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Home अंतरराष्ट्रीय

गाजा युद्ध को लेकर इजरायल से संबंधों पर पुनर्विचार कर सकता है मिस्र

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May 14, 2024
in अंतरराष्ट्रीय
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गाजा युद्ध को लेकर इजरायल से संबंधों पर पुनर्विचार कर सकता है मिस्र
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काहिरा, 14 मई (आईएएनएस/डीपीए)। गाजा पट्टी में इजरायल की व्यापक सैन्य कार्रवाई के जवाब में पड़ोसी देश मिस्र इजरायल से राजनयिक संबंधों को कम कर सकता है।

वॉल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार, मिस्र के सरकारी अधिकारियों ने संकेत दिया है कि मिस्र इजरायल से अपना राजदूत वापस बुला सकता है।

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रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि, संबंध को पूरी तरह से खत्म करने की फिलहाल कोई योजना नहीं है। काहिरा की ओर से कोई आधिकारिक टिप्पणी अभी नहीं आई है।

काहिरा में सरकार चिंतित है कि अगर गाजा के दक्षिणी हिस्से रफा में इजरायली आक्रमण बढ़ाया गया तो बड़ी संख्या में फिलिस्तीनी सीमा पार कर मिस्र में प्रवेश कर सकते हैं।

मिस्र 1979 में इजरायल के साथ शांति स्थापित करने वाला पहला अरब देश था। देश गाजा पट्टी पर इजरायल की नाकाबंदी का भी समर्थन करता है।

मिस्र ने रविवार को कहा कि वह दक्षिण अफ्रीका द्वारा इजरायल के खिलाफ लाए गए नरसंहार मुकदमे में भी शामिल होगा।

दक्षिण अफ़्रीका ने दिसंबर में युद्ध के दौरान कथित तौर पर किए गए नरसंहार के लिए इजरायल को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में ले गया। एक अंतरिम फैसले में अदालत ने इजरायल को नरसंहार रोकने के लिए उपाय करने का आदेश दिया।

इजरायल ने आरोप को खारिज करते हुए कहा कि उसने 7 अक्टूबर को इजरायल में हमास द्वारा किए गए नरसंहार के बाद आत्मरक्षा में ये कदम उठाया है।

–आईएएनएस/डीपीए

एसकेपी/

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काहिरा, 14 मई (आईएएनएस/डीपीए)। गाजा पट्टी में इजरायल की व्यापक सैन्य कार्रवाई के जवाब में पड़ोसी देश मिस्र इजरायल से राजनयिक संबंधों को कम कर सकता है।

वॉल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार, मिस्र के सरकारी अधिकारियों ने संकेत दिया है कि मिस्र इजरायल से अपना राजदूत वापस बुला सकता है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि, संबंध को पूरी तरह से खत्म करने की फिलहाल कोई योजना नहीं है। काहिरा की ओर से कोई आधिकारिक टिप्पणी अभी नहीं आई है।

काहिरा में सरकार चिंतित है कि अगर गाजा के दक्षिणी हिस्से रफा में इजरायली आक्रमण बढ़ाया गया तो बड़ी संख्या में फिलिस्तीनी सीमा पार कर मिस्र में प्रवेश कर सकते हैं।

मिस्र 1979 में इजरायल के साथ शांति स्थापित करने वाला पहला अरब देश था। देश गाजा पट्टी पर इजरायल की नाकाबंदी का भी समर्थन करता है।

मिस्र ने रविवार को कहा कि वह दक्षिण अफ्रीका द्वारा इजरायल के खिलाफ लाए गए नरसंहार मुकदमे में भी शामिल होगा।

दक्षिण अफ़्रीका ने दिसंबर में युद्ध के दौरान कथित तौर पर किए गए नरसंहार के लिए इजरायल को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में ले गया। एक अंतरिम फैसले में अदालत ने इजरायल को नरसंहार रोकने के लिए उपाय करने का आदेश दिया।

इजरायल ने आरोप को खारिज करते हुए कहा कि उसने 7 अक्टूबर को इजरायल में हमास द्वारा किए गए नरसंहार के बाद आत्मरक्षा में ये कदम उठाया है।

–आईएएनएस/डीपीए

एसकेपी/

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काहिरा, 14 मई (आईएएनएस/डीपीए)। गाजा पट्टी में इजरायल की व्यापक सैन्य कार्रवाई के जवाब में पड़ोसी देश मिस्र इजरायल से राजनयिक संबंधों को कम कर सकता है।

