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Home ताज़ा समाचार

कामाख्या मंदिर में 2019 में मानव बलि मामले में 5 गिरफ्तार

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April 4, 2023
in ताज़ा समाचार
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कामाख्या मंदिर में 2019 में मानव बलि मामले में 5 गिरफ्तार
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गुवाहाटी, 4 अप्रैल (आईएएनएस)। गुवाहाटी के कामाख्या मंदिर में जून 2019 के मानव बलि मामले में पुलिस ने कम से कम पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

19 जून 2019 को कामाख्या में जॉय दुर्गा मंदिर की सीढ़ियों पर एक महिला की सिर कटी लाश मिली थी, जिसके बाद एक जांच शुरू की गई थी।

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गुवाहाटी के पुलिस आयुक्त दिगंता बाराह ने मीडिया को बताया कि पीड़िता अंबुबाची मेले के दौरान कामाख्या मंदिर गई थी और उस समय वह लापता हो गई थी।

उन्होंने कहा कि जून 2019 को जॉय दुर्गा मंदिर की सीढ़ी पर एक अज्ञात महिला का सिर कटा हुआ शव देखा गया था। एक पुलिस स्टेशन में इस संबंध में सूओ-मोटो मामला दर्ज किए जाने के बाद गहन जांच शुरू की गई थी।

पुलिस अधिकारी ने कहा कि लगभग एक महीने बाद, पश्चिम बंगाल के हुगली के टाटीपारा के निवासी सुरेश शॉ गुवाहाटी के जालुकबाड़ी पुलिस स्टेशन आए और पीड़िता को उसके कपड़ों और अन्य पहचान चिह्नें के आधार पर उसकी मां शांति शॉ के रूप में पहचाना।

उन्होंने आगे कहा कि घटना की जांच के लिए एक विशेष पुलिस दल का गठन किया गया था। इस साल 18 मार्च को, विशेष पुलिस दस्ते ने पश्चिम बंगाल के कूचबिहार की यात्रा की और पहले से एकत्रित तकनीकी साक्ष्यों की समीक्षा के बाद कैलाश बर्मन के रूप में पहचाने गए व्यक्ति के घर की तलाशी ली।

तलाशी के दौरान, पीड़िता का फोन सहित अन्य सामान जैसे कपड़े और पहचान पत्र बरामद किए गए। पुलिस आयुक्त ने कहा कि जैसा कि कैलाश बर्मन ने कहा है कि एक व्यक्ति माता प्रसाद पाण्डेय हर साल जून और जुलाई में गांव आते थे। पांडे पिछले आठ वर्षों से इस प्रथा को जारी रखे हुए हैं। वर्ष 2019 में पांडे बर्मन के घर गए और पीड़िता का सामान यह कहकर छोड़ गए कि यह उनकी संपत्ति है और वह बाद में उन्हें उठा लेंगे।

पुलिस अधिकारी ने कहा कि इसी साल 25 मार्च को 50 वर्षीय माता प्रसाद पांडेय को मध्य प्रदेश के जबलपुर से हिरासत में लिया गया था। आगे की पूछताछ में पता चला कि 18 और 19 जून, 2019 की दरमियानी रात भूतनाथ (गुवाहाटी) में एक कपाली पूजा आयोजित की गई थी, जिसमें पीड़िता भी शामिल थी और इसमें 12 लोग शामिल हुए थे। पूजा करने वाले लोगों ने शराब का सेवन भी किया था। पीड़िता को भी शराब पिलाई गई थी।

इसके बाद वे कामाख्या के श्मशान घाट गए और वहां दूसरी पूजा की। इसके बाद पुरुषों ने मानव बलि के नाम पर कामाख्या के जॉय दुर्गा मंदिर में पीड़िता का सिर काट दिया। पांडे और अन्य लोगों ने पीड़ित के सिर को एक बैग में पैक किया और गुवाहाटी छोड़ने से पहले उसे ब्रह्मपुत्र नदी में फेंक दिया।

पांडेय के कबूलनामे के आधार पर पुलिस ने गुवाहाटी के भूतनाथ से 56 वर्षीय सुरेश पासवान, 62 वर्षीय कानू आचार्जी, 60 वर्षीय भैयाराम मौर्य को भी गिरफ्तार किया है, जबकि 52 वर्षीय प्रदीप पाठक को मथुरा से गिरफ्तार किया गया है।

–आईएएनएस

एफजेड/एएनएम

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गुवाहाटी, 4 अप्रैल (आईएएनएस)। गुवाहाटी के कामाख्या मंदिर में जून 2019 के मानव बलि मामले में पुलिस ने कम से कम पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

19 जून 2019 को कामाख्या में जॉय दुर्गा मंदिर की सीढ़ियों पर एक महिला की सिर कटी लाश मिली थी, जिसके बाद एक जांच शुरू की गई थी।

गुवाहाटी के पुलिस आयुक्त दिगंता बाराह ने मीडिया को बताया कि पीड़िता अंबुबाची मेले के दौरान कामाख्या मंदिर गई थी और उस समय वह लापता हो गई थी।

उन्होंने कहा कि जून 2019 को जॉय दुर्गा मंदिर की सीढ़ी पर एक अज्ञात महिला का सिर कटा हुआ शव देखा गया था। एक पुलिस स्टेशन में इस संबंध में सूओ-मोटो मामला दर्ज किए जाने के बाद गहन जांच शुरू की गई थी।

पुलिस अधिकारी ने कहा कि लगभग एक महीने बाद, पश्चिम बंगाल के हुगली के टाटीपारा के निवासी सुरेश शॉ गुवाहाटी के जालुकबाड़ी पुलिस स्टेशन आए और पीड़िता को उसके कपड़ों और अन्य पहचान चिह्नें के आधार पर उसकी मां शांति शॉ के रूप में पहचाना।

उन्होंने आगे कहा कि घटना की जांच के लिए एक विशेष पुलिस दल का गठन किया गया था। इस साल 18 मार्च को, विशेष पुलिस दस्ते ने पश्चिम बंगाल के कूचबिहार की यात्रा की और पहले से एकत्रित तकनीकी साक्ष्यों की समीक्षा के बाद कैलाश बर्मन के रूप में पहचाने गए व्यक्ति के घर की तलाशी ली।

तलाशी के दौरान, पीड़िता का फोन सहित अन्य सामान जैसे कपड़े और पहचान पत्र बरामद किए गए। पुलिस आयुक्त ने कहा कि जैसा कि कैलाश बर्मन ने कहा है कि एक व्यक्ति माता प्रसाद पाण्डेय हर साल जून और जुलाई में गांव आते थे। पांडे पिछले आठ वर्षों से इस प्रथा को जारी रखे हुए हैं। वर्ष 2019 में पांडे बर्मन के घर गए और पीड़िता का सामान यह कहकर छोड़ गए कि यह उनकी संपत्ति है और वह बाद में उन्हें उठा लेंगे।

