नागपुर, 21 मार्च (आईएएनएस)। महाराष्ट्र के नागपुर में इस सप्ताह के आरंभ में हुई हिंसा के मामले में एक समूह विशेष को निशाना बनाए जाने और दूसरे के प्रति नरमी के आरोपों को खारिज करते हुए शहर के पुलिस कमिश्नर रवींद्र सिंघल ने शुक्रवार को दावा किया कि पुलिस की कार्रवाई पूरी तरह से निष्पक्ष है।
रवींद्र सिंघल ने बताया कि गुरुवार को कर्फ्यू में ढील दी गई थी। दो थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू पूरी तरह से हटा लिया गया है। आगे की स्थिति का आकलन शुक्रवार शाम तक किया जाएगा और उसके बाद उचित निर्णय लिया जाएगा।
कानून व्यवस्था की स्थिति पर उन्होंने कहा, “अब तक 99 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। हम निष्पक्ष जांच सुनिश्चित कर रहे हैं।”
पक्षपात के आरोपों पर सिंघल ने स्पष्ट किया कि जब भी इस तरह की घटनाएं होती हैं, तो पुलिस सोशल मीडिया पोस्ट, फोटोग्राफ और वीडियो की जांच करती है।
उन्होंने कहा, “पुलिस जो भी कार्रवाई कर रही है, वह पूरी तरह से निष्पक्ष है। जो लोग दोषी हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। हमारे अधिकारी वीडियो और साइबर साक्ष्यों की गहरी जांच कर रहे हैं।”
उन्होंने बताया कि जांच के हर पहलू को ध्यान में रखते हुए कार्रवाई की जा रही है। जिन आरोपियों को पुलिस कस्टडी में रखा गया है, उनकी पीसीआर (पुलिस कस्टडी रिमांड) खत्म होने के बाद, रिमांड बढ़ाने की मांग कोर्ट से की जाएगी, ताकि और अधिक तहकीकात की जा सके।
शुक्रवार की नमाज के मद्देनजर सुरक्षा के सवाल पर उन्होंने कहा, “हमने पूरी स्थिति का उचित आकलन किया और इसके बाद सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं।”
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को विधानसभा में नागपुर हिंसा के बारे में स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा था कि इस मामले में जांच जारी है और फिलहाल शहर में शांति बनी हुई है।
उन्होंने कहा कि नागपुर में 1992 के बाद से कभी दंगे नहीं हुए और यह हालिया घटनाएं जानबूझकर भड़काई गईं। जिन लोगों का इस हिंसा में हाथ है, उन्हें “कब्र से भी खोदकर हम बाहर निकालेंगे”।
उल्लेखनीय है कि नागपुर में सोमवार शाम हिंसा हुई, जिसमें कई पुलिस अधिकारी और अन्य पुलिसकर्मी घायल हो गए। हिंसा के बाद बड़ी संख्या में नामजद और अज्ञात लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है। साथ ही कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है।
इस हिंसा में उपद्रवियों ने कई गाड़ियों में आग लगा दी थी और तोड़फोड़ की थी। हिंसा की शुरुआत तब हुई जब दो गुटों के बीच तनाव बढ़ा और स्थिति बेकाबू हो गई। पथराव, आगजनी और तोड़फोड़ के कारण इलाके में तनाव फैल गया है। स्थिति को देखते हुए पुलिस की तैनाती बढ़ा दी गई है।
–आईएएनएस
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