन को कांस्य पदक मैच में 2-1 से मात दी थी। अभिषेक ने भारत की महिला पहलवान विनेश फोगाट के बारे में भी बात की और कहा कि विनेश मेडल की हकदार हैं। उन्होंने कहा, “विनेश को उनका हक मिलना चाहिए। जब मेडल नहीं मिलता है तो एक खिलाड़ी को बहुत दुख होता है। पिछले तीन ओलंपिक विनेश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण रहे। एक बार उनको चोट भी लग गई थी। ऐसे में विनेश ने कुश्ती से संन्यास का फैसला भी ले लिया।”

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सोनीपत, 13 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय हॉकी टीम ने पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर ओलंपिक में लगातार बैक टू बैक दो पदक जीते हैं। भारतीय हॉकी टीम में सोनीपत के मयूर विहार के रहने वाले अभिषेक नैन का प्रदर्शन भी बढ़िया रहा। अभिषेक का मंगलवार को सोनीपत पहुंचने पर जोरदार स्वागत किया गया।

अभिषेक इस स्वागत से काफी खुश नजर आए। इस अवसर पर अभिषेक ने कहा, “बहुत खुशी है कि हमने एक मेडल जीता। हालांकि गोल्ड मेडल न जीतने का दुख है। उम्मीद है कि अगली बार हम गोल्ड मेडल जीतेंगे। मैं सभी लोगों की खुशी में सहायक बना हूं, इसकी मुझे काफी प्रसन्नता है।”

ओलंपिक खेलना अभिषेक का बचपन का सपना रहा है। हालांकि पेरिस ओलंपिक में मेडल आने के बावजूद यह सपना अभी पूरा नहीं हो पाया है। अभिषेक ने कहा, “मेरा ओलंपिक का सपना तब पूरा होगा, जब हम गोल्ड मेडल जीतेंगे।”

अभिषेक को बचपन में चोट लग गई थी। इस चोट से पहले भी हॉकी खेलते हुए वह अक्सर चोटिल होते रहते थे। ऐसे में उनके गुरु ने उनका हौसला बढ़ाया दिया। अभिषेक ने कहा, “बचपन में मेरी चोट को देखने के बाद माता-पिता ने हॉकी छोड़ने के लिए कह दिया था। मैं अक्सर चोटिल हो जाता था। ऐसे में मेरे गुरुजी ने मुझे आगे बढ़ाया।”

पेरिस ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम गोल्ड क्यों नहीं जीत पाई? इस सवाल पर अभिषेक ने कहा, “हमको जो मौके मिले, हम उसको सेमीफाइनल मैच में गोल में तब्दील नहीं कर सके। हालांकि उस मैच में गेंद पर अधिकतर हमारा कब्जा था। हम इसके अलावा अच्छा खेले।”

कांस्य पदक में भारत का मुकाबला स्पेन से हुआ, जहां अंतिम डेढ़ मिनट का खेल काफी नर्वस करने वाला था। अंतिम डेढ़ मिनटों के बारे में बोलते हुए अभिषेक ने कहा, “उस वक्त खिलाड़ी मानसिक तौर पर काफी दबाव में थे, क्योंकि हम इससे ठीक पहले सेमीफाइनल मैच हार चुके थे। खिलाड़ियों पर मानसिक थकान भी हावी थी। वह अंतिम पल काफी तनाव और दबाव भरे थे।”

मालूम हो कि भारत ने स्पेन को कांस्य पदक मैच में 2-1 से मात दी थी। अभिषेक ने भारत की महिला पहलवान विनेश फोगाट के बारे में भी बात की और कहा कि विनेश मेडल की हकदार हैं। उन्होंने कहा, “विनेश को उनका हक मिलना चाहिए। जब मेडल नहीं मिलता है तो एक खिलाड़ी को बहुत दुख होता है। पिछले तीन ओलंपिक विनेश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण रहे। एक बार उनको चोट भी लग गई थी। ऐसे में विनेश ने कुश्ती से संन्यास का फैसला भी ले लिया।”

–आईएएनएस

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सोनीपत, 13 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय हॉकी टीम ने पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर ओलंपिक में लगातार बैक टू बैक दो पदक जीते हैं। भारतीय हॉकी टीम में सोनीपत के मयूर विहार के रहने वाले अभिषेक नैन का प्रदर्शन भी बढ़िया रहा। अभिषेक का मंगलवार को सोनीपत पहुंचने पर जोरदार स्वागत किया गया।