वॉल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार, मिस्र के सरकारी अधिकारियों ने संकेत दिया है कि मिस्र इजरायल से अपना राजदूत वापस बुला सकता है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि, संबंध को पूरी तरह से खत्म करने की फिलहाल कोई योजना नहीं है। काहिरा की ओर से कोई आधिकारिक टिप्पणी अभी नहीं आई है।

काहिरा में सरकार चिंतित है कि अगर गाजा के दक्षिणी हिस्से रफा में इजरायली आक्रमण बढ़ाया गया तो बड़ी संख्या में फिलिस्तीनी सीमा पार कर मिस्र में प्रवेश कर सकते हैं।

मिस्र 1979 में इजरायल के साथ शांति स्थापित करने वाला पहला अरब देश था। देश गाजा पट्टी पर इजरायल की नाकाबंदी का भी समर्थन करता है।

मिस्र ने रविवार को कहा कि वह दक्षिण अफ्रीका द्वारा इजरायल के खिलाफ लाए गए नरसंहार मुकदमे में भी शामिल होगा।

दक्षिण अफ़्रीका ने दिसंबर में युद्ध के दौरान कथित तौर पर किए गए नरसंहार के लिए इजरायल को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में ले गया। एक अंतरिम फैसले में अदालत ने इजरायल को नरसंहार रोकने के लिए उपाय करने का आदेश दिया।

इजरायल ने आरोप को खारिज करते हुए कहा कि उसने 7 अक्टूबर को इजरायल में हमास द्वारा किए गए नरसंहार के बाद आत्मरक्षा में ये कदम उठाया है।

–आईएएनएस/डीपीए

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काहिरा, 14 मई (आईएएनएस/डीपीए)। गाजा पट्टी में इजरायल की व्यापक सैन्य कार्रवाई के जवाब में पड़ोसी देश मिस्र इजरायल से राजनयिक संबंधों को कम कर सकता है।

वॉल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार, मिस्र के सरकारी अधिकारियों ने संकेत दिया है कि मिस्र इजरायल से अपना राजदूत वापस बुला सकता है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि, संबंध को पूरी तरह से खत्म करने की फिलहाल कोई योजना नहीं है। काहिरा की ओर से कोई आधिकारिक टिप्पणी अभी नहीं आई है।

काहिरा में सरकार चिंतित है कि अगर गाजा के दक्षिणी हिस्से रफा में इजरायली आक्रमण बढ़ाया गया तो बड़ी संख्या में फिलिस्तीनी सीमा पार कर मिस्र में प्रवेश कर सकते हैं।

मिस्र 1979 में इजरायल के साथ शांति स्थापित करने वाला पहला अरब देश था। देश गाजा पट्टी पर इजरायल की नाकाबंदी का भी समर्थन करता है।

मिस्र ने रविवार को कहा कि वह दक्षिण अफ्रीका द्वारा इजरायल के खिलाफ लाए गए नरसंहार मुकदमे में भी शामिल होगा।

दक्षिण अफ़्रीका ने दिसंबर में युद्ध के दौरान कथित तौर पर किए गए नरसंहार के लिए इजरायल को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में ले गया। एक अंतरिम फैसले में अदालत ने इजरायल को नरसंहार रोकने के लिए उपाय करने का आदेश दिया।

इजरायल ने आरोप को खारिज करते हुए कहा कि उसने 7 अक्टूबर को इजरायल में हमास द्वारा किए गए नरसंहार के बाद आत्मरक्षा में ये कदम उठाया है।

–आईएएनएस/डीपीए

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वॉल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार, मिस्र के सरकारी अधिकारियों ने संकेत दिया है कि मिस्र इजरायल से अपना राजदूत वापस बुला सकता है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि, संबंध को पूरी तरह से खत्म करने की फिलहाल कोई योजना नहीं है। काहिरा की ओर से कोई आधिकारिक टिप्पणी अभी नहीं आई है।

काहिरा में सरकार चिंतित है कि अगर गाजा के दक्षिणी हिस्से रफा में इजरायली आक्रमण बढ़ाया गया तो बड़ी संख्या में फिलिस्तीनी सीमा पार कर मिस्र में प्रवेश कर सकते हैं।

