लखनऊ , 19 दिसंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस कार्यकर्ता प्रभात पांडेय की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहीं भी शरीर पर चोट के निशान होने की बात नहीं आई है। इस मामले में पुलिस ने तीन लोगों से पूछताछ की है। पुलिस ने बताया कि प्रभात पांडेय को मृत अवस्था में अस्पताल पहुंचाया गया था।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय ने दावा किया कि विधानसभा भवन का घेराव करने के दौरान पुलिस की बर्बरता में प्रभात पांडेय की मौत हुई।
इस घटना के संबंध में अजय राय ने अपने सोशल मीडिया एक्स हैंडल पर पोस्ट में कहा, “ विधानसभा घेराव के लिए जाते समय पुलिसिया बर्बरता के कारण हमारे युवा साथी प्रभात पांडेय नहीं रहे। यह घटना बेहद दुखद और निंदनीय है। इससे हमारा कांग्रेस परिवार आहत और आक्रोशित है। हम इस घटना को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे। योगी सरकार मृतक के परिजनों को एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी बतौर मुआवजा दे।”
वहीं, डीसीपी रवीना त्यागी ने बताया, “18 दिसंबर 2024 को प्रभात कुमार पांडे के चाचा मनीष कुमार पांडे की शिकायत के आधार पर हुसैन गंज पुलिस स्टेशन में हत्या की प्राथमिकी दर्ज की गई है। लखनऊ में उत्तर प्रदेश कांग्रेस पार्टी कार्यालय में हुई घटना के संबंध में आरोप लगाया गया कि मृतक दो घंटे से पार्टी कार्यालय में बेहोश था, उसे इनोवा कार में सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया।”
डीसीपी ने आगे कहा, “एफआईआर दर्ज होने के बाद जांच शुरू कर दी गई है। फील्ड यूनिट घटनास्थल पर पहुंच गई है और सावधानीपूर्वक साक्ष्य एकत्र कर रही है। स्थान से सीसीटीवी फुटेज प्राप्त किए जाएंगे और विरोध के आयोजन के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों का विश्लेषण किया जाएगा। साथ ही जिन लोगों ने इसमें भाग लिया, उनसे पूछताछ की जाएगी और उसी आधार पर आगे की कार्रवाई होगी।”
–आईएएनएस
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