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कुमारस्‍वामी ने कहा, पता नहीं कर्नाटक का ‘अजित पवार’ कौन बनेगा?

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July 3, 2023
in राष्ट्रीय
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कुमारस्‍वामी ने कहा, पता नहीं कर्नाटक का ‘अजित पवार’ कौन बनेगा?
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बेंगलुरु, 3 जुलाई (आईएएनएस)। महाराष्ट्र की राजनीति में विकास पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने सोमवार को कहा कि उन्हें नहीं पता कि कर्नाटक में ‘अजित पवार’ के रूप में कौन सामने आएगा।

पत्रकारों से बात करते हुए कुमारस्वामी ने कहा, “अजित पवार के फैसले के बारे में कल के चौंकाने वाले घटनाक्रम के बाद मुझे डर लग रहा है कि कर्नाटक से अगले अजित पवार के रूप में कौन उभरने वाला है।”

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सूत्रों ने बताया कि कुमारस्वामी का इशारा उपमुख्यमंत्री और कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार की ओर था।

अपने नेता के मुख्यमंत्री पद से चूकने पर शिवकुमार खेमे की नाखुशी राज्य में सर्वविदित है।

शिवकुमार के खेमे का कहना है कि नेताओं के बीच सत्ता साझेदारी का फॉर्मूला है और दोनों के पास सीएम के रूप में ढाई-ढाई साल का कार्यकाल होगा।

हालांकि, मुख्यमंत्री सिद्दारमैया का खेमा पुरजोर दावा कर रहा है कि उनके नेता ही पूर्णकालिक मुख्यमंत्री होंगे।

इस संबंध में बयानों से भारी एवं मध्यम उद्योग मंत्री एम.बी. पाटिल और बेंगलुरु ग्रामीण सांसद तथा शिवकुमार के छोटे भाई डी.के. सुरेश के बीच वाक् युद्ध छिड़ गया था।

समाज कल्याण मंत्री एच.सी. महादेवप्पा ने कहा था कि सीएम सिद्दारमैया पूर्णकालिक सीएम होंगे।

भाजपा ने इस मौके का फायदा उठाते हुए कांग्रेस पार्टी पर हमला बोल दिया।

मैसूर से भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा ने सीएम सिद्दारमैया को चुनौती दी थी कि वह यह घोषित करें कि वह पांच साल के लिए सीएम रहेंगे।

भाजपा विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने शिवकुमार के पूर्व सीएम बसवराज बोम्मई के आवास पर जाने पर टिप्पणी करते हुए कहा कि शिवकुमार कांग्रेस आलाकमान को संकेत भेज रहे हैं कि अगर उन्हें सीएम नहीं बनाया गया तो उन्हें पता है कि किससे संपर्क करना है।

शिवकुमार ने एक समारोह में भाग लेते हुए कहा कि राजनीति में यह जरूरी नहीं है कि जो लोग कड़ी मेहनत और संघर्ष करते हैं उन्हें शीर्ष पद मिले।

शिवकुमार ने पूर्व सीएम केंगल हनुमंतैया के बारे में बोलते हुए कहा था, “जो मेहनत करते हैं वे अलग हैं और जो सत्ता की कुर्सी का आनंद लेते हैं वे अलग हैं।” तब बदले हुए राजनीतिक परिदृश्य में केंगल हनुमंतैया को इस्तीफा देना पड़ा था।

इस बारे में पूछे जाने पर शिवकुमार ने कहा था कि सरकार सुचारू रूप से आगे बढ़ रही है और सभी पांच गारंटी देने पर ध्यान केंद्रित है।

उनके करीबी सूत्र बताते हैं कि शिवकुमार परेशान हैं। सीएम सिद्दारमैया के कार्यकाल को लेकर हाईकमान भी चुप्पी साधे हुए है, जिससे अटकलें तेज हो रही हैं।

–आईएएनएस

एकेजे

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बेंगलुरु, 3 जुलाई (आईएएनएस)। महाराष्ट्र की राजनीति में विकास पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने सोमवार को कहा कि उन्हें नहीं पता कि कर्नाटक में ‘अजित पवार’ के रूप में कौन सामने आएगा।

पत्रकारों से बात करते हुए कुमारस्वामी ने कहा, “अजित पवार के फैसले के बारे में कल के चौंकाने वाले घटनाक्रम के बाद मुझे डर लग रहा है कि कर्नाटक से अगले अजित पवार के रूप में कौन उभरने वाला है।”

सूत्रों ने बताया कि कुमारस्वामी का इशारा उपमुख्यमंत्री और कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार की ओर था।

अपने नेता के मुख्यमंत्री पद से चूकने पर शिवकुमार खेमे की नाखुशी राज्य में सर्वविदित है।

शिवकुमार के खेमे का कहना है कि नेताओं के बीच सत्ता साझेदारी का फॉर्मूला है और दोनों के पास सीएम के रूप में ढाई-ढाई साल का कार्यकाल होगा।

हालांकि, मुख्यमंत्री सिद्दारमैया का खेमा पुरजोर दावा कर रहा है कि उनके नेता ही पूर्णकालिक मुख्यमंत्री होंगे।

इस संबंध में बयानों से भारी एवं मध्यम उद्योग मंत्री एम.बी. पाटिल और बेंगलुरु ग्रामीण सांसद तथा शिवकुमार के छोटे भाई डी.के. सुरेश के बीच वाक् युद्ध छिड़ गया था।

समाज कल्याण मंत्री एच.सी. महादेवप्पा ने कहा था कि सीएम सिद्दारमैया पूर्णकालिक सीएम होंगे।

भाजपा ने इस मौके का फायदा उठाते हुए कांग्रेस पार्टी पर हमला बोल दिया।

मैसूर से भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा ने सीएम सिद्दारमैया को चुनौती दी थी कि वह यह घोषित करें कि वह पांच साल के लिए सीएम रहेंगे।

भाजपा विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने शिवकुमार के पूर्व सीएम बसवराज बोम्मई के आवास पर जाने पर टिप्पणी करते हुए कहा कि शिवकुमार कांग्रेस आलाकमान को संकेत भेज रहे हैं कि अगर उन्हें सीएम नहीं बनाया गया तो उन्हें पता है कि किससे संपर्क करना है।

शिवकुमार ने एक समारोह में भाग लेते हुए कहा कि राजनीति में यह जरूरी नहीं है कि जो लोग कड़ी मेहनत और संघर्ष करते हैं उन्हें शीर्ष पद मिले।

शिवकुमार ने पूर्व सीएम केंगल हनुमंतैया के बारे में बोलते हुए कहा था, “जो मेहनत करते हैं वे अलग हैं और जो सत्ता की कुर्सी का आनंद लेते हैं वे अलग हैं।” तब बदले हुए राजनीतिक परिदृश्य में केंगल हनुमंतैया को इस्तीफा देना पड़ा था।

इस बारे में पूछे जाने पर शिवकुमार ने कहा था कि सरकार सुचारू रूप से आगे बढ़ रही है और सभी पांच गारंटी देने पर ध्यान केंद्रित है।

