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Home राष्ट्रीय

कर्नाटक में आत्महत्या करने वाली एनआरआई महिला ने सुसाइड नोट में लगाए गंभीर आरोप

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August 25, 2023
in राष्ट्रीय
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कर्नाटक में आत्महत्या करने वाली एनआरआई महिला ने सुसाइड नोट में लगाए गंभीर आरोप
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धारवाड़ (कर्नाटक), 25 अगस्त (आईएएनएस)। ऑस्ट्रेलिया की एनआरआई महिला ने हाल ही में बेलगावी जिले में आत्महत्या कर ली थी। पुलिस ने शुक्रवार को बताया कि महिला ने अपनी सुसाइड नोट में ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों और सिडनी के एक इलाके के कुछ लोगों पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

धारवाड़ की 40 वर्षीय प्रियदर्शनी लिंगराज पाटिल ने 20 अगस्त को बेलगावी जिले के सौंदत्ती के पास आत्महत्या कर ली थी। महिला ने गोरवनकोल्ला गांव में मालाप्रभा नदी में कूदकर जान दी थी। उसका शव जिले के नविलुतीर्था गांव में मिला था।

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महिला ऑस्ट्रेलिया से बेंगलुरु पहुंची थी। वह बस से हुबली और फिर बेलगावी पहुंची। प्रियदर्शिनी बच्चों की कस्टडी को लेकर ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों के साथ कानूनी लड़ाई लड़ रही थी।

उसके बेटे अमर्त्य को स्वास्थ्य समस्या का सामना करना पड़ा था। अस्पताल में इलाज के दौरान कथित तौर पर बच्चे में कुछ दुष्प्रभाव दिखने लगे। जब प्रियदर्शनी ने सवाल किया तो अस्पताल ने कोई जवाब नहीं दिया, जिसके बाद उन्होंने अस्पताल के खिलाफ सरकार को शिकायत सौंपी थी।

प्रियदर्शिनी ने दावा किया था कि अस्पताल के अधिकारियों ने उन पर अपने बच्चों की देखभाल करने में असमर्थ होने का आरोप लगाया था और बाद में, सरकार ने उनके दो बच्चों की कस्टडी ले ली थी।

हालांकि, प्रियदर्शिनी ने इस कदम का विरोध किया, लेकिन वह अपने बच्चों की कस्टडी वापस नहीं पा सकी।

प्रियदर्शिनी ने ऑस्ट्रेलियाई सरकार से उनके बच्चों की नागरिकता वापस लेने और उन्हें इलाज के लिए भारत ले जाने की मांग भी की थी, लेकिन सरकार की ओर से उन्हें कोई जवाब नहीं मिला।

महिला के परिवार ने आरोप लगाया है कि उसके बच्चों को छीनने के बाद होने वाली पीड़ा और उनकी स्वास्थ्य समस्याओं ने प्रियदर्शिनी को यह चरम कदम उठाने के लिए मजबूर किया।

प्रियदर्शिनी ने अपने पिता को लिखे डेथ नोट में कहा, ”हमारी जान को खतरा है। मैं अपने बच्चों और पति लिंगराज की जिंदगी के लिए अपनी जिंदगी खत्म करने को मजबूर हूं। मैं अपने परिवार की भलाई के लिए मौत को स्वीकार कर रही हूं।

2021 से आज तक डीसीजे (ऑस्ट्रेलिया के समुदाय और न्याय विभाग) ने मेरे परिवार को बर्बाद कर दिया है। सिडनी में वर्ली स्ट्रीट के निवासियों ने हमें परेशान किया है।”

उन्होंने आगे एक पुलिस अधिकारी के परिवार पर परेशान करने का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी दावा किया था कि उनके घर में सप्लाई होने वाला पानी जहरीला था। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

–आईएएनएस

एफजेड

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धारवाड़ (कर्नाटक), 25 अगस्त (आईएएनएस)। ऑस्ट्रेलिया की एनआरआई महिला ने हाल ही में बेलगावी जिले में आत्महत्या कर ली थी। पुलिस ने शुक्रवार को बताया कि महिला ने अपनी सुसाइड नोट में ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों और सिडनी के एक इलाके के कुछ लोगों पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

धारवाड़ की 40 वर्षीय प्रियदर्शनी लिंगराज पाटिल ने 20 अगस्त को बेलगावी जिले के सौंदत्ती के पास आत्महत्या कर ली थी। महिला ने गोरवनकोल्ला गांव में मालाप्रभा नदी में कूदकर जान दी थी। उसका शव जिले के नविलुतीर्था गांव में मिला था।

महिला ऑस्ट्रेलिया से बेंगलुरु पहुंची थी। वह बस से हुबली और फिर बेलगावी पहुंची। प्रियदर्शिनी बच्चों की कस्टडी को लेकर ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों के साथ कानूनी लड़ाई लड़ रही थी।

उसके बेटे अमर्त्य को स्वास्थ्य समस्या का सामना करना पड़ा था। अस्पताल में इलाज के दौरान कथित तौर पर बच्चे में कुछ दुष्प्रभाव दिखने लगे। जब प्रियदर्शनी ने सवाल किया तो अस्पताल ने कोई जवाब नहीं दिया, जिसके बाद उन्होंने अस्पताल के खिलाफ सरकार को शिकायत सौंपी थी।

प्रियदर्शिनी ने दावा किया था कि अस्पताल के अधिकारियों ने उन पर अपने बच्चों की देखभाल करने में असमर्थ होने का आरोप लगाया था और बाद में, सरकार ने उनके दो बच्चों की कस्टडी ले ली थी।

