बेंगलुरु, 23 दिसंबर (आईएएनएस)। देशभर में क्रिसमस की तैयारी धूमधाम से की जा रही है। रोमन कैथोलिक चर्च के भारतीय प्रीलेट और बेंगलुरु के मेट्रोपॉलिटन आर्कबिशप डॉ. पीटर मचाडो ने सोमवार को आईएएनएस से बात करते हुए लोगों को शांति संदेश दिया।
रूस-यूक्रेन युद्ध, यूरोपीय देशों के युद्ध और पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश के हालात, दुनियाभर में फैली अशांति को लेकर आर्कबिशप डॉ. पीटर मचाडो ने कहा, “हम क्रिसमस मनाकर बहुत खुश हैं, यह खुशी का पर्व है और यह प्रभु यीशु के जन्म पर हमारे लिए शांति का पर्व भी है, स्वर्गदूतों ने सर्वोच्च ईश्वर की महिमा को बताया और सभी लोगों को शांति की शुभकामनाएं दीं, इसलिए यदि क्रिसमस पर यह शांति गायब है तो यह पर्व आनंददायक नहीं है, इसे मनाया नहीं जा सकता, इसलिए हम शांति के लिए प्रार्थना करते हैं।”
उन्होंने कहा, “शांति के लिए हमारा प्रयास प्रत्येक व्यक्ति से शुरू होता है। जब तक आपके पास खुद के लिए शांति नहीं है, आप दूसरों के साथ शांति का आदान-प्रदान नहीं कर सकते। दुर्भाग्य से पड़ोसी देश में भी शांति नहीं है। शांति पाने के लिए व्यक्ति में इसका इरादा होना चाहिए। अगर मैं शांति के लिए शर्तें बना रहा हूं, अगर मैं शांति के लिए मांग कर रहा हूं कि आपको ये करना चाहिए या नहीं करना चाहिए, तो शायद शांति की कोई संभावना नहीं है।”
पीटर मचाडो ने कहा, “शांति के लिए संवाद बहुत जरूरी है और हमें दूसरे पक्ष को देखना होगा कि उसका क्या मतलब है। पवित्र पिता फ्रांसिस में इन दिनों हम एक शब्द सिनोडैलिटी के बारे में बात कर रहे हैं। यह बहुत महत्वपूर्ण शब्द है। यह दूसरे लोगों की बातें सुनने को लेकर है, न कि बोलने के बारे में। अगर कोई अपनी शर्तों पर शांति चाहता है, तो यह शांति नहीं है। यह तभी संभव है, जब हम दूसरों की बात सुनें। फलदायी तरीके से संवाद होना चाहिए, तभी शांति संभव है। हमें बहुत खुशी होगी कि अगर ईसाइयों के पर्व क्रिसमस पर किसी तरह से दुनिया में शांति की पहल होता है।”
–आईएएनएस
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