तिरुवनंतपुरम, 10 जून (आईएएनएस)। सरकारी कॉलेज में गेस्ट लेक्च रर की नौकरी के लिए फर्जी एक्सपीरियंस सर्टिफिकेट पेश करने की आरोपी एसएफआई की पूर्व नेता के. विद्या फरार हैं।
केरल पुलिस ने जालसाजी का एक मामला दर्ज किया है, लेकिन मामला सामने आने के तुरंत बाद, विद्या से संपर्क नहीं हो पाया। पुलिस की एक टीम शनिवार सुबह त्रिकारीपुर स्थित उनके घर पहुंची, लेकिन पुलिस ने घर बंद पाया।
इस बीच, कांग्रेस पार्टी की छात्र शाखा केएसयू ने कोझिकोड में मीडिया को बताया कि उन्होंने एम.फिल करते समय विश्वविद्यालय के सभी नियमों का उल्लंघन किया था।
केएसयू अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने जो कुछ भी किया है वह गलत प्रतीत होता है। सीपीआई(एम) के उच्चाधिकारियों के समर्थन के बिना, कोई व्यक्ति एम.फिल, पीएचडी और नकली एक्सपीरियंस सर्टिफिकेट का उपयोग करके शिक्षण कार्य प्राप्त करने के मामले में सभी नियमों का उल्लंघन करने में कैसे सफल हो सकता है? एक साधारण जांच से मदद नहीं मिलेगी और केवल न्यायिक जांच से ही सच्चाई सामने आएगी।
विपक्ष के नेता वीडी सतीशन ने कहा कि केरल में चीजें उस स्तर पर पहुंच गई हैं जहां एसएफआई कार्यकर्ता जालसाजी से लेकर प्रतिरूपण तक कुछ भी कर सकते हैं और इससे बच सकते हैं। पुलिस जांच टीम के हाथ बंधे हुए हैं और इसलिए किसी एसएफआई नेता के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। लेकिन हम चुप नहीं बैठेंगे।
इस बीच, राज्य के उद्योग मंत्री पी. राजीव ने अपने कुछ अन्य कैबिनेट सहयोगियों की तरह शनिवार को विद्या के एसएफआई नेता होने से इनकार किया। राजीव ने कहा, एसएफआई एक बड़ा संगठन है और इसमें कई कार्यकर्ता हैं। कोई एक व्यक्ति गलत कर सकता है, लेकिन संगठन पर कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए।
भले ही राज्य के कुछ मंत्रियों और माकपा के शीर्ष नेताओं ने कहा है कि विद्या एसएफआई की नेता नहीं थीं, फिर भी बड़े और शक्तिशाली वामपंथी नेताओं के साथ उनकी कई तस्वीरें सामने आ रही हैं, जो पार्टी पर हमला करने के लिए विपक्ष के लिए चारे का काम कर रही हैं।
–आईएएनएस
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