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Home ताज़ा समाचार

घोसी उपचुनाव पर राजभर बोले, यहां लड़ाई अखिलेश और ओमप्रकाश के बीच है (आईएएनएस साक्षात्कार)

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September 3, 2023
in ताज़ा समाचार
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लखनऊ, 3 सितंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मऊ जिले की घोसी विधानसभा सीट पर उपचुनाव में दलों की जोर आजमाइश चालू है। लोकसभा से पहले हो रहे इस चुनाव को एनडीए और इंडिया गठबंधन की पहली परीक्षा माना जा रहा है। अभी हाल में भाजपा के गठबंधन में शामिल हुए सुहेल देव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर भी इस उपचुनाव में प्रचार की कमान संभाले हुए हैं।

अपने बयानों के कारण राजभर अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। उपचुनाव को लेकर उनसे विभिन्न मुद्दों पर आईएएनएस ने बातचीत की है। प्रस्तुत है बातचीत के प्रमुख अंश।

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सपा मुखिया कई बार कह चुके हैं कि आपकी पार्टी के विधायक टूट जाएंगे, इसके जवाब में राजभर ने कहा कि अखिलेश अपरिपक्व नेता हैं। उन्हें गठबंधन का व्यवहारिक ज्ञान नहीं है। अखिलेश ने बसपा से गठबंधन किया, टूट गया। ऐसे ही कांग्रेस के साथ पहले गठबंधन किया था, अब फिर कर रहे हैं, वो भी टूट जायेगा। लोकदल से गठबंधन देख रहे हैं। सुभासपा से गठबंधन हुआ तो सीट नहीं दे पा रहे थे। दूसरे चरण में हमसे बोले, आपके सिंबल पर सपा प्रत्याशी लड़ेगा। आज वो बोल रहे हैं कि उन्हें लगता है विधायक उनके हैं। लेकिन, वो निगाह इधर न करें। वरना महाराष्ट्र की घटना सपा में दोहराई जायेगी।

सपा द्वारा लागू किये गये पीडीए फॉर्मूला पर ओपी राजभर ने कहा कि अखिलेश जी नासमझ की तरह बात करते हैं। आप पीडीए की बात करते हो समान्य वर्ग की बात नहीं करते हो। पीडीए का विलय एनडीए में हो गया है। जब एनडीए ने घोसी उपचुनाव में पीडीए का प्रत्याशी खड़ा कर दिया तो सपा को दर्द हो रहा है। यह तो उपचुनाव है, 2024 के चुनाव में तो इनका कहीं खाता नहीं खुलेगा।

अखिलेश के मना करने के बावजूद स्वामी प्रसाद के बार-बार आ रहे विवादित बयान के सवाल पर राजभर ने हंसते हुए कहा कि भाजपा ने उन्हें वहां यह कह कर भेजा है कि जब तक सपा रसातल में न पहुंच जाए तब तक वहीं रहना। बेटी भाजपा में है। जिस दिन सपा खत्म हो जाए आप लौट आना दरवाजे खुले हैं।

स्याही और जूता कांड के बाबत पूछने पर वह कहते हैं कि स्याही कांड वाला तो सपा का ही है। जूता कांड के विषय में उन्होंने कहा कि स्वामी प्रसाद के मामले में सपा में दो फाड़ हो गए हैं। मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम, यही लोग जूता चला रहे हैं।

