नई दिल्ली, 26 जनवरी (आईएएनएस)। कर्तव्य पथ पर आयोजित गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह में इस बार आधुनिकता के साथ-साथ आत्मनिर्भरता पर जोर दिया गया। सेना ने भारत में ही विकसित स्वदेशी तकनीक व हथियारों का प्रदर्शन किया।
परेड में देशवासियों को भारतीय सेना के स्वदेशी व अत्याधुनिक हथियार, मिसाइल सिस्टम, टैंक, आधुनिक कम्युनिकेशन संयंत्र व विशेष वाहन देखने को मिले। इनमें नाग मिसाइल सिस्टम, टी-90 भीष्म टैंक, सारथ टैंक, ब्रह्मोस मोबाइल लॉन्चर, चेतक ऑल टैरेन वाहन, बजरंग लाइट स्पेशलिस्ट वाहन, अग्निबाण मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर शामिल रहे।
इनके अलावा गणतंत्र दिवस पर भारतीय सेना अपने कपिध्वज स्पेशलिस्ट मोबिलिटी वाहन, आधुनिक नंदीघोष क्विक रिएक्शन फ़ोर्स वाहन, शॉर्ट ब्रिज सिस्टम, संजय बैटल फील्ड सर्विलांस सिस्टम, आकाश मिसाइलों से लैस आकाश आर्मी लॉन्चर का भी प्रदर्शन किया। गणतंत्र दिवस समारोह में इंडोनेशिया के सैनिकों का मार्चिंग दस्ता और इंडोनेशियाई सैनिक म्यूजिक बैंड भी शामिल हुए।
इस बार गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबिआंतो थे। गणतंत्र दिवस समारोह में इंडोनेशिया के सैनिक बतौर मार्चिंग दल के रूप में शामिल हुए। इंडोनेशियाई सैन्यकर्मियों का बैंड भी यहां मार्चिंग दस्ते के साथ इंडोनेशियाई धुन बजाता नजर आया।
वहीं गणतंत्र दिवस समारोह के अंत में भारतीय लोक नृत्यों एवं अन्य सांस्कृतिक प्रस्तुतियों दी गई, जिसका संगीत विख्यात संगीतकार शंकर महादेवन द्वारा तैयार किया गया था। इस वर्ष कर्तव्य पथ पर आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह में करीब 77 हज़ार लोग शामिल हुए। इनमें से 32,000 व्यक्ति वो थे जिन्होंने गणतंत्र दिवस समारोह का टिकट खरीदा था। वहीं 10,000 विशेष अतिथि भी इनमें शामिल रहे। इस बार 5,000 से अधिक कलाकारों ने कर्तव्य पथ पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किए।
यह संख्या पिछले वर्षों के मुकाबले काफी अधिक है। रंग-बिरंगी पोशाकों में मौजूद इन युवाओं ने आदिवासी कला का प्रदर्शन किया। इसके अलावा युवाओं, महिलाओं एवं देश की विभिन्न सांस्कृतिक कलाओं पर आधारित प्रस्तुतियां यहां कर्तव्य पथ पर दी गईं। इस साल गणतंत्र दिवस समारोह में समाज और संस्कृति की अधिक से अधिक व व्यापक भागीदारी सुनिश्चित की गई।
गणतंत्र दिवस समारोह 26 जनवरी को कर्तव्य पथ पर प्रातः 10 बजकर 30 मिनट पर प्रारंभ हुआ और यह कार्यक्रम 90 मिनट तक चला। इस वर्ष एक ख़ास बात यह भी रही कि मुख्य सलामी मंच के अलावा भी पूरे परेड स्थल पर सांस्कृतिक कलाकारों द्वारा लोक नृत्य एवं अपनी विविध प्रकार की कलाओं का प्रदर्शन किया गया। अभी तक केवल मुख्य सलामी मंच के समीप ही लोक कलाकार अपने नृत्य एवं विभिन्न लोक कलाओं का प्रदर्शन करते थे। जबकि परेड स्थल पर मौजूद अन्य दर्शकों के लिए ये सांस्कृतिक प्रस्तुतियां कम ही उपलब्ध होती थीं।
इसके अलावा गणतंत्र दिवस पर आयोजित समारोह में मुख्य फोकस भारतीय धुनों पर ही रहा। इस गणतंत्र दिवस समारोह में हर बार की भांति परेड का सैन्य स्वरूप बरकरार रखा गया था, लेकिन इसके साथ ही समारोह में सामाजिक और सांस्कृतिक भागीदारी पहले से कहीं ज़्यादा रही। गणतंत्र दिवस समारोह के अंत में देश भर के अलग-अलग हिस्सों से आए 5,000 कलाकारों ने संगीतमय प्रस्तुति दी, जिसमें लोक संगीत एवं लोक नृत्य शामिल था।
–आईएएनएस
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