पुलिस अधिकारी ने कहा कि इसी साल 25 मार्च को 50 वर्षीय माता प्रसाद पांडेय को मध्य प्रदेश के जबलपुर से हिरासत में लिया गया था। आगे की पूछताछ में पता चला कि 18 और 19 जून, 2019 की दरमियानी रात भूतनाथ (गुवाहाटी) में एक कपाली पूजा आयोजित की गई थी, जिसमें पीड़िता भी शामिल थी और इसमें 12 लोग शामिल हुए थे। पूजा करने वाले लोगों ने शराब का सेवन भी किया था। पीड़िता को भी शराब पिलाई गई थी।

इसके बाद वे कामाख्या के श्मशान घाट गए और वहां दूसरी पूजा की। इसके बाद पुरुषों ने मानव बलि के नाम पर कामाख्या के जॉय दुर्गा मंदिर में पीड़िता का सिर काट दिया। पांडे और अन्य लोगों ने पीड़ित के सिर को एक बैग में पैक किया और गुवाहाटी छोड़ने से पहले उसे ब्रह्मपुत्र नदी में फेंक दिया।

पांडेय के कबूलनामे के आधार पर पुलिस ने गुवाहाटी के भूतनाथ से 56 वर्षीय सुरेश पासवान, 62 वर्षीय कानू आचार्जी, 60 वर्षीय भैयाराम मौर्य को भी गिरफ्तार किया है, जबकि 52 वर्षीय प्रदीप पाठक को मथुरा से गिरफ्तार किया गया है।

–आईएएनएस

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गुवाहाटी, 4 अप्रैल (आईएएनएस)। गुवाहाटी के कामाख्या मंदिर में जून 2019 के मानव बलि मामले में पुलिस ने कम से कम पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

19 जून 2019 को कामाख्या में जॉय दुर्गा मंदिर की सीढ़ियों पर एक महिला की सिर कटी लाश मिली थी, जिसके बाद एक जांच शुरू की गई थी।

गुवाहाटी के पुलिस आयुक्त दिगंता बाराह ने मीडिया को बताया कि पीड़िता अंबुबाची मेले के दौरान कामाख्या मंदिर गई थी और उस समय वह लापता हो गई थी।

उन्होंने कहा कि जून 2019 को जॉय दुर्गा मंदिर की सीढ़ी पर एक अज्ञात महिला का सिर कटा हुआ शव देखा गया था। एक पुलिस स्टेशन में इस संबंध में सूओ-मोटो मामला दर्ज किए जाने के बाद गहन जांच शुरू की गई थी।

पुलिस अधिकारी ने कहा कि लगभग एक महीने बाद, पश्चिम बंगाल के हुगली के टाटीपारा के निवासी सुरेश शॉ गुवाहाटी के जालुकबाड़ी पुलिस स्टेशन आए और पीड़िता को उसके कपड़ों और अन्य पहचान चिह्नें के आधार पर उसकी मां शांति शॉ के रूप में पहचाना।

उन्होंने आगे कहा कि घटना की जांच के लिए एक विशेष पुलिस दल का गठन किया गया था। इस साल 18 मार्च को, विशेष पुलिस दस्ते ने पश्चिम बंगाल के कूचबिहार की यात्रा की और पहले से एकत्रित तकनीकी साक्ष्यों की समीक्षा के बाद कैलाश बर्मन के रूप में पहचाने गए व्यक्ति के घर की तलाशी ली।

तलाशी के दौरान, पीड़िता का फोन सहित अन्य सामान जैसे कपड़े और पहचान पत्र बरामद किए गए। पुलिस आयुक्त ने कहा कि जैसा कि कैलाश बर्मन ने कहा है कि एक व्यक्ति माता प्रसाद पाण्डेय हर साल जून और जुलाई में गांव आते थे। पांडे पिछले आठ वर्षों से इस प्रथा को जारी रखे हुए हैं। वर्ष 2019 में पांडे बर्मन के घर गए और पीड़िता का सामान यह कहकर छोड़ गए कि यह उनकी संपत्ति है और वह बाद में उन्हें उठा लेंगे।

पुलिस अधिकारी ने कहा कि इसी साल 25 मार्च को 50 वर्षीय माता प्रसाद पांडेय को मध्य प्रदेश के जबलपुर से हिरासत में लिया गया था। आगे की पूछताछ में पता चला कि 18 और 19 जून, 2019 की दरमियानी रात भूतनाथ (गुवाहाटी) में एक कपाली पूजा आयोजित की गई थी, जिसमें पीड़िता भी शामिल थी और इसमें 12 लोग शामिल हुए थे। पूजा करने वाले लोगों ने शराब का सेवन भी किया था। पीड़िता को भी शराब पिलाई गई थी।

इसके बाद वे कामाख्या के श्मशान घाट गए और वहां दूसरी पूजा की। इसके बाद पुरुषों ने मानव बलि के नाम पर कामाख्या के जॉय दुर्गा मंदिर में पीड़िता का सिर काट दिया। पांडे और अन्य लोगों ने पीड़ित के सिर को एक बैग में पैक किया और गुवाहाटी छोड़ने से पहले उसे ब्रह्मपुत्र नदी में फेंक दिया।

पांडेय के कबूलनामे के आधार पर पुलिस ने गुवाहाटी के भूतनाथ से 56 वर्षीय सुरेश पासवान, 62 वर्षीय कानू आचार्जी, 60 वर्षीय भैयाराम मौर्य को भी गिरफ्तार किया है, जबकि 52 वर्षीय प्रदीप पाठक को मथुरा से गिरफ्तार किया गया है।

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19 जून 2019 को कामाख्या में जॉय दुर्गा मंदिर की सीढ़ियों पर एक महिला की सिर कटी लाश मिली थी, जिसके बाद एक जांच शुरू की गई थी।

गुवाहाटी के पुलिस आयुक्त दिगंता बाराह ने मीडिया को बताया कि पीड़िता अंबुबाची मेले के दौरान कामाख्या मंदिर गई थी और उस समय वह लापता हो गई थी।

उन्होंने कहा कि जून 2019 को जॉय दुर्गा मंदिर की सीढ़ी पर एक अज्ञात महिला का सिर कटा हुआ शव देखा गया था। एक पुलिस स्टेशन में इस संबंध में सूओ-मोटो मामला दर्ज किए जाने के बाद गहन जांच शुरू की गई थी।

पुलिस अधिकारी ने कहा कि लगभग एक महीने बाद, पश्चिम बंगाल के हुगली के टाटीपारा के निवासी सुरेश शॉ गुवाहाटी के जालुकबाड़ी पुलिस स्टेशन आए और पीड़िता को उसके कपड़ों और अन्य पहचान चिह्नें के आधार पर उसकी मां शांति शॉ के रूप में पहचाना।

उन्होंने आगे कहा कि घटना की जांच के लिए एक विशेष पुलिस दल का गठन किया गया था। इस साल 18 मार्च को, विशेष पुलिस दस्ते ने पश्चिम बंगाल के कूचबिहार की यात्रा की और पहले से एकत्रित तकनीकी साक्ष्यों की समीक्षा के बाद कैलाश बर्मन के रूप में पहचाने गए व्यक्ति के घर की तलाशी ली।