अभिषेक इस स्वागत से काफी खुश नजर आए। इस अवसर पर अभिषेक ने कहा, “बहुत खुशी है कि हमने एक मेडल जीता। हालांकि गोल्ड मेडल न जीतने का दुख है। उम्मीद है कि अगली बार हम गोल्ड मेडल जीतेंगे। मैं सभी लोगों की खुशी में सहायक बना हूं, इसकी मुझे काफी प्रसन्नता है।”

ओलंपिक खेलना अभिषेक का बचपन का सपना रहा है। हालांकि पेरिस ओलंपिक में मेडल आने के बावजूद यह सपना अभी पूरा नहीं हो पाया है। अभिषेक ने कहा, “मेरा ओलंपिक का सपना तब पूरा होगा, जब हम गोल्ड मेडल जीतेंगे।”

अभिषेक को बचपन में चोट लग गई थी। इस चोट से पहले भी हॉकी खेलते हुए वह अक्सर चोटिल होते रहते थे। ऐसे में उनके गुरु ने उनका हौसला बढ़ाया दिया। अभिषेक ने कहा, “बचपन में मेरी चोट को देखने के बाद माता-पिता ने हॉकी छोड़ने के लिए कह दिया था। मैं अक्सर चोटिल हो जाता था। ऐसे में मेरे गुरुजी ने मुझे आगे बढ़ाया।”

पेरिस ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम गोल्ड क्यों नहीं जीत पाई? इस सवाल पर अभिषेक ने कहा, “हमको जो मौके मिले, हम उसको सेमीफाइनल मैच में गोल में तब्दील नहीं कर सके। हालांकि उस मैच में गेंद पर अधिकतर हमारा कब्जा था। हम इसके अलावा अच्छा खेले।”

कांस्य पदक में भारत का मुकाबला स्पेन से हुआ, जहां अंतिम डेढ़ मिनट का खेल काफी नर्वस करने वाला था। अंतिम डेढ़ मिनटों के बारे में बोलते हुए अभिषेक ने कहा, “उस वक्त खिलाड़ी मानसिक तौर पर काफी दबाव में थे, क्योंकि हम इससे ठीक पहले सेमीफाइनल मैच हार चुके थे। खिलाड़ियों पर मानसिक थकान भी हावी थी। वह अंतिम पल काफी तनाव और दबाव भरे थे।”

मालूम हो कि भारत ने स्पेन को कांस्य पदक मैच में 2-1 से मात दी थी। अभिषेक ने भारत की महिला पहलवान विनेश फोगाट के बारे में भी बात की और कहा कि विनेश मेडल की हकदार हैं। उन्होंने कहा, “विनेश को उनका हक मिलना चाहिए। जब मेडल नहीं मिलता है तो एक खिलाड़ी को बहुत दुख होता है। पिछले तीन ओलंपिक विनेश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण रहे। एक बार उनको चोट भी लग गई थी। ऐसे में विनेश ने कुश्ती से संन्यास का फैसला भी ले लिया।”

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सोनीपत, 13 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय हॉकी टीम ने पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर ओलंपिक में लगातार बैक टू बैक दो पदक जीते हैं। भारतीय हॉकी टीम में सोनीपत के मयूर विहार के रहने वाले अभिषेक नैन का प्रदर्शन भी बढ़िया रहा। अभिषेक का मंगलवार को सोनीपत पहुंचने पर जोरदार स्वागत किया गया।

अभिषेक इस स्वागत से काफी खुश नजर आए। इस अवसर पर अभिषेक ने कहा, “बहुत खुशी है कि हमने एक मेडल जीता। हालांकि गोल्ड मेडल न जीतने का दुख है। उम्मीद है कि अगली बार हम गोल्ड मेडल जीतेंगे। मैं सभी लोगों की खुशी में सहायक बना हूं, इसकी मुझे काफी प्रसन्नता है।”

ओलंपिक खेलना अभिषेक का बचपन का सपना रहा है। हालांकि पेरिस ओलंपिक में मेडल आने के बावजूद यह सपना अभी पूरा नहीं हो पाया है। अभिषेक ने कहा, “मेरा ओलंपिक का सपना तब पूरा होगा, जब हम गोल्ड मेडल जीतेंगे।”

