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Home ताज़ा समाचार

गेमिंग उद्योग ने सरकार को नए जीएसटी लेवी फॉर्मूले का प्रस्ताव दिया

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July 28, 2023
in ताज़ा समाचार
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नई दिल्ली, 28 जुलाई (आईएएनएस)। ऑनलाइन गेमिंग उद्योग ने सरकार को अपनी गतिविधियों पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने का एक नया फॉर्मूला सुझाया है, जिसे मुख्य रूप से अपने हितों की रक्षा के उपाय के रूप में देखा जाता है। 

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद ने 11 जुलाई को कौशल-आधारित गेम खेलने के लिए उपयोगकर्ताओं द्वारा भुगतान किए गए पैसे के पूर्ण मूल्य पर 28 प्रतिशत जीएसटी का उच्चतम स्लैब लगाने का फैसला किया था।

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अभी तक गेमिंग प्लेटफॉर्म पर 18 फीसदी जीएसटी लगता है।

यह निर्णय गेमिंग उद्योग के लिए एक करारा झटका है, जिसने सरकार को एक खुले पत्र में इस निर्णय पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि अब 11 जुलाई के फैसले को लागू करने की व्यवस्था पर फैसला लेने के लिए जीएसटी परिषद की 2 अगस्त को वर्चुअल बैठक होने वाली है। समझा जाता है कि उद्योग ने सरकार को सुझाव दिया है कि कुल राशि पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाना चाहिए।

उद्योग के सूत्रों का कहना है कि सकल जमा पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने से गेमिंग उद्योग की कमर टूट सकती है और रम्मी और पोकर जैसे वास्तविक धन गेमिंग प्रारूपों पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है, क्योंकि इसके परिणामस्वरूप कुल पुरस्कार राशि में बड़ी कमी आएगी।

–आईएएनएस

एसजीके

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नई दिल्ली, 28 जुलाई (आईएएनएस)। ऑनलाइन गेमिंग उद्योग ने सरकार को अपनी गतिविधियों पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने का एक नया फॉर्मूला सुझाया है, जिसे मुख्य रूप से अपने हितों की रक्षा के उपाय के रूप में देखा जाता है। 

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद ने 11 जुलाई को कौशल-आधारित गेम खेलने के लिए उपयोगकर्ताओं द्वारा भुगतान किए गए पैसे के पूर्ण मूल्य पर 28 प्रतिशत जीएसटी का उच्चतम स्लैब लगाने का फैसला किया था।

अभी तक गेमिंग प्लेटफॉर्म पर 18 फीसदी जीएसटी लगता है।

यह निर्णय गेमिंग उद्योग के लिए एक करारा झटका है, जिसने सरकार को एक खुले पत्र में इस निर्णय पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि अब 11 जुलाई के फैसले को लागू करने की व्यवस्था पर फैसला लेने के लिए जीएसटी परिषद की 2 अगस्त को वर्चुअल बैठक होने वाली है। समझा जाता है कि उद्योग ने सरकार को सुझाव दिया है कि कुल राशि पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाना चाहिए।

उद्योग के सूत्रों का कहना है कि सकल जमा पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने से गेमिंग उद्योग की कमर टूट सकती है और रम्मी और पोकर जैसे वास्तविक धन गेमिंग प्रारूपों पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है, क्योंकि इसके परिणामस्वरूप कुल पुरस्कार राशि में बड़ी कमी आएगी।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 28 जुलाई (आईएएनएस)। ऑनलाइन गेमिंग उद्योग ने सरकार को अपनी गतिविधियों पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने का एक नया फॉर्मूला सुझाया है, जिसे मुख्य रूप से अपने हितों की रक्षा के उपाय के रूप में देखा जाता है। 

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद ने 11 जुलाई को कौशल-आधारित गेम खेलने के लिए उपयोगकर्ताओं द्वारा भुगतान किए गए पैसे के पूर्ण मूल्य पर 28 प्रतिशत जीएसटी का उच्चतम स्लैब लगाने का फैसला किया था।

अभी तक गेमिंग प्लेटफॉर्म पर 18 फीसदी जीएसटी लगता है।

यह निर्णय गेमिंग उद्योग के लिए एक करारा झटका है, जिसने सरकार को एक खुले पत्र में इस निर्णय पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि अब 11 जुलाई के फैसले को लागू करने की व्यवस्था पर फैसला लेने के लिए जीएसटी परिषद की 2 अगस्त को वर्चुअल बैठक होने वाली है। समझा जाता है कि उद्योग ने सरकार को सुझाव दिया है कि कुल राशि पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाना चाहिए।