तलाशी के दौरान, पीड़िता का फोन सहित अन्य सामान जैसे कपड़े और पहचान पत्र बरामद किए गए। पुलिस आयुक्त ने कहा कि जैसा कि कैलाश बर्मन ने कहा है कि एक व्यक्ति माता प्रसाद पाण्डेय हर साल जून और जुलाई में गांव आते थे। पांडे पिछले आठ वर्षों से इस प्रथा को जारी रखे हुए हैं। वर्ष 2019 में पांडे बर्मन के घर गए और पीड़िता का सामान यह कहकर छोड़ गए कि यह उनकी संपत्ति है और वह बाद में उन्हें उठा लेंगे।

पुलिस अधिकारी ने कहा कि इसी साल 25 मार्च को 50 वर्षीय माता प्रसाद पांडेय को मध्य प्रदेश के जबलपुर से हिरासत में लिया गया था। आगे की पूछताछ में पता चला कि 18 और 19 जून, 2019 की दरमियानी रात भूतनाथ (गुवाहाटी) में एक कपाली पूजा आयोजित की गई थी, जिसमें पीड़िता भी शामिल थी और इसमें 12 लोग शामिल हुए थे। पूजा करने वाले लोगों ने शराब का सेवन भी किया था। पीड़िता को भी शराब पिलाई गई थी।

इसके बाद वे कामाख्या के श्मशान घाट गए और वहां दूसरी पूजा की। इसके बाद पुरुषों ने मानव बलि के नाम पर कामाख्या के जॉय दुर्गा मंदिर में पीड़िता का सिर काट दिया। पांडे और अन्य लोगों ने पीड़ित के सिर को एक बैग में पैक किया और गुवाहाटी छोड़ने से पहले उसे ब्रह्मपुत्र नदी में फेंक दिया।

पांडेय के कबूलनामे के आधार पर पुलिस ने गुवाहाटी के भूतनाथ से 56 वर्षीय सुरेश पासवान, 62 वर्षीय कानू आचार्जी, 60 वर्षीय भैयाराम मौर्य को भी गिरफ्तार किया है, जबकि 52 वर्षीय प्रदीप पाठक को मथुरा से गिरफ्तार किया गया है।

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19 जून 2019 को कामाख्या में जॉय दुर्गा मंदिर की सीढ़ियों पर एक महिला की सिर कटी लाश मिली थी, जिसके बाद एक जांच शुरू की गई थी।

गुवाहाटी के पुलिस आयुक्त दिगंता बाराह ने मीडिया को बताया कि पीड़िता अंबुबाची मेले के दौरान कामाख्या मंदिर गई थी और उस समय वह लापता हो गई थी।

उन्होंने कहा कि जून 2019 को जॉय दुर्गा मंदिर की सीढ़ी पर एक अज्ञात महिला का सिर कटा हुआ शव देखा गया था। एक पुलिस स्टेशन में इस संबंध में सूओ-मोटो मामला दर्ज किए जाने के बाद गहन जांच शुरू की गई थी।

पुलिस अधिकारी ने कहा कि लगभग एक महीने बाद, पश्चिम बंगाल के हुगली के टाटीपारा के निवासी सुरेश शॉ गुवाहाटी के जालुकबाड़ी पुलिस स्टेशन आए और पीड़िता को उसके कपड़ों और अन्य पहचान चिह्नें के आधार पर उसकी मां शांति शॉ के रूप में पहचाना।

उन्होंने आगे कहा कि घटना की जांच के लिए एक विशेष पुलिस दल का गठन किया गया था। इस साल 18 मार्च को, विशेष पुलिस दस्ते ने पश्चिम बंगाल के कूचबिहार की यात्रा की और पहले से एकत्रित तकनीकी साक्ष्यों की समीक्षा के बाद कैलाश बर्मन के रूप में पहचाने गए व्यक्ति के घर की तलाशी ली।

तलाशी के दौरान, पीड़िता का फोन सहित अन्य सामान जैसे कपड़े और पहचान पत्र बरामद किए गए। पुलिस आयुक्त ने कहा कि जैसा कि कैलाश बर्मन ने कहा है कि एक व्यक्ति माता प्रसाद पाण्डेय हर साल जून और जुलाई में गांव आते थे। पांडे पिछले आठ वर्षों से इस प्रथा को जारी रखे हुए हैं। वर्ष 2019 में पांडे बर्मन के घर गए और पीड़िता का सामान यह कहकर छोड़ गए कि यह उनकी संपत्ति है और वह बाद में उन्हें उठा लेंगे।

पुलिस अधिकारी ने कहा कि इसी साल 25 मार्च को 50 वर्षीय माता प्रसाद पांडेय को मध्य प्रदेश के जबलपुर से हिरासत में लिया गया था। आगे की पूछताछ में पता चला कि 18 और 19 जून, 2019 की दरमियानी रात भूतनाथ (गुवाहाटी) में एक कपाली पूजा आयोजित की गई थी, जिसमें पीड़िता भी शामिल थी और इसमें 12 लोग शामिल हुए थे। पूजा करने वाले लोगों ने शराब का सेवन भी किया था। पीड़िता को भी शराब पिलाई गई थी।

इसके बाद वे कामाख्या के श्मशान घाट गए और वहां दूसरी पूजा की। इसके बाद पुरुषों ने मानव बलि के नाम पर कामाख्या के जॉय दुर्गा मंदिर में पीड़िता का सिर काट दिया। पांडे और अन्य लोगों ने पीड़ित के सिर को एक बैग में पैक किया और गुवाहाटी छोड़ने से पहले उसे ब्रह्मपुत्र नदी में फेंक दिया।

पांडेय के कबूलनामे के आधार पर पुलिस ने गुवाहाटी के भूतनाथ से 56 वर्षीय सुरेश पासवान, 62 वर्षीय कानू आचार्जी, 60 वर्षीय भैयाराम मौर्य को भी गिरफ्तार किया है, जबकि 52 वर्षीय प्रदीप पाठक को मथुरा से गिरफ्तार किया गया है।

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19 जून 2019 को कामाख्या में जॉय दुर्गा मंदिर की सीढ़ियों पर एक महिला की सिर कटी लाश मिली थी, जिसके बाद एक जांच शुरू की गई थी।

गुवाहाटी के पुलिस आयुक्त दिगंता बाराह ने मीडिया को बताया कि पीड़िता अंबुबाची मेले के दौरान कामाख्या मंदिर गई थी और उस समय वह लापता हो गई थी।

उन्होंने कहा कि जून 2019 को जॉय दुर्गा मंदिर की सीढ़ी पर एक अज्ञात महिला का सिर कटा हुआ शव देखा गया था। एक पुलिस स्टेशन में इस संबंध में सूओ-मोटो मामला दर्ज किए जाने के बाद गहन जांच शुरू की गई थी।

पुलिस अधिकारी ने कहा कि लगभग एक महीने बाद, पश्चिम बंगाल के हुगली के टाटीपारा के निवासी सुरेश शॉ गुवाहाटी के जालुकबाड़ी पुलिस स्टेशन आए और पीड़िता को उसके कपड़ों और अन्य पहचान चिह्नें के आधार पर उसकी मां शांति शॉ के रूप में पहचाना।