हालांकि, प्रियदर्शिनी ने इस कदम का विरोध किया, लेकिन वह अपने बच्चों की कस्टडी वापस नहीं पा सकी।

प्रियदर्शिनी ने ऑस्ट्रेलियाई सरकार से उनके बच्चों की नागरिकता वापस लेने और उन्हें इलाज के लिए भारत ले जाने की मांग भी की थी, लेकिन सरकार की ओर से उन्हें कोई जवाब नहीं मिला।

महिला के परिवार ने आरोप लगाया है कि उसके बच्चों को छीनने के बाद होने वाली पीड़ा और उनकी स्वास्थ्य समस्याओं ने प्रियदर्शिनी को यह चरम कदम उठाने के लिए मजबूर किया।

प्रियदर्शिनी ने अपने पिता को लिखे डेथ नोट में कहा, ”हमारी जान को खतरा है। मैं अपने बच्चों और पति लिंगराज की जिंदगी के लिए अपनी जिंदगी खत्म करने को मजबूर हूं। मैं अपने परिवार की भलाई के लिए मौत को स्वीकार कर रही हूं।

2021 से आज तक डीसीजे (ऑस्ट्रेलिया के समुदाय और न्याय विभाग) ने मेरे परिवार को बर्बाद कर दिया है। सिडनी में वर्ली स्ट्रीट के निवासियों ने हमें परेशान किया है।”

उन्होंने आगे एक पुलिस अधिकारी के परिवार पर परेशान करने का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी दावा किया था कि उनके घर में सप्लाई होने वाला पानी जहरीला था। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

–आईएएनएस

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धारवाड़ (कर्नाटक), 25 अगस्त (आईएएनएस)। ऑस्ट्रेलिया की एनआरआई महिला ने हाल ही में बेलगावी जिले में आत्महत्या कर ली थी। पुलिस ने शुक्रवार को बताया कि महिला ने अपनी सुसाइड नोट में ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों और सिडनी के एक इलाके के कुछ लोगों पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

धारवाड़ की 40 वर्षीय प्रियदर्शनी लिंगराज पाटिल ने 20 अगस्त को बेलगावी जिले के सौंदत्ती के पास आत्महत्या कर ली थी। महिला ने गोरवनकोल्ला गांव में मालाप्रभा नदी में कूदकर जान दी थी। उसका शव जिले के नविलुतीर्था गांव में मिला था।

महिला ऑस्ट्रेलिया से बेंगलुरु पहुंची थी। वह बस से हुबली और फिर बेलगावी पहुंची। प्रियदर्शिनी बच्चों की कस्टडी को लेकर ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों के साथ कानूनी लड़ाई लड़ रही थी।

उसके बेटे अमर्त्य को स्वास्थ्य समस्या का सामना करना पड़ा था। अस्पताल में इलाज के दौरान कथित तौर पर बच्चे में कुछ दुष्प्रभाव दिखने लगे। जब प्रियदर्शनी ने सवाल किया तो अस्पताल ने कोई जवाब नहीं दिया, जिसके बाद उन्होंने अस्पताल के खिलाफ सरकार को शिकायत सौंपी थी।

प्रियदर्शिनी ने दावा किया था कि अस्पताल के अधिकारियों ने उन पर अपने बच्चों की देखभाल करने में असमर्थ होने का आरोप लगाया था और बाद में, सरकार ने उनके दो बच्चों की कस्टडी ले ली थी।

हालांकि, प्रियदर्शिनी ने इस कदम का विरोध किया, लेकिन वह अपने बच्चों की कस्टडी वापस नहीं पा सकी।

प्रियदर्शिनी ने ऑस्ट्रेलियाई सरकार से उनके बच्चों की नागरिकता वापस लेने और उन्हें इलाज के लिए भारत ले जाने की मांग भी की थी, लेकिन सरकार की ओर से उन्हें कोई जवाब नहीं मिला।

महिला के परिवार ने आरोप लगाया है कि उसके बच्चों को छीनने के बाद होने वाली पीड़ा और उनकी स्वास्थ्य समस्याओं ने प्रियदर्शिनी को यह चरम कदम उठाने के लिए मजबूर किया।

प्रियदर्शिनी ने अपने पिता को लिखे डेथ नोट में कहा, ”हमारी जान को खतरा है। मैं अपने बच्चों और पति लिंगराज की जिंदगी के लिए अपनी जिंदगी खत्म करने को मजबूर हूं। मैं अपने परिवार की भलाई के लिए मौत को स्वीकार कर रही हूं।

2021 से आज तक डीसीजे (ऑस्ट्रेलिया के समुदाय और न्याय विभाग) ने मेरे परिवार को बर्बाद कर दिया है। सिडनी में वर्ली स्ट्रीट के निवासियों ने हमें परेशान किया है।”

उन्होंने आगे एक पुलिस अधिकारी के परिवार पर परेशान करने का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी दावा किया था कि उनके घर में सप्लाई होने वाला पानी जहरीला था। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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प्रियदर्शिनी ने दावा किया था कि अस्पताल के अधिकारियों ने उन पर अपने बच्चों की देखभाल करने में असमर्थ होने का आरोप लगाया था और बाद में, सरकार ने उनके दो बच्चों की कस्टडी ले ली थी।

हालांकि, प्रियदर्शिनी ने इस कदम का विरोध किया, लेकिन वह अपने बच्चों की कस्टडी वापस नहीं पा सकी।

प्रियदर्शिनी ने ऑस्ट्रेलियाई सरकार से उनके बच्चों की नागरिकता वापस लेने और उन्हें इलाज के लिए भारत ले जाने की मांग भी की थी, लेकिन सरकार की ओर से उन्हें कोई जवाब नहीं मिला।

