सागर. संभाग में रबी मौसम की तैयारियों एवं गत वर्ष खरीफ की समीक्षा के संबंध में आज संभागीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई. बैठक की अध्यक्षता कृषि उत्पादन आयुक्त श्री मोहम्मद सुलेमान ने की. बैठक में कृषि, सहकारिता, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, पशुपालन, डेयरी, मछुआ कल्याण एवं मत्स्य पालन विभागों और इनसे संबंधित संस्थाओं की योजनाओं, कार्यक्रमों और गतिविधियों की जिलेवार समीक्षा की गई.
बैठक में, प्रमुख सचिव उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण श्री अनुपम राजन, प्रमुख सचिव मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास विभाग श्री डी.पी. आहूजा, प्रमुख सचिव पशुपालन एवं डेयरी विकास विभाग श्री ई रमेश, सचिव कृषि विभाग श्री अजय गुप्ता, संभागायुक्त डॉ वीरेंद्र सिंह रावत सागर, कलेक्टर श्री संदीप जी. आर., दमोह कलेक्टर श्री सुधीर कोचर, पन्ना कलेक्टर श्री सुरेश कुमार, छतरपुर कलेक्टर श्री पार्थ जायसवाल, टीकमगढ़ कलेक्टर अवधेश शर्मा, निवाड़ी कलेक्टर श्री लोकेश कुमार जांगिड़, समस्त जिलों के जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सहित कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, सहकारिता, मत्स्य सहित अन्य विभाग के अधिकारी गण उपस्थित थे.
बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त श्री मोहम्मद सुलेमान ने विभागवार कार्यों और योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए मैदानी स्तर पर कार्यों के बेहतर क्रियान्वयन के निर्देश दिये. उन्होंने निर्देश दिये कि कृषि को लाभ का व्यवसाय बनाने के लिये नवाचार तथा अधिक से अधिक किसानों को कृषि , उद्यानिकी, पशुपालन, मत्स्य विभाग की योजनाओं से जोड़ा जाये. उन्होंने रबी सीजन 2024-25 में उर्वरक की उपलब्धता की समीक्षा करते हुए निर्देश दिये कि सभी जिलों में डीएपी को रिप्लेस्मेंट करने के संबंध में विशेष जागरूकता प्रयास किये जाये. उन्होंने कहा कि, एनपीके किसी भी रूप में डीएपी अन्य उर्वरक से सब-ऑप्टिमल या कमतर/कम प्रभावी नहीं है. अतः इस संबंध में कृषकों को जागरूक किया जाए.
उन्होंने कहा कि किसानों को उर्वरक की उपलब्धता समय पर उपलब्ध हो तथा उर्वरक वितरण सेंटरों की नियमित मॉनिटरिंग की जाये. डबल लॉक सेंटर पर राजस्व, कृषि और पंचायत ग्रामीण विकास विभाग के दल द्वारा संयुक्त मॉनिटरिंग की जाये. उर्वरक विक्रय केन्द्रों, निजी दुकानदारों की सतत निगरानी की जाये. पीओएस मशीन से उर्वरक की उपलब्धता एवं विक्रय की नियमित मॉनिटरिंग की जाये. उन्होंने सोयाबीन उपार्जन की तैयारियों की समीक्षा करते हुए निर्देश दिये कि उपार्जन बेहतर तरीके से हो. किसानों का सत्यापन समय पर हो. सोयाबीन खरीदी के समय उसमें नमी तथा गुणवत्ता की जांच की जाए तथा किसानों को जागरूक करने के लिये लगातार प्रयास किये जाये.
प्रत्येक सोयाबीन उपार्जन केन्द्र पर खरीदी के एक दिन पूर्व टीम भेज कर केन्द्र का निरीक्षण किया जाये. शिकायत मिलने पर तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित हो. आधुनिक कृषि उपकरणों की उपलब्धता के लिये किसानों के पंजीयन के लिये विशेष अभियान चलाया जाये. प्रत्येक जिले में कृषि अभियांत्रिकी, कृषि विभाग एवं केवी के साथ बैठक आयोजित की जाये. उन्होंने फसलवार पंजीयन, बीज, उत्पादन कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए निर्देश दिये कि संभाग में बीज प्रमाणीकरण कार्यों की विस्तृत समीक्षा की जाये. उन्होंने मंडियों में फसल आवक एवं राजस्व प्राप्ति की समीक्षा करते हुए नियमित रूप से मंडियों के निरीक्षण के निर्देश दिये तथा मंडी में आने वाले किसानों का फीडबैक लेते हुए उनकी समस्याओं के निराकरण हेतु आवश्यक कार्रवाई के निर्देश भी दिये.