उन्होंने आगे कहा कि घटना की जांच के लिए एक विशेष पुलिस दल का गठन किया गया था। इस साल 18 मार्च को, विशेष पुलिस दस्ते ने पश्चिम बंगाल के कूचबिहार की यात्रा की और पहले से एकत्रित तकनीकी साक्ष्यों की समीक्षा के बाद कैलाश बर्मन के रूप में पहचाने गए व्यक्ति के घर की तलाशी ली।

तलाशी के दौरान, पीड़िता का फोन सहित अन्य सामान जैसे कपड़े और पहचान पत्र बरामद किए गए। पुलिस आयुक्त ने कहा कि जैसा कि कैलाश बर्मन ने कहा है कि एक व्यक्ति माता प्रसाद पाण्डेय हर साल जून और जुलाई में गांव आते थे। पांडे पिछले आठ वर्षों से इस प्रथा को जारी रखे हुए हैं। वर्ष 2019 में पांडे बर्मन के घर गए और पीड़िता का सामान यह कहकर छोड़ गए कि यह उनकी संपत्ति है और वह बाद में उन्हें उठा लेंगे।

पुलिस अधिकारी ने कहा कि इसी साल 25 मार्च को 50 वर्षीय माता प्रसाद पांडेय को मध्य प्रदेश के जबलपुर से हिरासत में लिया गया था। आगे की पूछताछ में पता चला कि 18 और 19 जून, 2019 की दरमियानी रात भूतनाथ (गुवाहाटी) में एक कपाली पूजा आयोजित की गई थी, जिसमें पीड़िता भी शामिल थी और इसमें 12 लोग शामिल हुए थे। पूजा करने वाले लोगों ने शराब का सेवन भी किया था। पीड़िता को भी शराब पिलाई गई थी।

इसके बाद वे कामाख्या के श्मशान घाट गए और वहां दूसरी पूजा की। इसके बाद पुरुषों ने मानव बलि के नाम पर कामाख्या के जॉय दुर्गा मंदिर में पीड़िता का सिर काट दिया। पांडे और अन्य लोगों ने पीड़ित के सिर को एक बैग में पैक किया और गुवाहाटी छोड़ने से पहले उसे ब्रह्मपुत्र नदी में फेंक दिया।

पांडेय के कबूलनामे के आधार पर पुलिस ने गुवाहाटी के भूतनाथ से 56 वर्षीय सुरेश पासवान, 62 वर्षीय कानू आचार्जी, 60 वर्षीय भैयाराम मौर्य को भी गिरफ्तार किया है, जबकि 52 वर्षीय प्रदीप पाठक को मथुरा से गिरफ्तार किया गया है।

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19 जून 2019 को कामाख्या में जॉय दुर्गा मंदिर की सीढ़ियों पर एक महिला की सिर कटी लाश मिली थी, जिसके बाद एक जांच शुरू की गई थी।

गुवाहाटी के पुलिस आयुक्त दिगंता बाराह ने मीडिया को बताया कि पीड़िता अंबुबाची मेले के दौरान कामाख्या मंदिर गई थी और उस समय वह लापता हो गई थी।

उन्होंने कहा कि जून 2019 को जॉय दुर्गा मंदिर की सीढ़ी पर एक अज्ञात महिला का सिर कटा हुआ शव देखा गया था। एक पुलिस स्टेशन में इस संबंध में सूओ-मोटो मामला दर्ज किए जाने के बाद गहन जांच शुरू की गई थी।

पुलिस अधिकारी ने कहा कि लगभग एक महीने बाद, पश्चिम बंगाल के हुगली के टाटीपारा के निवासी सुरेश शॉ गुवाहाटी के जालुकबाड़ी पुलिस स्टेशन आए और पीड़िता को उसके कपड़ों और अन्य पहचान चिह्नें के आधार पर उसकी मां शांति शॉ के रूप में पहचाना।

उन्होंने आगे कहा कि घटना की जांच के लिए एक विशेष पुलिस दल का गठन किया गया था। इस साल 18 मार्च को, विशेष पुलिस दस्ते ने पश्चिम बंगाल के कूचबिहार की यात्रा की और पहले से एकत्रित तकनीकी साक्ष्यों की समीक्षा के बाद कैलाश बर्मन के रूप में पहचाने गए व्यक्ति के घर की तलाशी ली।

तलाशी के दौरान, पीड़िता का फोन सहित अन्य सामान जैसे कपड़े और पहचान पत्र बरामद किए गए। पुलिस आयुक्त ने कहा कि जैसा कि कैलाश बर्मन ने कहा है कि एक व्यक्ति माता प्रसाद पाण्डेय हर साल जून और जुलाई में गांव आते थे। पांडे पिछले आठ वर्षों से इस प्रथा को जारी रखे हुए हैं। वर्ष 2019 में पांडे बर्मन के घर गए और पीड़िता का सामान यह कहकर छोड़ गए कि यह उनकी संपत्ति है और वह बाद में उन्हें उठा लेंगे।

पुलिस अधिकारी ने कहा कि इसी साल 25 मार्च को 50 वर्षीय माता प्रसाद पांडेय को मध्य प्रदेश के जबलपुर से हिरासत में लिया गया था। आगे की पूछताछ में पता चला कि 18 और 19 जून, 2019 की दरमियानी रात भूतनाथ (गुवाहाटी) में एक कपाली पूजा आयोजित की गई थी, जिसमें पीड़िता भी शामिल थी और इसमें 12 लोग शामिल हुए थे। पूजा करने वाले लोगों ने शराब का सेवन भी किया था। पीड़िता को भी शराब पिलाई गई थी।

इसके बाद वे कामाख्या के श्मशान घाट गए और वहां दूसरी पूजा की। इसके बाद पुरुषों ने मानव बलि के नाम पर कामाख्या के जॉय दुर्गा मंदिर में पीड़िता का सिर काट दिया। पांडे और अन्य लोगों ने पीड़ित के सिर को एक बैग में पैक किया और गुवाहाटी छोड़ने से पहले उसे ब्रह्मपुत्र नदी में फेंक दिया।

पांडेय के कबूलनामे के आधार पर पुलिस ने गुवाहाटी के भूतनाथ से 56 वर्षीय सुरेश पासवान, 62 वर्षीय कानू आचार्जी, 60 वर्षीय भैयाराम मौर्य को भी गिरफ्तार किया है, जबकि 52 वर्षीय प्रदीप पाठक को मथुरा से गिरफ्तार किया गया है।

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19 जून 2019 को कामाख्या में जॉय दुर्गा मंदिर की सीढ़ियों पर एक महिला की सिर कटी लाश मिली थी, जिसके बाद एक जांच शुरू की गई थी।