अभिषेक को बचपन में चोट लग गई थी। इस चोट से पहले भी हॉकी खेलते हुए वह अक्सर चोटिल होते रहते थे। ऐसे में उनके गुरु ने उनका हौसला बढ़ाया दिया। अभिषेक ने कहा, “बचपन में मेरी चोट को देखने के बाद माता-पिता ने हॉकी छोड़ने के लिए कह दिया था। मैं अक्सर चोटिल हो जाता था। ऐसे में मेरे गुरुजी ने मुझे आगे बढ़ाया।”

पेरिस ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम गोल्ड क्यों नहीं जीत पाई? इस सवाल पर अभिषेक ने कहा, “हमको जो मौके मिले, हम उसको सेमीफाइनल मैच में गोल में तब्दील नहीं कर सके। हालांकि उस मैच में गेंद पर अधिकतर हमारा कब्जा था। हम इसके अलावा अच्छा खेले।”

कांस्य पदक में भारत का मुकाबला स्पेन से हुआ, जहां अंतिम डेढ़ मिनट का खेल काफी नर्वस करने वाला था। अंतिम डेढ़ मिनटों के बारे में बोलते हुए अभिषेक ने कहा, “उस वक्त खिलाड़ी मानसिक तौर पर काफी दबाव में थे, क्योंकि हम इससे ठीक पहले सेमीफाइनल मैच हार चुके थे। खिलाड़ियों पर मानसिक थकान भी हावी थी। वह अंतिम पल काफी तनाव और दबाव भरे थे।”

मालूम हो कि भारत ने स्पेन को कांस्य पदक मैच में 2-1 से मात दी थी। अभिषेक ने भारत की महिला पहलवान विनेश फोगाट के बारे में भी बात की और कहा कि विनेश मेडल की हकदार हैं। उन्होंने कहा, “विनेश को उनका हक मिलना चाहिए। जब मेडल नहीं मिलता है तो एक खिलाड़ी को बहुत दुख होता है। पिछले तीन ओलंपिक विनेश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण रहे। एक बार उनको चोट भी लग गई थी। ऐसे में विनेश ने कुश्ती से संन्यास का फैसला भी ले लिया।”

–आईएएनएस

एएस/

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सोनीपत, 13 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय हॉकी टीम ने पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर ओलंपिक में लगातार बैक टू बैक दो पदक जीते हैं। भारतीय हॉकी टीम में सोनीपत के मयूर विहार के रहने वाले अभिषेक नैन का प्रदर्शन भी बढ़िया रहा। अभिषेक का मंगलवार को सोनीपत पहुंचने पर जोरदार स्वागत किया गया।

अभिषेक इस स्वागत से काफी खुश नजर आए। इस अवसर पर अभिषेक ने कहा, “बहुत खुशी है कि हमने एक मेडल जीता। हालांकि गोल्ड मेडल न जीतने का दुख है। उम्मीद है कि अगली बार हम गोल्ड मेडल जीतेंगे। मैं सभी लोगों की खुशी में सहायक बना हूं, इसकी मुझे काफी प्रसन्नता है।”

ओलंपिक खेलना अभिषेक का बचपन का सपना रहा है। हालांकि पेरिस ओलंपिक में मेडल आने के बावजूद यह सपना अभी पूरा नहीं हो पाया है। अभिषेक ने कहा, “मेरा ओलंपिक का सपना तब पूरा होगा, जब हम गोल्ड मेडल जीतेंगे।”

अभिषेक को बचपन में चोट लग गई थी। इस चोट से पहले भी हॉकी खेलते हुए वह अक्सर चोटिल होते रहते थे। ऐसे में उनके गुरु ने उनका हौसला बढ़ाया दिया। अभिषेक ने कहा, “बचपन में मेरी चोट को देखने के बाद माता-पिता ने हॉकी छोड़ने के लिए कह दिया था। मैं अक्सर चोटिल हो जाता था। ऐसे में मेरे गुरुजी ने मुझे आगे बढ़ाया।”

पेरिस ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम गोल्ड क्यों नहीं जीत पाई? इस सवाल पर अभिषेक ने कहा, “हमको जो मौके मिले, हम उसको सेमीफाइनल मैच में गोल में तब्दील नहीं कर सके। हालांकि उस मैच में गेंद पर अधिकतर हमारा कब्जा था। हम इसके अलावा अच्छा खेले।”

