कोलकाता, 9 फरवरी (आईएएनएस)। कलकत्ता हाईकोर्ट की एकल न्यायाधीश पीठ ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) को राज्य के विभिन्न सरकारी स्कूलों में ग्रुप-डी श्रेणी के अवैध रूप से नियुक्त 2,819 गैर-शिक्षण कर्मचारियोंकी सेवाएं खत्म करने का निर्देश दिया।
कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने आयोग को इन 2,819 गैर-शिक्षण कर्मचारियों की सूची 24 घंटे के भीतर आयोग की वेबसाइट पर अपलोड करने और तदनुसार उनकी सेवाएं खत्म करने की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया।
डब्ल्यूबीएसएससी के वकील ने गुरुवार को अदालत के समक्ष स्वीकार किया कि इन 2,819 गैर-शिक्षण कर्मचारियों के भर्ती विवरण की समीक्षा के बाद यह निस्संदेह साबित हो गया है कि भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताएं हुई थीं, लिखित परीक्षा में विशेष रूप से ऑप्टिकल मार्क रिकग्निशन (ओएमआर) शीट से छेड़छाड़ की गई थी।
इसके बाद जस्टिस गंगोपाध्याय ने कहा कि जब आयोग स्वीकार कर रहा है कि अनियमितताएं हुई हैं, तो उसे इस मामले में जल्द से जल्द आवश्यक कार्यवाही शुरू करनी चाहिए।
न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने डब्ल्यूबीएसएससी के वकील को निर्देश दिया, पहले इन उम्मीदवारों के नाम वेबसाइट पर प्रकाशित करें और फिर उनकी नियुक्तियों को रद्द करें। पूरी प्रक्रिया अगले 24 घंटों के भीतर पूरी करें।
पता चला है कि शुक्रवार को आयोग इस मामले में कोर्ट में हलफनामा दाखिल करेगा। इसके बाद पहले इन नामों को अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित किया जाएगा, जिसके बाद आयोग इनकी नियुक्ति रद्द करने का आदेश देगा।
राज्य के शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर कहा कि हाईकोर्ट के इस आदेश के लागू होने के बाद कई स्कूलों को संकट का सामना करना पड़ेगा।
उन्होंने कहा, ऐसे कई स्कूल हैं, जिनमें कक्षाओं को लॉक व अनलॉक करने और पीरियड की घंटी बजाने जैसे कामों के लिए सिर्फ एक ग्रुप-डी स्टाफ है। अब इन स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों को यह काम तब तक करना होगा, जब तक कि नई नियुक्तियां नहीं हो जातीं।
–आईएएनएस
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