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इसके बाद वे कामाख्या के श्मशान घाट गए और वहां दूसरी पूजा की। इसके बाद पुरुषों ने मानव बलि के नाम पर कामाख्या के जॉय दुर्गा मंदिर में पीड़िता का सिर काट दिया। पांडे और अन्य लोगों ने पीड़ित के सिर को एक बैग में पैक किया और गुवाहाटी छोड़ने से पहले उसे ब्रह्मपुत्र नदी में फेंक दिया।

पांडेय के कबूलनामे के आधार पर पुलिस ने गुवाहाटी के भूतनाथ से 56 वर्षीय सुरेश पासवान, 62 वर्षीय कानू आचार्जी, 60 वर्षीय भैयाराम मौर्य को भी गिरफ्तार किया है, जबकि 52 वर्षीय प्रदीप पाठक को मथुरा से गिरफ्तार किया गया है।

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एफजेड/एएनएम

गुवाहाटी, 4 अप्रैल (आईएएनएस)। गुवाहाटी के कामाख्या मंदिर में जून 2019 के मानव बलि मामले में पुलिस ने कम से कम पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

19 जून 2019 को कामाख्या में जॉय दुर्गा मंदिर की सीढ़ियों पर एक महिला की सिर कटी लाश मिली थी, जिसके बाद एक जांच शुरू की गई थी।

गुवाहाटी के पुलिस आयुक्त दिगंता बाराह ने मीडिया को बताया कि पीड़िता अंबुबाची मेले के दौरान कामाख्या मंदिर गई थी और उस समय वह लापता हो गई थी।

उन्होंने कहा कि जून 2019 को जॉय दुर्गा मंदिर की सीढ़ी पर एक अज्ञात महिला का सिर कटा हुआ शव देखा गया था। एक पुलिस स्टेशन में इस संबंध में सूओ-मोटो मामला दर्ज किए जाने के बाद गहन जांच शुरू की गई थी।

पुलिस अधिकारी ने कहा कि लगभग एक महीने बाद, पश्चिम बंगाल के हुगली के टाटीपारा के निवासी सुरेश शॉ गुवाहाटी के जालुकबाड़ी पुलिस स्टेशन आए और पीड़िता को उसके कपड़ों और अन्य पहचान चिह्नें के आधार पर उसकी मां शांति शॉ के रूप में पहचाना।

उन्होंने आगे कहा कि घटना की जांच के लिए एक विशेष पुलिस दल का गठन किया गया था। इस साल 18 मार्च को, विशेष पुलिस दस्ते ने पश्चिम बंगाल के कूचबिहार की यात्रा की और पहले से एकत्रित तकनीकी साक्ष्यों की समीक्षा के बाद कैलाश बर्मन के रूप में पहचाने गए व्यक्ति के घर की तलाशी ली।

तलाशी के दौरान, पीड़िता का फोन सहित अन्य सामान जैसे कपड़े और पहचान पत्र बरामद किए गए। पुलिस आयुक्त ने कहा कि जैसा कि कैलाश बर्मन ने कहा है कि एक व्यक्ति माता प्रसाद पाण्डेय हर साल जून और जुलाई में गांव आते थे। पांडे पिछले आठ वर्षों से इस प्रथा को जारी रखे हुए हैं। वर्ष 2019 में पांडे बर्मन के घर गए और पीड़िता का सामान यह कहकर छोड़ गए कि यह उनकी संपत्ति है और वह बाद में उन्हें उठा लेंगे।

पुलिस अधिकारी ने कहा कि इसी साल 25 मार्च को 50 वर्षीय माता प्रसाद पांडेय को मध्य प्रदेश के जबलपुर से हिरासत में लिया गया था। आगे की पूछताछ में पता चला कि 18 और 19 जून, 2019 की दरमियानी रात भूतनाथ (गुवाहाटी) में एक कपाली पूजा आयोजित की गई थी, जिसमें पीड़िता भी शामिल थी और इसमें 12 लोग शामिल हुए थे। पूजा करने वाले लोगों ने शराब का सेवन भी किया था। पीड़िता को भी शराब पिलाई गई थी।

इसके बाद वे कामाख्या के श्मशान घाट गए और वहां दूसरी पूजा की। इसके बाद पुरुषों ने मानव बलि के नाम पर कामाख्या के जॉय दुर्गा मंदिर में पीड़िता का सिर काट दिया। पांडे और अन्य लोगों ने पीड़ित के सिर को एक बैग में पैक किया और गुवाहाटी छोड़ने से पहले उसे ब्रह्मपुत्र नदी में फेंक दिया।

पांडेय के कबूलनामे के आधार पर पुलिस ने गुवाहाटी के भूतनाथ से 56 वर्षीय सुरेश पासवान, 62 वर्षीय कानू आचार्जी, 60 वर्षीय भैयाराम मौर्य को भी गिरफ्तार किया है, जबकि 52 वर्षीय प्रदीप पाठक को मथुरा से गिरफ्तार किया गया है।

–आईएएनएस

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गुवाहाटी, 4 अप्रैल (आईएएनएस)। गुवाहाटी के कामाख्या मंदिर में जून 2019 के मानव बलि मामले में पुलिस ने कम से कम पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

19 जून 2019 को कामाख्या में जॉय दुर्गा मंदिर की सीढ़ियों पर एक महिला की सिर कटी लाश मिली थी, जिसके बाद एक जांच शुरू की गई थी।

गुवाहाटी के पुलिस आयुक्त दिगंता बाराह ने मीडिया को बताया कि पीड़िता अंबुबाची मेले के दौरान कामाख्या मंदिर गई थी और उस समय वह लापता हो गई थी।

उन्होंने कहा कि जून 2019 को जॉय दुर्गा मंदिर की सीढ़ी पर एक अज्ञात महिला का सिर कटा हुआ शव देखा गया था। एक पुलिस स्टेशन में इस संबंध में सूओ-मोटो मामला दर्ज किए जाने के बाद गहन जांच शुरू की गई थी।

पुलिस अधिकारी ने कहा कि लगभग एक महीने बाद, पश्चिम बंगाल के हुगली के टाटीपारा के निवासी सुरेश शॉ गुवाहाटी के जालुकबाड़ी पुलिस स्टेशन आए और पीड़िता को उसके कपड़ों और अन्य पहचान चिह्नें के आधार पर उसकी मां शांति शॉ के रूप में पहचाना।

उन्होंने आगे कहा कि घटना की जांच के लिए एक विशेष पुलिस दल का गठन किया गया था। इस साल 18 मार्च को, विशेष पुलिस दस्ते ने पश्चिम बंगाल के कूचबिहार की यात्रा की और पहले से एकत्रित तकनीकी साक्ष्यों की समीक्षा के बाद कैलाश बर्मन के रूप में पहचाने गए व्यक्ति के घर की तलाशी ली।

तलाशी के दौरान, पीड़िता का फोन सहित अन्य सामान जैसे कपड़े और पहचान पत्र बरामद किए गए। पुलिस आयुक्त ने कहा कि जैसा कि कैलाश बर्मन ने कहा है कि एक व्यक्ति माता प्रसाद पाण्डेय हर साल जून और जुलाई में गांव आते थे। पांडे पिछले आठ वर्षों से इस प्रथा को जारी रखे हुए हैं। वर्ष 2019 में पांडे बर्मन के घर गए और पीड़िता का सामान यह कहकर छोड़ गए कि यह उनकी संपत्ति है और वह बाद में उन्हें उठा लेंगे।