महिला के परिवार ने आरोप लगाया है कि उसके बच्चों को छीनने के बाद होने वाली पीड़ा और उनकी स्वास्थ्य समस्याओं ने प्रियदर्शिनी को यह चरम कदम उठाने के लिए मजबूर किया।

प्रियदर्शिनी ने अपने पिता को लिखे डेथ नोट में कहा, ”हमारी जान को खतरा है। मैं अपने बच्चों और पति लिंगराज की जिंदगी के लिए अपनी जिंदगी खत्म करने को मजबूर हूं। मैं अपने परिवार की भलाई के लिए मौत को स्वीकार कर रही हूं।

2021 से आज तक डीसीजे (ऑस्ट्रेलिया के समुदाय और न्याय विभाग) ने मेरे परिवार को बर्बाद कर दिया है। सिडनी में वर्ली स्ट्रीट के निवासियों ने हमें परेशान किया है।”

उन्होंने आगे एक पुलिस अधिकारी के परिवार पर परेशान करने का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी दावा किया था कि उनके घर में सप्लाई होने वाला पानी जहरीला था। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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धारवाड़ की 40 वर्षीय प्रियदर्शनी लिंगराज पाटिल ने 20 अगस्त को बेलगावी जिले के सौंदत्ती के पास आत्महत्या कर ली थी। महिला ने गोरवनकोल्ला गांव में मालाप्रभा नदी में कूदकर जान दी थी। उसका शव जिले के नविलुतीर्था गांव में मिला था।

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प्रियदर्शिनी ने दावा किया था कि अस्पताल के अधिकारियों ने उन पर अपने बच्चों की देखभाल करने में असमर्थ होने का आरोप लगाया था और बाद में, सरकार ने उनके दो बच्चों की कस्टडी ले ली थी।

हालांकि, प्रियदर्शिनी ने इस कदम का विरोध किया, लेकिन वह अपने बच्चों की कस्टडी वापस नहीं पा सकी।

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प्रियदर्शिनी ने अपने पिता को लिखे डेथ नोट में कहा, ”हमारी जान को खतरा है। मैं अपने बच्चों और पति लिंगराज की जिंदगी के लिए अपनी जिंदगी खत्म करने को मजबूर हूं। मैं अपने परिवार की भलाई के लिए मौत को स्वीकार कर रही हूं।

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धारवाड़ की 40 वर्षीय प्रियदर्शनी लिंगराज पाटिल ने 20 अगस्त को बेलगावी जिले के सौंदत्ती के पास आत्महत्या कर ली थी। महिला ने गोरवनकोल्ला गांव में मालाप्रभा नदी में कूदकर जान दी थी। उसका शव जिले के नविलुतीर्था गांव में मिला था।

महिला ऑस्ट्रेलिया से बेंगलुरु पहुंची थी। वह बस से हुबली और फिर बेलगावी पहुंची। प्रियदर्शिनी बच्चों की कस्टडी को लेकर ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों के साथ कानूनी लड़ाई लड़ रही थी।

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प्रियदर्शिनी ने दावा किया था कि अस्पताल के अधिकारियों ने उन पर अपने बच्चों की देखभाल करने में असमर्थ होने का आरोप लगाया था और बाद में, सरकार ने उनके दो बच्चों की कस्टडी ले ली थी।

हालांकि, प्रियदर्शिनी ने इस कदम का विरोध किया, लेकिन वह अपने बच्चों की कस्टडी वापस नहीं पा सकी।

प्रियदर्शिनी ने ऑस्ट्रेलियाई सरकार से उनके बच्चों की नागरिकता वापस लेने और उन्हें इलाज के लिए भारत ले जाने की मांग भी की थी, लेकिन सरकार की ओर से उन्हें कोई जवाब नहीं मिला।

महिला के परिवार ने आरोप लगाया है कि उसके बच्चों को छीनने के बाद होने वाली पीड़ा और उनकी स्वास्थ्य समस्याओं ने प्रियदर्शिनी को यह चरम कदम उठाने के लिए मजबूर किया।

प्रियदर्शिनी ने अपने पिता को लिखे डेथ नोट में कहा, ”हमारी जान को खतरा है। मैं अपने बच्चों और पति लिंगराज की जिंदगी के लिए अपनी जिंदगी खत्म करने को मजबूर हूं। मैं अपने परिवार की भलाई के लिए मौत को स्वीकार कर रही हूं।

2021 से आज तक डीसीजे (ऑस्ट्रेलिया के समुदाय और न्याय विभाग) ने मेरे परिवार को बर्बाद कर दिया है। सिडनी में वर्ली स्ट्रीट के निवासियों ने हमें परेशान किया है।”

उन्होंने आगे एक पुलिस अधिकारी के परिवार पर परेशान करने का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी दावा किया था कि उनके घर में सप्लाई होने वाला पानी जहरीला था। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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धारवाड़ की 40 वर्षीय प्रियदर्शनी लिंगराज पाटिल ने 20 अगस्त को बेलगावी जिले के सौंदत्ती के पास आत्महत्या कर ली थी। महिला ने गोरवनकोल्ला गांव में मालाप्रभा नदी में कूदकर जान दी थी। उसका शव जिले के नविलुतीर्था गांव में मिला था।

महिला ऑस्ट्रेलिया से बेंगलुरु पहुंची थी। वह बस से हुबली और फिर बेलगावी पहुंची। प्रियदर्शिनी बच्चों की कस्टडी को लेकर ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों के साथ कानूनी लड़ाई लड़ रही थी।