कांस्य पदक में भारत का मुकाबला स्पेन से हुआ, जहां अंतिम डेढ़ मिनट का खेल काफी नर्वस करने वाला था। अंतिम डेढ़ मिनटों के बारे में बोलते हुए अभिषेक ने कहा, “उस वक्त खिलाड़ी मानसिक तौर पर काफी दबाव में थे, क्योंकि हम इससे ठीक पहले सेमीफाइनल मैच हार चुके थे। खिलाड़ियों पर मानसिक थकान भी हावी थी। वह अंतिम पल काफी तनाव और दबाव भरे थे।”

मालूम हो कि भारत ने स्पेन को कांस्य पदक मैच में 2-1 से मात दी थी। अभिषेक ने भारत की महिला पहलवान विनेश फोगाट के बारे में भी बात की और कहा कि विनेश मेडल की हकदार हैं। उन्होंने कहा, “विनेश को उनका हक मिलना चाहिए। जब मेडल नहीं मिलता है तो एक खिलाड़ी को बहुत दुख होता है। पिछले तीन ओलंपिक विनेश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण रहे। एक बार उनको चोट भी लग गई थी। ऐसे में विनेश ने कुश्ती से संन्यास का फैसला भी ले लिया।”

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सोनीपत, 13 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय हॉकी टीम ने पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर ओलंपिक में लगातार बैक टू बैक दो पदक जीते हैं। भारतीय हॉकी टीम में सोनीपत के मयूर विहार के रहने वाले अभिषेक नैन का प्रदर्शन भी बढ़िया रहा। अभिषेक का मंगलवार को सोनीपत पहुंचने पर जोरदार स्वागत किया गया।

अभिषेक इस स्वागत से काफी खुश नजर आए। इस अवसर पर अभिषेक ने कहा, “बहुत खुशी है कि हमने एक मेडल जीता। हालांकि गोल्ड मेडल न जीतने का दुख है। उम्मीद है कि अगली बार हम गोल्ड मेडल जीतेंगे। मैं सभी लोगों की खुशी में सहायक बना हूं, इसकी मुझे काफी प्रसन्नता है।”

ओलंपिक खेलना अभिषेक का बचपन का सपना रहा है। हालांकि पेरिस ओलंपिक में मेडल आने के बावजूद यह सपना अभी पूरा नहीं हो पाया है। अभिषेक ने कहा, “मेरा ओलंपिक का सपना तब पूरा होगा, जब हम गोल्ड मेडल जीतेंगे।”

अभिषेक को बचपन में चोट लग गई थी। इस चोट से पहले भी हॉकी खेलते हुए वह अक्सर चोटिल होते रहते थे। ऐसे में उनके गुरु ने उनका हौसला बढ़ाया दिया। अभिषेक ने कहा, “बचपन में मेरी चोट को देखने के बाद माता-पिता ने हॉकी छोड़ने के लिए कह दिया था। मैं अक्सर चोटिल हो जाता था। ऐसे में मेरे गुरुजी ने मुझे आगे बढ़ाया।”

पेरिस ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम गोल्ड क्यों नहीं जीत पाई? इस सवाल पर अभिषेक ने कहा, “हमको जो मौके मिले, हम उसको सेमीफाइनल मैच में गोल में तब्दील नहीं कर सके। हालांकि उस मैच में गेंद पर अधिकतर हमारा कब्जा था। हम इसके अलावा अच्छा खेले।”

कांस्य पदक में भारत का मुकाबला स्पेन से हुआ, जहां अंतिम डेढ़ मिनट का खेल काफी नर्वस करने वाला था। अंतिम डेढ़ मिनटों के बारे में बोलते हुए अभिषेक ने कहा, “उस वक्त खिलाड़ी मानसिक तौर पर काफी दबाव में थे, क्योंकि हम इससे ठीक पहले सेमीफाइनल मैच हार चुके थे। खिलाड़ियों पर मानसिक थकान भी हावी थी। वह अंतिम पल काफी तनाव और दबाव भरे थे।”