उनके करीबी सूत्र बताते हैं कि शिवकुमार परेशान हैं। सीएम सिद्दारमैया के कार्यकाल को लेकर हाईकमान भी चुप्पी साधे हुए है, जिससे अटकलें तेज हो रही हैं।

–आईएएनएस

एकेजे

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बेंगलुरु, 3 जुलाई (आईएएनएस)। महाराष्ट्र की राजनीति में विकास पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने सोमवार को कहा कि उन्हें नहीं पता कि कर्नाटक में ‘अजित पवार’ के रूप में कौन सामने आएगा।

पत्रकारों से बात करते हुए कुमारस्वामी ने कहा, “अजित पवार के फैसले के बारे में कल के चौंकाने वाले घटनाक्रम के बाद मुझे डर लग रहा है कि कर्नाटक से अगले अजित पवार के रूप में कौन उभरने वाला है।”

सूत्रों ने बताया कि कुमारस्वामी का इशारा उपमुख्यमंत्री और कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार की ओर था।

अपने नेता के मुख्यमंत्री पद से चूकने पर शिवकुमार खेमे की नाखुशी राज्य में सर्वविदित है।

शिवकुमार के खेमे का कहना है कि नेताओं के बीच सत्ता साझेदारी का फॉर्मूला है और दोनों के पास सीएम के रूप में ढाई-ढाई साल का कार्यकाल होगा।

हालांकि, मुख्यमंत्री सिद्दारमैया का खेमा पुरजोर दावा कर रहा है कि उनके नेता ही पूर्णकालिक मुख्यमंत्री होंगे।

इस संबंध में बयानों से भारी एवं मध्यम उद्योग मंत्री एम.बी. पाटिल और बेंगलुरु ग्रामीण सांसद तथा शिवकुमार के छोटे भाई डी.के. सुरेश के बीच वाक् युद्ध छिड़ गया था।

समाज कल्याण मंत्री एच.सी. महादेवप्पा ने कहा था कि सीएम सिद्दारमैया पूर्णकालिक सीएम होंगे।

भाजपा ने इस मौके का फायदा उठाते हुए कांग्रेस पार्टी पर हमला बोल दिया।

मैसूर से भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा ने सीएम सिद्दारमैया को चुनौती दी थी कि वह यह घोषित करें कि वह पांच साल के लिए सीएम रहेंगे।

भाजपा विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने शिवकुमार के पूर्व सीएम बसवराज बोम्मई के आवास पर जाने पर टिप्पणी करते हुए कहा कि शिवकुमार कांग्रेस आलाकमान को संकेत भेज रहे हैं कि अगर उन्हें सीएम नहीं बनाया गया तो उन्हें पता है कि किससे संपर्क करना है।

शिवकुमार ने एक समारोह में भाग लेते हुए कहा कि राजनीति में यह जरूरी नहीं है कि जो लोग कड़ी मेहनत और संघर्ष करते हैं उन्हें शीर्ष पद मिले।

शिवकुमार ने पूर्व सीएम केंगल हनुमंतैया के बारे में बोलते हुए कहा था, “जो मेहनत करते हैं वे अलग हैं और जो सत्ता की कुर्सी का आनंद लेते हैं वे अलग हैं।” तब बदले हुए राजनीतिक परिदृश्य में केंगल हनुमंतैया को इस्तीफा देना पड़ा था।

इस बारे में पूछे जाने पर शिवकुमार ने कहा था कि सरकार सुचारू रूप से आगे बढ़ रही है और सभी पांच गारंटी देने पर ध्यान केंद्रित है।

उनके करीबी सूत्र बताते हैं कि शिवकुमार परेशान हैं। सीएम सिद्दारमैया के कार्यकाल को लेकर हाईकमान भी चुप्पी साधे हुए है, जिससे अटकलें तेज हो रही हैं।

–आईएएनएस

एकेजे

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बेंगलुरु, 3 जुलाई (आईएएनएस)। महाराष्ट्र की राजनीति में विकास पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने सोमवार को कहा कि उन्हें नहीं पता कि कर्नाटक में ‘अजित पवार’ के रूप में कौन सामने आएगा।

पत्रकारों से बात करते हुए कुमारस्वामी ने कहा, “अजित पवार के फैसले के बारे में कल के चौंकाने वाले घटनाक्रम के बाद मुझे डर लग रहा है कि कर्नाटक से अगले अजित पवार के रूप में कौन उभरने वाला है।”

सूत्रों ने बताया कि कुमारस्वामी का इशारा उपमुख्यमंत्री और कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार की ओर था।

अपने नेता के मुख्यमंत्री पद से चूकने पर शिवकुमार खेमे की नाखुशी राज्य में सर्वविदित है।

शिवकुमार के खेमे का कहना है कि नेताओं के बीच सत्ता साझेदारी का फॉर्मूला है और दोनों के पास सीएम के रूप में ढाई-ढाई साल का कार्यकाल होगा।

हालांकि, मुख्यमंत्री सिद्दारमैया का खेमा पुरजोर दावा कर रहा है कि उनके नेता ही पूर्णकालिक मुख्यमंत्री होंगे।

इस संबंध में बयानों से भारी एवं मध्यम उद्योग मंत्री एम.बी. पाटिल और बेंगलुरु ग्रामीण सांसद तथा शिवकुमार के छोटे भाई डी.के. सुरेश के बीच वाक् युद्ध छिड़ गया था।

समाज कल्याण मंत्री एच.सी. महादेवप्पा ने कहा था कि सीएम सिद्दारमैया पूर्णकालिक सीएम होंगे।

भाजपा ने इस मौके का फायदा उठाते हुए कांग्रेस पार्टी पर हमला बोल दिया।

मैसूर से भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा ने सीएम सिद्दारमैया को चुनौती दी थी कि वह यह घोषित करें कि वह पांच साल के लिए सीएम रहेंगे।

भाजपा विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने शिवकुमार के पूर्व सीएम बसवराज बोम्मई के आवास पर जाने पर टिप्पणी करते हुए कहा कि शिवकुमार कांग्रेस आलाकमान को संकेत भेज रहे हैं कि अगर उन्हें सीएम नहीं बनाया गया तो उन्हें पता है कि किससे संपर्क करना है।

शिवकुमार ने एक समारोह में भाग लेते हुए कहा कि राजनीति में यह जरूरी नहीं है कि जो लोग कड़ी मेहनत और संघर्ष करते हैं उन्हें शीर्ष पद मिले।

शिवकुमार ने पूर्व सीएम केंगल हनुमंतैया के बारे में बोलते हुए कहा था, “जो मेहनत करते हैं वे अलग हैं और जो सत्ता की कुर्सी का आनंद लेते हैं वे अलग हैं।” तब बदले हुए राजनीतिक परिदृश्य में केंगल हनुमंतैया को इस्तीफा देना पड़ा था।

