रायचूर (कर्नाटक), 26 मई (आईएएनएस)। रायचूर जिले के रेकलामराडी गांव में दूषित पानी पीने से एक शिशु की मौत होने और 30 अन्य लोगों के बीमार पड़ने की आशंका जताई जा रही है।
जिला स्वास्थ्य अधिकारी (डीएचओ) सुरेंद्र बाबू ने शुक्रवार को कहा कि अधिकारी दूषित पानी के सेवन से शिशु की मौत की जानकारी एकत्र कर रहे हैं।
स्थानीय लोगों ने दावा किया कि अस्पताल में भर्ती गांव के ही बच्चे की उल्टी और दस्त के कारण मौत हुई है।
गांव के पीने के पानी के नमूने जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रथम ²ष्टया यह स्थापित होता है कि ग्रामीण पानी पीने के बाद बीमार पड़ गए।
बाबू ने कहा, डॉक्टरों की एक टीम को अगले 24 घंटे के लिए गांव में तैनात किया गया है। आवश्यक चिकित्सा उपकरण, दवाएं भी प्रदान की गई हैं और पीने के पानी की अस्थायी वैकल्पिक व्यवस्था की गई है।
उन्होंने कहा कि लोगों को उल्टी और दस्त होने पर डॉक्टरों से मिलने के लिए कहा गया है। ग्रामीणों को केवल उबला पानी पीने के निर्देश दिए गए हैं।
अधिकारियों ने कहा कि बीमार पड़े लोगों को रायचूर आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) और अरकेरा तथा देवदुर्गा के अन्य अस्पतालों में स्थानांतरित कर दिया गया है।
ग्रामीणों ने यह भी दावा किया कि पीने के पानी में सीवेज का पानी मिल गया था। एक ग्रामीण ने कहा, पाइप ठीक करने में गलत काम के कारण इस तरह की दुर्घटनाएं बार-बार हो रही हैं।
स्थानीय ग्रामीण ग्राम पंचायत के अधिकारियों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगा रहे हैं। मौके पर पहुंचे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी गांव में डेरा डाले हुए हैं।
पुलिस ने भी गांव का दौरा किया और अधिकारियों ने पीने के पानी की वैकल्पिक व्यवस्था की है।
रायचूर शहर में जून 2022 में कथित रूप से दूषित पानी पीने से तीन लोगों की मौत हो गई और 23 बच्चों सहित 60 से अधिक लोग अस्पताल में भर्ती हुए। तत्कालीन सीएम बसवराज बोम्मई ने दूषित पानी पीने से मरने वाले तीन व्यक्तियों के परिवारों को पांच-पांच लाख रुपये देने की घोषणा की थी। रायचूर जिला राज्य के सबसे पिछड़े जिलों में से एक है।
–आईएएनएस
एकेजे