बेंगलुरु, 12 अगस्त (आईएएनएस)। कर्नाटक में सोमवार को रेजिडेंट डॉक्टर, इंटर्न पोस्टग्रेजुएट्स और वरिष्ठ रेजिडेंट्स ने राज्य सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने राज्य सरकार से वजीफा बढ़ाने की मांग की है। उनका कहना है कि मिलने वाला वजीफा अपर्याप्त है, जिससे उनकी जरूरतें पूरी नहीं हो पा रही हैं। उन्होंने सड़क पर आकर प्रदेश सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है।
इतना ही नहीं, रेजिडेंट डॉक्टरों ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती, तब तक उनका विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।
डॉक्टरों का कहना है कि वो पिछले कई समय से सरकार से वजीफा बढ़ाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है। सरकार हमारी मांगों को लेकर निष्क्रिय रुख अपना रही है। हमारी सरकार या मरीजों से कोई रंजिश नहीं है, हम सिर्फ अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
इस बीच, इस प्रदर्शन पर कर्नाटक एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट्स डॉक्टर्स डॉ एस श्रीरामैया का भी बयान सामने आया है। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मौजूदा समय में मिलने वाला वजीफा अपर्याप्त है। इसलिए हम सभी लोगों ने इस प्रदर्शन में हिस्सा लिया और हम तब तक प्रदर्शन करते रहेंगे, जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जाती।
उन्होंने आगे कहा, “पूरे भारत में हमारा वजीफा सबसे कम है। इससे हमें बहुत तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। फर्स्ट ईयर में हमें 45 हजार, सेकेंड में 50 हजार और फाइनल में 55 हजार दिया जाता है, जो कि हमारे लिए अपर्याप्त है। यह पूरे देश में मिलने वाला सबसे कम वजीफा है। कई राज्यों में तो रेजिडेंट डॉक्टरों को 68 हजार के करीब वजीफा दिया जाता है, लेकिन हमारा 50 हजार से भी कम है। इसके विपरीत, कर्नाटक के सरकारी कॉलेज में सबसे ज्यादा फीस ली जाती है। भारत के किसी भी राज्य में विद्यार्थियों से इतनी फीस नहीं ली जाती, जितनी कर्नाटक में ली जाती है, लेकिन इसके बावजूद भी हमें पूरे देश में सबसे कम वजीफा उपलब्ध करवाया जाता है। इसलिए हमने विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है। जब तक सरकार हमारी मांगों पर विचार नहीं करेगी, तब तक हमारा यह विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। हमें हैरानी तो इस बात की है कि कर्नाटक में सबसे ज्यादा महंगाई है, लेकिन इसके बावजूद भी हमें सबसे कम वजीफा दिया जाता है।”
–आईएएनएस
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