मिस्र 1979 में इजरायल के साथ शांति स्थापित करने वाला पहला अरब देश था। देश गाजा पट्टी पर इजरायल की नाकाबंदी का भी समर्थन करता है।

मिस्र ने रविवार को कहा कि वह दक्षिण अफ्रीका द्वारा इजरायल के खिलाफ लाए गए नरसंहार मुकदमे में भी शामिल होगा।

दक्षिण अफ़्रीका ने दिसंबर में युद्ध के दौरान कथित तौर पर किए गए नरसंहार के लिए इजरायल को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में ले गया। एक अंतरिम फैसले में अदालत ने इजरायल को नरसंहार रोकने के लिए उपाय करने का आदेश दिया।

इजरायल ने आरोप को खारिज करते हुए कहा कि उसने 7 अक्टूबर को इजरायल में हमास द्वारा किए गए नरसंहार के बाद आत्मरक्षा में ये कदम उठाया है।

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वॉल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार, मिस्र के सरकारी अधिकारियों ने संकेत दिया है कि मिस्र इजरायल से अपना राजदूत वापस बुला सकता है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि, संबंध को पूरी तरह से खत्म करने की फिलहाल कोई योजना नहीं है। काहिरा की ओर से कोई आधिकारिक टिप्पणी अभी नहीं आई है।

काहिरा में सरकार चिंतित है कि अगर गाजा के दक्षिणी हिस्से रफा में इजरायली आक्रमण बढ़ाया गया तो बड़ी संख्या में फिलिस्तीनी सीमा पार कर मिस्र में प्रवेश कर सकते हैं।

मिस्र 1979 में इजरायल के साथ शांति स्थापित करने वाला पहला अरब देश था। देश गाजा पट्टी पर इजरायल की नाकाबंदी का भी समर्थन करता है।

मिस्र ने रविवार को कहा कि वह दक्षिण अफ्रीका द्वारा इजरायल के खिलाफ लाए गए नरसंहार मुकदमे में भी शामिल होगा।

दक्षिण अफ़्रीका ने दिसंबर में युद्ध के दौरान कथित तौर पर किए गए नरसंहार के लिए इजरायल को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में ले गया। एक अंतरिम फैसले में अदालत ने इजरायल को नरसंहार रोकने के लिए उपाय करने का आदेश दिया।

इजरायल ने आरोप को खारिज करते हुए कहा कि उसने 7 अक्टूबर को इजरायल में हमास द्वारा किए गए नरसंहार के बाद आत्मरक्षा में ये कदम उठाया है।

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वॉल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार, मिस्र के सरकारी अधिकारियों ने संकेत दिया है कि मिस्र इजरायल से अपना राजदूत वापस बुला सकता है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि, संबंध को पूरी तरह से खत्म करने की फिलहाल कोई योजना नहीं है। काहिरा की ओर से कोई आधिकारिक टिप्पणी अभी नहीं आई है।

काहिरा में सरकार चिंतित है कि अगर गाजा के दक्षिणी हिस्से रफा में इजरायली आक्रमण बढ़ाया गया तो बड़ी संख्या में फिलिस्तीनी सीमा पार कर मिस्र में प्रवेश कर सकते हैं।

मिस्र 1979 में इजरायल के साथ शांति स्थापित करने वाला पहला अरब देश था। देश गाजा पट्टी पर इजरायल की नाकाबंदी का भी समर्थन करता है।

मिस्र ने रविवार को कहा कि वह दक्षिण अफ्रीका द्वारा इजरायल के खिलाफ लाए गए नरसंहार मुकदमे में भी शामिल होगा।

दक्षिण अफ़्रीका ने दिसंबर में युद्ध के दौरान कथित तौर पर किए गए नरसंहार के लिए इजरायल को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में ले गया। एक अंतरिम फैसले में अदालत ने इजरायल को नरसंहार रोकने के लिए उपाय करने का आदेश दिया।

इजरायल ने आरोप को खारिज करते हुए कहा कि उसने 7 अक्टूबर को इजरायल में हमास द्वारा किए गए नरसंहार के बाद आत्मरक्षा में ये कदम उठाया है।

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वॉल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार, मिस्र के सरकारी अधिकारियों ने संकेत दिया है कि मिस्र इजरायल से अपना राजदूत वापस बुला सकता है।

