नई दिल्ली, 5 दिसंबर (आईएएनएस)। भारत सरकार और एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने गुरुवार को मेघालय में जल संचयन परियोजना के निर्माण के लिए 50 मिलियन डॉलर के लोन पर हस्ताक्षर किए।
इसका उद्देश्य जल-संचयन प्रणालियों का निर्माण करके जल सुरक्षा को बढ़ाना है, ताकि जल तक पहुंच में सुधार हो और पूर्वोत्तर राज्य में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करना है।
वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस परियोजना से मेघालय के 12 जिलों में 532 छोटी जल-भंडारण सुविधाओं के निर्माण में मदद मिलेगी, साथ ही किसानों के लिए विश्वसनीय सिंचाई क्षेत्र उपलब्ध कराने के लिए 3,000 हेक्टेयर कमांड क्षेत्र का विकास किया जाएगा।
इस परियोजना से गारो, जैंतिया और खासी क्षेत्रों में जलवायु डेटा एकत्र करने और निगरानी करने के लिए 50 मौसम केंद्र और सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली भी स्थापित की जाएगी। यह मेघालय राज्य जल नीति (एमएसडब्ल्यूपी) 2019 के अनुरूप है।
एडीबी के इंडिया रेजिडेंट मिशन के कंट्री डायरेक्टर मियो ओका ने कहा, “फाइनेंसिंग के अलावा एडीबी के वैल्यू एडिशन में एमएसडब्ल्यूपी को लागू करने में राज्य की सहायता करना और जल सुरक्षा योजनाओं में जलवायु अनुकूलन उपायों को एकीकृत करने पर मार्गदर्शन प्रदान करना शामिल होगा।”
ओका ने आगे कहा कि इसमें आर्थिक विकास के लिए कृषि, मत्स्य पालन, बागवानी, जल आपूर्ति और अन्य उत्पादक आजीविकाओं का समर्थन करने के लिए जल संचयन प्रणाली (डब्ल्यूएचएस) डिजाइन करना शामिल है।
आर्थिक मामलों के विभाग की संयुक्त सचिव जूही मुखर्जी ने कहा कि इस परियोजना का उद्देश्य सहभागी दृष्टिकोण के माध्यम से राज्य के जल संसाधनों का सतत विकास, प्रबंधन और उपयोग करना और एकीकृत जल संसाधन प्रबंधन को बढ़ावा देना है।
यह परियोजना सूक्ष्म जलग्रहण क्षेत्रों और आपदा जोखिम प्रबंधन को ध्यान में रखते हुए पूरे राज्य में जल संसाधन प्रबंधन मास्टर प्लान विकसित करने में मदद करेगी।
यह गांव स्तर पर जल सुरक्षा योजनाओं के निर्माण का मार्गदर्शन करेगा, जिसका प्रबंधन गांव रोजगार परिषदों, वाटरशेड प्रबंधन समितियों और जल उपयोगकर्ता संघों द्वारा किया जाएगा।
एडीबी जल प्रबंधन, संचालन और प्रबंधन में मेघालय राज्य जलग्रहण और बंजर भूमि विकास एजेंसी और मृदा एवं जल संरक्षण विभाग की क्षमता को मजबूत करने में भी मदद करेगा।
—आईएएनएस
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