बेंगलुरू, 1 फरवरी (आईएएनएस)। भारत को विभाजित करने पर अपने भाई और कांग्रेस सांसद डी.के. सुरेश की टिप्पणियों पर सवालों का जवाब देते हुए कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने गुरुवार को कहा, “मैं अखंड भारत का नागरिक हूं। सुरेश ने आज घोषित अंतरिम बजट में राजस्व का उचित हिस्सा नहीं मिलने को लेकर लोगों की निराशा को ही दर्शाया है। हम सब भारत माता की संतान हैं और हमें मिलकर रहना है। दक्षिण भारत को भी वही प्राथमिकता और महत्व मिलना चाहिए जो हिंदीभाषी राज्यों को दिया जाता है।”
शिवकुमार ने अंतरिम बजट को “अब तक का सबसे खराब बजट” बताया और कहा कि कर्नाटक को एक कच्चा सौदा मिला है।
उन्होंने कहा, “कर्नाटक ने 26 भाजपा सांसदों को चुना है और अब यह संख्या 27 हो गई है। सभी सांसदों ने कर्नाटक के लिए क्या किया है? क्या कर्नाटक के भाजपा सांसद कम से कम अब संसद भवन के सामने विरोध प्रदर्शन करेंगे?”
शिवकुमार ने कहा, ”मैंने केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की थी और कर्नाटक की विभिन्न परियोजनाओं के लिए धन आवंटन की अपील की थी, लेकिन कुछ भी आवंटित नहीं किया गया है। कई सिंचाई परियोजनाएं धन की कमी के कारण पीड़ित हैं और बेंगलुरु में कई नई परियोजनाओं को धन की जरूरत है। वह कर्नाटक से चुनी गई हैं, लेकिन बजट में कर्नाटक को एक कच्चा सौदा मिला है।”
उन्होंने कहा, ”मैंने बेंगलुरु में विकास कार्यों पर चर्चा के लिए प्रधानमंत्री से समय मांगा था, लेकिन समय नहीं मिला। पिछले बजट में अपर भद्रा परियोजना के लिए घोषित 5,000 करोड़ रुपये का आवंटन अभी तक जारी नहीं किया गया है। इस बजट से कर्नाटक को कुछ नहीं मिला, यह बेहद निराशाजनक बजट है।”
मेकेदातु पर एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, “आज कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक है और हमने अपने अधिकारियों को भेजा है। हमें सकारात्मक परिणाम की उम्मीद है।”
लोकसभा चुनाव के बाद गारंटी बंद करने के सवाल पर उन्होंने कहा, ”हमारी गारंटी योजनाएं पूरे पांच साल तक जारी रहेंगी और यह हमारी प्रतिबद्धता है। हम अगले विधानसभा चुनाव में सत्ता में वापस आएंगे और गारंटी योजनाएं जारी रखेंगे।
इससे पहले दिन में कांग्रेस सांसद डी.के. सुरेश ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया था कि उत्तर भारत और दक्षिण भारत में भेदभाव किया गया है। उन्होंने कहा था, ”अगर ऐसा ही चलता रहा तो देश बंट जाएगा।”
सुरेश ने कहा था, “दक्षिण भारत का पैसा उत्तर भारत को आवंटित कर दिया जाता है। ऐसी कृपाओं के कारण, दक्षिण को वित्तीय कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। अगर यह अनिवार्य रूप से जारी रहा तो हमें दक्षिण भारत को एक अलग राष्ट्र बनाने के लिए आवाज उठानी होगी।”
अंतरिम बजट पर उन्होंने कहा, ”पिछले साल के प्रदर्शन पर अस्पष्टता है। देश के हालात के बारे में संदेह पैदा होने लगा है।”
सुरेश ने कहा, “भाजपा ने चुनाव को लेकर कुछ घोषणाएं की हैं। बजट पूरी तरह नारों पर आधारित है। जिन लोगों ने हमारी गारंटी योजनाओं का मजाक उड़ाया, वे अब गारंटी के नाम पर चुनाव का सामना करने के लिए तैयार हैं।”
–आईएएनएस
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