अम्मान, 19 सितंबर (आईएएनएस)। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने गुरुवार को जॉर्डन को कुष्ठ रोग को खत्म करने वाला दुनिया का पहला देश घोषित किया।
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने कहा, “डब्ल्यूएचओ जॉर्डन को इस प्रभावशाली उपलब्धि के लिए बधाई देता है। कुष्ठ रोग ने हजारों सालों से मानवता को पीड़ित किया है, लेकिन हम देश-दर-देश इसके संक्रमण को रोक रहे हैं और व्यक्तियों, परिवारों और समुदायों को इसके दुख और कलंक से मुक्त कर रहे हैं।”
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि जॉर्डन ने दो दशकों से अधिक समय से कुष्ठ रोग के किसी भी मामले की सूचना नहीं दी है। वैश्विक स्वास्थ्य निकाय ने इस सफलता का श्रेय “मजबूत राजनीतिक प्रतिबद्धता और प्रभावी सार्वजनिक स्वास्थ्य रणनीतियों” को दिया।
डब्ल्यूएचओ ने कुष्ठ रोग के उन्मूलन की पुष्टि करने में स्वास्थ्य मंत्रालय की रुचि के बाद इस स्थिति का आकलन करने के लिए एक स्वतंत्र टीम को नियुक्त करने के बाद यह घोषणा की। डब्ल्यूएचओ के वैश्विक कुष्ठ रोग कार्यक्रम की प्रमुख दक्षिण-पूर्व एशिया की डब्ल्यूएचओ क्षेत्रीय निदेशक साइमा वाजेद ने कहा, “जॉर्डन द्वारा सदियों पुरानी इस बीमारी का उन्मूलन सार्वजनिक स्वास्थ्य में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है और वैश्विक स्तर पर कुष्ठ रोग को खत्म करने के प्रयासों के लिए एक बड़ी सफलता है।”
वाजेद ने कहा कि सिर्फ़ एक बीमारी नहीं, बल्कि कुष्ठ रोग “कलंक और मनोवैज्ञानिक तथा सामाजिक-आर्थिक नुकसान के खिलाफ़ एक लड़ाई भी है।”
बता दें कि कुष्ठ रोग माइकोबैक्टीरियम लेप्री के कारण होने वाला एक संक्रामक रोग है, जो अनुपचारित रोगियों के साथ नज़दीकी और लगातार संपर्क के दौरान नाक और मुंह से निकलने वाली बूंदों के जरिए फैल सकता है।
इसे हैनसेन रोग के रूप में भी जाना जाता है, और यह मुख्य रूप से त्वचा, परिधीय तंत्रिकाओं, ऊपरी श्वसन पथ की म्यूकोसल सतहों और आंखों को प्रभावित करता है। कुष्ठ रोग मल्टी ड्रग थेरेपी (एमडीटी) से ठीक हो सकता है और जल्दी निदान और उपचार से विकलांगता को रोका जा सकता है।
2019 के आंकड़ों के अनुसार, भारत, ब्राज़ील और इंडोनेशिया में कुष्ठ रोग के 10,000 से ज़्यादा नए मामले सामने आए।
लगभग 13 अन्य देशों – बांग्लादेश, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, इथियोपिया, मेडागास्कर, मोजाम्बिक, म्यांमार, नेपाल, नाइजीरिया, फिलीपींस, सोमालिया, दक्षिण सूडान, श्रीलंका और तंजानिया संयुक्त गणराज्य में से प्रत्येक ने 1000-10,000 नए मामले दर्ज किए।
–आईएएनएस
एससीएच/सीबीटी