उसके बेटे अमर्त्य को स्वास्थ्य समस्या का सामना करना पड़ा था। अस्पताल में इलाज के दौरान कथित तौर पर बच्चे में कुछ दुष्प्रभाव दिखने लगे। जब प्रियदर्शनी ने सवाल किया तो अस्पताल ने कोई जवाब नहीं दिया, जिसके बाद उन्होंने अस्पताल के खिलाफ सरकार को शिकायत सौंपी थी।

प्रियदर्शिनी ने दावा किया था कि अस्पताल के अधिकारियों ने उन पर अपने बच्चों की देखभाल करने में असमर्थ होने का आरोप लगाया था और बाद में, सरकार ने उनके दो बच्चों की कस्टडी ले ली थी।

हालांकि, प्रियदर्शिनी ने इस कदम का विरोध किया, लेकिन वह अपने बच्चों की कस्टडी वापस नहीं पा सकी।

प्रियदर्शिनी ने ऑस्ट्रेलियाई सरकार से उनके बच्चों की नागरिकता वापस लेने और उन्हें इलाज के लिए भारत ले जाने की मांग भी की थी, लेकिन सरकार की ओर से उन्हें कोई जवाब नहीं मिला।

महिला के परिवार ने आरोप लगाया है कि उसके बच्चों को छीनने के बाद होने वाली पीड़ा और उनकी स्वास्थ्य समस्याओं ने प्रियदर्शिनी को यह चरम कदम उठाने के लिए मजबूर किया।

प्रियदर्शिनी ने अपने पिता को लिखे डेथ नोट में कहा, ”हमारी जान को खतरा है। मैं अपने बच्चों और पति लिंगराज की जिंदगी के लिए अपनी जिंदगी खत्म करने को मजबूर हूं। मैं अपने परिवार की भलाई के लिए मौत को स्वीकार कर रही हूं।

2021 से आज तक डीसीजे (ऑस्ट्रेलिया के समुदाय और न्याय विभाग) ने मेरे परिवार को बर्बाद कर दिया है। सिडनी में वर्ली स्ट्रीट के निवासियों ने हमें परेशान किया है।”

उन्होंने आगे एक पुलिस अधिकारी के परिवार पर परेशान करने का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी दावा किया था कि उनके घर में सप्लाई होने वाला पानी जहरीला था। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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धारवाड़ की 40 वर्षीय प्रियदर्शनी लिंगराज पाटिल ने 20 अगस्त को बेलगावी जिले के सौंदत्ती के पास आत्महत्या कर ली थी। महिला ने गोरवनकोल्ला गांव में मालाप्रभा नदी में कूदकर जान दी थी। उसका शव जिले के नविलुतीर्था गांव में मिला था।

महिला ऑस्ट्रेलिया से बेंगलुरु पहुंची थी। वह बस से हुबली और फिर बेलगावी पहुंची। प्रियदर्शिनी बच्चों की कस्टडी को लेकर ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों के साथ कानूनी लड़ाई लड़ रही थी।

उसके बेटे अमर्त्य को स्वास्थ्य समस्या का सामना करना पड़ा था। अस्पताल में इलाज के दौरान कथित तौर पर बच्चे में कुछ दुष्प्रभाव दिखने लगे। जब प्रियदर्शनी ने सवाल किया तो अस्पताल ने कोई जवाब नहीं दिया, जिसके बाद उन्होंने अस्पताल के खिलाफ सरकार को शिकायत सौंपी थी।

प्रियदर्शिनी ने दावा किया था कि अस्पताल के अधिकारियों ने उन पर अपने बच्चों की देखभाल करने में असमर्थ होने का आरोप लगाया था और बाद में, सरकार ने उनके दो बच्चों की कस्टडी ले ली थी।

हालांकि, प्रियदर्शिनी ने इस कदम का विरोध किया, लेकिन वह अपने बच्चों की कस्टडी वापस नहीं पा सकी।

प्रियदर्शिनी ने ऑस्ट्रेलियाई सरकार से उनके बच्चों की नागरिकता वापस लेने और उन्हें इलाज के लिए भारत ले जाने की मांग भी की थी, लेकिन सरकार की ओर से उन्हें कोई जवाब नहीं मिला।

महिला के परिवार ने आरोप लगाया है कि उसके बच्चों को छीनने के बाद होने वाली पीड़ा और उनकी स्वास्थ्य समस्याओं ने प्रियदर्शिनी को यह चरम कदम उठाने के लिए मजबूर किया।

प्रियदर्शिनी ने अपने पिता को लिखे डेथ नोट में कहा, ”हमारी जान को खतरा है। मैं अपने बच्चों और पति लिंगराज की जिंदगी के लिए अपनी जिंदगी खत्म करने को मजबूर हूं। मैं अपने परिवार की भलाई के लिए मौत को स्वीकार कर रही हूं।

2021 से आज तक डीसीजे (ऑस्ट्रेलिया के समुदाय और न्याय विभाग) ने मेरे परिवार को बर्बाद कर दिया है। सिडनी में वर्ली स्ट्रीट के निवासियों ने हमें परेशान किया है।”

उन्होंने आगे एक पुलिस अधिकारी के परिवार पर परेशान करने का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी दावा किया था कि उनके घर में सप्लाई होने वाला पानी जहरीला था। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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धारवाड़ (कर्नाटक), 25 अगस्त (आईएएनएस)। ऑस्ट्रेलिया की एनआरआई महिला ने हाल ही में बेलगावी जिले में आत्महत्या कर ली थी। पुलिस ने शुक्रवार को बताया कि महिला ने अपनी सुसाइड नोट में ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों और सिडनी के एक इलाके के कुछ लोगों पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