घोसी में दलित वोट किस ओर जाएगा, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि भाजपा पहली पार्टी थी, जिसने 1989 में पिछड़े नेता मुलायम को समर्थन देकर मुख्यमंत्री बनाया। 2 जून की घटना गेस्ट हाउस कांड में अगर भाजपा के विधायक ब्रह्मदत्त द्विवेदी दल बल से न पहुंचते तो शायद सपा के गुंडे मायावती की हत्या कर देते। भाजपा के समर्थन से ही दलित की बेटी मायावती तीन बार मुख्यमंत्री बनीं। चाहे अनुप्रिया हों, संजय निषाद हों या फिर ओमप्रकाश राजभर, सब देश की राजनीति में दिख रहे हैं। ये सब भाजपा की बदौलत हैं। भाजपा से जुड़कर लोग नेता बनते हैं। लेकिन, सपा में आदमी बनते हैं, चाहे शिवपाल के आदमी हों या रामगोपाल के। प्रमोशन में आरक्षण सपा ने खत्म किया। जितने दलित महापुरुषों के नाम से जिले थे सपा ने अपनी सरकार में उन्हें हटा दिया। डाक्टर आम्बेडकर के नाम से जितनी भी योजनाएं बनी थी, सपा सरकार में सब खत्म हो गई। किस मुंह से दलित से वोट मांग रहे हैं। उनके पास भीड़ नहीं है। सपा रैली में पैसा देकर लोगों को बुला रहे हैं, क्योंकि इनके पास लोग नहीं है।

बाहरी बनाम स्थानीय के मुद्दे पर राजभर ने कहा कि सपा यह दुष्प्रचार कर रही है। कमल के फूल पर वोट देने के लिए लोग रजामंद हैं। यहां पर लड़ाई बाहरी भीतरी नहीं, बल्कि अखिलेश और ओमप्रकाश के बीच है। अभी तक के उपचुनाव में अखिलेश यादव प्रचार में कहीं नहीं गए लेकिन, इस चुनाव में उनका पूरा कुनबा दिख रहा है। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि हमने एसी से निकलकर जमीन पर काम करने का सुझाव दिया था, लेकिन तब नहीं सुने और अब जिस राजभर के कपड़े से उन्हें बदबू आती थी उन्हीं राजभर मतदाताओं के बीच जीवन में पहली बार प्रोफेसर रामगोपाल वोट मांग रहे हैं। जब पुलिस की भर्ती होती थी तो हिस्सा लेने के लिए नहीं पूछते थे। घोसी के चुनाव में सपा के बड़े नेताओं के निशाने पर ओमप्रकाश राजभर हैं। न तो योगी जी न तो मोदी जी न कोई है। यह साबित हो गया कि हम लोग ताकत में हैं चुनाव जीत रहे हैं।

चुनाव में भाषा की मर्यादा के जवाब में उन्होंने कहा कि जो तुमको कांटा बोए ताको बोओ भाला ताकि वो भी समझ जाए किससे पड़ा है पाला।

एक दूसरे सवाल के जवाब में ओमप्रकाश राजभर ने बताया कि घोसी में 520 बूथ हैं, 234 पोलिंग स्टेशन हैं। एक-एक बूथ और एक-एक पोलिंग स्टेशन पर हमने सर्वे करवाया है। 548 हमारी पार्टी के जिम्मेदार नेता काम कर रहे हैं। 388 बूथ पर 60, 70, 80, 90, 100 फीसद वोट पाएंगे। शेष 86 बूथ पर वो लोग 80 प्रतिशत पा सकते हैं। कुछ बूथों पर हम आमने सामने होंगे। अगर जातिगत समीकरण देखें तो 80 हजार मुस्लिम और सिर्फ 20 हजार यादव हैं, जिसमें हमें कुछ फीसद मुस्लिम का वोट भी मिलेगा। इन दोनों के वोट बैंक के बदले हमारे पास 65 हजार राजभर, 55 हजार चौहान, यही वोट विपक्ष का मुकाबला कर लेगा। निषाद 17 से 18 हजार और सामान्य वर्ग भी इतने हैं। सामान्य वर्ग में भूमिहार का 90 प्रतिशत वोट भाजपा को मिलेगा। अभी कुछ छोटी जातियां जैसे, बंजारा, गोंड, मौर्या, प्रजापति हैं। यह वोट भी हमें मिलेगा। सपा का वोट है कहां। इसके बाद अगर राजपूत की बता करें तो 60-40 का रेशियो रहेगा। अब सपा को कौन सा वोट मिल रहा है। लड़ाई नाम की कोई चीज नहीं है।