इस बारे में पूछे जाने पर शिवकुमार ने कहा था कि सरकार सुचारू रूप से आगे बढ़ रही है और सभी पांच गारंटी देने पर ध्यान केंद्रित है।

उनके करीबी सूत्र बताते हैं कि शिवकुमार परेशान हैं। सीएम सिद्दारमैया के कार्यकाल को लेकर हाईकमान भी चुप्पी साधे हुए है, जिससे अटकलें तेज हो रही हैं।

–आईएएनएस

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बेंगलुरु, 3 जुलाई (आईएएनएस)। महाराष्ट्र की राजनीति में विकास पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने सोमवार को कहा कि उन्हें नहीं पता कि कर्नाटक में ‘अजित पवार’ के रूप में कौन सामने आएगा।

पत्रकारों से बात करते हुए कुमारस्वामी ने कहा, “अजित पवार के फैसले के बारे में कल के चौंकाने वाले घटनाक्रम के बाद मुझे डर लग रहा है कि कर्नाटक से अगले अजित पवार के रूप में कौन उभरने वाला है।”

सूत्रों ने बताया कि कुमारस्वामी का इशारा उपमुख्यमंत्री और कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार की ओर था।

अपने नेता के मुख्यमंत्री पद से चूकने पर शिवकुमार खेमे की नाखुशी राज्य में सर्वविदित है।

शिवकुमार के खेमे का कहना है कि नेताओं के बीच सत्ता साझेदारी का फॉर्मूला है और दोनों के पास सीएम के रूप में ढाई-ढाई साल का कार्यकाल होगा।

हालांकि, मुख्यमंत्री सिद्दारमैया का खेमा पुरजोर दावा कर रहा है कि उनके नेता ही पूर्णकालिक मुख्यमंत्री होंगे।

इस संबंध में बयानों से भारी एवं मध्यम उद्योग मंत्री एम.बी. पाटिल और बेंगलुरु ग्रामीण सांसद तथा शिवकुमार के छोटे भाई डी.के. सुरेश के बीच वाक् युद्ध छिड़ गया था।

समाज कल्याण मंत्री एच.सी. महादेवप्पा ने कहा था कि सीएम सिद्दारमैया पूर्णकालिक सीएम होंगे।

भाजपा ने इस मौके का फायदा उठाते हुए कांग्रेस पार्टी पर हमला बोल दिया।

मैसूर से भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा ने सीएम सिद्दारमैया को चुनौती दी थी कि वह यह घोषित करें कि वह पांच साल के लिए सीएम रहेंगे।

भाजपा विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने शिवकुमार के पूर्व सीएम बसवराज बोम्मई के आवास पर जाने पर टिप्पणी करते हुए कहा कि शिवकुमार कांग्रेस आलाकमान को संकेत भेज रहे हैं कि अगर उन्हें सीएम नहीं बनाया गया तो उन्हें पता है कि किससे संपर्क करना है।

शिवकुमार ने एक समारोह में भाग लेते हुए कहा कि राजनीति में यह जरूरी नहीं है कि जो लोग कड़ी मेहनत और संघर्ष करते हैं उन्हें शीर्ष पद मिले।

शिवकुमार ने पूर्व सीएम केंगल हनुमंतैया के बारे में बोलते हुए कहा था, “जो मेहनत करते हैं वे अलग हैं और जो सत्ता की कुर्सी का आनंद लेते हैं वे अलग हैं।” तब बदले हुए राजनीतिक परिदृश्य में केंगल हनुमंतैया को इस्तीफा देना पड़ा था।

इस बारे में पूछे जाने पर शिवकुमार ने कहा था कि सरकार सुचारू रूप से आगे बढ़ रही है और सभी पांच गारंटी देने पर ध्यान केंद्रित है।

उनके करीबी सूत्र बताते हैं कि शिवकुमार परेशान हैं। सीएम सिद्दारमैया के कार्यकाल को लेकर हाईकमान भी चुप्पी साधे हुए है, जिससे अटकलें तेज हो रही हैं।

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बेंगलुरु, 3 जुलाई (आईएएनएस)। महाराष्ट्र की राजनीति में विकास पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने सोमवार को कहा कि उन्हें नहीं पता कि कर्नाटक में ‘अजित पवार’ के रूप में कौन सामने आएगा।

पत्रकारों से बात करते हुए कुमारस्वामी ने कहा, “अजित पवार के फैसले के बारे में कल के चौंकाने वाले घटनाक्रम के बाद मुझे डर लग रहा है कि कर्नाटक से अगले अजित पवार के रूप में कौन उभरने वाला है।”

सूत्रों ने बताया कि कुमारस्वामी का इशारा उपमुख्यमंत्री और कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार की ओर था।

अपने नेता के मुख्यमंत्री पद से चूकने पर शिवकुमार खेमे की नाखुशी राज्य में सर्वविदित है।

शिवकुमार के खेमे का कहना है कि नेताओं के बीच सत्ता साझेदारी का फॉर्मूला है और दोनों के पास सीएम के रूप में ढाई-ढाई साल का कार्यकाल होगा।

हालांकि, मुख्यमंत्री सिद्दारमैया का खेमा पुरजोर दावा कर रहा है कि उनके नेता ही पूर्णकालिक मुख्यमंत्री होंगे।

इस संबंध में बयानों से भारी एवं मध्यम उद्योग मंत्री एम.बी. पाटिल और बेंगलुरु ग्रामीण सांसद तथा शिवकुमार के छोटे भाई डी.के. सुरेश के बीच वाक् युद्ध छिड़ गया था।

समाज कल्याण मंत्री एच.सी. महादेवप्पा ने कहा था कि सीएम सिद्दारमैया पूर्णकालिक सीएम होंगे।

भाजपा ने इस मौके का फायदा उठाते हुए कांग्रेस पार्टी पर हमला बोल दिया।

मैसूर से भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा ने सीएम सिद्दारमैया को चुनौती दी थी कि वह यह घोषित करें कि वह पांच साल के लिए सीएम रहेंगे।

भाजपा विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने शिवकुमार के पूर्व सीएम बसवराज बोम्मई के आवास पर जाने पर टिप्पणी करते हुए कहा कि शिवकुमार कांग्रेस आलाकमान को संकेत भेज रहे हैं कि अगर उन्हें सीएम नहीं बनाया गया तो उन्हें पता है कि किससे संपर्क करना है।

शिवकुमार ने एक समारोह में भाग लेते हुए कहा कि राजनीति में यह जरूरी नहीं है कि जो लोग कड़ी मेहनत और संघर्ष करते हैं उन्हें शीर्ष पद मिले।

शिवकुमार ने पूर्व सीएम केंगल हनुमंतैया के बारे में बोलते हुए कहा था, “जो मेहनत करते हैं वे अलग हैं और जो सत्ता की कुर्सी का आनंद लेते हैं वे अलग हैं।” तब बदले हुए राजनीतिक परिदृश्य में केंगल हनुमंतैया को इस्तीफा देना पड़ा था।

