कोलकाता, 11 मई (आईएएनएस)। उत्तर दिनाजपुर जिले के कलियागंज में एक नाबालिग लड़की से कथित दुष्कर्म और हत्या के मामले में राज्य पुलिस द्वारा जांच की धीमी प्रगति पर निराशा जताते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट ने गुरुवार को तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया, जिसमें दो सेवानिवृत्त अधिकारियों को शामिल किया गया है।
न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा द्वारा गठित एसआईटी में कोलकाता पुलिस के विशेष आयुक्त दमयंती सेन, सेवानिवृत्त आईजी पंकज दत्ता और सीबीआई के सेवानिवृत्त संयुक्त निदेशक उपेन बिस्वास शामिल हैं।
एसआईटी की जांच हाईकोर्ट की सीधी निगरानी में होगी। एसआईटी के गठन का आदेश देते हुए जस्टिस मंथा ने कहा कि चूंकि मौजूदा जांच टीम काफी दबाव में है, इसलिए मामला एसआईटी को सौंपा जा रहा है।
साथ ही, न्यायमूर्ति मंथा ने एसआईटी के तीन सदस्यों पर सार्वजनिक क्षेत्र में मामले से संबंधित किसी भी बात पर चर्चा नहीं करने पर भी रोक लगा दी।
दत्ता और बिस्वास, दोनों अलग-अलग क्षेत्रीय समाचार चैनलों द्वारा आयोजित टेलीविजन बहसों में काफी नियमित हैं।
न्यायमूर्ति मंथा ने आदेश पारित करते हुए एसआईटी को यह भी अधिकृत किया कि यदि टीम के सदस्य आवश्यक समझें तो पीड़िता के शव के दोबारा पोस्टमार्टम की व्यवस्था करें।
उन्होंने राज्य पुलिस को केस डायरी सहित मामले से जुड़े सभी दस्तावेज जल्द से जल्द एसआईटी को सौंपने का भी निर्देश दिया। पुलिस को अगली सुनवाई से पहले इस मामले में प्रारंभिक जांच रिपोर्ट पेश करने का भी निर्देश दिया गया है।
न्यायमूर्ति मंथा ने पुलिस को पीड़ित नाबालिग लड़की के परिवार के सदस्यों के लिए सुरक्षा व्यवस्था करने का भी निर्देश दिया।
याद करने के लिए 25 अप्रैल को नाबालिग लड़की के कथित दुष्कर्म और हत्या के खिलाफ स्थानीय लोगों द्वारा हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद कालियागंज के कुछ हिस्सों को युद्ध के मैदान में बदल दिया गया था।
पीड़िता के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने सबूत मिटाने की नीयत से फौरन शव को वहां से हटा दिया। किशोरी के शव को घसीटते हुए देखे गए नाबालिग लड़की की मौत के मामले में चार एएसआई को निलंबित कर दिया गया है।
–आईएएनएस
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