पुलिस अधिकारी ने कहा कि इसी साल 25 मार्च को 50 वर्षीय माता प्रसाद पांडेय को मध्य प्रदेश के जबलपुर से हिरासत में लिया गया था। आगे की पूछताछ में पता चला कि 18 और 19 जून, 2019 की दरमियानी रात भूतनाथ (गुवाहाटी) में एक कपाली पूजा आयोजित की गई थी, जिसमें पीड़िता भी शामिल थी और इसमें 12 लोग शामिल हुए थे। पूजा करने वाले लोगों ने शराब का सेवन भी किया था। पीड़िता को भी शराब पिलाई गई थी।

इसके बाद वे कामाख्या के श्मशान घाट गए और वहां दूसरी पूजा की। इसके बाद पुरुषों ने मानव बलि के नाम पर कामाख्या के जॉय दुर्गा मंदिर में पीड़िता का सिर काट दिया। पांडे और अन्य लोगों ने पीड़ित के सिर को एक बैग में पैक किया और गुवाहाटी छोड़ने से पहले उसे ब्रह्मपुत्र नदी में फेंक दिया।

पांडेय के कबूलनामे के आधार पर पुलिस ने गुवाहाटी के भूतनाथ से 56 वर्षीय सुरेश पासवान, 62 वर्षीय कानू आचार्जी, 60 वर्षीय भैयाराम मौर्य को भी गिरफ्तार किया है, जबकि 52 वर्षीय प्रदीप पाठक को मथुरा से गिरफ्तार किया गया है।

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19 जून 2019 को कामाख्या में जॉय दुर्गा मंदिर की सीढ़ियों पर एक महिला की सिर कटी लाश मिली थी, जिसके बाद एक जांच शुरू की गई थी।

गुवाहाटी के पुलिस आयुक्त दिगंता बाराह ने मीडिया को बताया कि पीड़िता अंबुबाची मेले के दौरान कामाख्या मंदिर गई थी और उस समय वह लापता हो गई थी।

उन्होंने कहा कि जून 2019 को जॉय दुर्गा मंदिर की सीढ़ी पर एक अज्ञात महिला का सिर कटा हुआ शव देखा गया था। एक पुलिस स्टेशन में इस संबंध में सूओ-मोटो मामला दर्ज किए जाने के बाद गहन जांच शुरू की गई थी।

पुलिस अधिकारी ने कहा कि लगभग एक महीने बाद, पश्चिम बंगाल के हुगली के टाटीपारा के निवासी सुरेश शॉ गुवाहाटी के जालुकबाड़ी पुलिस स्टेशन आए और पीड़िता को उसके कपड़ों और अन्य पहचान चिह्नें के आधार पर उसकी मां शांति शॉ के रूप में पहचाना।

उन्होंने आगे कहा कि घटना की जांच के लिए एक विशेष पुलिस दल का गठन किया गया था। इस साल 18 मार्च को, विशेष पुलिस दस्ते ने पश्चिम बंगाल के कूचबिहार की यात्रा की और पहले से एकत्रित तकनीकी साक्ष्यों की समीक्षा के बाद कैलाश बर्मन के रूप में पहचाने गए व्यक्ति के घर की तलाशी ली।

तलाशी के दौरान, पीड़िता का फोन सहित अन्य सामान जैसे कपड़े और पहचान पत्र बरामद किए गए। पुलिस आयुक्त ने कहा कि जैसा कि कैलाश बर्मन ने कहा है कि एक व्यक्ति माता प्रसाद पाण्डेय हर साल जून और जुलाई में गांव आते थे। पांडे पिछले आठ वर्षों से इस प्रथा को जारी रखे हुए हैं। वर्ष 2019 में पांडे बर्मन के घर गए और पीड़िता का सामान यह कहकर छोड़ गए कि यह उनकी संपत्ति है और वह बाद में उन्हें उठा लेंगे।

पुलिस अधिकारी ने कहा कि इसी साल 25 मार्च को 50 वर्षीय माता प्रसाद पांडेय को मध्य प्रदेश के जबलपुर से हिरासत में लिया गया था। आगे की पूछताछ में पता चला कि 18 और 19 जून, 2019 की दरमियानी रात भूतनाथ (गुवाहाटी) में एक कपाली पूजा आयोजित की गई थी, जिसमें पीड़िता भी शामिल थी और इसमें 12 लोग शामिल हुए थे। पूजा करने वाले लोगों ने शराब का सेवन भी किया था। पीड़िता को भी शराब पिलाई गई थी।

इसके बाद वे कामाख्या के श्मशान घाट गए और वहां दूसरी पूजा की। इसके बाद पुरुषों ने मानव बलि के नाम पर कामाख्या के जॉय दुर्गा मंदिर में पीड़िता का सिर काट दिया। पांडे और अन्य लोगों ने पीड़ित के सिर को एक बैग में पैक किया और गुवाहाटी छोड़ने से पहले उसे ब्रह्मपुत्र नदी में फेंक दिया।

पांडेय के कबूलनामे के आधार पर पुलिस ने गुवाहाटी के भूतनाथ से 56 वर्षीय सुरेश पासवान, 62 वर्षीय कानू आचार्जी, 60 वर्षीय भैयाराम मौर्य को भी गिरफ्तार किया है, जबकि 52 वर्षीय प्रदीप पाठक को मथुरा से गिरफ्तार किया गया है।

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19 जून 2019 को कामाख्या में जॉय दुर्गा मंदिर की सीढ़ियों पर एक महिला की सिर कटी लाश मिली थी, जिसके बाद एक जांच शुरू की गई थी।

गुवाहाटी के पुलिस आयुक्त दिगंता बाराह ने मीडिया को बताया कि पीड़िता अंबुबाची मेले के दौरान कामाख्या मंदिर गई थी और उस समय वह लापता हो गई थी।

उन्होंने कहा कि जून 2019 को जॉय दुर्गा मंदिर की सीढ़ी पर एक अज्ञात महिला का सिर कटा हुआ शव देखा गया था। एक पुलिस स्टेशन में इस संबंध में सूओ-मोटो मामला दर्ज किए जाने के बाद गहन जांच शुरू की गई थी।

पुलिस अधिकारी ने कहा कि लगभग एक महीने बाद, पश्चिम बंगाल के हुगली के टाटीपारा के निवासी सुरेश शॉ गुवाहाटी के जालुकबाड़ी पुलिस स्टेशन आए और पीड़िता को उसके कपड़ों और अन्य पहचान चिह्नें के आधार पर उसकी मां शांति शॉ के रूप में पहचाना।

उन्होंने आगे कहा कि घटना की जांच के लिए एक विशेष पुलिस दल का गठन किया गया था। इस साल 18 मार्च को, विशेष पुलिस दस्ते ने पश्चिम बंगाल के कूचबिहार की यात्रा की और पहले से एकत्रित तकनीकी साक्ष्यों की समीक्षा के बाद कैलाश बर्मन के रूप में पहचाने गए व्यक्ति के घर की तलाशी ली।