उन्होंने दावा किया कि हम लोग 50 हजार से ज्यादा वोटों से चुनाव जीतने जा रहे हैं।

–आईएएनएस

विकेटी/एसकेपी

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लखनऊ, 3 सितंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मऊ जिले की घोसी विधानसभा सीट पर उपचुनाव में दलों की जोर आजमाइश चालू है। लोकसभा से पहले हो रहे इस चुनाव को एनडीए और इंडिया गठबंधन की पहली परीक्षा माना जा रहा है। अभी हाल में भाजपा के गठबंधन में शामिल हुए सुहेल देव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर भी इस उपचुनाव में प्रचार की कमान संभाले हुए हैं।

अपने बयानों के कारण राजभर अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। उपचुनाव को लेकर उनसे विभिन्न मुद्दों पर आईएएनएस ने बातचीत की है। प्रस्तुत है बातचीत के प्रमुख अंश।

सपा मुखिया कई बार कह चुके हैं कि आपकी पार्टी के विधायक टूट जाएंगे, इसके जवाब में राजभर ने कहा कि अखिलेश अपरिपक्व नेता हैं। उन्हें गठबंधन का व्यवहारिक ज्ञान नहीं है। अखिलेश ने बसपा से गठबंधन किया, टूट गया। ऐसे ही कांग्रेस के साथ पहले गठबंधन किया था, अब फिर कर रहे हैं, वो भी टूट जायेगा। लोकदल से गठबंधन देख रहे हैं। सुभासपा से गठबंधन हुआ तो सीट नहीं दे पा रहे थे। दूसरे चरण में हमसे बोले, आपके सिंबल पर सपा प्रत्याशी लड़ेगा। आज वो बोल रहे हैं कि उन्हें लगता है विधायक उनके हैं। लेकिन, वो निगाह इधर न करें। वरना महाराष्ट्र की घटना सपा में दोहराई जायेगी।

सपा द्वारा लागू किये गये पीडीए फॉर्मूला पर ओपी राजभर ने कहा कि अखिलेश जी नासमझ की तरह बात करते हैं। आप पीडीए की बात करते हो समान्य वर्ग की बात नहीं करते हो। पीडीए का विलय एनडीए में हो गया है। जब एनडीए ने घोसी उपचुनाव में पीडीए का प्रत्याशी खड़ा कर दिया तो सपा को दर्द हो रहा है। यह तो उपचुनाव है, 2024 के चुनाव में तो इनका कहीं खाता नहीं खुलेगा।

अखिलेश के मना करने के बावजूद स्वामी प्रसाद के बार-बार आ रहे विवादित बयान के सवाल पर राजभर ने हंसते हुए कहा कि भाजपा ने उन्हें वहां यह कह कर भेजा है कि जब तक सपा रसातल में न पहुंच जाए तब तक वहीं रहना। बेटी भाजपा में है। जिस दिन सपा खत्म हो जाए आप लौट आना दरवाजे खुले हैं।

स्याही और जूता कांड के बाबत पूछने पर वह कहते हैं कि स्याही कांड वाला तो सपा का ही है। जूता कांड के विषय में उन्होंने कहा कि स्वामी प्रसाद के मामले में सपा में दो फाड़ हो गए हैं। मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम, यही लोग जूता चला रहे हैं।

घोसी में दलित वोट किस ओर जाएगा, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि भाजपा पहली पार्टी थी, जिसने 1989 में पिछड़े नेता मुलायम को समर्थन देकर मुख्यमंत्री बनाया। 2 जून की घटना गेस्ट हाउस कांड में अगर भाजपा के विधायक ब्रह्मदत्त द्विवेदी दल बल से न पहुंचते तो शायद सपा के गुंडे मायावती की हत्या कर देते। भाजपा के समर्थन से ही दलित की बेटी मायावती तीन बार मुख्यमंत्री बनीं। चाहे अनुप्रिया हों, संजय निषाद हों या फिर ओमप्रकाश राजभर, सब देश की राजनीति में दिख रहे हैं। ये सब भाजपा की बदौलत हैं। भाजपा से जुड़कर लोग नेता बनते हैं। लेकिन, सपा में आदमी बनते हैं, चाहे शिवपाल के आदमी हों या रामगोपाल के। प्रमोशन में आरक्षण सपा ने खत्म किया। जितने दलित महापुरुषों के नाम से जिले थे सपा ने अपनी सरकार में उन्हें हटा दिया। डाक्टर आम्बेडकर के नाम से जितनी भी योजनाएं बनी थी, सपा सरकार में सब खत्म हो गई। किस मुंह से दलित से वोट मांग रहे हैं। उनके पास भीड़ नहीं है। सपा रैली में पैसा देकर लोगों को बुला रहे हैं, क्योंकि इनके पास लोग नहीं है।

