नई दिल्ली, 28 अक्टूबर (आईएएनएस)। देश में अधिकतर घर खरीदारों को उम्मीद है कि अगले 12 महीने में संपत्ति की कीमतें 6-15 फीसदी तक बढ़ जाएंगी। इसके लिए पूंजीगत मूल्य वृद्धि और किराये में बढ़ोतरी को मुख्य प्रेरक बताया जा रहा है। सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
रिपोर्ट के अनुसार, 20 लाख से 30 लाख रुपये के बीच वार्षिक आय वाले लोग घर खरीदने में सबसे अधिक रुचि दिखा रहे हैं। इसे मध्यम आय वर्ग में बढ़ती आकांक्षाओं के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
रियल एस्टेट प्लेटफॉर्म मैजिकब्रिक्स की रिपोर्ट के अनुसार, ये खरीदार मुख्य रूप से 75 लाख रुपये से एक करोड़ रुपये तक के निवेश पर विचार कर रहे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि लगभग 35 प्रतिशत लोग संपत्ति की कीमत में वृद्धि के जरिए रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट (आरओआई) की वजह से खरीदारी को प्राथमिकता दे रहे हैं। 22 प्रतिशत लोग किराये में वृद्धि को लेकर खरीदारी के लिए प्रेरित होते हैं।
ध्यान देने वाली बात यह है कि घर खरीदारों ने मुद्रास्फीति को अपने खरीद निर्णय में एक बाधा के रूप में नहीं देखा।
रिपोर्ट में कहा गया है, “खरीदार अपनी वार्षिक आय का 4-5 गुना आवासीय संपत्तियों में निवेश करने को तैयार हैं। 20 लाख से 30 लाख रुपये सालाना कमाने वाले परिवार 75 लाख से एक करोड़ रुपये की कीमत वाले घरों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जबकि 30 लाख से 50 लाख रुपये की आय वाले लोगों का एक से डेढ़ करोड़ रुपये की रेंज वाली संपत्तियों की ओर झुकाव है।”
जिन परिवारों की वार्षिक आय एक करोड़ रुपये से अधिक है, उनके लिए पसंदीदा बजट आमतौर पर 3.5-5 करोड़ रुपये के बीच होता है।
अर्थशास्त्रियों के अनुसार, वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए सरकार के प्रयासों के बीच, बेहतर कनेक्टिविटी विकल्पों, त्योहारी प्रोत्साहनों और बदलती जीवन शैली विकल्पों के कारण रियल एस्टेट उद्योग भी बढ़ रहा है।
अब ज्यादातर भारतीय “लाइफस्टाइल आवास” का विकल्प चुन रहे हैं और रियल एस्टेट खास तौर पर प्रीमियम प्रॉपर्टीज निवेश के लिए सबसे पसंदीदा परिसंपत्ति वर्ग बना हुआ है।
कई डेवलपर्स अब साल भर, खास तौर पर त्योहारी सीजन के दौरान प्रोत्साहन दे रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप प्रॉपर्टी की खरीदारी में भी उछाल आया है।
फिक्की और एनारॉक प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 51 प्रतिशत भारतीय अब 3 बीएचके घर पसंद करते हैं, जो बड़े घरों की बढ़ती मांग को दर्शाता है, क्योंकि 67 प्रतिशत खरीदार खुद के रहने के लिए संपत्ति चाहते हैं। वहीं, 33 प्रतिशत निवेश के उद्देश्य से घरों की खरीदारी करते हैं।
–आईएएनएस
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