नई दिल्ली, 5 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली के कंझावला केस में 20 वर्षीय लड़की अंजलि का परिवार पांच आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 जोड़ने और उसकी दोस्त निधि पर धारा 304 के तहत मामला दर्ज करने की मांग कर रहा है।
अंजलि की मां रेखा ने अपने रिश्तेदार के साथ सुल्तानपुरी थाने के थानाध्यक्ष (एसएचओ) से भी मुलाकात की और धाराएं जोड़ने की मांग की।
रेखा ने कहा, उन्होंने मेरी बेटी को मार डाला है और उन्होंने जो किया है उसके लिए उन्हें दंडित किया जाना चाहिए और एफआईआर में हत्या की धारा जोड़ी जानी चाहिए।
अंजलि के परिवार के एक सदस्य भूपिंदर चौरसिया ने कहा, निधि सब कुछ जानती थी और घटना के समय उसके साथ थी। उसने परिवार और पुलिस को सूचित नहीं किया, ऐसे में वह इस अपराध का हिस्सा बनती दिखाई दे रही है। उसने अपने दोस्त को बदनाम करने की कोशिश की।
हालांकि, पुलिस ने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत निधि का बयान दर्ज कर लिया है जो इस घटना की मुख्य गवाह है।
पुलिस ने घटना के समय कार में सवार पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। उनकी पहचान दीपक खन्ना, अमित खन्ना, कृष्ण, मिट्ठू और मनोज मित्तल के रूप में हुई है।
अमित (25) उत्तम नगर में एसबीआई कार्ड बनाने का काम करता है। कृष्ण (27) स्पेनिश कल्चर सेंटर में काम करता है। मिथुन (26) हेयरड्रेसर है, जबकि मनोज मित्तल (27) सुल्तानपुरी में राशन डीलर है, जो बीजेपी का कार्यकर्ता भी है।
भारतीय दंड संहिता की धारा 304-ए (लापरवाही से मौत) और 279 (तेजी से गाड़ी चलाना) के तहत एफआईआर दर्ज की गई। बाद में, पीड़ित परिवार के सदस्यों के विरोध के बाद, पुलिस ने सुल्तानपुरी पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) और 120-बी (आपराधिक साजिश) भी जोड़ी।
–आईएएनएस
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