बाहरी बनाम स्थानीय के मुद्दे पर राजभर ने कहा कि सपा यह दुष्प्रचार कर रही है। कमल के फूल पर वोट देने के लिए लोग रजामंद हैं। यहां पर लड़ाई बाहरी भीतरी नहीं, बल्कि अखिलेश और ओमप्रकाश के बीच है। अभी तक के उपचुनाव में अखिलेश यादव प्रचार में कहीं नहीं गए लेकिन, इस चुनाव में उनका पूरा कुनबा दिख रहा है। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि हमने एसी से निकलकर जमीन पर काम करने का सुझाव दिया था, लेकिन तब नहीं सुने और अब जिस राजभर के कपड़े से उन्हें बदबू आती थी उन्हीं राजभर मतदाताओं के बीच जीवन में पहली बार प्रोफेसर रामगोपाल वोट मांग रहे हैं। जब पुलिस की भर्ती होती थी तो हिस्सा लेने के लिए नहीं पूछते थे। घोसी के चुनाव में सपा के बड़े नेताओं के निशाने पर ओमप्रकाश राजभर हैं। न तो योगी जी न तो मोदी जी न कोई है। यह साबित हो गया कि हम लोग ताकत में हैं चुनाव जीत रहे हैं।

चुनाव में भाषा की मर्यादा के जवाब में उन्होंने कहा कि जो तुमको कांटा बोए ताको बोओ भाला ताकि वो भी समझ जाए किससे पड़ा है पाला।

एक दूसरे सवाल के जवाब में ओमप्रकाश राजभर ने बताया कि घोसी में 520 बूथ हैं, 234 पोलिंग स्टेशन हैं। एक-एक बूथ और एक-एक पोलिंग स्टेशन पर हमने सर्वे करवाया है। 548 हमारी पार्टी के जिम्मेदार नेता काम कर रहे हैं। 388 बूथ पर 60, 70, 80, 90, 100 फीसद वोट पाएंगे। शेष 86 बूथ पर वो लोग 80 प्रतिशत पा सकते हैं। कुछ बूथों पर हम आमने सामने होंगे। अगर जातिगत समीकरण देखें तो 80 हजार मुस्लिम और सिर्फ 20 हजार यादव हैं, जिसमें हमें कुछ फीसद मुस्लिम का वोट भी मिलेगा। इन दोनों के वोट बैंक के बदले हमारे पास 65 हजार राजभर, 55 हजार चौहान, यही वोट विपक्ष का मुकाबला कर लेगा। निषाद 17 से 18 हजार और सामान्य वर्ग भी इतने हैं। सामान्य वर्ग में भूमिहार का 90 प्रतिशत वोट भाजपा को मिलेगा। अभी कुछ छोटी जातियां जैसे, बंजारा, गोंड, मौर्या, प्रजापति हैं। यह वोट भी हमें मिलेगा। सपा का वोट है कहां। इसके बाद अगर राजपूत की बता करें तो 60-40 का रेशियो रहेगा। अब सपा को कौन सा वोट मिल रहा है। लड़ाई नाम की कोई चीज नहीं है।

उन्होंने दावा किया कि हम लोग 50 हजार से ज्यादा वोटों से चुनाव जीतने जा रहे हैं।

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लखनऊ, 3 सितंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मऊ जिले की घोसी विधानसभा सीट पर उपचुनाव में दलों की जोर आजमाइश चालू है। लोकसभा से पहले हो रहे इस चुनाव को एनडीए और इंडिया गठबंधन की पहली परीक्षा माना जा रहा है। अभी हाल में भाजपा के गठबंधन में शामिल हुए सुहेल देव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर भी इस उपचुनाव में प्रचार की कमान संभाले हुए हैं।