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काहिरा में सरकार चिंतित है कि अगर गाजा के दक्षिणी हिस्से रफा में इजरायली आक्रमण बढ़ाया गया तो बड़ी संख्या में फिलिस्तीनी सीमा पार कर मिस्र में प्रवेश कर सकते हैं।

मिस्र 1979 में इजरायल के साथ शांति स्थापित करने वाला पहला अरब देश था। देश गाजा पट्टी पर इजरायल की नाकाबंदी का भी समर्थन करता है।

मिस्र ने रविवार को कहा कि वह दक्षिण अफ्रीका द्वारा इजरायल के खिलाफ लाए गए नरसंहार मुकदमे में भी शामिल होगा।

दक्षिण अफ़्रीका ने दिसंबर में युद्ध के दौरान कथित तौर पर किए गए नरसंहार के लिए इजरायल को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में ले गया। एक अंतरिम फैसले में अदालत ने इजरायल को नरसंहार रोकने के लिए उपाय करने का आदेश दिया।

इजरायल ने आरोप को खारिज करते हुए कहा कि उसने 7 अक्टूबर को इजरायल में हमास द्वारा किए गए नरसंहार के बाद आत्मरक्षा में ये कदम उठाया है।

–आईएएनएस/डीपीए

एसकेपी/

काहिरा, 14 मई (आईएएनएस/डीपीए)। गाजा पट्टी में इजरायल की व्यापक सैन्य कार्रवाई के जवाब में पड़ोसी देश मिस्र इजरायल से राजनयिक संबंधों को कम कर सकता है।

वॉल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार, मिस्र के सरकारी अधिकारियों ने संकेत दिया है कि मिस्र इजरायल से अपना राजदूत वापस बुला सकता है।

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मिस्र 1979 में इजरायल के साथ शांति स्थापित करने वाला पहला अरब देश था। देश गाजा पट्टी पर इजरायल की नाकाबंदी का भी समर्थन करता है।

मिस्र ने रविवार को कहा कि वह दक्षिण अफ्रीका द्वारा इजरायल के खिलाफ लाए गए नरसंहार मुकदमे में भी शामिल होगा।

दक्षिण अफ़्रीका ने दिसंबर में युद्ध के दौरान कथित तौर पर किए गए नरसंहार के लिए इजरायल को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में ले गया। एक अंतरिम फैसले में अदालत ने इजरायल को नरसंहार रोकने के लिए उपाय करने का आदेश दिया।

इजरायल ने आरोप को खारिज करते हुए कहा कि उसने 7 अक्टूबर को इजरायल में हमास द्वारा किए गए नरसंहार के बाद आत्मरक्षा में ये कदम उठाया है।

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वॉल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार, मिस्र के सरकारी अधिकारियों ने संकेत दिया है कि मिस्र इजरायल से अपना राजदूत वापस बुला सकता है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि, संबंध को पूरी तरह से खत्म करने की फिलहाल कोई योजना नहीं है। काहिरा की ओर से कोई आधिकारिक टिप्पणी अभी नहीं आई है।

काहिरा में सरकार चिंतित है कि अगर गाजा के दक्षिणी हिस्से रफा में इजरायली आक्रमण बढ़ाया गया तो बड़ी संख्या में फिलिस्तीनी सीमा पार कर मिस्र में प्रवेश कर सकते हैं।

मिस्र 1979 में इजरायल के साथ शांति स्थापित करने वाला पहला अरब देश था। देश गाजा पट्टी पर इजरायल की नाकाबंदी का भी समर्थन करता है।

मिस्र ने रविवार को कहा कि वह दक्षिण अफ्रीका द्वारा इजरायल के खिलाफ लाए गए नरसंहार मुकदमे में भी शामिल होगा।

दक्षिण अफ़्रीका ने दिसंबर में युद्ध के दौरान कथित तौर पर किए गए नरसंहार के लिए इजरायल को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में ले गया। एक अंतरिम फैसले में अदालत ने इजरायल को नरसंहार रोकने के लिए उपाय करने का आदेश दिया।

इजरायल ने आरोप को खारिज करते हुए कहा कि उसने 7 अक्टूबर को इजरायल में हमास द्वारा किए गए नरसंहार के बाद आत्मरक्षा में ये कदम उठाया है।