धारवाड़ की 40 वर्षीय प्रियदर्शनी लिंगराज पाटिल ने 20 अगस्त को बेलगावी जिले के सौंदत्ती के पास आत्महत्या कर ली थी। महिला ने गोरवनकोल्ला गांव में मालाप्रभा नदी में कूदकर जान दी थी। उसका शव जिले के नविलुतीर्था गांव में मिला था।

महिला ऑस्ट्रेलिया से बेंगलुरु पहुंची थी। वह बस से हुबली और फिर बेलगावी पहुंची। प्रियदर्शिनी बच्चों की कस्टडी को लेकर ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों के साथ कानूनी लड़ाई लड़ रही थी।

उसके बेटे अमर्त्य को स्वास्थ्य समस्या का सामना करना पड़ा था। अस्पताल में इलाज के दौरान कथित तौर पर बच्चे में कुछ दुष्प्रभाव दिखने लगे। जब प्रियदर्शनी ने सवाल किया तो अस्पताल ने कोई जवाब नहीं दिया, जिसके बाद उन्होंने अस्पताल के खिलाफ सरकार को शिकायत सौंपी थी।

प्रियदर्शिनी ने दावा किया था कि अस्पताल के अधिकारियों ने उन पर अपने बच्चों की देखभाल करने में असमर्थ होने का आरोप लगाया था और बाद में, सरकार ने उनके दो बच्चों की कस्टडी ले ली थी।

हालांकि, प्रियदर्शिनी ने इस कदम का विरोध किया, लेकिन वह अपने बच्चों की कस्टडी वापस नहीं पा सकी।

प्रियदर्शिनी ने ऑस्ट्रेलियाई सरकार से उनके बच्चों की नागरिकता वापस लेने और उन्हें इलाज के लिए भारत ले जाने की मांग भी की थी, लेकिन सरकार की ओर से उन्हें कोई जवाब नहीं मिला।

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प्रियदर्शिनी ने अपने पिता को लिखे डेथ नोट में कहा, ”हमारी जान को खतरा है। मैं अपने बच्चों और पति लिंगराज की जिंदगी के लिए अपनी जिंदगी खत्म करने को मजबूर हूं। मैं अपने परिवार की भलाई के लिए मौत को स्वीकार कर रही हूं।

2021 से आज तक डीसीजे (ऑस्ट्रेलिया के समुदाय और न्याय विभाग) ने मेरे परिवार को बर्बाद कर दिया है। सिडनी में वर्ली स्ट्रीट के निवासियों ने हमें परेशान किया है।”

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धारवाड़ की 40 वर्षीय प्रियदर्शनी लिंगराज पाटिल ने 20 अगस्त को बेलगावी जिले के सौंदत्ती के पास आत्महत्या कर ली थी। महिला ने गोरवनकोल्ला गांव में मालाप्रभा नदी में कूदकर जान दी थी। उसका शव जिले के नविलुतीर्था गांव में मिला था।

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प्रियदर्शिनी ने दावा किया था कि अस्पताल के अधिकारियों ने उन पर अपने बच्चों की देखभाल करने में असमर्थ होने का आरोप लगाया था और बाद में, सरकार ने उनके दो बच्चों की कस्टडी ले ली थी।

हालांकि, प्रियदर्शिनी ने इस कदम का विरोध किया, लेकिन वह अपने बच्चों की कस्टडी वापस नहीं पा सकी।

प्रियदर्शिनी ने ऑस्ट्रेलियाई सरकार से उनके बच्चों की नागरिकता वापस लेने और उन्हें इलाज के लिए भारत ले जाने की मांग भी की थी, लेकिन सरकार की ओर से उन्हें कोई जवाब नहीं मिला।

महिला के परिवार ने आरोप लगाया है कि उसके बच्चों को छीनने के बाद होने वाली पीड़ा और उनकी स्वास्थ्य समस्याओं ने प्रियदर्शिनी को यह चरम कदम उठाने के लिए मजबूर किया।

प्रियदर्शिनी ने अपने पिता को लिखे डेथ नोट में कहा, ”हमारी जान को खतरा है। मैं अपने बच्चों और पति लिंगराज की जिंदगी के लिए अपनी जिंदगी खत्म करने को मजबूर हूं। मैं अपने परिवार की भलाई के लिए मौत को स्वीकार कर रही हूं।

2021 से आज तक डीसीजे (ऑस्ट्रेलिया के समुदाय और न्याय विभाग) ने मेरे परिवार को बर्बाद कर दिया है। सिडनी में वर्ली स्ट्रीट के निवासियों ने हमें परेशान किया है।”

उन्होंने आगे एक पुलिस अधिकारी के परिवार पर परेशान करने का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी दावा किया था कि उनके घर में सप्लाई होने वाला पानी जहरीला था। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

–आईएएनएस

एफजेड

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धारवाड़ (कर्नाटक), 25 अगस्त (आईएएनएस)। ऑस्ट्रेलिया की एनआरआई महिला ने हाल ही में बेलगावी जिले में आत्महत्या कर ली थी। पुलिस ने शुक्रवार को बताया कि महिला ने अपनी सुसाइड नोट में ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों और सिडनी के एक इलाके के कुछ लोगों पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

धारवाड़ की 40 वर्षीय प्रियदर्शनी लिंगराज पाटिल ने 20 अगस्त को बेलगावी जिले के सौंदत्ती के पास आत्महत्या कर ली थी। महिला ने गोरवनकोल्ला गांव में मालाप्रभा नदी में कूदकर जान दी थी। उसका शव जिले के नविलुतीर्था गांव में मिला था।

महिला ऑस्ट्रेलिया से बेंगलुरु पहुंची थी। वह बस से हुबली और फिर बेलगावी पहुंची। प्रियदर्शिनी बच्चों की कस्टडी को लेकर ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों के साथ कानूनी लड़ाई लड़ रही थी।

