बेंगलुरू, 9 मार्च (आईएएनएस)। कर्नाटक में विधानसभा चुनाव से पहले सत्तारूढ़ भाजपा को झटका देते हुए चार बार के एमएलसी पुत्तन्ना ने गुरुवार को भाजपा छोड़ दी और कांग्रेस में शामिल हो गए।
एक ही क्षेत्र से पार्टी की गतिविधियों से खुद को दूर करने वाले दो मंत्रियों के साथ पुत्तन्ना का इस्तीफा, 12 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राज्य की यात्रा से पहले भाजपा के लिए संकट बढ़ा गया है।
पुत्तन्ना बेंगलुरु शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से विधान परिषद के लिए चुने गए थे। जबकि भाजपा ने अभी तक उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है, कर्नाटक कांग्रेस प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला, विपक्ष के नेता सिद्धारमैया और राज्य कांग्रेस प्रमुख डी.के. शिवकुमार ने कांग्रेस मुख्यालय में पुत्तन्ना का पार्टी में स्वागत किया।
कांग्रेस में शामिल होने के बाद, पुत्तन्ना ने कहा कि भाजपा में स्थिति ऐसी थी कि वह कुछ नहीं कर पा रहे थे। मैंने अपने एमएलसी पद से इस्तीफा दे दिया है और अपना इस्तीफा अध्यक्ष को भेज दिया है। राज्य में शिक्षकों की एक भी मांग पूरी नहीं हुई है। शिक्षकों ने 142 दिनों तक दिन-रात विरोध किया। उनमें से दो ने आत्महत्या कर ली। पुत्तन्नामुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के साथ उनकी 30 से 40 बैठकें निर्थक निकलीं। मैंने अपने 20 साल के राजनीतिक करियर में ऐसा भ्रष्ट परि²श्य नहीं देखा है। मेरी अंतरात्मा मुझे भाजपा में शामिल होने के लिए कचोट रही है।
सिद्धारमैया ने कहा कि पुत्तन्ना ने चार साल का कार्यकाल लंबित होने के बावजूद अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। सिद्धारमैया ने कहा, उन्होंने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है। वह हिंदुत्व के उकसावे से तंग आ चुके हैं।
सुरजेवाला ने कहा, 40 प्रतिशत सरकार और इसकी युवा विरोधी, शिक्षक विरोधी नीतियों से घुटन, पुत्तन्ना ने आज एमएलसी के रूप में और भाजपा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। एमएलसी के रूप में उनका चार साल का कार्यकाल बाकी है। कांग्रेस उनके साहस की सराहना करती है। भाजपा की उलटी गिनती चालू हो गई है।
यह कदम ऐसे समय में आया है जब राज्य के मंत्रियों वी सोमन्ना और एमसी नारायण गौड़ा ने खुद को पार्टी की गतिविधियों से दूर कर लिया है। सूत्रों की माने तो ये दोनों भी कांग्रेस में शामिल होने के लिए तैयार हैं।
–आईएएनएस
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