हैदराबाद, 14 मई (आईएएनएस)। तेलंगाना विधानसभा चुनाव कुछ ही महीने दूर हैं, ऐसे में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) सरकार ने तेलंगाना राज्य गठन के 10वें वर्ष को भव्य तरीके से मनाने के लिए बड़ी योजना तैयार की है, जिसमें भारत के सबसे युवा राज्य की प्रगति को रेखांकित किया जाएगा।
बीआरएस ने दो जून से शुरू होने वाले 21 दिनों के लिए स्थापना दिवस समारोह आयोजित करने का फैसला किया है।
मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने शनिवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में गांव स्तर से राज्य की राजधानी हैदराबाद तक पूरी भव्यता और उत्साह के साथ समारोह आयोजित करने का फैसला किया।
यह कदम महत्वपूर्ण है, क्योंकि विपक्षी दल तब से सीएम केसीआर पर हमला कर रहे हैं, जब से उन्होंने तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) का नाम बदलकर भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) कर दिया है।
भाजपा, जो खुद को एकमात्र व्यवहार्य विकल्प के रूप में पेश कर रही है, ने तेलंगाना को पार्टी के नाम से हटाने के लिए केसीआर की आलोचना की थी।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि विपक्ष के हमले का मुकाबला करने और इस संदेश को उजागर करने के लिए कि पार्टी तेलंगाना आंदोलन और शहीदों के बलिदान को नहीं भूली है, केसीआर ने तीन सप्ताह तक समारोह आयोजित करने का फैसला किया।
समारोह के हिस्से के रूप में तेलंगाना के शहीदों के बलिदान को याद करने के लिए एक दिन शहीद दिवस के रूप में मनाया जाएगा।
बैठक में केसीआर ने महसूस किया कि लंबे संघर्ष के माध्यम से तेलंगाना राज्य हासिल किया गया था। उन्होंने दावा किया कि राज्य अब प्रशासन में पूरे देश के लिए एक रोल मॉडल के रूप में खड़ा है।
उन्होंने घोषणा की कि तेलंगाना समुदाय की आकांक्षाओं के अनुरूप उत्सव के माहौल में समारोह आयोजित किए जाएंगे, ताकि राज्य की महिमा हर कोने में फैल जाए और हर दिल उत्साह से भर जाए।
समारोह का पहला दिन सीएम केसीआर के नेतृत्व में बीआर अंबेडकर तेलंगाना सचिवालय में शुरू होगा। इसी दिन राज्यमंत्री अपने-अपने जिला केंद्रों में राज्य गठन दिवस कार्यक्रमों का आयोजन करेंगे।
केसीआर ने कहा, तेलंगाना राज्य का गठन काफी संघर्षो और कठिनाइयों के बाद हुआ था। तेलंगाना राज्य देश का सबसे युवा राज्य है। जनप्रतिनिधियों और सरकारी तंत्र के संयुक्त प्रयासों से आज तेलंगाना सभी क्षेत्रों में उत्कृष्ट परिणाम प्राप्त कर रहा है और इसकी प्रगति जारी है।
उन्होंने कहा, तेलंगाना देश के लिए एक रोल मॉडल बन गया है। अन्य राज्य हमारी प्रगति को देखकर आश्चर्यचकित हैं। महाराष्ट्र और अन्य उत्तरी राज्यों के नेता और लोग भी तेलंगाना राज्य की प्रगति को सुनकर और देखकर आश्चर्यचकित थे। हम सभी क्षेत्रों में अद्भुत प्रगति दर्ज कर रहे हैं।
शहीद स्मृति दिवस के मौके पर प्रदेशभर के शहीद स्मारकों को फूलों से सजाया जाएगा और रोशनी से जगमगाया जाएगा। गांव-गांव जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी जाएगी।
राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाएगा और पुलिस बंदूकें चलाकर शहीदों को विधिवत सलामी देगी।
शहीद दिवस के कार्यक्रमों में सभी जिलों के कलेक्टर हिस्सा लेंगे। शहीदों की स्मृति कार्यक्रमों में सभी सरकारी विभाग भी शामिल होंगे।
विभिन्न विभाग वृत्तचित्रों के माध्यम से प्राप्त विकास की स्क्रीनिंग करेंगे। वृत्तचित्रों की स्क्रीनिंग के लिए विभागों को अलग-अलग दिन आवंटित किए जाएंगे।
बिजली विभाग को आवंटित दिन को बिजली दिवस मानते हुए पूरे दिन को बिजली दिवस के रूप में मनाया जाएगा, जिसमें ऊर्जा विभाग की उपलब्धियों व अन्य जानकारी के बारे में दस्तावेजी प्रस्तुति दी जाएगी। इसी तरह जल दिवस सिंचाई, पेयजल और जल संसाधनों के विकास में हुई प्रगति पर प्रकाश डालेगा।
विशेष कल्याण दिवस विशेष दिवस पर मनाया जाएगा। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग अल्पसंख्यक महिलाओं सहित गरीब समुदायों के लिए राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही कल्याणकारी गतिविधियों पर मीडिया के माध्यम से विशेष अभियान, दलित बंधु का क्रियान्वयन, डॉ. बीआर अंबेडकर की 125 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण, सचिवालय का नामकरण अंबेडकर के नाम पर किया जाएगा।
स्वतंत्र भारत में पहले चरण और दूसरे चरण के तेलंगाना आंदोलन और तेलंगाना राज्य की उपलब्धि पर एक वृत्तचित्र भी बनाया जाएगा।
एक राज्य के रूप में तेलंगाना द्वारा की गई प्रगति और 2 जून 2014 से 2 जून 2023 तक शुरू हुए स्वशासन के बारे में समझाने के लिए एक और वृत्तचित्र बनाया जाएगा।
पारंपरिक भोजन उत्सव, खेल, कवि सम्मेलन, अष्टवधान, लोक और अन्य संगीतकारों की प्रस्तुतियां, सिनेमा लोक और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
–आईएएनएस
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