कोलकाता, 8 फरवरी (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के कोयले की तस्करी के मामले में बुधवार देर शाम तक अपना तलाशी अभियान जारी रखने के साथ, केंद्रीय एजेंसी द्वारा नकद वसूली राशि बढ़कर 1.25 करोड़ रुपये हो गई है।
हालांकि शुरू में ईडी ने उस व्यापारिक घराने की पहचान गुप्त रखी था जिसके कार्यालय में छापा मारा गया था, बाद में बुधवार शाम को यह सामने आया कि दक्षिण कोलकाता में 5ए, अर्ल स्ट्रीट स्थित गजराज टावर्स प्राइवेट लिमिटेड के पंजीकृत कार्यालय से नकदी की वसूली की गई थी। दक्षिण कोलकाता के पॉश बालीगंज इलाके में कंपनी के मालिक के आवास पर भी छापे मारे गए।
कंपनियों के रजिस्ट्रार (आरओसी) के रिकॉर्ड के अनुसार, गजराज टावर्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक, विक्रम सिकारिया और सुचि सिकारिया, कई अन्य कंपनियों में निदेशक हैं और रियल एस्टेट, फूड चेन, कमोडिटी ब्रोकिंग से लेकर एक्सपोर्ट तक विविध व्यावसायिक हित हैं। इस सिलसिले में विक्रम सिकारिया को ईडी पहले ही पूछताछ के लिए हिरासत में ले चुकी है।
सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय एजेंसी को विशिष्ट सुराग मिले हैं कि कार्यालय गजराज टावर्स से बरामद पैसा कोयला घोटाले की आय का हिस्सा था, जिसे उक्त व्यवसाय को अलग-अलग चैनलों में डायवर्ट करना था। पता चला है कि उक्त व्यवसायी के आवास और कार्यालय पर बुधवार को छापेमारी करने वाली टीम का नेतृत्व ईडी के तीन विशेष अधिकारी कर रहे थे जो विशेष रूप से इस उद्देश्य के लिए दिल्ली से कोलकाता पहुंचे थे।
सूत्रों ने कहा कि विचाराधीन व्यवसायी का नाम कोयला तस्करी मामले के संबंध में विभिन्न दस्तावेजों और विभिन्न व्यवसायियों द्वारा दिए गए बयानों की जांच से सामने आया है। सूत्रों ने कहा कि इस सिलसिले में कुछ अन्य कारोबारियों के नाम भी सामने आए हैं और आने वाले दिनों में उनके परिसरों में भी इसी तरह की छापेमारी और तलाशी अभियान चलाया जाएगा।
पता चला है कि हाल ही में कोयला घोटाले के मुख्य आरोपी विनय मिश्रा के करीबी रत्नेश बर्मा नाम के एक व्यक्ति ने आसनसोल की विशेष सीबीआई अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। बर्मा कथित तौर पर कोयले की तस्करी की आय के खातों के प्रबंधन में शामिल था। पूछताछ के दौरान उसने जांच अधिकारियों को अहम सुराग दिए।
–आईएएनएस
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