इस बारे में पूछे जाने पर शिवकुमार ने कहा था कि सरकार सुचारू रूप से आगे बढ़ रही है और सभी पांच गारंटी देने पर ध्यान केंद्रित है।

उनके करीबी सूत्र बताते हैं कि शिवकुमार परेशान हैं। सीएम सिद्दारमैया के कार्यकाल को लेकर हाईकमान भी चुप्पी साधे हुए है, जिससे अटकलें तेज हो रही हैं।

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बेंगलुरु, 3 जुलाई (आईएएनएस)। महाराष्ट्र की राजनीति में विकास पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने सोमवार को कहा कि उन्हें नहीं पता कि कर्नाटक में ‘अजित पवार’ के रूप में कौन सामने आएगा।

पत्रकारों से बात करते हुए कुमारस्वामी ने कहा, “अजित पवार के फैसले के बारे में कल के चौंकाने वाले घटनाक्रम के बाद मुझे डर लग रहा है कि कर्नाटक से अगले अजित पवार के रूप में कौन उभरने वाला है।”

सूत्रों ने बताया कि कुमारस्वामी का इशारा उपमुख्यमंत्री और कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार की ओर था।

अपने नेता के मुख्यमंत्री पद से चूकने पर शिवकुमार खेमे की नाखुशी राज्य में सर्वविदित है।

शिवकुमार के खेमे का कहना है कि नेताओं के बीच सत्ता साझेदारी का फॉर्मूला है और दोनों के पास सीएम के रूप में ढाई-ढाई साल का कार्यकाल होगा।

हालांकि, मुख्यमंत्री सिद्दारमैया का खेमा पुरजोर दावा कर रहा है कि उनके नेता ही पूर्णकालिक मुख्यमंत्री होंगे।

इस संबंध में बयानों से भारी एवं मध्यम उद्योग मंत्री एम.बी. पाटिल और बेंगलुरु ग्रामीण सांसद तथा शिवकुमार के छोटे भाई डी.के. सुरेश के बीच वाक् युद्ध छिड़ गया था।

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भाजपा ने इस मौके का फायदा उठाते हुए कांग्रेस पार्टी पर हमला बोल दिया।

मैसूर से भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा ने सीएम सिद्दारमैया को चुनौती दी थी कि वह यह घोषित करें कि वह पांच साल के लिए सीएम रहेंगे।

भाजपा विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने शिवकुमार के पूर्व सीएम बसवराज बोम्मई के आवास पर जाने पर टिप्पणी करते हुए कहा कि शिवकुमार कांग्रेस आलाकमान को संकेत भेज रहे हैं कि अगर उन्हें सीएम नहीं बनाया गया तो उन्हें पता है कि किससे संपर्क करना है।

शिवकुमार ने एक समारोह में भाग लेते हुए कहा कि राजनीति में यह जरूरी नहीं है कि जो लोग कड़ी मेहनत और संघर्ष करते हैं उन्हें शीर्ष पद मिले।

शिवकुमार ने पूर्व सीएम केंगल हनुमंतैया के बारे में बोलते हुए कहा था, “जो मेहनत करते हैं वे अलग हैं और जो सत्ता की कुर्सी का आनंद लेते हैं वे अलग हैं।” तब बदले हुए राजनीतिक परिदृश्य में केंगल हनुमंतैया को इस्तीफा देना पड़ा था।

इस बारे में पूछे जाने पर शिवकुमार ने कहा था कि सरकार सुचारू रूप से आगे बढ़ रही है और सभी पांच गारंटी देने पर ध्यान केंद्रित है।

उनके करीबी सूत्र बताते हैं कि शिवकुमार परेशान हैं। सीएम सिद्दारमैया के कार्यकाल को लेकर हाईकमान भी चुप्पी साधे हुए है, जिससे अटकलें तेज हो रही हैं।

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बेंगलुरु, 3 जुलाई (आईएएनएस)। महाराष्ट्र की राजनीति में विकास पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने सोमवार को कहा कि उन्हें नहीं पता कि कर्नाटक में ‘अजित पवार’ के रूप में कौन सामने आएगा।

पत्रकारों से बात करते हुए कुमारस्वामी ने कहा, “अजित पवार के फैसले के बारे में कल के चौंकाने वाले घटनाक्रम के बाद मुझे डर लग रहा है कि कर्नाटक से अगले अजित पवार के रूप में कौन उभरने वाला है।”

सूत्रों ने बताया कि कुमारस्वामी का इशारा उपमुख्यमंत्री और कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार की ओर था।

अपने नेता के मुख्यमंत्री पद से चूकने पर शिवकुमार खेमे की नाखुशी राज्य में सर्वविदित है।

शिवकुमार के खेमे का कहना है कि नेताओं के बीच सत्ता साझेदारी का फॉर्मूला है और दोनों के पास सीएम के रूप में ढाई-ढाई साल का कार्यकाल होगा।

हालांकि, मुख्यमंत्री सिद्दारमैया का खेमा पुरजोर दावा कर रहा है कि उनके नेता ही पूर्णकालिक मुख्यमंत्री होंगे।

इस संबंध में बयानों से भारी एवं मध्यम उद्योग मंत्री एम.बी. पाटिल और बेंगलुरु ग्रामीण सांसद तथा शिवकुमार के छोटे भाई डी.के. सुरेश के बीच वाक् युद्ध छिड़ गया था।

समाज कल्याण मंत्री एच.सी. महादेवप्पा ने कहा था कि सीएम सिद्दारमैया पूर्णकालिक सीएम होंगे।

भाजपा ने इस मौके का फायदा उठाते हुए कांग्रेस पार्टी पर हमला बोल दिया।

मैसूर से भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा ने सीएम सिद्दारमैया को चुनौती दी थी कि वह यह घोषित करें कि वह पांच साल के लिए सीएम रहेंगे।

भाजपा विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने शिवकुमार के पूर्व सीएम बसवराज बोम्मई के आवास पर जाने पर टिप्पणी करते हुए कहा कि शिवकुमार कांग्रेस आलाकमान को संकेत भेज रहे हैं कि अगर उन्हें सीएम नहीं बनाया गया तो उन्हें पता है कि किससे संपर्क करना है।

शिवकुमार ने एक समारोह में भाग लेते हुए कहा कि राजनीति में यह जरूरी नहीं है कि जो लोग कड़ी मेहनत और संघर्ष करते हैं उन्हें शीर्ष पद मिले।

शिवकुमार ने पूर्व सीएम केंगल हनुमंतैया के बारे में बोलते हुए कहा था, “जो मेहनत करते हैं वे अलग हैं और जो सत्ता की कुर्सी का आनंद लेते हैं वे अलग हैं।” तब बदले हुए राजनीतिक परिदृश्य में केंगल हनुमंतैया को इस्तीफा देना पड़ा था।

इस बारे में पूछे जाने पर शिवकुमार ने कहा था कि सरकार सुचारू रूप से आगे बढ़ रही है और सभी पांच गारंटी देने पर ध्यान केंद्रित है।