तलाशी के दौरान, पीड़िता का फोन सहित अन्य सामान जैसे कपड़े और पहचान पत्र बरामद किए गए। पुलिस आयुक्त ने कहा कि जैसा कि कैलाश बर्मन ने कहा है कि एक व्यक्ति माता प्रसाद पाण्डेय हर साल जून और जुलाई में गांव आते थे। पांडे पिछले आठ वर्षों से इस प्रथा को जारी रखे हुए हैं। वर्ष 2019 में पांडे बर्मन के घर गए और पीड़िता का सामान यह कहकर छोड़ गए कि यह उनकी संपत्ति है और वह बाद में उन्हें उठा लेंगे।

पुलिस अधिकारी ने कहा कि इसी साल 25 मार्च को 50 वर्षीय माता प्रसाद पांडेय को मध्य प्रदेश के जबलपुर से हिरासत में लिया गया था। आगे की पूछताछ में पता चला कि 18 और 19 जून, 2019 की दरमियानी रात भूतनाथ (गुवाहाटी) में एक कपाली पूजा आयोजित की गई थी, जिसमें पीड़िता भी शामिल थी और इसमें 12 लोग शामिल हुए थे। पूजा करने वाले लोगों ने शराब का सेवन भी किया था। पीड़िता को भी शराब पिलाई गई थी।

इसके बाद वे कामाख्या के श्मशान घाट गए और वहां दूसरी पूजा की। इसके बाद पुरुषों ने मानव बलि के नाम पर कामाख्या के जॉय दुर्गा मंदिर में पीड़िता का सिर काट दिया। पांडे और अन्य लोगों ने पीड़ित के सिर को एक बैग में पैक किया और गुवाहाटी छोड़ने से पहले उसे ब्रह्मपुत्र नदी में फेंक दिया।

पांडेय के कबूलनामे के आधार पर पुलिस ने गुवाहाटी के भूतनाथ से 56 वर्षीय सुरेश पासवान, 62 वर्षीय कानू आचार्जी, 60 वर्षीय भैयाराम मौर्य को भी गिरफ्तार किया है, जबकि 52 वर्षीय प्रदीप पाठक को मथुरा से गिरफ्तार किया गया है।

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19 जून 2019 को कामाख्या में जॉय दुर्गा मंदिर की सीढ़ियों पर एक महिला की सिर कटी लाश मिली थी, जिसके बाद एक जांच शुरू की गई थी।

गुवाहाटी के पुलिस आयुक्त दिगंता बाराह ने मीडिया को बताया कि पीड़िता अंबुबाची मेले के दौरान कामाख्या मंदिर गई थी और उस समय वह लापता हो गई थी।

उन्होंने कहा कि जून 2019 को जॉय दुर्गा मंदिर की सीढ़ी पर एक अज्ञात महिला का सिर कटा हुआ शव देखा गया था। एक पुलिस स्टेशन में इस संबंध में सूओ-मोटो मामला दर्ज किए जाने के बाद गहन जांच शुरू की गई थी।

पुलिस अधिकारी ने कहा कि लगभग एक महीने बाद, पश्चिम बंगाल के हुगली के टाटीपारा के निवासी सुरेश शॉ गुवाहाटी के जालुकबाड़ी पुलिस स्टेशन आए और पीड़िता को उसके कपड़ों और अन्य पहचान चिह्नें के आधार पर उसकी मां शांति शॉ के रूप में पहचाना।

उन्होंने आगे कहा कि घटना की जांच के लिए एक विशेष पुलिस दल का गठन किया गया था। इस साल 18 मार्च को, विशेष पुलिस दस्ते ने पश्चिम बंगाल के कूचबिहार की यात्रा की और पहले से एकत्रित तकनीकी साक्ष्यों की समीक्षा के बाद कैलाश बर्मन के रूप में पहचाने गए व्यक्ति के घर की तलाशी ली।

तलाशी के दौरान, पीड़िता का फोन सहित अन्य सामान जैसे कपड़े और पहचान पत्र बरामद किए गए। पुलिस आयुक्त ने कहा कि जैसा कि कैलाश बर्मन ने कहा है कि एक व्यक्ति माता प्रसाद पाण्डेय हर साल जून और जुलाई में गांव आते थे। पांडे पिछले आठ वर्षों से इस प्रथा को जारी रखे हुए हैं। वर्ष 2019 में पांडे बर्मन के घर गए और पीड़िता का सामान यह कहकर छोड़ गए कि यह उनकी संपत्ति है और वह बाद में उन्हें उठा लेंगे।

पुलिस अधिकारी ने कहा कि इसी साल 25 मार्च को 50 वर्षीय माता प्रसाद पांडेय को मध्य प्रदेश के जबलपुर से हिरासत में लिया गया था। आगे की पूछताछ में पता चला कि 18 और 19 जून, 2019 की दरमियानी रात भूतनाथ (गुवाहाटी) में एक कपाली पूजा आयोजित की गई थी, जिसमें पीड़िता भी शामिल थी और इसमें 12 लोग शामिल हुए थे। पूजा करने वाले लोगों ने शराब का सेवन भी किया था। पीड़िता को भी शराब पिलाई गई थी।

इसके बाद वे कामाख्या के श्मशान घाट गए और वहां दूसरी पूजा की। इसके बाद पुरुषों ने मानव बलि के नाम पर कामाख्या के जॉय दुर्गा मंदिर में पीड़िता का सिर काट दिया। पांडे और अन्य लोगों ने पीड़ित के सिर को एक बैग में पैक किया और गुवाहाटी छोड़ने से पहले उसे ब्रह्मपुत्र नदी में फेंक दिया।

पांडेय के कबूलनामे के आधार पर पुलिस ने गुवाहाटी के भूतनाथ से 56 वर्षीय सुरेश पासवान, 62 वर्षीय कानू आचार्जी, 60 वर्षीय भैयाराम मौर्य को भी गिरफ्तार किया है, जबकि 52 वर्षीय प्रदीप पाठक को मथुरा से गिरफ्तार किया गया है।

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19 जून 2019 को कामाख्या में जॉय दुर्गा मंदिर की सीढ़ियों पर एक महिला की सिर कटी लाश मिली थी, जिसके बाद एक जांच शुरू की गई थी।

गुवाहाटी के पुलिस आयुक्त दिगंता बाराह ने मीडिया को बताया कि पीड़िता अंबुबाची मेले के दौरान कामाख्या मंदिर गई थी और उस समय वह लापता हो गई थी।

उन्होंने कहा कि जून 2019 को जॉय दुर्गा मंदिर की सीढ़ी पर एक अज्ञात महिला का सिर कटा हुआ शव देखा गया था। एक पुलिस स्टेशन में इस संबंध में सूओ-मोटो मामला दर्ज किए जाने के बाद गहन जांच शुरू की गई थी।