मालूम हो कि भारत ने स्पेन को कांस्य पदक मैच में 2-1 से मात दी थी। अभिषेक ने भारत की महिला पहलवान विनेश फोगाट के बारे में भी बात की और कहा कि विनेश मेडल की हकदार हैं। उन्होंने कहा, “विनेश को उनका हक मिलना चाहिए। जब मेडल नहीं मिलता है तो एक खिलाड़ी को बहुत दुख होता है। पिछले तीन ओलंपिक विनेश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण रहे। एक बार उनको चोट भी लग गई थी। ऐसे में विनेश ने कुश्ती से संन्यास का फैसला भी ले लिया।”

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सोनीपत, 13 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय हॉकी टीम ने पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर ओलंपिक में लगातार बैक टू बैक दो पदक जीते हैं। भारतीय हॉकी टीम में सोनीपत के मयूर विहार के रहने वाले अभिषेक नैन का प्रदर्शन भी बढ़िया रहा। अभिषेक का मंगलवार को सोनीपत पहुंचने पर जोरदार स्वागत किया गया।

अभिषेक इस स्वागत से काफी खुश नजर आए। इस अवसर पर अभिषेक ने कहा, “बहुत खुशी है कि हमने एक मेडल जीता। हालांकि गोल्ड मेडल न जीतने का दुख है। उम्मीद है कि अगली बार हम गोल्ड मेडल जीतेंगे। मैं सभी लोगों की खुशी में सहायक बना हूं, इसकी मुझे काफी प्रसन्नता है।”

ओलंपिक खेलना अभिषेक का बचपन का सपना रहा है। हालांकि पेरिस ओलंपिक में मेडल आने के बावजूद यह सपना अभी पूरा नहीं हो पाया है। अभिषेक ने कहा, “मेरा ओलंपिक का सपना तब पूरा होगा, जब हम गोल्ड मेडल जीतेंगे।”

अभिषेक को बचपन में चोट लग गई थी। इस चोट से पहले भी हॉकी खेलते हुए वह अक्सर चोटिल होते रहते थे। ऐसे में उनके गुरु ने उनका हौसला बढ़ाया दिया। अभिषेक ने कहा, “बचपन में मेरी चोट को देखने के बाद माता-पिता ने हॉकी छोड़ने के लिए कह दिया था। मैं अक्सर चोटिल हो जाता था। ऐसे में मेरे गुरुजी ने मुझे आगे बढ़ाया।”

पेरिस ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम गोल्ड क्यों नहीं जीत पाई? इस सवाल पर अभिषेक ने कहा, “हमको जो मौके मिले, हम उसको सेमीफाइनल मैच में गोल में तब्दील नहीं कर सके। हालांकि उस मैच में गेंद पर अधिकतर हमारा कब्जा था। हम इसके अलावा अच्छा खेले।”

कांस्य पदक में भारत का मुकाबला स्पेन से हुआ, जहां अंतिम डेढ़ मिनट का खेल काफी नर्वस करने वाला था। अंतिम डेढ़ मिनटों के बारे में बोलते हुए अभिषेक ने कहा, “उस वक्त खिलाड़ी मानसिक तौर पर काफी दबाव में थे, क्योंकि हम इससे ठीक पहले सेमीफाइनल मैच हार चुके थे। खिलाड़ियों पर मानसिक थकान भी हावी थी। वह अंतिम पल काफी तनाव और दबाव भरे थे।”

मालूम हो कि भारत ने स्पेन को कांस्य पदक मैच में 2-1 से मात दी थी। अभिषेक ने भारत की महिला पहलवान विनेश फोगाट के बारे में भी बात की और कहा कि विनेश मेडल की हकदार हैं। उन्होंने कहा, “विनेश को उनका हक मिलना चाहिए। जब मेडल नहीं मिलता है तो एक खिलाड़ी को बहुत दुख होता है। पिछले तीन ओलंपिक विनेश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण रहे। एक बार उनको चोट भी लग गई थी। ऐसे में विनेश ने कुश्ती से संन्यास का फैसला भी ले लिया।”

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सोनीपत, 13 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय हॉकी टीम ने पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर ओलंपिक में लगातार बैक टू बैक दो पदक जीते हैं। भारतीय हॉकी टीम में सोनीपत के मयूर विहार के रहने वाले अभिषेक नैन का प्रदर्शन भी बढ़िया रहा। अभिषेक का मंगलवार को सोनीपत पहुंचने पर जोरदार स्वागत किया गया।

