नई दिल्ली, 24 जुलाई (आईएएनएस)। भारत में नेशनल हाइवे के किनारे इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) चार्जिंग स्टेशन की संख्या बढ़कर 5,293 हो गई है। वहीं, सरकार ने अब 7,432 नए ईवी चार्जिंग स्टेशन लगाने का टारगेट रखा है, जिसमें से 5,833 हाइवे के किनारे लगाए जाएंगे। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से बुधवार को यह जानकारी दी गई।
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में कहा कि 7,432 चार्जिंग स्टेशन लगाने के लिए तीनों सरकारी तेल वितरण कंपनियों को 800 करोड़ रुपये की पूंजीगत सहायता दी जाएगी।
मौजूदा 5,293 ईवी चार्जिंग स्टेशन में से 4,729 पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के तहत सेटअप किए गए हैं, जिसमें करीब 178 करोड़ रुपये का खर्च आया है।
गडकरी ने अपने बयान में कहा कि भारी उद्योग मंत्रालय ने 7,432 ईवी चार्जिंग स्टेशन लगाने का लक्ष्य रखा है, जिसमें से 5,833 ईवी चार्जिंग स्टेशन हाईवे के किनारे लगाए जाएंगे। ये चार्जिंग स्टेशन पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के तहत आने वाली तीनों तेल वितरण कंपनियों के जरिए लगाए जाएंगे।
साथ ही उन्होंने आगे कहा कि फिलहाल सरकार ने ईवी चार्जिंग स्टेशन को ऊर्जा देने के लिए कोई भी पावर स्टेशन बनाने का कोई प्लान नहीं बनाया है।
महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 750 ईवी चार्जिंग स्टेशन है। इसके बाद उत्तर प्रदेश में 577, राजस्थान में 482, तमिलनाडु में 369, कर्नाटक में 300 और हरियाणा में 284 ईवी चार्जिंग स्टेशन हैं।
ग्रीन मोबिलिटी और इलेक्ट्रिक वाहनों की मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने वाली इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम (ईएमपीएस) 2024 की आखिरी तारीख 31 जुलाई तय की गई है।
500 करोड़ रुपये के आकार वाली इस स्कीम को 1 अप्रैल से लेकर 31 जुलाई के लिए लागू किया गया है। इस स्कीम के लिए 493.55 करोड़ रुपये के इंसेंटिव दिए जाएंगे। इससे 3,72,215 इलेक्ट्रिक वाहनों की घरेलू स्तर पर मैन्युफैक्चरिंग को सहारा मिलेगा।
इस स्कीम में इंसेंटिव का लाभ पहले आओ पहले पाओ के आधार पर मिलेगा।
वित्त वर्ष 25 में दोपहिया वाहन इंडस्ट्री 7 से 9 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है।
केयरएज रेटिंग्स के अनुसार, सरकार की ईएमपीएस स्कीम के कारण इलेक्ट्रिक व्हीकल सेल्स में वृद्धि चालू वित्त वर्ष में जारी रहेगी।
–आईएएनएस
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