कोलकाता, 30 मई (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल विधानसभा में एकमात्र कांग्रेस विधायक बायरन बिस्वास के तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के बाद दोनों पार्टियों में घमासान जारी है।
विश्वास महज तीन महीने पहले मुर्शीदाबाद जिले के सागरदिघी विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में चुने गए थे।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने मंगलवार को एक ट्विटर संदेश जारी कर तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व द्वारा अन्य दलों के निर्वाचित प्रतिनिधियों को लुभाने के लिए उनकी खरीद-फरोख्त करने की निंदा की।
रमेश ने ट्विटर पर कहा, एक ऐतिहासिक जीत में कांग्रेस विधायक के रूप में चुने जाने के तीन महीने बाद बायरन बिस्वास को पश्चिम बंगाल में टीएमसी द्वारा बहकाया गया है। यह सागरदिघी विधानसभा क्षेत्र के लोगों के जनादेश के साथ विश्वासघात है। इस तरह का अवैध काम पहले गोवा, मेघालय, त्रिपुरा और अन्य राज्यों में हुआ है जो विपक्षी एकता को कमजोर करेगा और भाजपा के मकसद को पूरा करेगा।
इससे पहले पश्चिम बंगाल में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा था कि विश्वास सत्ता पक्ष और प्रशासन के दबाव के आगे झुक गए। पहले उन्हें तृणमूल कांग्रेस द्वारा पैसे की पेशकश की गई। जब उन्होंने इनकार कर दिया तो उन्हें धमकियां मिलनी शुरू हो गई। यह तृणमूल कांग्रेस की रणनीति है। पहले वे पैसे के जरिए लुभाने की कोशिश करते हैं और अगर वह विफल रहता है तो वे धमकी देते हैं।
बिस्वास का अपना तर्क है कि मानसिक रूप से वे हमेशा तृणमूल कांग्रेस के साथ थे। उन्होंने कहा, मैं कांग्रेस में सिर्फ इसलिए गया था क्योंकि तृणमूल कांग्रेस ने सागरदिघी उपचुनाव में मुझे टिकट नहीं दिया। अब मैं राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई विकास गतिविधियों का हिस्सा बनने के लिए फिर से तृणमूल कांग्रेस में वापस आ गया हूं।
रमेश के ट्विटर संदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य डॉ. सांतनु सेन ने कहा कि पश्चिम बंगाल में कांग्रेस नेतृत्व को यह समझना चाहिए कि राज्य में सबसे मजबूत राजनीतिक ताकत तृणमूल को कमजोर करने की कोशिश करने के बजाय, बीजेपी को एक साथ मुकाबला करने पर फोकस करना चाहिए।
–आईएएनएस
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