अभिषेक इस स्वागत से काफी खुश नजर आए। इस अवसर पर अभिषेक ने कहा, “बहुत खुशी है कि हमने एक मेडल जीता। हालांकि गोल्ड मेडल न जीतने का दुख है। उम्मीद है कि अगली बार हम गोल्ड मेडल जीतेंगे। मैं सभी लोगों की खुशी में सहायक बना हूं, इसकी मुझे काफी प्रसन्नता है।”

ओलंपिक खेलना अभिषेक का बचपन का सपना रहा है। हालांकि पेरिस ओलंपिक में मेडल आने के बावजूद यह सपना अभी पूरा नहीं हो पाया है। अभिषेक ने कहा, “मेरा ओलंपिक का सपना तब पूरा होगा, जब हम गोल्ड मेडल जीतेंगे।”

अभिषेक को बचपन में चोट लग गई थी। इस चोट से पहले भी हॉकी खेलते हुए वह अक्सर चोटिल होते रहते थे। ऐसे में उनके गुरु ने उनका हौसला बढ़ाया दिया। अभिषेक ने कहा, “बचपन में मेरी चोट को देखने के बाद माता-पिता ने हॉकी छोड़ने के लिए कह दिया था। मैं अक्सर चोटिल हो जाता था। ऐसे में मेरे गुरुजी ने मुझे आगे बढ़ाया।”

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कांस्य पदक में भारत का मुकाबला स्पेन से हुआ, जहां अंतिम डेढ़ मिनट का खेल काफी नर्वस करने वाला था। अंतिम डेढ़ मिनटों के बारे में बोलते हुए अभिषेक ने कहा, “उस वक्त खिलाड़ी मानसिक तौर पर काफी दबाव में थे, क्योंकि हम इससे ठीक पहले सेमीफाइनल मैच हार चुके थे। खिलाड़ियों पर मानसिक थकान भी हावी थी। वह अंतिम पल काफी तनाव और दबाव भरे थे।”

मालूम हो कि भारत ने स्पेन को कांस्य पदक मैच में 2-1 से मात दी थी। अभिषेक ने भारत की महिला पहलवान विनेश फोगाट के बारे में भी बात की और कहा कि विनेश मेडल की हकदार हैं। उन्होंने कहा, “विनेश को उनका हक मिलना चाहिए। जब मेडल नहीं मिलता है तो एक खिलाड़ी को बहुत दुख होता है। पिछले तीन ओलंपिक विनेश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण रहे। एक बार उनको चोट भी लग गई थी। ऐसे में विनेश ने कुश्ती से संन्यास का फैसला भी ले लिया।”

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अभिषेक इस स्वागत से काफी खुश नजर आए। इस अवसर पर अभिषेक ने कहा, “बहुत खुशी है कि हमने एक मेडल जीता। हालांकि गोल्ड मेडल न जीतने का दुख है। उम्मीद है कि अगली बार हम गोल्ड मेडल जीतेंगे। मैं सभी लोगों की खुशी में सहायक बना हूं, इसकी मुझे काफी प्रसन्नता है।”

ओलंपिक खेलना अभिषेक का बचपन का सपना रहा है। हालांकि पेरिस ओलंपिक में मेडल आने के बावजूद यह सपना अभी पूरा नहीं हो पाया है। अभिषेक ने कहा, “मेरा ओलंपिक का सपना तब पूरा होगा, जब हम गोल्ड मेडल जीतेंगे।”

अभिषेक को बचपन में चोट लग गई थी। इस चोट से पहले भी हॉकी खेलते हुए वह अक्सर चोटिल होते रहते थे। ऐसे में उनके गुरु ने उनका हौसला बढ़ाया दिया। अभिषेक ने कहा, “बचपन में मेरी चोट को देखने के बाद माता-पिता ने हॉकी छोड़ने के लिए कह दिया था। मैं अक्सर चोटिल हो जाता था। ऐसे में मेरे गुरुजी ने मुझे आगे बढ़ाया।”

पेरिस ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम गोल्ड क्यों नहीं जीत पाई? इस सवाल पर अभिषेक ने कहा, “हमको जो मौके मिले, हम उसको सेमीफाइनल मैच में गोल में तब्दील नहीं कर सके। हालांकि उस मैच में गेंद पर अधिकतर हमारा कब्जा था। हम इसके अलावा अच्छा खेले।”

