बीजिंग, 10 मई (आईएएनएस)। दुनिया से अभी भी मंदी का खतरा टला नहीं है। अमेरिका में इस बारे में व्यापक संकेत दिख रहे हैं। विशेषज्ञों की मानें तो अमेरिका कर्ज के संकट में फंसता जा रहा है। हालत यह हो गयी है कि अमेरिका की संघीय सरकार का ऋण 31.41 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गया है। इसे देखते हुए अमेरिका के राजकोषीय मंत्रालय ने आपात कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। हालांकि रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स के बीच तनाव और गहराने की आशंका पैदा हो गयी है। यह इसका द्योतक है कि अमेरिका की घरेलू स्थिति खराब होने जा रही है।
हाल में अमेरिकी ट्रेजरी सचिव जेनेट येलेन ने इसको लेकर कांग्रेस को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि यदि सांसदों ने ऋण सीमा को बढ़ाया या निलंबित नहीं किया तो अमेरिका में ऋण संकट गंभीर हो सकता है। जिसके कारण अमेरिका 1 जून की शुरूआत में बिलों का भुगतान नहीं कर पाएगा। जिससे निपटना किसी चुनौती से कम नहीं होगा। अमेरिका के संकट में पड़ने के वैश्विक परिणाम भी देखने को मिल सकते हैं। जाहिर है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था का दुनिया पर प्रभाव पड़ता है। क्योंकि वैश्वीकरण के दौर में ऐसे संकट बहुत जल्दी अन्य देशों पर भी असर डालते हैं।
गौरतलब है कि मुद्रा छापना और बांड जारी करना अमेरिका की अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने के दो प्रमुख नीतिगत उपकरण रहे हैं। इसकी वजह से डॉलर मानक अमेरिका के लिए एक ऋण मानक के रूप में विकसित हुआ है। गौरतलब है कि पिछले दो दशकों में कानूनी ऋण सीमा 6.4 ट्रिलियन डॉलर से बढ़कर 31.41 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गयी है। वित्तीय वर्ष 2022 के आखिर तक अमेरिकी संघीय ऋण 30.93 ट्रिलियन डॉलर था, जो कि जीडीपी का 121.5 फीसदी था। आप अनुमान लगा सकते हैं कि यह राशि कितनी ज्यादा है, क्योंकि यह चीन, जापान, जर्मनी और ब्रिटेन के कुल आर्थिक उत्पादन के बराबर है।
यहां बता दें कि ऋण सीमा अनिवार्य रूप से संघीय सरकार के ऋण की कुल राशि की अधिकतम सीमा मानी जाती है। यह कांग्रेस द्वारा निर्धारित एक कानूनी प्रतिबंध है और संघीय सरकार के ऋण को सीमित करने के लिए एक महत्वपूर्ण साधन के रूप में उपयोग किया जाता है। ऋण सीमा में अमेरिकी संघीय ऋण की कुल राशि का 99 प्रतिशत शामिल है, जिसमें सार्वजनिक रूप से धारित ऋण और संघीय सरकार के खातों को जारी ऋण शामिल हैं।
संघीय सरकार को जरूरत से ज्यादा उधार लेने से रोकने के लिए ऋण सीमा निर्धारित की गई थी। यह वर्ष 1917 में कानूनी रूप से स्थापित की गयी थी। उसके बाद से कांग्रेस ने कानून के माध्यम से बांड जारी करने की सीमा निर्धारित की। फिर भी अमेरिकी ऋण सीमा एक प्रतीकात्मक सीमा मानी जाती है, क्योंकि राष्ट्रीय ऋण के विस्तार के साथ कानूनी ऋण सीमा में लगातार इजाफा किया गया है।
जिस तरह से अमेरिका में आर्थिक व ऋण संकट गहरा रहा है, वह दुनिया के लिए भी खतरे की घंटी है। क्योंकि विभिन्न देशों की अमेरिका पर काफी निर्भरता है।
(अनिल पांडेय, चाइना मीडिया ग्रुप, बीजिंग)
–आईएएनएस
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