अपने बयानों के कारण राजभर अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। उपचुनाव को लेकर उनसे विभिन्न मुद्दों पर आईएएनएस ने बातचीत की है। प्रस्तुत है बातचीत के प्रमुख अंश।

सपा मुखिया कई बार कह चुके हैं कि आपकी पार्टी के विधायक टूट जाएंगे, इसके जवाब में राजभर ने कहा कि अखिलेश अपरिपक्व नेता हैं। उन्हें गठबंधन का व्यवहारिक ज्ञान नहीं है। अखिलेश ने बसपा से गठबंधन किया, टूट गया। ऐसे ही कांग्रेस के साथ पहले गठबंधन किया था, अब फिर कर रहे हैं, वो भी टूट जायेगा। लोकदल से गठबंधन देख रहे हैं। सुभासपा से गठबंधन हुआ तो सीट नहीं दे पा रहे थे। दूसरे चरण में हमसे बोले, आपके सिंबल पर सपा प्रत्याशी लड़ेगा। आज वो बोल रहे हैं कि उन्हें लगता है विधायक उनके हैं। लेकिन, वो निगाह इधर न करें। वरना महाराष्ट्र की घटना सपा में दोहराई जायेगी।

सपा द्वारा लागू किये गये पीडीए फॉर्मूला पर ओपी राजभर ने कहा कि अखिलेश जी नासमझ की तरह बात करते हैं। आप पीडीए की बात करते हो समान्य वर्ग की बात नहीं करते हो। पीडीए का विलय एनडीए में हो गया है। जब एनडीए ने घोसी उपचुनाव में पीडीए का प्रत्याशी खड़ा कर दिया तो सपा को दर्द हो रहा है। यह तो उपचुनाव है, 2024 के चुनाव में तो इनका कहीं खाता नहीं खुलेगा।

अखिलेश के मना करने के बावजूद स्वामी प्रसाद के बार-बार आ रहे विवादित बयान के सवाल पर राजभर ने हंसते हुए कहा कि भाजपा ने उन्हें वहां यह कह कर भेजा है कि जब तक सपा रसातल में न पहुंच जाए तब तक वहीं रहना। बेटी भाजपा में है। जिस दिन सपा खत्म हो जाए आप लौट आना दरवाजे खुले हैं।

स्याही और जूता कांड के बाबत पूछने पर वह कहते हैं कि स्याही कांड वाला तो सपा का ही है। जूता कांड के विषय में उन्होंने कहा कि स्वामी प्रसाद के मामले में सपा में दो फाड़ हो गए हैं। मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम, यही लोग जूता चला रहे हैं।

घोसी में दलित वोट किस ओर जाएगा, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि भाजपा पहली पार्टी थी, जिसने 1989 में पिछड़े नेता मुलायम को समर्थन देकर मुख्यमंत्री बनाया। 2 जून की घटना गेस्ट हाउस कांड में अगर भाजपा के विधायक ब्रह्मदत्त द्विवेदी दल बल से न पहुंचते तो शायद सपा के गुंडे मायावती की हत्या कर देते। भाजपा के समर्थन से ही दलित की बेटी मायावती तीन बार मुख्यमंत्री बनीं। चाहे अनुप्रिया हों, संजय निषाद हों या फिर ओमप्रकाश राजभर, सब देश की राजनीति में दिख रहे हैं। ये सब भाजपा की बदौलत हैं। भाजपा से जुड़कर लोग नेता बनते हैं। लेकिन, सपा में आदमी बनते हैं, चाहे शिवपाल के आदमी हों या रामगोपाल के। प्रमोशन में आरक्षण सपा ने खत्म किया। जितने दलित महापुरुषों के नाम से जिले थे सपा ने अपनी सरकार में उन्हें हटा दिया। डाक्टर आम्बेडकर के नाम से जितनी भी योजनाएं बनी थी, सपा सरकार में सब खत्म हो गई। किस मुंह से दलित से वोट मांग रहे हैं। उनके पास भीड़ नहीं है। सपा रैली में पैसा देकर लोगों को बुला रहे हैं, क्योंकि इनके पास लोग नहीं है।

