पुरुलिया, 18 मई (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार में मंत्री और कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम के शिक्षकों के आंदोलन को ड्रामा बताए जाने को पुरुलिया के सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो ने निंदनीय बताया है। उन्होंने रविवार को कहा कि तृणमूल विधायक ने संभवतः मदरसे में पढ़ाई की होगी जहां कोई शिक्षक नहीं होते, केवल मौलवी होते हैं।
सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो ने कहा कि फिरहाद हकीम पश्चिम बंगाल को ‘मिनी पाकिस्तान’ बनाना चाहते थे। वह ‘मिनी पाकिस्तान’ के जनक हैं। वह स्कूल नहीं गए, इसलिए वह शिक्षकों और बड़ों का सम्मान करना नहीं जानते। उन्होंने खुद भ्रष्टाचार के जरिए कम अंक वाले अयोग्य लोगों को नौकरी दी है। आज, जब योग्य उम्मीदवार अपने अधिकारों के लिए विरोध करने सड़कों पर उतरे हैं, तो वह ऐसी बातें कह रहे हैं। मैं इस बयान की निंदा करता हूं।
उन्होंने कहा कि मेयर जिस प्रकार के व्यक्ति हैं, उनके मुंह से ऐसी ही बातें निकलेंगी। आम व्यक्ति को 25 साल तक स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी जाने के बाद नौकरी मिलती है। इसके बाद आपके षड्यंत्र में योग्य शिक्षकों को नौकरी नहीं मिल रही है, पैसे के बल पर जीरो नंबर वालों को नौकरी मिल जा रही है। ऐसे लोग जब नौकरी के लिए सड़कों पर उतरते हैं, तो आप इसे नौटंकी बता रहे हैं। ऐसे मंत्री को नैतिकता के आधार पर त्यागपत्र दे देना चाहिए।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ की जरूरत और बारीकी समझाने के लिए सरकार सात सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल प्रमुख साझेदार देशों में भेजेगी। हर टीम को एक सांसद लीड करेगा। इस पर ज्योतिर्मय सिंह ने कहा कि यह स्वाभाविक है। पहले भी डेलिगेट जाते रहे हैं। इसमें हमारे देश से कई सांसद विदेश भेजे जा रहे हैं। इसमें किसी राजनीतिक दल के हिसाब से नहीं भेजा जाता है। इसमें संसद के सदस्य जा रहे हैं, कोई राजनीतिक दल का सदस्य नहीं। ये दल ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता और पाकिस्तान की नापाक हरकत को दुनिया के सामने लाएंगे और पाकिस्तान को बेनकाब करेंगे।
–आईएएनएस
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