लखनऊ, 6 दिसंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहियागंज गुरुद्वारा में गुरु परंपरा के नौवें गुरु श्री तेग बहादुर जी महाराज के बलिदान दिवस पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस दौरान सीएम योगी ने उनके बलिदान और स्मृतियों को नमन करते हुए कहा कि सिख पंथ के अनुयायियों ने अपनी साधना और सामर्थ्य से अपने कौम के साथ-साथ पूरे देश को और पूरे सनातन धर्म को न केवल सुरक्षा प्रदान की, बल्कि लंबे समय के लिए उन्हें अभय भी प्रदान किया।
उन्होंने कहा कि गुरु तेग बहादुर जी महाराज ने उस समय कश्मीर को बचाया था। जब वहां के सनातन धर्मावलंबियों को विदेशी आक्रांताओं द्वारा धर्म परिवर्तन करने का आदेश मिला था।
सीएम योगी ने कहा कि गुरु तेग बहादुर ने कश्मीरी पंडितों को एक नया जीवन दिया था। धर्म परिवर्तन के आदेश के बाद सुरक्षा के लिए भटक रहे कश्मीरी पंडितों को न सिर्फ नया जीवन दिया था बल्कि उनसे कहा था कि अत्याचारियों से कह दो कि पहले हमारे गुरु को इस्लाम स्वीकार कराओ।
सीएम योगी ने कहा कि गुरु तेग बहादुर ने हमेशा देश और धर्म को प्राथमिकता दी और किसी विदेशी आक्रांता के सामने सिर नहीं झुकाया। वह कैसा कालखंड रहा होगा, जब एक विदेशी आक्रांता बाबर देश के अंदर अत्याचार कर रहा था। उसके खिलाफ गुरु नानक देव जी ने आवाज उठाई थी। इतिहास के उन पन्नों को कौन नहीं जानता है जब भक्ति की इस परंपरा से ऊपर उठकर उन्होंने समय के साथ तात्कालिक समाज को एक नई दिशा देने का काम किया था। वहां से चलकर हम शहादत और बलिदान के सुदृढ़ नियम को आगे बढ़ाते हुए गुरु गोविंद सिंह महाराज तक पहुंचे। वह शक्ति का एक दिव्य पुंज बन करके न केवल सनातन धर्म की रक्षा के लिए बल्कि भारत की रक्षा के लिए अपने आपको बलिदान करने से पीछे नहीं हटे।
उन्होंने कहा कि गुरु तेग बहादुर ने अपनी शहादत के पहले सनातन धर्म की रक्षा के लिए, देश और धर्म की रक्षा करने के लिए गुरु गोविंद सिंह महाराज जैसा सशक्त शक्तिपुंज भी देश को दिया। उनके चार-चार साहिबजादे बलिदान हो गए। हम प्रधानमंत्री मोदी के आभारी हैं, जिन्होंने 26 दिसंबर की तिथि को वीर बाल दिवस के रूप में आयोजित करने की घोषणा की। यह मेरा सौभाग्य है कि वीर बाल दिवस 2020 से लगातार मुख्यमंत्री आवास में पूरी भव्यता के साथ आयोजित हो रहा है। पूरा संत समाज इसमें शामिल होता है। हम गुरु गोविंद सिंह जी महाराज के चार-चार साहिबजादे और माता गुजरी को नमन करते हुए आज के युवा पीढ़ी के लिए और आज के बच्चों के सामने एक नया आदर्श शहादत के रूप में सामने रखते हैं जो आज के लिए देश और धर्म के लिए सबसे बड़ी आवश्यकता है। यह महान सिख गुरुओं का इतिहास है जो हम सभी के जीवन में एक नई प्रेरणा प्रदान करता है। यह हमको निरंतर आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करता है।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि आज बांग्लादेश में जो कुछ भी हो रहा है वह किसी से छुपा हुआ नहीं है। पाकिस्तान में इससे पहले जो कुछ भी हुआ वह किसी से छुपा हुआ नहीं है। आखिर ननकाना साहिब इन सबसे कब तक दूर रहेगा। हमें हमारा अधिकार वापस मिलना चाहिए। सीएम योगी ने कहा कि अगर 1947 में सूझबूझ दिखाई गई होती तो संभव है कि आज हरि कीर्तन यात्रा में आने वाला व्यवधान वहां पर नहीं देखने को मिलता। इतिहास के उन गलतियों के परिमार्जन का अवसर आज इतिहास हमें दे रहा है। मुझे लगता है कि उसके लिए हम सभी को अपने आप को तैयार करना होगा। एकजुट होकर एक साथ मिलकर इस अभियान का हिस्सा बनना होगा।
सीएम योगी ने कहा कि उन लोगों से सावधान होने की आवश्यकता है जो हिंदुओं और सिखों के बीच में खाई पैदा करना चाहते हैं। वो लोग इतिहास को तोड़ मरोड़ कर प्रस्तुत करने का प्रयास कर रहे हैं। हमें गुरु परंपरा के प्रति श्रद्धा का भाव रखते हुए इस बारे में अपने आप को तैयार करना है। यह गुरु परंपरा गुरु नानक देव जी से लेकर गुरु गोविंद सिंह महाराज तक, और जो शहादत की परंपरा सिख कौम ने देश और धर्म के लिए दी है, हमें उसका अनुसरण करना है, उसको अपना इतिहास और अपने जीवन का हिस्सा मानना है और वह हमारे लिए आने वाली पीढ़ी के उज्जवल भविष्य के लिए एक आधार हो सकता है।
सीएम योगी ने कहा कि अगर हम उसका अनुसरण करेंगे तो दुनिया की कोई भी ताकत आपका बाल बांका नहीं कर पाएगी क्योंकि हमारे पास गुरु परंपरा की दिव्य विभूतियां हैं, उनकी साधना हम सभी की शक्ति का आधार है। उन्होंने कहा कि आज जब हम देश और दुनिया के अंदर सिखों को स्वावलंबन और आत्मनिर्भरता के साथ कार्य करते हुए देखता हूं तो अच्छा लगता है। यही गुरुप्रसाद है, यही गुरु का आशीर्वाद है और यही गुरु की परंपरा का अनुसरण करने का परिणाम है कि आपकी श्रद्धा ने गुरु के आशीर्वाद के रूप में सबको आगे बढ़ाने के लिए एक खुशहाल जीवन जीने के लिए एक नई प्रेरणा प्रदान की है।
सीएम योगी ने 26 दिसंबर को मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित होने वाले वीर साहिबजादा दिवस कार्यक्रम में आने के लिए सभी को आमंत्रित किया। सीएम योगी ने कहा कि यह कार्यक्रम एक श्रृंखला है। यह अनवरत आगे बढ़ता रहना चाहिए। क्योंकि यह इतिहास है और इस धरोहर को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। वर्तमान की युवा पीढ़ी को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है, उन्हें बताने की आवश्यकता है कि देश और धर्म के लिए बड़ी उम्र जरूरी नहीं है। 7 साल, 9 साल, 11 साल और 14 साल की उम्र में ही देश और धर्म के काम आया जा सकता है।
–आईएएनएस
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