बाहरी बनाम स्थानीय के मुद्दे पर राजभर ने कहा कि सपा यह दुष्प्रचार कर रही है। कमल के फूल पर वोट देने के लिए लोग रजामंद हैं। यहां पर लड़ाई बाहरी भीतरी नहीं, बल्कि अखिलेश और ओमप्रकाश के बीच है। अभी तक के उपचुनाव में अखिलेश यादव प्रचार में कहीं नहीं गए लेकिन, इस चुनाव में उनका पूरा कुनबा दिख रहा है। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि हमने एसी से निकलकर जमीन पर काम करने का सुझाव दिया था, लेकिन तब नहीं सुने और अब जिस राजभर के कपड़े से उन्हें बदबू आती थी उन्हीं राजभर मतदाताओं के बीच जीवन में पहली बार प्रोफेसर रामगोपाल वोट मांग रहे हैं। जब पुलिस की भर्ती होती थी तो हिस्सा लेने के लिए नहीं पूछते थे। घोसी के चुनाव में सपा के बड़े नेताओं के निशाने पर ओमप्रकाश राजभर हैं। न तो योगी जी न तो मोदी जी न कोई है। यह साबित हो गया कि हम लोग ताकत में हैं चुनाव जीत रहे हैं।

चुनाव में भाषा की मर्यादा के जवाब में उन्होंने कहा कि जो तुमको कांटा बोए ताको बोओ भाला ताकि वो भी समझ जाए किससे पड़ा है पाला।

एक दूसरे सवाल के जवाब में ओमप्रकाश राजभर ने बताया कि घोसी में 520 बूथ हैं, 234 पोलिंग स्टेशन हैं। एक-एक बूथ और एक-एक पोलिंग स्टेशन पर हमने सर्वे करवाया है। 548 हमारी पार्टी के जिम्मेदार नेता काम कर रहे हैं। 388 बूथ पर 60, 70, 80, 90, 100 फीसद वोट पाएंगे। शेष 86 बूथ पर वो लोग 80 प्रतिशत पा सकते हैं। कुछ बूथों पर हम आमने सामने होंगे। अगर जातिगत समीकरण देखें तो 80 हजार मुस्लिम और सिर्फ 20 हजार यादव हैं, जिसमें हमें कुछ फीसद मुस्लिम का वोट भी मिलेगा। इन दोनों के वोट बैंक के बदले हमारे पास 65 हजार राजभर, 55 हजार चौहान, यही वोट विपक्ष का मुकाबला कर लेगा। निषाद 17 से 18 हजार और सामान्य वर्ग भी इतने हैं। सामान्य वर्ग में भूमिहार का 90 प्रतिशत वोट भाजपा को मिलेगा। अभी कुछ छोटी जातियां जैसे, बंजारा, गोंड, मौर्या, प्रजापति हैं। यह वोट भी हमें मिलेगा। सपा का वोट है कहां। इसके बाद अगर राजपूत की बता करें तो 60-40 का रेशियो रहेगा। अब सपा को कौन सा वोट मिल रहा है। लड़ाई नाम की कोई चीज नहीं है।

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लखनऊ, 3 सितंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मऊ जिले की घोसी विधानसभा सीट पर उपचुनाव में दलों की जोर आजमाइश चालू है। लोकसभा से पहले हो रहे इस चुनाव को एनडीए और इंडिया गठबंधन की पहली परीक्षा माना जा रहा है। अभी हाल में भाजपा के गठबंधन में शामिल हुए सुहेल देव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर भी इस उपचुनाव में प्रचार की कमान संभाले हुए हैं।