पुलिस अधिकारी ने कहा कि लगभग एक महीने बाद, पश्चिम बंगाल के हुगली के टाटीपारा के निवासी सुरेश शॉ गुवाहाटी के जालुकबाड़ी पुलिस स्टेशन आए और पीड़िता को उसके कपड़ों और अन्य पहचान चिह्नें के आधार पर उसकी मां शांति शॉ के रूप में पहचाना।

उन्होंने आगे कहा कि घटना की जांच के लिए एक विशेष पुलिस दल का गठन किया गया था। इस साल 18 मार्च को, विशेष पुलिस दस्ते ने पश्चिम बंगाल के कूचबिहार की यात्रा की और पहले से एकत्रित तकनीकी साक्ष्यों की समीक्षा के बाद कैलाश बर्मन के रूप में पहचाने गए व्यक्ति के घर की तलाशी ली।

तलाशी के दौरान, पीड़िता का फोन सहित अन्य सामान जैसे कपड़े और पहचान पत्र बरामद किए गए। पुलिस आयुक्त ने कहा कि जैसा कि कैलाश बर्मन ने कहा है कि एक व्यक्ति माता प्रसाद पाण्डेय हर साल जून और जुलाई में गांव आते थे। पांडे पिछले आठ वर्षों से इस प्रथा को जारी रखे हुए हैं। वर्ष 2019 में पांडे बर्मन के घर गए और पीड़िता का सामान यह कहकर छोड़ गए कि यह उनकी संपत्ति है और वह बाद में उन्हें उठा लेंगे।

पुलिस अधिकारी ने कहा कि इसी साल 25 मार्च को 50 वर्षीय माता प्रसाद पांडेय को मध्य प्रदेश के जबलपुर से हिरासत में लिया गया था। आगे की पूछताछ में पता चला कि 18 और 19 जून, 2019 की दरमियानी रात भूतनाथ (गुवाहाटी) में एक कपाली पूजा आयोजित की गई थी, जिसमें पीड़िता भी शामिल थी और इसमें 12 लोग शामिल हुए थे। पूजा करने वाले लोगों ने शराब का सेवन भी किया था। पीड़िता को भी शराब पिलाई गई थी।

इसके बाद वे कामाख्या के श्मशान घाट गए और वहां दूसरी पूजा की। इसके बाद पुरुषों ने मानव बलि के नाम पर कामाख्या के जॉय दुर्गा मंदिर में पीड़िता का सिर काट दिया। पांडे और अन्य लोगों ने पीड़ित के सिर को एक बैग में पैक किया और गुवाहाटी छोड़ने से पहले उसे ब्रह्मपुत्र नदी में फेंक दिया।

पांडेय के कबूलनामे के आधार पर पुलिस ने गुवाहाटी के भूतनाथ से 56 वर्षीय सुरेश पासवान, 62 वर्षीय कानू आचार्जी, 60 वर्षीय भैयाराम मौर्य को भी गिरफ्तार किया है, जबकि 52 वर्षीय प्रदीप पाठक को मथुरा से गिरफ्तार किया गया है।

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19 जून 2019 को कामाख्या में जॉय दुर्गा मंदिर की सीढ़ियों पर एक महिला की सिर कटी लाश मिली थी, जिसके बाद एक जांच शुरू की गई थी।

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उन्होंने कहा कि जून 2019 को जॉय दुर्गा मंदिर की सीढ़ी पर एक अज्ञात महिला का सिर कटा हुआ शव देखा गया था। एक पुलिस स्टेशन में इस संबंध में सूओ-मोटो मामला दर्ज किए जाने के बाद गहन जांच शुरू की गई थी।

पुलिस अधिकारी ने कहा कि लगभग एक महीने बाद, पश्चिम बंगाल के हुगली के टाटीपारा के निवासी सुरेश शॉ गुवाहाटी के जालुकबाड़ी पुलिस स्टेशन आए और पीड़िता को उसके कपड़ों और अन्य पहचान चिह्नें के आधार पर उसकी मां शांति शॉ के रूप में पहचाना।

उन्होंने आगे कहा कि घटना की जांच के लिए एक विशेष पुलिस दल का गठन किया गया था। इस साल 18 मार्च को, विशेष पुलिस दस्ते ने पश्चिम बंगाल के कूचबिहार की यात्रा की और पहले से एकत्रित तकनीकी साक्ष्यों की समीक्षा के बाद कैलाश बर्मन के रूप में पहचाने गए व्यक्ति के घर की तलाशी ली।

तलाशी के दौरान, पीड़िता का फोन सहित अन्य सामान जैसे कपड़े और पहचान पत्र बरामद किए गए। पुलिस आयुक्त ने कहा कि जैसा कि कैलाश बर्मन ने कहा है कि एक व्यक्ति माता प्रसाद पाण्डेय हर साल जून और जुलाई में गांव आते थे। पांडे पिछले आठ वर्षों से इस प्रथा को जारी रखे हुए हैं। वर्ष 2019 में पांडे बर्मन के घर गए और पीड़िता का सामान यह कहकर छोड़ गए कि यह उनकी संपत्ति है और वह बाद में उन्हें उठा लेंगे।

पुलिस अधिकारी ने कहा कि इसी साल 25 मार्च को 50 वर्षीय माता प्रसाद पांडेय को मध्य प्रदेश के जबलपुर से हिरासत में लिया गया था। आगे की पूछताछ में पता चला कि 18 और 19 जून, 2019 की दरमियानी रात भूतनाथ (गुवाहाटी) में एक कपाली पूजा आयोजित की गई थी, जिसमें पीड़िता भी शामिल थी और इसमें 12 लोग शामिल हुए थे। पूजा करने वाले लोगों ने शराब का सेवन भी किया था। पीड़िता को भी शराब पिलाई गई थी।

इसके बाद वे कामाख्या के श्मशान घाट गए और वहां दूसरी पूजा की। इसके बाद पुरुषों ने मानव बलि के नाम पर कामाख्या के जॉय दुर्गा मंदिर में पीड़िता का सिर काट दिया। पांडे और अन्य लोगों ने पीड़ित के सिर को एक बैग में पैक किया और गुवाहाटी छोड़ने से पहले उसे ब्रह्मपुत्र नदी में फेंक दिया।

पांडेय के कबूलनामे के आधार पर पुलिस ने गुवाहाटी के भूतनाथ से 56 वर्षीय सुरेश पासवान, 62 वर्षीय कानू आचार्जी, 60 वर्षीय भैयाराम मौर्य को भी गिरफ्तार किया है, जबकि 52 वर्षीय प्रदीप पाठक को मथुरा से गिरफ्तार किया गया है।

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19 जून 2019 को कामाख्या में जॉय दुर्गा मंदिर की सीढ़ियों पर एक महिला की सिर कटी लाश मिली थी, जिसके बाद एक जांच शुरू की गई थी।

गुवाहाटी के पुलिस आयुक्त दिगंता बाराह ने मीडिया को बताया कि पीड़िता अंबुबाची मेले के दौरान कामाख्या मंदिर गई थी और उस समय वह लापता हो गई थी।

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