उसके बेटे अमर्त्य को स्वास्थ्य समस्या का सामना करना पड़ा था। अस्पताल में इलाज के दौरान कथित तौर पर बच्चे में कुछ दुष्प्रभाव दिखने लगे। जब प्रियदर्शनी ने सवाल किया तो अस्पताल ने कोई जवाब नहीं दिया, जिसके बाद उन्होंने अस्पताल के खिलाफ सरकार को शिकायत सौंपी थी।

प्रियदर्शिनी ने दावा किया था कि अस्पताल के अधिकारियों ने उन पर अपने बच्चों की देखभाल करने में असमर्थ होने का आरोप लगाया था और बाद में, सरकार ने उनके दो बच्चों की कस्टडी ले ली थी।

हालांकि, प्रियदर्शिनी ने इस कदम का विरोध किया, लेकिन वह अपने बच्चों की कस्टडी वापस नहीं पा सकी।

प्रियदर्शिनी ने ऑस्ट्रेलियाई सरकार से उनके बच्चों की नागरिकता वापस लेने और उन्हें इलाज के लिए भारत ले जाने की मांग भी की थी, लेकिन सरकार की ओर से उन्हें कोई जवाब नहीं मिला।

महिला के परिवार ने आरोप लगाया है कि उसके बच्चों को छीनने के बाद होने वाली पीड़ा और उनकी स्वास्थ्य समस्याओं ने प्रियदर्शिनी को यह चरम कदम उठाने के लिए मजबूर किया।

प्रियदर्शिनी ने अपने पिता को लिखे डेथ नोट में कहा, ”हमारी जान को खतरा है। मैं अपने बच्चों और पति लिंगराज की जिंदगी के लिए अपनी जिंदगी खत्म करने को मजबूर हूं। मैं अपने परिवार की भलाई के लिए मौत को स्वीकार कर रही हूं।

2021 से आज तक डीसीजे (ऑस्ट्रेलिया के समुदाय और न्याय विभाग) ने मेरे परिवार को बर्बाद कर दिया है। सिडनी में वर्ली स्ट्रीट के निवासियों ने हमें परेशान किया है।”

उन्होंने आगे एक पुलिस अधिकारी के परिवार पर परेशान करने का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी दावा किया था कि उनके घर में सप्लाई होने वाला पानी जहरीला था। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

–आईएएनएस

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धारवाड़ (कर्नाटक), 25 अगस्त (आईएएनएस)। ऑस्ट्रेलिया की एनआरआई महिला ने हाल ही में बेलगावी जिले में आत्महत्या कर ली थी। पुलिस ने शुक्रवार को बताया कि महिला ने अपनी सुसाइड नोट में ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों और सिडनी के एक इलाके के कुछ लोगों पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

धारवाड़ की 40 वर्षीय प्रियदर्शनी लिंगराज पाटिल ने 20 अगस्त को बेलगावी जिले के सौंदत्ती के पास आत्महत्या कर ली थी। महिला ने गोरवनकोल्ला गांव में मालाप्रभा नदी में कूदकर जान दी थी। उसका शव जिले के नविलुतीर्था गांव में मिला था।

महिला ऑस्ट्रेलिया से बेंगलुरु पहुंची थी। वह बस से हुबली और फिर बेलगावी पहुंची। प्रियदर्शिनी बच्चों की कस्टडी को लेकर ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों के साथ कानूनी लड़ाई लड़ रही थी।

उसके बेटे अमर्त्य को स्वास्थ्य समस्या का सामना करना पड़ा था। अस्पताल में इलाज के दौरान कथित तौर पर बच्चे में कुछ दुष्प्रभाव दिखने लगे। जब प्रियदर्शनी ने सवाल किया तो अस्पताल ने कोई जवाब नहीं दिया, जिसके बाद उन्होंने अस्पताल के खिलाफ सरकार को शिकायत सौंपी थी।

प्रियदर्शिनी ने दावा किया था कि अस्पताल के अधिकारियों ने उन पर अपने बच्चों की देखभाल करने में असमर्थ होने का आरोप लगाया था और बाद में, सरकार ने उनके दो बच्चों की कस्टडी ले ली थी।

हालांकि, प्रियदर्शिनी ने इस कदम का विरोध किया, लेकिन वह अपने बच्चों की कस्टडी वापस नहीं पा सकी।

प्रियदर्शिनी ने ऑस्ट्रेलियाई सरकार से उनके बच्चों की नागरिकता वापस लेने और उन्हें इलाज के लिए भारत ले जाने की मांग भी की थी, लेकिन सरकार की ओर से उन्हें कोई जवाब नहीं मिला।

महिला के परिवार ने आरोप लगाया है कि उसके बच्चों को छीनने के बाद होने वाली पीड़ा और उनकी स्वास्थ्य समस्याओं ने प्रियदर्शिनी को यह चरम कदम उठाने के लिए मजबूर किया।

प्रियदर्शिनी ने अपने पिता को लिखे डेथ नोट में कहा, ”हमारी जान को खतरा है। मैं अपने बच्चों और पति लिंगराज की जिंदगी के लिए अपनी जिंदगी खत्म करने को मजबूर हूं। मैं अपने परिवार की भलाई के लिए मौत को स्वीकार कर रही हूं।

2021 से आज तक डीसीजे (ऑस्ट्रेलिया के समुदाय और न्याय विभाग) ने मेरे परिवार को बर्बाद कर दिया है। सिडनी में वर्ली स्ट्रीट के निवासियों ने हमें परेशान किया है।”