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वॉल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार, मिस्र के सरकारी अधिकारियों ने संकेत दिया है कि मिस्र इजरायल से अपना राजदूत वापस बुला सकता है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि, संबंध को पूरी तरह से खत्म करने की फिलहाल कोई योजना नहीं है। काहिरा की ओर से कोई आधिकारिक टिप्पणी अभी नहीं आई है।

काहिरा में सरकार चिंतित है कि अगर गाजा के दक्षिणी हिस्से रफा में इजरायली आक्रमण बढ़ाया गया तो बड़ी संख्या में फिलिस्तीनी सीमा पार कर मिस्र में प्रवेश कर सकते हैं।

मिस्र 1979 में इजरायल के साथ शांति स्थापित करने वाला पहला अरब देश था। देश गाजा पट्टी पर इजरायल की नाकाबंदी का भी समर्थन करता है।

मिस्र ने रविवार को कहा कि वह दक्षिण अफ्रीका द्वारा इजरायल के खिलाफ लाए गए नरसंहार मुकदमे में भी शामिल होगा।

दक्षिण अफ़्रीका ने दिसंबर में युद्ध के दौरान कथित तौर पर किए गए नरसंहार के लिए इजरायल को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में ले गया। एक अंतरिम फैसले में अदालत ने इजरायल को नरसंहार रोकने के लिए उपाय करने का आदेश दिया।

इजरायल ने आरोप को खारिज करते हुए कहा कि उसने 7 अक्टूबर को इजरायल में हमास द्वारा किए गए नरसंहार के बाद आत्मरक्षा में ये कदम उठाया है।

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वॉल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार, मिस्र के सरकारी अधिकारियों ने संकेत दिया है कि मिस्र इजरायल से अपना राजदूत वापस बुला सकता है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि, संबंध को पूरी तरह से खत्म करने की फिलहाल कोई योजना नहीं है। काहिरा की ओर से कोई आधिकारिक टिप्पणी अभी नहीं आई है।

काहिरा में सरकार चिंतित है कि अगर गाजा के दक्षिणी हिस्से रफा में इजरायली आक्रमण बढ़ाया गया तो बड़ी संख्या में फिलिस्तीनी सीमा पार कर मिस्र में प्रवेश कर सकते हैं।

मिस्र 1979 में इजरायल के साथ शांति स्थापित करने वाला पहला अरब देश था। देश गाजा पट्टी पर इजरायल की नाकाबंदी का भी समर्थन करता है।

मिस्र ने रविवार को कहा कि वह दक्षिण अफ्रीका द्वारा इजरायल के खिलाफ लाए गए नरसंहार मुकदमे में भी शामिल होगा।

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इजरायल ने आरोप को खारिज करते हुए कहा कि उसने 7 अक्टूबर को इजरायल में हमास द्वारा किए गए नरसंहार के बाद आत्मरक्षा में ये कदम उठाया है।

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रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि, संबंध को पूरी तरह से खत्म करने की फिलहाल कोई योजना नहीं है। काहिरा की ओर से कोई आधिकारिक टिप्पणी अभी नहीं आई है।

काहिरा में सरकार चिंतित है कि अगर गाजा के दक्षिणी हिस्से रफा में इजरायली आक्रमण बढ़ाया गया तो बड़ी संख्या में फिलिस्तीनी सीमा पार कर मिस्र में प्रवेश कर सकते हैं।

मिस्र 1979 में इजरायल के साथ शांति स्थापित करने वाला पहला अरब देश था। देश गाजा पट्टी पर इजरायल की नाकाबंदी का भी समर्थन करता है।

मिस्र ने रविवार को कहा कि वह दक्षिण अफ्रीका द्वारा इजरायल के खिलाफ लाए गए नरसंहार मुकदमे में भी शामिल होगा।

दक्षिण अफ़्रीका ने दिसंबर में युद्ध के दौरान कथित तौर पर किए गए नरसंहार के लिए इजरायल को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में ले गया। एक अंतरिम फैसले में अदालत ने इजरायल को नरसंहार रोकने के लिए उपाय करने का आदेश दिया।

इजरायल ने आरोप को खारिज करते हुए कहा कि उसने 7 अक्टूबर को इजरायल में हमास द्वारा किए गए नरसंहार के बाद आत्मरक्षा में ये कदम उठाया है।

