तिरुवनंतपुरम, 31 दिसंबर (आईएएनएस)। केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के अध्यक्ष के. सुधाकरन ने शनिवार को कहा कि बुधवार (4 जनवरी) को जब साजी चेरियन मंत्री पद की शपथ लेंगे, उस दिन को पार्टी काला दिवस के रूप में मनाएगी, क्योंकि संविधान का अपमान करने वाली उनकी टिप्पणी को लेकर हुए विवाद के बाद जिन्होंने मत्स्य पालन, संस्कृति और युवा मामलों के मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था और छह महीने से भी कम समय में उन्हें पिनाराई विजयन मंत्रिमंडल में बहाल किया गया है।
वहीं, माकपा के राज्य सचिव एम.वी. गोविंदन ने शनिवार को कहा कि पुलिस जांच में बरी होने और केरल हाईकोर्ट द्वारा विधायक के रूप में उनकी अयोग्यता की याचिका खारिज होने के बाद चेरियन को मंत्रिमंडल में वापस लाया जाएगा, वह बुधवार को शपथ लेंगे।
पथानमथिट्टा के पास 6 जुलाई को आयोजित पार्टी की एक बैठक में कथित रूप से भारत के संविधान का अनादर करने वाली उनकी टिप्पणी पर भारी जनाक्रोश के बाद चेरियन को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
चेरियन के लिए पहली राहत स्थानीय पुलिस से मिली, जिसने मामले की जांच की और इसे बंद करने का फैसला किया। इसके बाद हाईकोर्ट की महत्वपूर्ण खंडपीठ का फैसला आया, जिसने चेरियन को विधायक के रूप मेंअयोग्य ठहराने की याचिका को खारिज कर दिया।
सुधाकरण ने कहा कि यह अजीब है कि माकपा ने चेरियन को मंत्रिमंडल में वापस लाने का फैसला किया है।
उन्होंने सवाल उठाया, जब उन्होंने कुछ गलत नहीं किया, तब उन्हें इस्तीफा देने के लिए क्यों कहा गया था? संविधान का अपमान करने वाली उनकी टिप्पणी अभी भी सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध है। हम माकपा के इस कदम के खिलाफ कानूनी कदम उठाएंगे और इससे राजनीतिक रूप से निपटेंगे। फिलहाल हम 4 जनवरी को काला दिवस मनाएंगे।
इस बीच, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने कहा कि चेरियन की वापसी से स्पष्ट है कि माकपा के मन में संविधान के प्रति कोई सम्मान नहीं है।
सुरेंद्रन ने कहा, हम चाहते हैं कि मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन कहें कि संविधान का अपमान करने वाले को केवल छह महीने की सजा है। चेरियन ने जो किया, वह शपथ का स्पष्ट उल्लंघन था। राज्य सरकार को इसके लिए भारी कीमत चुकानी होगी।
–आईएएनएस
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