नई दिल्ली, 6 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को लेकर आईएएनएस से खास बातचीत की। उन्होंने कहा, “कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, मध्य प्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री भी रहे हैं, वो किसान परिवार से आते हैं। उनको किसानों के हालात के बारे में सब पता है।”
किसान नेता नरेश टिकैत ने कहा कि हम “कृषि मंत्री को धन्यवाद देना चाहते हैं कि उन्होंने संसद में किसानों की बात उठाई। इनके ऊपर देश के किसानों की जिम्मेदारी है।” सदन में कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने जो बजट पेश किया है, उसमें जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी बढ़ा दिया गया है। इस पर किसान नेता ने कहा, स्वास्थ्य बीमा को जीएसटी से दूर रखना चाहिए।”
बता दें कि कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोकसभा में किसान को दिए जा रहे बीमा कवरेज के बारे में बताया। उन्होंने सदन में विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए बताया कि भाजपा सरकार किसान को कितने प्रकार की बीमा कवरेज दे रही है और किसान इससे कैसे लाभान्वित हो सकते हैं।
शिवराज सिंह चौहान ने पांच अगस्त को कांग्रेस के शासन में किसानों की हत्या को लेकर विपक्षी पार्टी को घेरा। उन्होंने विपक्ष पर भड़कते हुए कहा था मुझे छेड़ोगे तो छोडूंगा नहीं। जब कांग्रेस राज्य में सत्ता में थी, तब किसान मारे गए थे। दिग्विजय सिंह के हाथ खून से सने हैं। इनके कार्यकाल में 24 किसानों को मारा गया।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सदन में कांग्रेस शासन के दौरान हुए गोलीकांड को गिनाते हुए कहा कि साल 1986 में जब कांग्रेस की सरकार बिहार में थी, तब गोलीबारी में 23 किसान मारे गए थे। 1988 में दिल्ली में इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर गोली चलाई गई थी, उसमें दो किसान मारे गए थे। 1988 में ही मेरठ में किसानों पर गोलीबारी हुई थी और 5 किसान मारे गए थे, 23 अगस्त 1995 में हरियाणा में कांग्रेस सरकार ने गोली चलवाई, इसमें 6 किसान मारे गए थे। 19 जनवरी 1998 को मुलताई, एमपी में किसानों पर गोली चली, तब 24 किसान मारे गए।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने किसानों को सीधी मदद की बात की, लेकिन कभी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि जैसी योजना नहीं बनाई। यह योजना हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बनाई। उन्हें (विपक्ष) समझ में नहीं आएगा, लेकिन छोटे किसानों के लिए 6,000 रुपये की राशि मायने रखती है। इस किसान सम्मान निधि के कारण किसान आत्मनिर्भर बने हैं,सशक्त भी हुए हैं और उनका सम्मान भी बढ़ा है। उन्हें (विपक्ष) किसानों का सम्मान नहीं दिख रहा है।
–आईएएनएस
एससीएच/सीबीटी
नई दिल्ली, 6 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को लेकर आईएएनएस से खास बातचीत की। उन्होंने कहा, “कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, मध्य प्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री भी रहे हैं, वो किसान परिवार से आते हैं। उनको किसानों के हालात के बारे में सब पता है।”
किसान नेता नरेश टिकैत ने कहा कि हम “कृषि मंत्री को धन्यवाद देना चाहते हैं कि उन्होंने संसद में किसानों की बात उठाई। इनके ऊपर देश के किसानों की जिम्मेदारी है।” सदन में कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने जो बजट पेश किया है, उसमें जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी बढ़ा दिया गया है। इस पर किसान नेता ने कहा, स्वास्थ्य बीमा को जीएसटी से दूर रखना चाहिए।”
बता दें कि कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोकसभा में किसान को दिए जा रहे बीमा कवरेज के बारे में बताया। उन्होंने सदन में विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए बताया कि भाजपा सरकार किसान को कितने प्रकार की बीमा कवरेज दे रही है और किसान इससे कैसे लाभान्वित हो सकते हैं।
शिवराज सिंह चौहान ने पांच अगस्त को कांग्रेस के शासन में किसानों की हत्या को लेकर विपक्षी पार्टी को घेरा। उन्होंने विपक्ष पर भड़कते हुए कहा था मुझे छेड़ोगे तो छोडूंगा नहीं। जब कांग्रेस राज्य में सत्ता में थी, तब किसान मारे गए थे। दिग्विजय सिंह के हाथ खून से सने हैं। इनके कार्यकाल में 24 किसानों को मारा गया।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सदन में कांग्रेस शासन के दौरान हुए गोलीकांड को गिनाते हुए कहा कि साल 1986 में जब कांग्रेस की सरकार बिहार में थी, तब गोलीबारी में 23 किसान मारे गए थे। 1988 में दिल्ली में इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर गोली चलाई गई थी, उसमें दो किसान मारे गए थे। 1988 में ही मेरठ में किसानों पर गोलीबारी हुई थी और 5 किसान मारे गए थे, 23 अगस्त 1995 में हरियाणा में कांग्रेस सरकार ने गोली चलवाई, इसमें 6 किसान मारे गए थे। 19 जनवरी 1998 को मुलताई, एमपी में किसानों पर गोली चली, तब 24 किसान मारे गए।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने किसानों को सीधी मदद की बात की, लेकिन कभी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि जैसी योजना नहीं बनाई। यह योजना हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बनाई। उन्हें (विपक्ष) समझ में नहीं आएगा, लेकिन छोटे किसानों के लिए 6,000 रुपये की राशि मायने रखती है। इस किसान सम्मान निधि के कारण किसान आत्मनिर्भर बने हैं,सशक्त भी हुए हैं और उनका सम्मान भी बढ़ा है। उन्हें (विपक्ष) किसानों का सम्मान नहीं दिख रहा है।
–आईएएनएस
एससीएच/सीबीटी