उन्होंने आगे एक पुलिस अधिकारी के परिवार पर परेशान करने का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी दावा किया था कि उनके घर में सप्लाई होने वाला पानी जहरीला था। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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धारवाड़ की 40 वर्षीय प्रियदर्शनी लिंगराज पाटिल ने 20 अगस्त को बेलगावी जिले के सौंदत्ती के पास आत्महत्या कर ली थी। महिला ने गोरवनकोल्ला गांव में मालाप्रभा नदी में कूदकर जान दी थी। उसका शव जिले के नविलुतीर्था गांव में मिला था।

महिला ऑस्ट्रेलिया से बेंगलुरु पहुंची थी। वह बस से हुबली और फिर बेलगावी पहुंची। प्रियदर्शिनी बच्चों की कस्टडी को लेकर ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों के साथ कानूनी लड़ाई लड़ रही थी।

उसके बेटे अमर्त्य को स्वास्थ्य समस्या का सामना करना पड़ा था। अस्पताल में इलाज के दौरान कथित तौर पर बच्चे में कुछ दुष्प्रभाव दिखने लगे। जब प्रियदर्शनी ने सवाल किया तो अस्पताल ने कोई जवाब नहीं दिया, जिसके बाद उन्होंने अस्पताल के खिलाफ सरकार को शिकायत सौंपी थी।

प्रियदर्शिनी ने दावा किया था कि अस्पताल के अधिकारियों ने उन पर अपने बच्चों की देखभाल करने में असमर्थ होने का आरोप लगाया था और बाद में, सरकार ने उनके दो बच्चों की कस्टडी ले ली थी।

हालांकि, प्रियदर्शिनी ने इस कदम का विरोध किया, लेकिन वह अपने बच्चों की कस्टडी वापस नहीं पा सकी।

प्रियदर्शिनी ने ऑस्ट्रेलियाई सरकार से उनके बच्चों की नागरिकता वापस लेने और उन्हें इलाज के लिए भारत ले जाने की मांग भी की थी, लेकिन सरकार की ओर से उन्हें कोई जवाब नहीं मिला।

महिला के परिवार ने आरोप लगाया है कि उसके बच्चों को छीनने के बाद होने वाली पीड़ा और उनकी स्वास्थ्य समस्याओं ने प्रियदर्शिनी को यह चरम कदम उठाने के लिए मजबूर किया।

प्रियदर्शिनी ने अपने पिता को लिखे डेथ नोट में कहा, ”हमारी जान को खतरा है। मैं अपने बच्चों और पति लिंगराज की जिंदगी के लिए अपनी जिंदगी खत्म करने को मजबूर हूं। मैं अपने परिवार की भलाई के लिए मौत को स्वीकार कर रही हूं।

2021 से आज तक डीसीजे (ऑस्ट्रेलिया के समुदाय और न्याय विभाग) ने मेरे परिवार को बर्बाद कर दिया है। सिडनी में वर्ली स्ट्रीट के निवासियों ने हमें परेशान किया है।”

उन्होंने आगे एक पुलिस अधिकारी के परिवार पर परेशान करने का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी दावा किया था कि उनके घर में सप्लाई होने वाला पानी जहरीला था। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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धारवाड़ की 40 वर्षीय प्रियदर्शनी लिंगराज पाटिल ने 20 अगस्त को बेलगावी जिले के सौंदत्ती के पास आत्महत्या कर ली थी। महिला ने गोरवनकोल्ला गांव में मालाप्रभा नदी में कूदकर जान दी थी। उसका शव जिले के नविलुतीर्था गांव में मिला था।

महिला ऑस्ट्रेलिया से बेंगलुरु पहुंची थी। वह बस से हुबली और फिर बेलगावी पहुंची। प्रियदर्शिनी बच्चों की कस्टडी को लेकर ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों के साथ कानूनी लड़ाई लड़ रही थी।

उसके बेटे अमर्त्य को स्वास्थ्य समस्या का सामना करना पड़ा था। अस्पताल में इलाज के दौरान कथित तौर पर बच्चे में कुछ दुष्प्रभाव दिखने लगे। जब प्रियदर्शनी ने सवाल किया तो अस्पताल ने कोई जवाब नहीं दिया, जिसके बाद उन्होंने अस्पताल के खिलाफ सरकार को शिकायत सौंपी थी।

प्रियदर्शिनी ने दावा किया था कि अस्पताल के अधिकारियों ने उन पर अपने बच्चों की देखभाल करने में असमर्थ होने का आरोप लगाया था और बाद में, सरकार ने उनके दो बच्चों की कस्टडी ले ली थी।

हालांकि, प्रियदर्शिनी ने इस कदम का विरोध किया, लेकिन वह अपने बच्चों की कस्टडी वापस नहीं पा सकी।

प्रियदर्शिनी ने ऑस्ट्रेलियाई सरकार से उनके बच्चों की नागरिकता वापस लेने और उन्हें इलाज के लिए भारत ले जाने की मांग भी की थी, लेकिन सरकार की ओर से उन्हें कोई जवाब नहीं मिला।

महिला के परिवार ने आरोप लगाया है कि उसके बच्चों को छीनने के बाद होने वाली पीड़ा और उनकी स्वास्थ्य समस्याओं ने प्रियदर्शिनी को यह चरम कदम उठाने के लिए मजबूर किया।

प्रियदर्शिनी ने अपने पिता को लिखे डेथ नोट में कहा, ”हमारी जान को खतरा है। मैं अपने बच्चों और पति लिंगराज की जिंदगी के लिए अपनी जिंदगी खत्म करने को मजबूर हूं। मैं अपने परिवार की भलाई के लिए मौत को स्वीकार कर रही हूं।