उद्योग के सूत्रों का कहना है कि सकल जमा पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने से गेमिंग उद्योग की कमर टूट सकती है और रम्मी और पोकर जैसे वास्तविक धन गेमिंग प्रारूपों पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है, क्योंकि इसके परिणामस्वरूप कुल पुरस्कार राशि में बड़ी कमी आएगी।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 28 जुलाई (आईएएनएस)। ऑनलाइन गेमिंग उद्योग ने सरकार को अपनी गतिविधियों पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने का एक नया फॉर्मूला सुझाया है, जिसे मुख्य रूप से अपने हितों की रक्षा के उपाय के रूप में देखा जाता है। 

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद ने 11 जुलाई को कौशल-आधारित गेम खेलने के लिए उपयोगकर्ताओं द्वारा भुगतान किए गए पैसे के पूर्ण मूल्य पर 28 प्रतिशत जीएसटी का उच्चतम स्लैब लगाने का फैसला किया था।

अभी तक गेमिंग प्लेटफॉर्म पर 18 फीसदी जीएसटी लगता है।

यह निर्णय गेमिंग उद्योग के लिए एक करारा झटका है, जिसने सरकार को एक खुले पत्र में इस निर्णय पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि अब 11 जुलाई के फैसले को लागू करने की व्यवस्था पर फैसला लेने के लिए जीएसटी परिषद की 2 अगस्त को वर्चुअल बैठक होने वाली है। समझा जाता है कि उद्योग ने सरकार को सुझाव दिया है कि कुल राशि पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाना चाहिए।

उद्योग के सूत्रों का कहना है कि सकल जमा पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने से गेमिंग उद्योग की कमर टूट सकती है और रम्मी और पोकर जैसे वास्तविक धन गेमिंग प्रारूपों पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है, क्योंकि इसके परिणामस्वरूप कुल पुरस्कार राशि में बड़ी कमी आएगी।

–आईएएनएस

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वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद ने 11 जुलाई को कौशल-आधारित गेम खेलने के लिए उपयोगकर्ताओं द्वारा भुगतान किए गए पैसे के पूर्ण मूल्य पर 28 प्रतिशत जीएसटी का उच्चतम स्लैब लगाने का फैसला किया था।

अभी तक गेमिंग प्लेटफॉर्म पर 18 फीसदी जीएसटी लगता है।

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रिपोर्ट में कहा गया है कि अब 11 जुलाई के फैसले को लागू करने की व्यवस्था पर फैसला लेने के लिए जीएसटी परिषद की 2 अगस्त को वर्चुअल बैठक होने वाली है। समझा जाता है कि उद्योग ने सरकार को सुझाव दिया है कि कुल राशि पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाना चाहिए।

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–आईएएनएस

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वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद ने 11 जुलाई को कौशल-आधारित गेम खेलने के लिए उपयोगकर्ताओं द्वारा भुगतान किए गए पैसे के पूर्ण मूल्य पर 28 प्रतिशत जीएसटी का उच्चतम स्लैब लगाने का फैसला किया था।

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यह निर्णय गेमिंग उद्योग के लिए एक करारा झटका है, जिसने सरकार को एक खुले पत्र में इस निर्णय पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि अब 11 जुलाई के फैसले को लागू करने की व्यवस्था पर फैसला लेने के लिए जीएसटी परिषद की 2 अगस्त को वर्चुअल बैठक होने वाली है। समझा जाता है कि उद्योग ने सरकार को सुझाव दिया है कि कुल राशि पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाना चाहिए।

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रिपोर्ट में कहा गया है कि अब 11 जुलाई के फैसले को लागू करने की व्यवस्था पर फैसला लेने के लिए जीएसटी परिषद की 2 अगस्त को वर्चुअल बैठक होने वाली है। समझा जाता है कि उद्योग ने सरकार को सुझाव दिया है कि कुल राशि पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाना चाहिए।

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रिपोर्ट में कहा गया है कि अब 11 जुलाई के फैसले को लागू करने की व्यवस्था पर फैसला लेने के लिए जीएसटी परिषद की 2 अगस्त को वर्चुअल बैठक होने वाली है। समझा जाता है कि उद्योग ने सरकार को सुझाव दिया है कि कुल राशि पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाना चाहिए।

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