उनके करीबी सूत्र बताते हैं कि शिवकुमार परेशान हैं। सीएम सिद्दारमैया के कार्यकाल को लेकर हाईकमान भी चुप्पी साधे हुए है, जिससे अटकलें तेज हो रही हैं।

–आईएएनएस

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बेंगलुरु, 3 जुलाई (आईएएनएस)। महाराष्ट्र की राजनीति में विकास पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने सोमवार को कहा कि उन्हें नहीं पता कि कर्नाटक में ‘अजित पवार’ के रूप में कौन सामने आएगा।

पत्रकारों से बात करते हुए कुमारस्वामी ने कहा, “अजित पवार के फैसले के बारे में कल के चौंकाने वाले घटनाक्रम के बाद मुझे डर लग रहा है कि कर्नाटक से अगले अजित पवार के रूप में कौन उभरने वाला है।”

सूत्रों ने बताया कि कुमारस्वामी का इशारा उपमुख्यमंत्री और कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार की ओर था।

अपने नेता के मुख्यमंत्री पद से चूकने पर शिवकुमार खेमे की नाखुशी राज्य में सर्वविदित है।

शिवकुमार के खेमे का कहना है कि नेताओं के बीच सत्ता साझेदारी का फॉर्मूला है और दोनों के पास सीएम के रूप में ढाई-ढाई साल का कार्यकाल होगा।

हालांकि, मुख्यमंत्री सिद्दारमैया का खेमा पुरजोर दावा कर रहा है कि उनके नेता ही पूर्णकालिक मुख्यमंत्री होंगे।

इस संबंध में बयानों से भारी एवं मध्यम उद्योग मंत्री एम.बी. पाटिल और बेंगलुरु ग्रामीण सांसद तथा शिवकुमार के छोटे भाई डी.के. सुरेश के बीच वाक् युद्ध छिड़ गया था।

समाज कल्याण मंत्री एच.सी. महादेवप्पा ने कहा था कि सीएम सिद्दारमैया पूर्णकालिक सीएम होंगे।

भाजपा ने इस मौके का फायदा उठाते हुए कांग्रेस पार्टी पर हमला बोल दिया।

मैसूर से भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा ने सीएम सिद्दारमैया को चुनौती दी थी कि वह यह घोषित करें कि वह पांच साल के लिए सीएम रहेंगे।

भाजपा विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने शिवकुमार के पूर्व सीएम बसवराज बोम्मई के आवास पर जाने पर टिप्पणी करते हुए कहा कि शिवकुमार कांग्रेस आलाकमान को संकेत भेज रहे हैं कि अगर उन्हें सीएम नहीं बनाया गया तो उन्हें पता है कि किससे संपर्क करना है।

शिवकुमार ने एक समारोह में भाग लेते हुए कहा कि राजनीति में यह जरूरी नहीं है कि जो लोग कड़ी मेहनत और संघर्ष करते हैं उन्हें शीर्ष पद मिले।

शिवकुमार ने पूर्व सीएम केंगल हनुमंतैया के बारे में बोलते हुए कहा था, “जो मेहनत करते हैं वे अलग हैं और जो सत्ता की कुर्सी का आनंद लेते हैं वे अलग हैं।” तब बदले हुए राजनीतिक परिदृश्य में केंगल हनुमंतैया को इस्तीफा देना पड़ा था।

इस बारे में पूछे जाने पर शिवकुमार ने कहा था कि सरकार सुचारू रूप से आगे बढ़ रही है और सभी पांच गारंटी देने पर ध्यान केंद्रित है।

उनके करीबी सूत्र बताते हैं कि शिवकुमार परेशान हैं। सीएम सिद्दारमैया के कार्यकाल को लेकर हाईकमान भी चुप्पी साधे हुए है, जिससे अटकलें तेज हो रही हैं।

–आईएएनएस

एकेजे

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बेंगलुरु, 3 जुलाई (आईएएनएस)। महाराष्ट्र की राजनीति में विकास पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने सोमवार को कहा कि उन्हें नहीं पता कि कर्नाटक में ‘अजित पवार’ के रूप में कौन सामने आएगा।

पत्रकारों से बात करते हुए कुमारस्वामी ने कहा, “अजित पवार के फैसले के बारे में कल के चौंकाने वाले घटनाक्रम के बाद मुझे डर लग रहा है कि कर्नाटक से अगले अजित पवार के रूप में कौन उभरने वाला है।”

सूत्रों ने बताया कि कुमारस्वामी का इशारा उपमुख्यमंत्री और कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार की ओर था।

अपने नेता के मुख्यमंत्री पद से चूकने पर शिवकुमार खेमे की नाखुशी राज्य में सर्वविदित है।

शिवकुमार के खेमे का कहना है कि नेताओं के बीच सत्ता साझेदारी का फॉर्मूला है और दोनों के पास सीएम के रूप में ढाई-ढाई साल का कार्यकाल होगा।

हालांकि, मुख्यमंत्री सिद्दारमैया का खेमा पुरजोर दावा कर रहा है कि उनके नेता ही पूर्णकालिक मुख्यमंत्री होंगे।

इस संबंध में बयानों से भारी एवं मध्यम उद्योग मंत्री एम.बी. पाटिल और बेंगलुरु ग्रामीण सांसद तथा शिवकुमार के छोटे भाई डी.के. सुरेश के बीच वाक् युद्ध छिड़ गया था।

समाज कल्याण मंत्री एच.सी. महादेवप्पा ने कहा था कि सीएम सिद्दारमैया पूर्णकालिक सीएम होंगे।

भाजपा ने इस मौके का फायदा उठाते हुए कांग्रेस पार्टी पर हमला बोल दिया।

मैसूर से भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा ने सीएम सिद्दारमैया को चुनौती दी थी कि वह यह घोषित करें कि वह पांच साल के लिए सीएम रहेंगे।

भाजपा विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने शिवकुमार के पूर्व सीएम बसवराज बोम्मई के आवास पर जाने पर टिप्पणी करते हुए कहा कि शिवकुमार कांग्रेस आलाकमान को संकेत भेज रहे हैं कि अगर उन्हें सीएम नहीं बनाया गया तो उन्हें पता है कि किससे संपर्क करना है।

शिवकुमार ने एक समारोह में भाग लेते हुए कहा कि राजनीति में यह जरूरी नहीं है कि जो लोग कड़ी मेहनत और संघर्ष करते हैं उन्हें शीर्ष पद मिले।

शिवकुमार ने पूर्व सीएम केंगल हनुमंतैया के बारे में बोलते हुए कहा था, “जो मेहनत करते हैं वे अलग हैं और जो सत्ता की कुर्सी का आनंद लेते हैं वे अलग हैं।” तब बदले हुए राजनीतिक परिदृश्य में केंगल हनुमंतैया को इस्तीफा देना पड़ा था।

इस बारे में पूछे जाने पर शिवकुमार ने कहा था कि सरकार सुचारू रूप से आगे बढ़ रही है और सभी पांच गारंटी देने पर ध्यान केंद्रित है।