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वॉल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार, मिस्र के सरकारी अधिकारियों ने संकेत दिया है कि मिस्र इजरायल से अपना राजदूत वापस बुला सकता है।

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काहिरा में सरकार चिंतित है कि अगर गाजा के दक्षिणी हिस्से रफा में इजरायली आक्रमण बढ़ाया गया तो बड़ी संख्या में फिलिस्तीनी सीमा पार कर मिस्र में प्रवेश कर सकते हैं।

मिस्र 1979 में इजरायल के साथ शांति स्थापित करने वाला पहला अरब देश था। देश गाजा पट्टी पर इजरायल की नाकाबंदी का भी समर्थन करता है।

मिस्र ने रविवार को कहा कि वह दक्षिण अफ्रीका द्वारा इजरायल के खिलाफ लाए गए नरसंहार मुकदमे में भी शामिल होगा।

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वॉल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार, मिस्र के सरकारी अधिकारियों ने संकेत दिया है कि मिस्र इजरायल से अपना राजदूत वापस बुला सकता है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि, संबंध को पूरी तरह से खत्म करने की फिलहाल कोई योजना नहीं है। काहिरा की ओर से कोई आधिकारिक टिप्पणी अभी नहीं आई है।

काहिरा में सरकार चिंतित है कि अगर गाजा के दक्षिणी हिस्से रफा में इजरायली आक्रमण बढ़ाया गया तो बड़ी संख्या में फिलिस्तीनी सीमा पार कर मिस्र में प्रवेश कर सकते हैं।

मिस्र 1979 में इजरायल के साथ शांति स्थापित करने वाला पहला अरब देश था। देश गाजा पट्टी पर इजरायल की नाकाबंदी का भी समर्थन करता है।

मिस्र ने रविवार को कहा कि वह दक्षिण अफ्रीका द्वारा इजरायल के खिलाफ लाए गए नरसंहार मुकदमे में भी शामिल होगा।

दक्षिण अफ़्रीका ने दिसंबर में युद्ध के दौरान कथित तौर पर किए गए नरसंहार के लिए इजरायल को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में ले गया। एक अंतरिम फैसले में अदालत ने इजरायल को नरसंहार रोकने के लिए उपाय करने का आदेश दिया।

इजरायल ने आरोप को खारिज करते हुए कहा कि उसने 7 अक्टूबर को इजरायल में हमास द्वारा किए गए नरसंहार के बाद आत्मरक्षा में ये कदम उठाया है।

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काहिरा, 14 मई (आईएएनएस/डीपीए)। गाजा पट्टी में इजरायल की व्यापक सैन्य कार्रवाई के जवाब में पड़ोसी देश मिस्र इजरायल से राजनयिक संबंधों को कम कर सकता है।

वॉल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार, मिस्र के सरकारी अधिकारियों ने संकेत दिया है कि मिस्र इजरायल से अपना राजदूत वापस बुला सकता है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि, संबंध को पूरी तरह से खत्म करने की फिलहाल कोई योजना नहीं है। काहिरा की ओर से कोई आधिकारिक टिप्पणी अभी नहीं आई है।

काहिरा में सरकार चिंतित है कि अगर गाजा के दक्षिणी हिस्से रफा में इजरायली आक्रमण बढ़ाया गया तो बड़ी संख्या में फिलिस्तीनी सीमा पार कर मिस्र में प्रवेश कर सकते हैं।

मिस्र 1979 में इजरायल के साथ शांति स्थापित करने वाला पहला अरब देश था। देश गाजा पट्टी पर इजरायल की नाकाबंदी का भी समर्थन करता है।

मिस्र ने रविवार को कहा कि वह दक्षिण अफ्रीका द्वारा इजरायल के खिलाफ लाए गए नरसंहार मुकदमे में भी शामिल होगा।

दक्षिण अफ़्रीका ने दिसंबर में युद्ध के दौरान कथित तौर पर किए गए नरसंहार के लिए इजरायल को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में ले गया। एक अंतरिम फैसले में अदालत ने इजरायल को नरसंहार रोकने के लिए उपाय करने का आदेश दिया।

इजरायल ने आरोप को खारिज करते हुए कहा कि उसने 7 अक्टूबर को इजरायल में हमास द्वारा किए गए नरसंहार के बाद आत्मरक्षा में ये कदम उठाया है।

–आईएएनएस/डीपीए

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