श्रीनगर, 22 सितंबर (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंडितों की वार्षिक गंगाबल-हरमुख यात्रा शुक्रवार को शुरू हुई। जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले में नारानाग मंदिर के खंडहरों से लेकर गंगाबल झील तक यह यात्रा चलेगी।
हरमुख पर्वत शिखर की तलहटी में स्थित गंगाबल झील स्थानीय कश्मीरी पंडितों के सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक है।
प्राचीन काल से स्थानीय पंडित अपने मृतकों की राख को गंगाबल झील में विसर्जन के लिए ले जाते रहे हैं और यही एक कारण है कि कश्मीर में झील की यात्रा को ‘गरीबों की पवित्र गंगा की यात्रा’ के रूप में भी जाना जाता है।
झील समुद्र तल से 14,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और तीर्थयात्रियों की चढ़ाई गांदरबल जिले में नारानाग मंदिर के खंडहरों से शुरू होती है।
कश्मीरी पंडितों ने घाटी से प्रवास के बाद गंगाबल झील की यात्रा को एक वार्षिक कार्यक्रम बना दिया है।
शुक्रवार को देश के विभिन्न हिस्सों से आए करीब 70 कश्मीरी पंडितों के एक समूह ने गांदरबल जिले के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में यात्रा शुरू की।
36 किलोमीटर लंबी पहाड़ी यात्रा शुक्रवार को नारानाग मंदिर में पूजा के बाद शुरू हुई।
अधिकारियों ने कहा कि पवित्र पूजा शनिवार को गंगाबल झील के तट पर की जाएगी जिसके बाद तीर्थयात्री अगले दिन लौट आएंगे।
तीर्थयात्रा का आयोजन हरमुख गंगा (गंगाबल) ट्रस्ट (एचजीजीटी) और ऑल पार्टीज माइग्रेंट्स कोऑर्डिनेशन कमेटी द्वारा किया जाता है।
यात्रा के सुचारू संचालन के लिए अधिकारियों द्वारा सुरक्षा व्यवस्था की गई है।
–आईएएनएस
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