रांची, 9 जून (आईएएनएस)। झारखंड के गोड्डा जिले के बसंतराय स्थित मौलाना अबुल कलाम आजाद कॉलेज के प्रिंसिपल की अपहरण के बाद अपराधियों ने हत्या कर दी। मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस ने हत्या के आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। घटना में संलिप्त शाकिर को पुलिस ने अपहरण में उपयोग किये गये काले रंग की गाड़ी के साथ पकड़ लिया है।
पूछताछ के दौरान उसने अपहरण कर हत्या की बात स्वीकार की है। उसने पुलिस को बताया कि कॉलेज विवाद को लेकर योजना बद्ध तरीके से उसने मोहम्मद नजीरूद्दीन का अपहरण किया और हत्या कर दी।
शाकिर ने पुलिस को बताया कि इसमें उसके भाई और परिजनों की भी संलिप्तता है। पुलिस ने इस घटना में संलिप्त मो. शाकिर उर्फ चुन्ना, अमन राज और कपिल देव दास को हिरासत में लिया है। वहीं, अन्य लोगो को भी हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
गौरतलब है कि शुक्रवार सुबह प्रिंसिपल डॉ नजीरुद्दीन का शव महगामा दियाजोरी के बीच पाया गया था। डॉ. नजीरुद्दीन क्षेत्र की नामी शख्सियत थे और वे राजनीतिक रूप से भी काफी सक्रिय थे।
प्रिंसिपल डॉ नजीरुद्दीन गुरुवार शाम को गाड़ी से बिहार के धोरैया से अपने गांव बसंतराय की ओर आ रहे थे। तभी झारखंड-बिहार सीमा पर कोरियाना पुल के पास हथियारबंद नकाबपोश अपराधियों ने उनकी गाड़ी को रोका और प्रिंसिपल को जबरन अपनी गाड़ी में बैठाकर ले गये।
अपराधियों ने प्रिंसिपल के ड्राइवर को भी धमकी दी कि अगर इस बारे में किसी को बताया तो जान मार देंगे। करीब दो घंटे के बाद ड्राइवर ने घटना की जानकारी प्रिंसिपल के घरवालों को दी। इसके बाद पुलिस और परिजनों ने नजीरुद्दीन की काफी खोजबीन की। लेकिन उनका कोई पता नहीं चला।
इसी दौरान शुक्रवार सुबह नजीरुद्दीन का शव बरामद किया गया। इसके बाद पुलिस ले त्वरित कार्रवाई करते हुए हत्या के आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
इधर, प्रिंसिपल की हत्या को लेकर राजनीति शुरू हो गयी है। भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने प्रिंसिपल की हत्या को लेकर राज्य की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाया है।
उन्होंने कहा है कि झारखंड की विधि-व्यवस्था को ठेंगा दिखाते हुए गोड्डा जिला के बसंतराय कॉलेज के प्राचार्य डा. नजीरूद्दीन की हत्या कर दी। गोड्डा पुलिस की निष्क्रियता से प्राचार्य को बचाया नहीं जा सका। आज अहले सुबह उनका शव महगामा दियाजोरी के बीच पाया गया। ट्रक चालकों से हाईटेक वसूली करने वाली राज्य की पुलिस ने अगर इस मामले में भी गंभीरता दिखाई होती तो शायद राज्य के माथे पर यह धब्बा नहीं लगता।
–आईएएनएस
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