उनके करीबी सूत्र बताते हैं कि शिवकुमार परेशान हैं। सीएम सिद्दारमैया के कार्यकाल को लेकर हाईकमान भी चुप्पी साधे हुए है, जिससे अटकलें तेज हो रही हैं।

–आईएएनएस

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बेंगलुरु, 3 जुलाई (आईएएनएस)। महाराष्ट्र की राजनीति में विकास पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने सोमवार को कहा कि उन्हें नहीं पता कि कर्नाटक में ‘अजित पवार’ के रूप में कौन सामने आएगा।

पत्रकारों से बात करते हुए कुमारस्वामी ने कहा, “अजित पवार के फैसले के बारे में कल के चौंकाने वाले घटनाक्रम के बाद मुझे डर लग रहा है कि कर्नाटक से अगले अजित पवार के रूप में कौन उभरने वाला है।”

सूत्रों ने बताया कि कुमारस्वामी का इशारा उपमुख्यमंत्री और कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार की ओर था।

अपने नेता के मुख्यमंत्री पद से चूकने पर शिवकुमार खेमे की नाखुशी राज्य में सर्वविदित है।

शिवकुमार के खेमे का कहना है कि नेताओं के बीच सत्ता साझेदारी का फॉर्मूला है और दोनों के पास सीएम के रूप में ढाई-ढाई साल का कार्यकाल होगा।

हालांकि, मुख्यमंत्री सिद्दारमैया का खेमा पुरजोर दावा कर रहा है कि उनके नेता ही पूर्णकालिक मुख्यमंत्री होंगे।

इस संबंध में बयानों से भारी एवं मध्यम उद्योग मंत्री एम.बी. पाटिल और बेंगलुरु ग्रामीण सांसद तथा शिवकुमार के छोटे भाई डी.के. सुरेश के बीच वाक् युद्ध छिड़ गया था।

समाज कल्याण मंत्री एच.सी. महादेवप्पा ने कहा था कि सीएम सिद्दारमैया पूर्णकालिक सीएम होंगे।

भाजपा ने इस मौके का फायदा उठाते हुए कांग्रेस पार्टी पर हमला बोल दिया।

मैसूर से भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा ने सीएम सिद्दारमैया को चुनौती दी थी कि वह यह घोषित करें कि वह पांच साल के लिए सीएम रहेंगे।

भाजपा विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने शिवकुमार के पूर्व सीएम बसवराज बोम्मई के आवास पर जाने पर टिप्पणी करते हुए कहा कि शिवकुमार कांग्रेस आलाकमान को संकेत भेज रहे हैं कि अगर उन्हें सीएम नहीं बनाया गया तो उन्हें पता है कि किससे संपर्क करना है।

शिवकुमार ने एक समारोह में भाग लेते हुए कहा कि राजनीति में यह जरूरी नहीं है कि जो लोग कड़ी मेहनत और संघर्ष करते हैं उन्हें शीर्ष पद मिले।

शिवकुमार ने पूर्व सीएम केंगल हनुमंतैया के बारे में बोलते हुए कहा था, “जो मेहनत करते हैं वे अलग हैं और जो सत्ता की कुर्सी का आनंद लेते हैं वे अलग हैं।” तब बदले हुए राजनीतिक परिदृश्य में केंगल हनुमंतैया को इस्तीफा देना पड़ा था।

इस बारे में पूछे जाने पर शिवकुमार ने कहा था कि सरकार सुचारू रूप से आगे बढ़ रही है और सभी पांच गारंटी देने पर ध्यान केंद्रित है।

उनके करीबी सूत्र बताते हैं कि शिवकुमार परेशान हैं। सीएम सिद्दारमैया के कार्यकाल को लेकर हाईकमान भी चुप्पी साधे हुए है, जिससे अटकलें तेज हो रही हैं।

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बेंगलुरु, 3 जुलाई (आईएएनएस)। महाराष्ट्र की राजनीति में विकास पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने सोमवार को कहा कि उन्हें नहीं पता कि कर्नाटक में ‘अजित पवार’ के रूप में कौन सामने आएगा।

पत्रकारों से बात करते हुए कुमारस्वामी ने कहा, “अजित पवार के फैसले के बारे में कल के चौंकाने वाले घटनाक्रम के बाद मुझे डर लग रहा है कि कर्नाटक से अगले अजित पवार के रूप में कौन उभरने वाला है।”

सूत्रों ने बताया कि कुमारस्वामी का इशारा उपमुख्यमंत्री और कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार की ओर था।

अपने नेता के मुख्यमंत्री पद से चूकने पर शिवकुमार खेमे की नाखुशी राज्य में सर्वविदित है।

शिवकुमार के खेमे का कहना है कि नेताओं के बीच सत्ता साझेदारी का फॉर्मूला है और दोनों के पास सीएम के रूप में ढाई-ढाई साल का कार्यकाल होगा।

हालांकि, मुख्यमंत्री सिद्दारमैया का खेमा पुरजोर दावा कर रहा है कि उनके नेता ही पूर्णकालिक मुख्यमंत्री होंगे।

इस संबंध में बयानों से भारी एवं मध्यम उद्योग मंत्री एम.बी. पाटिल और बेंगलुरु ग्रामीण सांसद तथा शिवकुमार के छोटे भाई डी.के. सुरेश के बीच वाक् युद्ध छिड़ गया था।

समाज कल्याण मंत्री एच.सी. महादेवप्पा ने कहा था कि सीएम सिद्दारमैया पूर्णकालिक सीएम होंगे।

भाजपा ने इस मौके का फायदा उठाते हुए कांग्रेस पार्टी पर हमला बोल दिया।

मैसूर से भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा ने सीएम सिद्दारमैया को चुनौती दी थी कि वह यह घोषित करें कि वह पांच साल के लिए सीएम रहेंगे।

भाजपा विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने शिवकुमार के पूर्व सीएम बसवराज बोम्मई के आवास पर जाने पर टिप्पणी करते हुए कहा कि शिवकुमार कांग्रेस आलाकमान को संकेत भेज रहे हैं कि अगर उन्हें सीएम नहीं बनाया गया तो उन्हें पता है कि किससे संपर्क करना है।

शिवकुमार ने एक समारोह में भाग लेते हुए कहा कि राजनीति में यह जरूरी नहीं है कि जो लोग कड़ी मेहनत और संघर्ष करते हैं उन्हें शीर्ष पद मिले।

शिवकुमार ने पूर्व सीएम केंगल हनुमंतैया के बारे में बोलते हुए कहा था, “जो मेहनत करते हैं वे अलग हैं और जो सत्ता की कुर्सी का आनंद लेते हैं वे अलग हैं।” तब बदले हुए राजनीतिक परिदृश्य में केंगल हनुमंतैया को इस्तीफा देना पड़ा था।

इस बारे में पूछे जाने पर शिवकुमार ने कहा था कि सरकार सुचारू रूप से आगे बढ़ रही है और सभी पांच गारंटी देने पर ध्यान केंद्रित है।

