नई दिल्ली, 1 अगस्त (आईएएनएस)। देश की राजधानी दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में हुए कोचिंग हादसे के बाद एमसीडी ने अधिकारियों को दिशानिर्देश जारी किए हैं।
इसके मुताबिक दिल्ली की सभी कॉमर्शियल बिल्डिंग्स के बेसमेंट की जांच होगी। खासतौर से उन बिल्डिंग्स की, जिनमें कोचिंग सेंटर्स चल रहे होंगे। इनमें अनियमितताएं बरतने वाले बेसमेंट मालिकों पर कार्रवाई भी की जाएगी। नालियों और फुटपाथ पर अतिक्रमण को तोड़ा जाएगा।
मेयर शैली ओबेरॉय ने कहा कि 27 जुलाई को ओल्ड राजेंद्र नगर में स्थित आईएएस उम्मीदवारों के लिए एक कोचिंग संस्थान के बेसमेंट में एक दुखद घटना घटी, जिसमें सीवर लाइन जाम होने के कारण आई बाढ़ के कारण तीन छात्रों की जान चली गई। इस तरह की स्थिति से जनता को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी एमसीडी की है।
उन्होंने बताया कि इस संबंध में छात्रों का एक प्रतिनिधिमंडल 28 जुलाई को एमसीडी कमिश्नर से मिला और अपनी चिंता व्यक्त की थी। कमिश्नर ने उन्हें समझाया कि एमसीडी भविष्य में इस तरह की दुर्घटनाओं को रोकने के लिए तत्काल सभी आवश्यक कदम उठाएगी। उसके बाद कई दिशानिर्देश जारी किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि दिशानिर्देश के मुताबिक बेसमेंट वाली बिल्डिंग का सर्वे कराकर तत्काल कार्रवाई की जाएगी। जो लोग दुरुपयोग करते पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सीलिंग की कार्रवाई की जाएगी। बेसमेंट के लिए अलग-अलग प्रवेश और निकास द्वार होने चाहिए। सभी भवन योजनाएं सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध कराई जाएंगी, ताकि उल्लंघन करने वालों का पता लगाया जा सके।
इसके अलावा नालियों और फुटपाथों के ऊपर से सभी अतिक्रमण हटाए जाएंगे। बरसाती पानी की नालियों से पूरी तरह से गाद निकाला जाएगा और किसी भी जगह पर ज्यादा जाम होने पर उसे मशीनों की मदद से साफ किया जाएगा।
मेयर के जारी किए गए निर्देश के मुताबिक पोर्टेबल पंपों को ऑपरेटर्स के साथ जलजमाव के संवेदनशील स्थानों (जो पहले पहचाने जा चुके हैं) से पानी निकालने के लिए तैयार रखा जाएगा। इसके साथ ही खुली लटकती तारों और केबलों का सर्वेक्षण कराया जाएगा। एनडीपीएल और बीएसईएस के साथ निकट समन्वय में तत्काल आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
इसके अलावा कूड़े का शीघ्र निस्तारण सुनिश्चित करने के लिए सभी को जागरूक किया जाएगा। कुछ क्षेत्रों में, संयुक्त जल निकासी यानी सीवर और पानी की आपूर्ति के लिए पुराने बैरल हैं। बंदोबस्ती के कारण किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए बैरलों का सर्वेक्षण कराया जाना चाहिए। इसके अलावा दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी।
–आईएएनएस
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