कोच्चि, 7 अगस्त (आईएएनएस)। केरल फिल्म पुरस्कार विवाद अब और गहरा गया है। राज्य फिल्म पुरस्कारों के चयन में जूरी के फैसले में हस्तक्षेप को लेकर फिल्म निर्देशक एम. लिजीश ने सोमवार को केरल उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। इस मामले में मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के समक्ष भी शिकायतें की गई हैं।
फिल्म निर्देशक एम. लिजीश ने अपनी याचिका में कहा कि लोगों ने खुले तौर पर कहा है कि निर्देशक रंजीत ने पुरस्कारों के चयन में किस तरह से हस्तक्षेप किया है, उन्हाेंने कोर्ट से अपील की है कि जो पुरस्कार घोषित किए गए हैं, उन्हें रद्द कर दिया जाए।
पिछले महीने पुरस्कारों की घोषणा के तुरंत बाद लोकप्रिय निर्देशक विनयन ने ‘पुरस्कार जूरी’ के निर्णय में हस्तक्षेप करने के लिए रंजीत की आलोचना की थी।
उन्होंने जूरी के सदस्यों की ऑडियो क्लिप के साथ मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन से इसकी शिकायत भी की थी, जिसके बाद जांच के आदेश दिए गए।
इसको लेकर सत्तारूढ़ वाम मोर्चा सरकार की दूसरी सबसे बड़ी सहयोगी पार्टी सीपीआई की युवा शाखा अखिल भारतीय युवा मोर्चा सामने आई, जिसने मुख्यमंत्री से केरल राज्य फिल्म पुरस्कारों पर चल रहे विवाद की जांच बाहरी एजेंसी से कराने की मांग की।
इस पूरे मामले में संस्कृति और युवा मामलों के मंत्री साजी चेरियन ने रंजीत का पुरजोर समर्थन किया।
इस बीच, जूरी के अध्यक्ष गौतम घोष ने किसी भी बाहरी प्रभाव से इनकार किया है और कहा है कि यह चयन स्वतंत्र और निष्पक्ष था, जिससे रंजीत को थोड़ी़ राहत मिली।
अब सभी की निगाहें हाईकोर्ट पर टिकी हैं, कोर्ट आने वाले दिनों में इस याचिका पर गौर कर सकता है।
–आईएएनएस
एमकेएस/एबीएम
कोच्चि, 7 अगस्त (आईएएनएस)। केरल फिल्म पुरस्कार विवाद अब और गहरा गया है। राज्य फिल्म पुरस्कारों के चयन में जूरी के फैसले में हस्तक्षेप को लेकर फिल्म निर्देशक एम. लिजीश ने सोमवार को केरल उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। इस मामले में मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के समक्ष भी शिकायतें की गई हैं।
फिल्म निर्देशक एम. लिजीश ने अपनी याचिका में कहा कि लोगों ने खुले तौर पर कहा है कि निर्देशक रंजीत ने पुरस्कारों के चयन में किस तरह से हस्तक्षेप किया है, उन्हाेंने कोर्ट से अपील की है कि जो पुरस्कार घोषित किए गए हैं, उन्हें रद्द कर दिया जाए।
पिछले महीने पुरस्कारों की घोषणा के तुरंत बाद लोकप्रिय निर्देशक विनयन ने ‘पुरस्कार जूरी’ के निर्णय में हस्तक्षेप करने के लिए रंजीत की आलोचना की थी।
उन्होंने जूरी के सदस्यों की ऑडियो क्लिप के साथ मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन से इसकी शिकायत भी की थी, जिसके बाद जांच के आदेश दिए गए।
इसको लेकर सत्तारूढ़ वाम मोर्चा सरकार की दूसरी सबसे बड़ी सहयोगी पार्टी सीपीआई की युवा शाखा अखिल भारतीय युवा मोर्चा सामने आई, जिसने मुख्यमंत्री से केरल राज्य फिल्म पुरस्कारों पर चल रहे विवाद की जांच बाहरी एजेंसी से कराने की मांग की।
इस पूरे मामले में संस्कृति और युवा मामलों के मंत्री साजी चेरियन ने रंजीत का पुरजोर समर्थन किया।
इस बीच, जूरी के अध्यक्ष गौतम घोष ने किसी भी बाहरी प्रभाव से इनकार किया है और कहा है कि यह चयन स्वतंत्र और निष्पक्ष था, जिससे रंजीत को थोड़ी़ राहत मिली।
अब सभी की निगाहें हाईकोर्ट पर टिकी हैं, कोर्ट आने वाले दिनों में इस याचिका पर गौर कर सकता है।
–आईएएनएस
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