उनके करीबी सूत्र बताते हैं कि शिवकुमार परेशान हैं। सीएम सिद्दारमैया के कार्यकाल को लेकर हाईकमान भी चुप्पी साधे हुए है, जिससे अटकलें तेज हो रही हैं।

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बेंगलुरु, 3 जुलाई (आईएएनएस)। महाराष्ट्र की राजनीति में विकास पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने सोमवार को कहा कि उन्हें नहीं पता कि कर्नाटक में ‘अजित पवार’ के रूप में कौन सामने आएगा।

पत्रकारों से बात करते हुए कुमारस्वामी ने कहा, “अजित पवार के फैसले के बारे में कल के चौंकाने वाले घटनाक्रम के बाद मुझे डर लग रहा है कि कर्नाटक से अगले अजित पवार के रूप में कौन उभरने वाला है।”

सूत्रों ने बताया कि कुमारस्वामी का इशारा उपमुख्यमंत्री और कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार की ओर था।

अपने नेता के मुख्यमंत्री पद से चूकने पर शिवकुमार खेमे की नाखुशी राज्य में सर्वविदित है।

शिवकुमार के खेमे का कहना है कि नेताओं के बीच सत्ता साझेदारी का फॉर्मूला है और दोनों के पास सीएम के रूप में ढाई-ढाई साल का कार्यकाल होगा।

हालांकि, मुख्यमंत्री सिद्दारमैया का खेमा पुरजोर दावा कर रहा है कि उनके नेता ही पूर्णकालिक मुख्यमंत्री होंगे।

इस संबंध में बयानों से भारी एवं मध्यम उद्योग मंत्री एम.बी. पाटिल और बेंगलुरु ग्रामीण सांसद तथा शिवकुमार के छोटे भाई डी.के. सुरेश के बीच वाक् युद्ध छिड़ गया था।

समाज कल्याण मंत्री एच.सी. महादेवप्पा ने कहा था कि सीएम सिद्दारमैया पूर्णकालिक सीएम होंगे।

भाजपा ने इस मौके का फायदा उठाते हुए कांग्रेस पार्टी पर हमला बोल दिया।

मैसूर से भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा ने सीएम सिद्दारमैया को चुनौती दी थी कि वह यह घोषित करें कि वह पांच साल के लिए सीएम रहेंगे।

भाजपा विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने शिवकुमार के पूर्व सीएम बसवराज बोम्मई के आवास पर जाने पर टिप्पणी करते हुए कहा कि शिवकुमार कांग्रेस आलाकमान को संकेत भेज रहे हैं कि अगर उन्हें सीएम नहीं बनाया गया तो उन्हें पता है कि किससे संपर्क करना है।

शिवकुमार ने एक समारोह में भाग लेते हुए कहा कि राजनीति में यह जरूरी नहीं है कि जो लोग कड़ी मेहनत और संघर्ष करते हैं उन्हें शीर्ष पद मिले।

शिवकुमार ने पूर्व सीएम केंगल हनुमंतैया के बारे में बोलते हुए कहा था, “जो मेहनत करते हैं वे अलग हैं और जो सत्ता की कुर्सी का आनंद लेते हैं वे अलग हैं।” तब बदले हुए राजनीतिक परिदृश्य में केंगल हनुमंतैया को इस्तीफा देना पड़ा था।

इस बारे में पूछे जाने पर शिवकुमार ने कहा था कि सरकार सुचारू रूप से आगे बढ़ रही है और सभी पांच गारंटी देने पर ध्यान केंद्रित है।

उनके करीबी सूत्र बताते हैं कि शिवकुमार परेशान हैं। सीएम सिद्दारमैया के कार्यकाल को लेकर हाईकमान भी चुप्पी साधे हुए है, जिससे अटकलें तेज हो रही हैं।

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बेंगलुरु, 3 जुलाई (आईएएनएस)। महाराष्ट्र की राजनीति में विकास पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने सोमवार को कहा कि उन्हें नहीं पता कि कर्नाटक में ‘अजित पवार’ के रूप में कौन सामने आएगा।

पत्रकारों से बात करते हुए कुमारस्वामी ने कहा, “अजित पवार के फैसले के बारे में कल के चौंकाने वाले घटनाक्रम के बाद मुझे डर लग रहा है कि कर्नाटक से अगले अजित पवार के रूप में कौन उभरने वाला है।”

सूत्रों ने बताया कि कुमारस्वामी का इशारा उपमुख्यमंत्री और कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार की ओर था।

अपने नेता के मुख्यमंत्री पद से चूकने पर शिवकुमार खेमे की नाखुशी राज्य में सर्वविदित है।

शिवकुमार के खेमे का कहना है कि नेताओं के बीच सत्ता साझेदारी का फॉर्मूला है और दोनों के पास सीएम के रूप में ढाई-ढाई साल का कार्यकाल होगा।

हालांकि, मुख्यमंत्री सिद्दारमैया का खेमा पुरजोर दावा कर रहा है कि उनके नेता ही पूर्णकालिक मुख्यमंत्री होंगे।

इस संबंध में बयानों से भारी एवं मध्यम उद्योग मंत्री एम.बी. पाटिल और बेंगलुरु ग्रामीण सांसद तथा शिवकुमार के छोटे भाई डी.के. सुरेश के बीच वाक् युद्ध छिड़ गया था।

समाज कल्याण मंत्री एच.सी. महादेवप्पा ने कहा था कि सीएम सिद्दारमैया पूर्णकालिक सीएम होंगे।

भाजपा ने इस मौके का फायदा उठाते हुए कांग्रेस पार्टी पर हमला बोल दिया।

मैसूर से भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा ने सीएम सिद्दारमैया को चुनौती दी थी कि वह यह घोषित करें कि वह पांच साल के लिए सीएम रहेंगे।

भाजपा विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने शिवकुमार के पूर्व सीएम बसवराज बोम्मई के आवास पर जाने पर टिप्पणी करते हुए कहा कि शिवकुमार कांग्रेस आलाकमान को संकेत भेज रहे हैं कि अगर उन्हें सीएम नहीं बनाया गया तो उन्हें पता है कि किससे संपर्क करना है।

शिवकुमार ने एक समारोह में भाग लेते हुए कहा कि राजनीति में यह जरूरी नहीं है कि जो लोग कड़ी मेहनत और संघर्ष करते हैं उन्हें शीर्ष पद मिले।

शिवकुमार ने पूर्व सीएम केंगल हनुमंतैया के बारे में बोलते हुए कहा था, “जो मेहनत करते हैं वे अलग हैं और जो सत्ता की कुर्सी का आनंद लेते हैं वे अलग हैं।” तब बदले हुए राजनीतिक परिदृश्य में केंगल हनुमंतैया को इस्तीफा देना पड़ा था।

इस बारे में पूछे जाने पर शिवकुमार ने कहा था कि सरकार सुचारू रूप से आगे बढ़ रही है और सभी पांच गारंटी देने पर ध्यान केंद्रित है।