2021 से आज तक डीसीजे (ऑस्ट्रेलिया के समुदाय और न्याय विभाग) ने मेरे परिवार को बर्बाद कर दिया है। सिडनी में वर्ली स्ट्रीट के निवासियों ने हमें परेशान किया है।”

उन्होंने आगे एक पुलिस अधिकारी के परिवार पर परेशान करने का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी दावा किया था कि उनके घर में सप्लाई होने वाला पानी जहरीला था। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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धारवाड़ की 40 वर्षीय प्रियदर्शनी लिंगराज पाटिल ने 20 अगस्त को बेलगावी जिले के सौंदत्ती के पास आत्महत्या कर ली थी। महिला ने गोरवनकोल्ला गांव में मालाप्रभा नदी में कूदकर जान दी थी। उसका शव जिले के नविलुतीर्था गांव में मिला था।

महिला ऑस्ट्रेलिया से बेंगलुरु पहुंची थी। वह बस से हुबली और फिर बेलगावी पहुंची। प्रियदर्शिनी बच्चों की कस्टडी को लेकर ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों के साथ कानूनी लड़ाई लड़ रही थी।

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प्रियदर्शिनी ने दावा किया था कि अस्पताल के अधिकारियों ने उन पर अपने बच्चों की देखभाल करने में असमर्थ होने का आरोप लगाया था और बाद में, सरकार ने उनके दो बच्चों की कस्टडी ले ली थी।

हालांकि, प्रियदर्शिनी ने इस कदम का विरोध किया, लेकिन वह अपने बच्चों की कस्टडी वापस नहीं पा सकी।

प्रियदर्शिनी ने ऑस्ट्रेलियाई सरकार से उनके बच्चों की नागरिकता वापस लेने और उन्हें इलाज के लिए भारत ले जाने की मांग भी की थी, लेकिन सरकार की ओर से उन्हें कोई जवाब नहीं मिला।

महिला के परिवार ने आरोप लगाया है कि उसके बच्चों को छीनने के बाद होने वाली पीड़ा और उनकी स्वास्थ्य समस्याओं ने प्रियदर्शिनी को यह चरम कदम उठाने के लिए मजबूर किया।

प्रियदर्शिनी ने अपने पिता को लिखे डेथ नोट में कहा, ”हमारी जान को खतरा है। मैं अपने बच्चों और पति लिंगराज की जिंदगी के लिए अपनी जिंदगी खत्म करने को मजबूर हूं। मैं अपने परिवार की भलाई के लिए मौत को स्वीकार कर रही हूं।

2021 से आज तक डीसीजे (ऑस्ट्रेलिया के समुदाय और न्याय विभाग) ने मेरे परिवार को बर्बाद कर दिया है। सिडनी में वर्ली स्ट्रीट के निवासियों ने हमें परेशान किया है।”

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धारवाड़ की 40 वर्षीय प्रियदर्शनी लिंगराज पाटिल ने 20 अगस्त को बेलगावी जिले के सौंदत्ती के पास आत्महत्या कर ली थी। महिला ने गोरवनकोल्ला गांव में मालाप्रभा नदी में कूदकर जान दी थी। उसका शव जिले के नविलुतीर्था गांव में मिला था।

महिला ऑस्ट्रेलिया से बेंगलुरु पहुंची थी। वह बस से हुबली और फिर बेलगावी पहुंची। प्रियदर्शिनी बच्चों की कस्टडी को लेकर ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों के साथ कानूनी लड़ाई लड़ रही थी।

उसके बेटे अमर्त्य को स्वास्थ्य समस्या का सामना करना पड़ा था। अस्पताल में इलाज के दौरान कथित तौर पर बच्चे में कुछ दुष्प्रभाव दिखने लगे। जब प्रियदर्शनी ने सवाल किया तो अस्पताल ने कोई जवाब नहीं दिया, जिसके बाद उन्होंने अस्पताल के खिलाफ सरकार को शिकायत सौंपी थी।

प्रियदर्शिनी ने दावा किया था कि अस्पताल के अधिकारियों ने उन पर अपने बच्चों की देखभाल करने में असमर्थ होने का आरोप लगाया था और बाद में, सरकार ने उनके दो बच्चों की कस्टडी ले ली थी।

हालांकि, प्रियदर्शिनी ने इस कदम का विरोध किया, लेकिन वह अपने बच्चों की कस्टडी वापस नहीं पा सकी।

प्रियदर्शिनी ने ऑस्ट्रेलियाई सरकार से उनके बच्चों की नागरिकता वापस लेने और उन्हें इलाज के लिए भारत ले जाने की मांग भी की थी, लेकिन सरकार की ओर से उन्हें कोई जवाब नहीं मिला।

महिला के परिवार ने आरोप लगाया है कि उसके बच्चों को छीनने के बाद होने वाली पीड़ा और उनकी स्वास्थ्य समस्याओं ने प्रियदर्शिनी को यह चरम कदम उठाने के लिए मजबूर किया।

प्रियदर्शिनी ने अपने पिता को लिखे डेथ नोट में कहा, ”हमारी जान को खतरा है। मैं अपने बच्चों और पति लिंगराज की जिंदगी के लिए अपनी जिंदगी खत्म करने को मजबूर हूं। मैं अपने परिवार की भलाई के लिए मौत को स्वीकार कर रही हूं।

2021 से आज तक डीसीजे (ऑस्ट्रेलिया के समुदाय और न्याय विभाग) ने मेरे परिवार को बर्बाद कर दिया है। सिडनी में वर्ली स्ट्रीट के निवासियों ने हमें परेशान किया है।”

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–आईएएनएस

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