वाशिंगटन, 21 दिसम्बर (आईएएनएस)। सरकार द्वारा जीरो-कोविड नीति के तहत लॉकडाउन में ढील देने और बड़े पैमानेन पर टेस्टिंग में कमी के बाद चीन में तेजी से कोरोना संक्रमण की रफ्तार बढ़ गई है। चीन में अस्पताल वेंटिलेटर और अन्य आईसीयू उपकरण के लिए संघर्ष कर रहे हैं, एक मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
आरएफए ने बताया कि पिछले दो हफ्तों में चीन के इंटरनेट पर सार्वजनिक निविदा लिस्टिंग के एक सर्वेक्षण से पता चला है कि चीन के लगभग सभी शहरों और प्रांतों के अस्पताल अब वेंटिलेटर और अन्य उपकरणों के लिए बाजार में हैं, जिनका उपयोग कोविड-19 से गंभीर रूप से बीमार रोगियों के इलाज के लिए किया जाता है।
आरएफए ने बताया कि इस तरह के उपकरणों की मांग करने वाले अस्पताल बीजिंग और उत्तरी चीन में केंद्रित हैं, जहां हाल के दिनों में अंतिम संस्कार के लिए शवों की भीड़ लग गई है। एक पूर्व वरिष्ठ स्वास्थ्य पत्रकार, जिन्होंने प्रतिशोध के डर से गुमनाम रहने के लिए कहा, ने बताया कि अस्पताल वर्तमान में घबराहट में वेंटिलेटर और अन्य उपकरण खरीद रहे हैं।
उन्होंने कहा कि लेकिन क्वारंटाइन सुविधाओं के निर्माण के लिए कोविड-रोधी निधियों के टॉप-डाउन आवंटन और बड़े पैमाने पर परीक्षण अनुबंधों को वित्तपोषित करने से स्थानीय सरकारें और सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को कोविड-19 संक्रमणों की विशाल लहर से निपटने के लिए आवश्यक धन की कमी हो गई थी।
उन्होंने सुझाव दिया कि शून्य-कोविड नीति के कड़े प्रतिबंधों को हाल ही में छोड़ने के पीछे का कारण यह था कि स्थानीय सरकारों के पास पैसा खत्म हो गया था। पत्रकार ने कहा, अब उन्हें आपूर्ति खरीदने की जरूरत है, लेकिन सरकार उन्हें पैसा नहीं देगी, और निश्चित रूप से स्थानीय सरकारों के पास पैसा नहीं है, वह सभी खतरे में हैं।
दक्षिण-पश्चिमी शहर चोंगकिंग की एक अधिकारी ने पुष्टि की कि इस महीने की शुरूआत में लॉकडाउन हटाए जाने के बाद से वह वेंटिलेटर तक पहुंचने के लिए संघर्ष कर रही हैं। अधिकारी ने कहा, उन सभी ने अचानक 1 दिसंबर से फ्लैट [कुछ नहीं करने] का फैसला किया, और हम तुरंत चिकित्सा आपूर्ति की कमी में डूब गए। मेरे कार्यालय में काम करने वाले 17 लोगों में से 15 को कोविड-19 हो गया।
बड़े पैमाने पर लॉकडाउन विरोधी प्रदर्शनों के बाद चीन ने औपचारिक रूप से 7 दिसंबर को कोविड प्रतिबंधों में ढील देने का आदेश दिया। अधिकारी ने कहा कि वह कमी के बीच बुखार की दवाइयां खरीदने में असमर्थ थी, गंभीर रूप से बीमार लोगों के लिए वेंटिलेटर तो दूर की बात है।
–आईएएनएस
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