कांस्य पदक में भारत का मुकाबला स्पेन से हुआ, जहां अंतिम डेढ़ मिनट का खेल काफी नर्वस करने वाला था। अंतिम डेढ़ मिनटों के बारे में बोलते हुए अभिषेक ने कहा, “उस वक्त खिलाड़ी मानसिक तौर पर काफी दबाव में थे, क्योंकि हम इससे ठीक पहले सेमीफाइनल मैच हार चुके थे। खिलाड़ियों पर मानसिक थकान भी हावी थी। वह अंतिम पल काफी तनाव और दबाव भरे थे।”

मालूम हो कि भारत ने स्पेन को कांस्य पदक मैच में 2-1 से मात दी थी। अभिषेक ने भारत की महिला पहलवान विनेश फोगाट के बारे में भी बात की और कहा कि विनेश मेडल की हकदार हैं। उन्होंने कहा, “विनेश को उनका हक मिलना चाहिए। जब मेडल नहीं मिलता है तो एक खिलाड़ी को बहुत दुख होता है। पिछले तीन ओलंपिक विनेश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण रहे। एक बार उनको चोट भी लग गई थी। ऐसे में विनेश ने कुश्ती से संन्यास का फैसला भी ले लिया।”

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अभिषेक इस स्वागत से काफी खुश नजर आए। इस अवसर पर अभिषेक ने कहा, “बहुत खुशी है कि हमने एक मेडल जीता। हालांकि गोल्ड मेडल न जीतने का दुख है। उम्मीद है कि अगली बार हम गोल्ड मेडल जीतेंगे। मैं सभी लोगों की खुशी में सहायक बना हूं, इसकी मुझे काफी प्रसन्नता है।”

ओलंपिक खेलना अभिषेक का बचपन का सपना रहा है। हालांकि पेरिस ओलंपिक में मेडल आने के बावजूद यह सपना अभी पूरा नहीं हो पाया है। अभिषेक ने कहा, “मेरा ओलंपिक का सपना तब पूरा होगा, जब हम गोल्ड मेडल जीतेंगे।”

अभिषेक को बचपन में चोट लग गई थी। इस चोट से पहले भी हॉकी खेलते हुए वह अक्सर चोटिल होते रहते थे। ऐसे में उनके गुरु ने उनका हौसला बढ़ाया दिया। अभिषेक ने कहा, “बचपन में मेरी चोट को देखने के बाद माता-पिता ने हॉकी छोड़ने के लिए कह दिया था। मैं अक्सर चोटिल हो जाता था। ऐसे में मेरे गुरुजी ने मुझे आगे बढ़ाया।”

पेरिस ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम गोल्ड क्यों नहीं जीत पाई? इस सवाल पर अभिषेक ने कहा, “हमको जो मौके मिले, हम उसको सेमीफाइनल मैच में गोल में तब्दील नहीं कर सके। हालांकि उस मैच में गेंद पर अधिकतर हमारा कब्जा था। हम इसके अलावा अच्छा खेले।”

कांस्य पदक में भारत का मुकाबला स्पेन से हुआ, जहां अंतिम डेढ़ मिनट का खेल काफी नर्वस करने वाला था। अंतिम डेढ़ मिनटों के बारे में बोलते हुए अभिषेक ने कहा, “उस वक्त खिलाड़ी मानसिक तौर पर काफी दबाव में थे, क्योंकि हम इससे ठीक पहले सेमीफाइनल मैच हार चुके थे। खिलाड़ियों पर मानसिक थकान भी हावी थी। वह अंतिम पल काफी तनाव और दबाव भरे थे।”

मालूम हो कि भारत ने स्पेन को कांस्य पदक मैच में 2-1 से मात दी थी। अभिषेक ने भारत की महिला पहलवान विनेश फोगाट के बारे में भी बात की और कहा कि विनेश मेडल की हकदार हैं। उन्होंने कहा, “विनेश को उनका हक मिलना चाहिए। जब मेडल नहीं मिलता है तो एक खिलाड़ी को बहुत दुख होता है। पिछले तीन ओलंपिक विनेश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण रहे। एक बार उनको चोट भी लग गई थी। ऐसे में विनेश ने कुश्ती से संन्यास का फैसला भी ले लिया।”

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