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सपा मुखिया कई बार कह चुके हैं कि आपकी पार्टी के विधायक टूट जाएंगे, इसके जवाब में राजभर ने कहा कि अखिलेश अपरिपक्व नेता हैं। उन्हें गठबंधन का व्यवहारिक ज्ञान नहीं है। अखिलेश ने बसपा से गठबंधन किया, टूट गया। ऐसे ही कांग्रेस के साथ पहले गठबंधन किया था, अब फिर कर रहे हैं, वो भी टूट जायेगा। लोकदल से गठबंधन देख रहे हैं। सुभासपा से गठबंधन हुआ तो सीट नहीं दे पा रहे थे। दूसरे चरण में हमसे बोले, आपके सिंबल पर सपा प्रत्याशी लड़ेगा। आज वो बोल रहे हैं कि उन्हें लगता है विधायक उनके हैं। लेकिन, वो निगाह इधर न करें। वरना महाराष्ट्र की घटना सपा में दोहराई जायेगी।

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अखिलेश के मना करने के बावजूद स्वामी प्रसाद के बार-बार आ रहे विवादित बयान के सवाल पर राजभर ने हंसते हुए कहा कि भाजपा ने उन्हें वहां यह कह कर भेजा है कि जब तक सपा रसातल में न पहुंच जाए तब तक वहीं रहना। बेटी भाजपा में है। जिस दिन सपा खत्म हो जाए आप लौट आना दरवाजे खुले हैं।

स्याही और जूता कांड के बाबत पूछने पर वह कहते हैं कि स्याही कांड वाला तो सपा का ही है। जूता कांड के विषय में उन्होंने कहा कि स्वामी प्रसाद के मामले में सपा में दो फाड़ हो गए हैं। मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम, यही लोग जूता चला रहे हैं।

घोसी में दलित वोट किस ओर जाएगा, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि भाजपा पहली पार्टी थी, जिसने 1989 में पिछड़े नेता मुलायम को समर्थन देकर मुख्यमंत्री बनाया। 2 जून की घटना गेस्ट हाउस कांड में अगर भाजपा के विधायक ब्रह्मदत्त द्विवेदी दल बल से न पहुंचते तो शायद सपा के गुंडे मायावती की हत्या कर देते। भाजपा के समर्थन से ही दलित की बेटी मायावती तीन बार मुख्यमंत्री बनीं। चाहे अनुप्रिया हों, संजय निषाद हों या फिर ओमप्रकाश राजभर, सब देश की राजनीति में दिख रहे हैं। ये सब भाजपा की बदौलत हैं। भाजपा से जुड़कर लोग नेता बनते हैं। लेकिन, सपा में आदमी बनते हैं, चाहे शिवपाल के आदमी हों या रामगोपाल के। प्रमोशन में आरक्षण सपा ने खत्म किया। जितने दलित महापुरुषों के नाम से जिले थे सपा ने अपनी सरकार में उन्हें हटा दिया। डाक्टर आम्बेडकर के नाम से जितनी भी योजनाएं बनी थी, सपा सरकार में सब खत्म हो गई। किस मुंह से दलित से वोट मांग रहे हैं। उनके पास भीड़ नहीं है। सपा रैली में पैसा देकर लोगों को बुला रहे हैं, क्योंकि इनके पास लोग नहीं है।

बाहरी बनाम स्थानीय के मुद्दे पर राजभर ने कहा कि सपा यह दुष्प्रचार कर रही है। कमल के फूल पर वोट देने के लिए लोग रजामंद हैं। यहां पर लड़ाई बाहरी भीतरी नहीं, बल्कि अखिलेश और ओमप्रकाश के बीच है। अभी तक के उपचुनाव में अखिलेश यादव प्रचार में कहीं नहीं गए लेकिन, इस चुनाव में उनका पूरा कुनबा दिख रहा है। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि हमने एसी से निकलकर जमीन पर काम करने का सुझाव दिया था, लेकिन तब नहीं सुने और अब जिस राजभर के कपड़े से उन्हें बदबू आती थी उन्हीं राजभर मतदाताओं के बीच जीवन में पहली बार प्रोफेसर रामगोपाल वोट मांग रहे हैं। जब पुलिस की भर्ती होती थी तो हिस्सा लेने के लिए नहीं पूछते थे। घोसी के चुनाव में सपा के बड़े नेताओं के निशाने पर ओमप्रकाश राजभर हैं। न तो योगी जी न तो मोदी जी न कोई है। यह साबित हो गया कि हम लोग ताकत में हैं चुनाव जीत रहे हैं।

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