श्रीनगर, 23 जुलाई (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के विभिन्न हिस्सों से बादल फटने और अचानक बाढ़ की लगातार आ रही खबरों के बीच रविवार को मौसम कार्यालय ने लोगों को अच्छी खबर दी है।
मौसम विज्ञान विभाग के उप निदेशक मुख्तार अहमद ने आईएएनएस से कहा, “रविवार दोपहर बादल छंटने की उम्मीद है, जिससे लगातार बारिश से राहत मिलेगी।
“यहां तक कि हालांकि स्थानीय कारकों की वजह से अलग-अलग स्थानों पर बादल फटने और अचानक बाढ़ आने से इनकार नहीं किया जा सकता है, तब भी घाटी में बाढ़ का कोई आसन्न खतरा नहीं है।
उन्होंने कहा, ”रुक-रुक कर बारिश हो रही है और इसकी वजह से जल स्तर कुछ देर के लिए अचानक बढ़ सकता है, लेकिन झेलम नदी और उसकी सहायक नदियों आदि में कोई बाढ़ पैदा किए बिना पानी का स्तर कम हो जाएगा।
“हम जो अनुभव कर रहे हैं वह मानसूनी बारिश है, लेकिन लगातार बारिश के संदर्भ में इसकी तीव्रता की संभावना नहीं है।
मौसम विभाग के अधिकारी ने कहा, “फिलहाल और आने वाले दिनों में घाटी में कहीं भी बड़ी बाढ़ का कोई खतरा नहीं है।”
अधिकारी ने कहा कि ऊंचे इलाकों और जल निकायों के करीब रहने वाले लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है, लेकिन घबराने की नहीं।
इस बीच, रविवार सुबह कुपवाड़ा जिले के कलारूस इलाके में एक 50 वर्षीय महिला की उफनती धारा में फिसलने से मौत हो गई।
इसी जिले के ट्रुमनार्ड बटपोरा इलाके में अचानक पानी बढ़ने से कुछ वाहन क्षतिग्रस्त हो गये। कानीभक्क में अचानक आई बाढ़ से दो पुलिया और सड़क संपर्क बह गया।
बारिश और बाढ़ के कारण कुपवाड़ा जिले के कई इलाकों में खड़ी फसलें, फल और सब्जियां क्षतिग्रस्त हो गईं।
स्थानीय सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग झेलम नदी, उसकी सहायक नदियों और वुलर झील में जल स्तर पर प्रति घंटा आंकड़े जारी कर रहा है।
ये आंकड़े यह भी बताते हैं कि घाटी के सभी प्रमुख जल निकायों में जल स्तर चेतावनी निशान से काफी कम है।
–आईएएनएस
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