मुंबई, 27 दिसंबर (आईएएनएस)। वीडियोकॉन ग्रुप के वेणुगोपाल धूत को दिए गए कथित संदिग्ध ऋण मामले में आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व शीर्ष अधिकारी चंदा कोचर और उनके व्यवसायी पति दीपक कोचर ने मंगलवार को यहां केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी है। हालांकि, कोर्ट ने उन्हें कोई अंतरिम राहत नहीं दी।
कोचर और धूत, जिन्हें क्रमश: शनिवार और सोमवार को गिरफ्तार किया गया था, वर्तमान में 28 दिसंबर (बुधवार) तक सीबीआई की हिरासत में हैं।
कोचर परिवार की याचिका न्यायमूर्ति माधव जामदार और न्यायमूर्ति एस जी चापलगांवकर की अवकाश पीठ के समक्ष आई लेकिन उन्होंने इस मामले में तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया।
कोचर के वकील कुशाल मोरे ने तर्क दिया कि उनकी गिरफ्तारी अवैध है क्योंकि सीबीआई ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, धारा 17ए के तहत लोक सेवक को पकड़ने के लिए अनिवार्य रूप से उचित मंजूरी नहीं ली थी और सीआरपीसी की धारा 41ए का उल्लंघन करते हुए प्राथमिकी दर्ज होने के चार साल बाद कार्रवाई की गई।
उन्होंने अदालत से आग्रह किया कि मामले की तत्काल सुनवाई की जाए और याचिका पर अंतिम सुनवाई होने तक कोचर को रिहा करने के रिमांड आदेश को रद्द कर दिया जाए।
न्यायाधीशों ने कहा कि याचिका तत्काल सुनवाई के लायक नहीं है और मोरे को निर्देश दिया कि अगले महीने अदालतें फिर से खुलने के बाद जमानत के लिए उच्च न्यायालय की नियमित पीठ से संपर्क करें।
कोचर दंपति को 24 दिसंबर को नई दिल्ली में सीबीआई ने पकड़ा था, धूत को 26 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया था।
सनसनीखेज गिरफ्तारी 2012 में वीडियोकॉन ग्रुप को दिए गए 3,250 करोड़ रुपये के आईसीआईसीआई बैंक ऋण में कथित धोखाधड़ी और अनियमितताओं के संबंध में हुई, जो 2017 तक एक गैर निष्पादित संपत्ति बन गई।
–आईएएनएस
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