उनके करीबी सूत्र बताते हैं कि शिवकुमार परेशान हैं। सीएम सिद्दारमैया के कार्यकाल को लेकर हाईकमान भी चुप्पी साधे हुए है, जिससे अटकलें तेज हो रही हैं।

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पत्रकारों से बात करते हुए कुमारस्वामी ने कहा, “अजित पवार के फैसले के बारे में कल के चौंकाने वाले घटनाक्रम के बाद मुझे डर लग रहा है कि कर्नाटक से अगले अजित पवार के रूप में कौन उभरने वाला है।”

सूत्रों ने बताया कि कुमारस्वामी का इशारा उपमुख्यमंत्री और कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार की ओर था।

अपने नेता के मुख्यमंत्री पद से चूकने पर शिवकुमार खेमे की नाखुशी राज्य में सर्वविदित है।

शिवकुमार के खेमे का कहना है कि नेताओं के बीच सत्ता साझेदारी का फॉर्मूला है और दोनों के पास सीएम के रूप में ढाई-ढाई साल का कार्यकाल होगा।

हालांकि, मुख्यमंत्री सिद्दारमैया का खेमा पुरजोर दावा कर रहा है कि उनके नेता ही पूर्णकालिक मुख्यमंत्री होंगे।

इस संबंध में बयानों से भारी एवं मध्यम उद्योग मंत्री एम.बी. पाटिल और बेंगलुरु ग्रामीण सांसद तथा शिवकुमार के छोटे भाई डी.के. सुरेश के बीच वाक् युद्ध छिड़ गया था।

समाज कल्याण मंत्री एच.सी. महादेवप्पा ने कहा था कि सीएम सिद्दारमैया पूर्णकालिक सीएम होंगे।

भाजपा ने इस मौके का फायदा उठाते हुए कांग्रेस पार्टी पर हमला बोल दिया।

मैसूर से भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा ने सीएम सिद्दारमैया को चुनौती दी थी कि वह यह घोषित करें कि वह पांच साल के लिए सीएम रहेंगे।

भाजपा विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने शिवकुमार के पूर्व सीएम बसवराज बोम्मई के आवास पर जाने पर टिप्पणी करते हुए कहा कि शिवकुमार कांग्रेस आलाकमान को संकेत भेज रहे हैं कि अगर उन्हें सीएम नहीं बनाया गया तो उन्हें पता है कि किससे संपर्क करना है।

शिवकुमार ने एक समारोह में भाग लेते हुए कहा कि राजनीति में यह जरूरी नहीं है कि जो लोग कड़ी मेहनत और संघर्ष करते हैं उन्हें शीर्ष पद मिले।

शिवकुमार ने पूर्व सीएम केंगल हनुमंतैया के बारे में बोलते हुए कहा था, “जो मेहनत करते हैं वे अलग हैं और जो सत्ता की कुर्सी का आनंद लेते हैं वे अलग हैं।” तब बदले हुए राजनीतिक परिदृश्य में केंगल हनुमंतैया को इस्तीफा देना पड़ा था।

इस बारे में पूछे जाने पर शिवकुमार ने कहा था कि सरकार सुचारू रूप से आगे बढ़ रही है और सभी पांच गारंटी देने पर ध्यान केंद्रित है।

उनके करीबी सूत्र बताते हैं कि शिवकुमार परेशान हैं। सीएम सिद्दारमैया के कार्यकाल को लेकर हाईकमान भी चुप्पी साधे हुए है, जिससे अटकलें तेज हो रही हैं।

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बेंगलुरु, 3 जुलाई (आईएएनएस)। महाराष्ट्र की राजनीति में विकास पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने सोमवार को कहा कि उन्हें नहीं पता कि कर्नाटक में ‘अजित पवार’ के रूप में कौन सामने आएगा।

पत्रकारों से बात करते हुए कुमारस्वामी ने कहा, “अजित पवार के फैसले के बारे में कल के चौंकाने वाले घटनाक्रम के बाद मुझे डर लग रहा है कि कर्नाटक से अगले अजित पवार के रूप में कौन उभरने वाला है।”

सूत्रों ने बताया कि कुमारस्वामी का इशारा उपमुख्यमंत्री और कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार की ओर था।

अपने नेता के मुख्यमंत्री पद से चूकने पर शिवकुमार खेमे की नाखुशी राज्य में सर्वविदित है।

शिवकुमार के खेमे का कहना है कि नेताओं के बीच सत्ता साझेदारी का फॉर्मूला है और दोनों के पास सीएम के रूप में ढाई-ढाई साल का कार्यकाल होगा।

हालांकि, मुख्यमंत्री सिद्दारमैया का खेमा पुरजोर दावा कर रहा है कि उनके नेता ही पूर्णकालिक मुख्यमंत्री होंगे।

इस संबंध में बयानों से भारी एवं मध्यम उद्योग मंत्री एम.बी. पाटिल और बेंगलुरु ग्रामीण सांसद तथा शिवकुमार के छोटे भाई डी.के. सुरेश के बीच वाक् युद्ध छिड़ गया था।

समाज कल्याण मंत्री एच.सी. महादेवप्पा ने कहा था कि सीएम सिद्दारमैया पूर्णकालिक सीएम होंगे।

भाजपा ने इस मौके का फायदा उठाते हुए कांग्रेस पार्टी पर हमला बोल दिया।

मैसूर से भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा ने सीएम सिद्दारमैया को चुनौती दी थी कि वह यह घोषित करें कि वह पांच साल के लिए सीएम रहेंगे।

भाजपा विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने शिवकुमार के पूर्व सीएम बसवराज बोम्मई के आवास पर जाने पर टिप्पणी करते हुए कहा कि शिवकुमार कांग्रेस आलाकमान को संकेत भेज रहे हैं कि अगर उन्हें सीएम नहीं बनाया गया तो उन्हें पता है कि किससे संपर्क करना है।

शिवकुमार ने एक समारोह में भाग लेते हुए कहा कि राजनीति में यह जरूरी नहीं है कि जो लोग कड़ी मेहनत और संघर्ष करते हैं उन्हें शीर्ष पद मिले।

शिवकुमार ने पूर्व सीएम केंगल हनुमंतैया के बारे में बोलते हुए कहा था, “जो मेहनत करते हैं वे अलग हैं और जो सत्ता की कुर्सी का आनंद लेते हैं वे अलग हैं।” तब बदले हुए राजनीतिक परिदृश्य में केंगल हनुमंतैया को इस्तीफा देना पड़ा था।

इस बारे में पूछे जाने पर शिवकुमार ने कहा था कि सरकार सुचारू रूप से आगे बढ़ रही है और सभी पांच गारंटी देने पर ध्यान केंद्रित है।

उनके करीबी सूत्र बताते हैं कि शिवकुमार परेशान हैं। सीएम सिद्दारमैया के कार्यकाल को लेकर हाईकमान भी चुप्पी साधे हुए है, जिससे अटकलें तेज हो रही हैं।

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