हैदराबाद, 5 जून (आईएएनएस)। तेलंगाना उच्च न्यायालय ने सोमवार को हैदराबाद में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के सांसद और हेटेरो समूह के अध्यक्ष बी. पार्थ सारदी रेड्डी की अध्यक्षता वाले फाउंडेशन को 15 एकड़ सरकारी भूमि का आवंटन रद्द कर दिया।
मुख्य न्यायाधीश उज्जल भुइयां की अध्यक्षता वाली दो-न्यायाधीशों की पीठ ने 2018 में जारी सरकारी आदेश (जीओ) को रद्द कर दिया, इसमें कैंसर अस्पताल बनाने के लिए साईं सिंधु फाउंडेशन ट्रस्ट को गचीबोवली के पास खानमेट में प्रमुख भूमि आवंटित करने के लिए कहा गया था।
अदालत ने चिकित्सा मानवविज्ञानी और मानवाधिकार कार्यकर्ता डॉ. उर्मिला पिंगले, सुरेश कुमार और अन्य द्वारा दायर जनहित याचिका पर अपना आदेश सुनाया।
22 मार्च, 2018 के तहत फाउंडेशन को कैंसर व अन्य बीमारियों के इलाज के लिए अस्पताल के निर्माण के लिए 33 वर्ष की अवधि के लिए 1.47 लाख रुपये प्रति वर्ष के पट्टे पर जमीन आवंटित की गई थी।
याचिकाकर्ताओं ने 500 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की प्रमुख भूमि के आवंटन को नाममात्र की लीज राशि पर चुनौती दी थी। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि साईं सिंधु फाउंडेशन के अध्यक्ष पर पीएमएलए के तहत मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया जा रहा है। उन्होंने अदालत को बताया कि जिला कलेक्टर की रिपोर्ट के अनुसार, भूमि का बाजार मूल्य 75,000 रुपये प्रति वर्ग गज है और इसका कुल मूल्य 500 करोड़ रुपये से अधिक है, जबकि वार्षिक पट्टा राशि 50 करोड़ रुपये है।
सरकार ने भूमि आवंटन का बचाव किया था। महाधिवक्ता बी.एस. प्रसाद ने अदालत से कहा था कि इस उदाहरण में आर्थिक घटक नहीं देखा जा सकता, क्योंकि कैंसर के कारण होने वाली मौतें दिल के दौरे के बाद अब देश में दूसरे नंबर पर हैं। उन्होंने कहा कि साई सिंधु फाउंडेशन की चेयरपर्सन हेटेरो ग्रुप की सीईओ हैं।
पार्थ सारदी रेड्डी हैदराबाद स्थित जेनेरिक दवा कंपनी हेटेरो ड्रग्स के संस्थापक और प्रमुख हैं।
पिछले साल, बीआरएस ने उन्हें राज्यसभा चुनाव में अपने उम्मीदवार के रूप में नामित किया था और वह संसद के उच्च सदन के लिए निर्विरोध चुने गए थे।
–आईएएनएस
सीबीटी