नई दिल्ली, 30 अप्रैल (आईएएनएस)। आपने ‘लव जिहाद’ के बारे में सुना होगा, ‘लैंड जिहाद’ के बारे में भी सुना होगा, लेकिन इस लोकसभा चुनाव में ‘वोट जिहाद’ की चर्चा है।
सवाल यह है कि इस चर्चा का आगाज किसने किया? इस चर्चा को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद की भतीजी मारिया आलम ने शुरू किया।
उन्होंने फर्रुखाबाद में एक जनसभा को संबोधित करने के दौरान कहा, “हम कुछ भी नहीं कर सकते, हम सिर्फ और सिर्फ वोट जिहाद कर सकते हैं।” उन्होंने कहा, “मैं जज्बाती ना होकर आप लोगों से वोटों का जिहाद करने की अपील कर रही हूं।”
वहीं, अब उनके इस बयान पर बीजेपी हमलावर है।
बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने सलमान खुर्शीद की भतीजी के इस बयान पर कहा, “हमने पहले लव जिहाद को सुना, फिर लैंड जिहाद और अब लोकसभा चुनाव के बीच एक नया शब्द गढ़ा गया है वोट जिहाद। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी इस कदर बौखलाहट में है कि इन लोगों के पास कोई मुद्दा नहीं बचा है, इसलिए ये लोग वोट जिहाद कर ध्रुवीकरण करने का प्रयास कर रहे हैं। यह धुव्रीकरण का प्रयास बहुत महंगा पड़ेगा। निर्वाचन आयोग को इसका संज्ञान लेना चाहिए और जनता को भी ऐसे लोगों को पराजित करना चाहिए, जो ध्रुवीकरण कर सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने का प्रयास कर रहे हैं।”
उधर, लोकसभा चुनाव के बीच आरक्षण खत्म करने को लेकर भी चुनाव प्रचार जारी है। कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी सत्ता हासिल कर आरक्षण खत्म करना चाहती है, जबकि बीजेपी ने दो टूक कह दिया है कि अगर हमें आरक्षण समाप्त ही करना होता, तो पिछले दस सालों में कर चुके होते।
वहीं, इस बारे में जब आईएएनएस ने यूपी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी से सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि “कांग्रेस पार्टी संविधान में आरक्षण की जो प्रदत्त व्यवस्था है, उसकी विरोधी रही है। एससी, एसटी के आरक्षण का कांग्रेस हमेशा से ही विरोध करती रही है और कांग्रेस की मंशा धार्मिक आधार पर आरक्षण देने की है और जब भी कांग्रेस को सरकार बनाने का मौका मिला है, तो उसने राज्य में मुस्लिमों को आरक्षण देने का प्रावधान किया और वर्तमान में भी वो जिस तरह से बयानबाजी कर रहे हैं, उससे यह साफ जाहिर होता है कि वो पिछड़ो वर्गों का कोटा काटकर मुस्लिमों को देने की योजना बना रहे हैं।”
–आईएएनएस
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