बेलगावी (कर्नाटक), 22 दिसंबर (आईएएनएस)। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने बुधवार को कहा कि महाराष्ट्र में विपक्षी नेताओं द्वारा विधानसभा के अंदर और बाहर दिए जा रहे बयानों से ऐसा आभास होता है कि उन्होंने अपना मानसिक संतुलन खो दिया है।
बोम्मई ने यहां पत्रकारों से बात करते हुए महाराष्ट्र में विपक्षी दलों पर कर्नाटक के साथ सीमा विवाद का राजनीतिकरण करने की कोशिश करने का आरोप लगाया।
बोम्मई ने कहा, पहले एनसीपी नेताओं ने सीमा मुद्दे से राजनीतिक लाभ लेने के लिए बोली लगाई थी, लेकिन वे अपने प्रयास में विफल रहे। ऐसे समय में जब दोनों राज्यों के लोग सौहार्द बनाए हुए हैं, ये नेता बड़े पैमाने पर कर्नाटक में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे हैं।
बोम्मई ने कहा, लोगों का समर्थन नहीं होने के बावजूद राजनीतिक दलों के झंडों से पता चलता है कि विरोध मार्च में केवल विपक्षी दलों के सदस्य और उसके पदाधिकारी शामिल थे। यह स्पष्ट रूप से दिखाता है कि यह मार्च राजनीति से प्रेरित था।
सीएम ने कर्नाटक के कांग्रेस नेताओं से अपने महाराष्ट्र समकक्षों से बात करने का भी आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि यह सड़कों पर हल करने का मुद्दा नहीं है और यही बात केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी कही थी।
उन्होंने कहा, इसी महाराष्ट्र ने सीमा रेखा को लेकर हाईकोर्ट का रुख किया था, लेकिन वह समझ गया है कि उसका मामला बहुत कमजोर है। अपना उद्देश्य पूरा करने के लिए महाराष्ट्र ऐसी स्थिति बना रह है और इसका लाभ उठाना चाहता है। लेकिन वह सफल नहीं होगा।
बोम्मई की टिप्पणी शिवसेना-यूबीटी सांसद संजय राउत द्वारा बुधवार को कर्नाटक में घुसने की धमकी देने के बाद आई है। उन्होंने कहा कि चीन ने भारतीय क्षेत्र में प्रवेश किया है, इसलिए उन्हें कर्नाटक में प्रवेश के लिए किसी की अनुमति की जरूरत नहीं है। उनके इस बयान के बाद महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच सीमा विवाद पर नए सिरे से वाकयुद्ध छिड़ गया है।
बोम्मई ने कहा, विपक्षी नेता का चीन की तरह कर्नाटक पर हमला करने की कोशिश का बयान उनकी अपरिपक्वता को दर्शाता है। लेकिन उस नेता को इस तथ्य की जानकारी नहीं है कि कर्नाटक भारत में है।
बोम्मई ने कहा, भारतीय सेना की तरह कर्नाटक पुलिस महाराष्ट्र के प्रदर्शनकारियों को वापस खदेड़ देगी। कन्नड़ लोग उन्हें खदेड़ने के लिए काफी मजबूत हैं।
–आईएएनएस
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