कृषि उत्पादन आयुक्त श्री सुलेमान ने संभाग में मत्स्य पालन गतिविधियों एवं योजनाओं एवं कार्यों के क्रियान्वयन समीक्षा करते हुए निर्देश दिये कि आरएएस कल्चर, बॉयोफ्लॉक, बेकयार्ड केस कल्चर की गतिविधियों का प्रत्येक जिले में क्रियान्वयन सुनिश्चित कराया जाये. इस संबंध में उन्होंने हितग्राहियों से भी चर्चा कर जानकारी ली. उन्होंने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की समीक्षा करते हुए निर्देश दिये कि योजना से किसानों को जोड़ा जाये. किसान क्रेडिट कार्ड से अधिक से अधिक मत्स्य पालन हितग्राहियों को जोड़कर लाभान्वित किया जाये. इसके लिये विशेष प्रयास सुनिश्चित किए जाये.
बैठक में उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के कार्यों एवं योजनाओं की समीक्षा करते हुए निर्देश दिये कि उद्यानिकी फसलों को बेहतर मार्केट मिले और निर्यात की स्थिति बेहतर तरीके से सुनिश्चित हो इसके लिये विशेष प्रयास किये जायें. सब्जी, मसाला, पुष्प एवं फल संबंधी गतिविधियों से अधिक से अधिक किसानों को जोड़ने के प्रयास किये जाये. नवाचार को बढ़ावा दिया जाए. उन्होंने निर्देश दिये कि नवाचारों के माध्यम से उद्यानिकी फसलों के आर्थिक महत्व की जानकारी किसानों को दी जाये तथा उन्हें उद्यानिकी फसलें लेने के लिये प्रोत्साहित किया जाये. किसानों के उत्पाद को बेहतर मार्केट, प्रोसेसिंग यूनिट से जोड़ने के लिये विशेष पहल की जाये.
बैठक में श्री सुलेमान ने सहकारिता विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए निर्देश दिये कि समितियों को बहुउद्देशीय रूप से उपयोगी बनाने के लिये विशेष प्रयास किये जाये. उन्होंने निर्देश दिये कि अकार्यशील समितियों के परिसमापनाधीन की कार्रवाई सुनिश्चित की जाये. जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के माध्यम से टर्म लोन वितरण सुनिश्चित कराया जाये. उन्होंने ऋण वसूली की कम प्रगति के संबंध में निर्देश दिये कि इस विषय में विशेष प्रयास किये जाएं.
उन्होंने पेक्स अंकेक्षण की प्रगति समय-सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिये. सीसीबी बैंकों के माध्यम से अधिक से अधिक किसानों को केसीसी ऋण प्रदान करने के निर्देश भी दिये.
कृषि उत्पादन आयुक्त श्री सुलेमान ने पशुपालन एवं डेयरी विकास विभाग की समीक्षा करते हुए निर्देश दिये कि मुर्गी पालन एवं बकरी पालन की गतिविधियों से अधिक से अधिक हितग्राहियों को जोड़ा जाये. इसके लिये समस्त जिला पंचायत सीईओ विशेष रूप से कार्य क्रियान्वयन सुनिश्चित कराये. उन्होंने निर्देश दिये कि दुग्ध सहकारी समितियों के माध्यम से दुग्ध सग्रहण की प्रगति बढ़ाते हुए अधिक से अधिक पशुपालकों को समितियों से जोड़ा जाये. उन्होंने धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के प्रस्ताव तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिये.
बैठक में प्रमुख सचिव उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण श्री अनुपम राजन, प्रमुख सचिव मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास विभाग श्री डी.पी. आहूजा, प्रमुख सचिव पशुपालन एवं डेयरी विकास विभाग श्री ई रमेश सहित विभागीय अधिकारीगण ने विभाग की प्रगति और योजनाओं के संबंध में जानकारी दी.
संभागायुक्त डॉ वीरेंद्र सिंह रावत ने संभाग के समस्त जिलों में बेहतर कार्य क्रियान्वयन की बात कहते हुए आभार व्यक्त किया. बैठक में सागर कलेक्टर श्री संदीप जी आर सहित सभी कलेक्टर्स ने जिलों में विभागीय योजनाओं और कार्यों तथा नवाचारों के संबंध में अपनी बात कही.