अहमदाबाद, 21 अप्रैल (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून (पीएमएलए), 2002 के तहत महेश प्रभुदान लांगा के खिलाफ 17 अप्रैल को विशेष अदालत में चार्जशीट दाखिल की और उसी दिन अदालत ने इस शिकायत पर संज्ञान भी ले लिया।
यह कार्रवाई अहमदाबाद शहर के डीसीबी पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई एक एफआईआर के आधार पर शुरू की गई थी, जिसमें धोखाधड़ी और भरोसे को तोड़ने (विश्वासघात) के आरोप लगाए गए थे। इसके अलावा, सैटेलाइट पुलिस स्टेशन, अहमदाबाद में भी महेश लांगा के खिलाफ एक और एफआईआर दर्ज हुई थी, जिसमें जबरन वसूली की बात कही गई थी।
जांच के दौरान ईडी को पता चला कि महेश लांगा मीडिया से अपने कथित संबंधों का इस्तेमाल कर लोगों से पैसे ऐंठता था। वह शिकायतकर्ताओं को धमकी देता था कि अगर उन्होंने पैसे नहीं दिए तो उनके खिलाफ बदनाम करने वाली खबरें प्रकाशित कर देगा। इस तरह की ब्लैकमेलिंग से कई लोगों को लाखों रुपये का नुकसान हुआ।
ईडी ने जांच में पाया कि इस अपराध से जो पैसे कमाए गए, उनका इस्तेमाल अहमदाबाद में एक ऑफिस खरीदने के लिए किया गया। इस संपत्ति को ईडी ने 9 अप्रैल को जारी किए गए अस्थायी कुर्की आदेश के तहत जब्त कर लिया है।
फिलहाल महेश लांगा न्यायिक हिरासत में हैं और इस मामले में ईडी की आगे की जांच जारी है।
महेश लांगा पर आरोप लगे हैं कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग कर ब्लैकमेलिंग, जबरन सेटलमेंट और अवैध कारोबार में संलिप्त रहकर लाखों रुपये की अवैध कमाई की। उनका नाम एक सरकारी दस्तावेज लीक होने के मामले में भी आया है, जिसकी एफआईआर गांधीनगर में दर्ज की गई है।
पिछले साल अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने महेश लांगा के घर पर छापा मारा था, जिसमें 20 लाख रुपये नकद, कीमती आभूषण और संपत्ति से जुड़े दस्तावेज बरामद हुए थे।
गौरतलब है कि उनकी वार्षिक सरकारी सैलरी 9 लाख रुपये थी। उनके 2022-23 के इनकम टैक्स रिटर्न के मुताबिक, महेश की आय 9.48 लाख रुपये और उनकी पत्नी की आय 6.04 लाख रुपये दर्ज की गई थी, कुल मिलाकर दोनों की सालाना आय लगभग 15.5 लाख रुपये थी। इसके बावजूद उनके घर से 20 लाख रुपये नकद बरामद होना कई सवाल खड़े करता है। साथ ही यह भी सामने आया है कि महेश और उनकी पत्नी नियमित रूप से लग्जरी होटलों में ठहरते थे।
–आईएएनएस
सीबीटी/