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चंद्रयान-3: इसरो परिवार की 73 दिनों की ‘तपस्या’ सफल हुई

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July 14, 2023
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चंद्रयान-3: इसरो परिवार की 73 दिनों की ‘तपस्या’ सफल हुई
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श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश), 14 जुलाई (आईएएनएस)। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि ‘बाहुबली’ रॉकेट एलवीएम3 से चंद्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण के साथ ही इसरो परिवार की 73 दिनों की तपस्या सफल रही।

सफल प्रक्षेपण के बाद यहां सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के मिशन नियंत्रण केंद्र में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए चंद्रयान-3 के मिशन निदेशक एस. मोहना कुमार ने कहा कि यह इसरो परिवार के लिए 73 दिनों की तपस्या थी।

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तपस्या का फल अंततः 3.8 टन वजन वाले चंद्रयान-3 को पृथ्‍वी की वांछित कक्षा में स्थापित करने के साथ मिल गया है।

अंतरिक्ष केंद्र के लॉनच पैड नंबर-2 से दोपहर बाद करीब 2.35 बजे ‘बाहुबली’ रॉकेट एलवीएम3 चंद्रयान के साथ अंतरिक्ष के लिए रवाना हुआ और लगभग 16 मिनट बाद चंद्रयान उससे अलग हो गया। अब धीरे-धीरे चंद्रयान की कक्षा में बदलाव कर उसे समुचित समय पर चंद्रमा के लिए रवाना किया जाएगा।

एलवीएम3 रॉकेट को ‘बाहुबली’ उपनाम दिया गया है। कुमार ने कहा कि इसमें निरंतर सुधार किया गया है। इसका उपयोग भारत के गगनयान मिशन के लिए किया जाएगा जिसमें देश के अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजा जाना है।

नियंत्रण केंद्र में मौजूद अंतरिक्ष विभाग के राज्‍य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, ”यह वास्‍तव में देश के लिए गौरव का क्षण है। देश को गौरवान्वित करने के लिए टीम इसरो का धन्‍यवाद।”

विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक एस. उन्नीकृष्णन के अनुसार, यह एलवीएम3 रॉकेट का सातवां सफल मिशन है। रॉकेट को गगनयान मिशन के लिए आदर्श वाहन बनाने के लिए इसमें कई बदलाव किए गए हैं।

–आईएएनएस

एकेजे

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श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश), 14 जुलाई (आईएएनएस)। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि ‘बाहुबली’ रॉकेट एलवीएम3 से चंद्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण के साथ ही इसरो परिवार की 73 दिनों की तपस्या सफल रही।

सफल प्रक्षेपण के बाद यहां सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के मिशन नियंत्रण केंद्र में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए चंद्रयान-3 के मिशन निदेशक एस. मोहना कुमार ने कहा कि यह इसरो परिवार के लिए 73 दिनों की तपस्या थी।

तपस्या का फल अंततः 3.8 टन वजन वाले चंद्रयान-3 को पृथ्‍वी की वांछित कक्षा में स्थापित करने के साथ मिल गया है।

अंतरिक्ष केंद्र के लॉनच पैड नंबर-2 से दोपहर बाद करीब 2.35 बजे ‘बाहुबली’ रॉकेट एलवीएम3 चंद्रयान के साथ अंतरिक्ष के लिए रवाना हुआ और लगभग 16 मिनट बाद चंद्रयान उससे अलग हो गया। अब धीरे-धीरे चंद्रयान की कक्षा में बदलाव कर उसे समुचित समय पर चंद्रमा के लिए रवाना किया जाएगा।

एलवीएम3 रॉकेट को ‘बाहुबली’ उपनाम दिया गया है। कुमार ने कहा कि इसमें निरंतर सुधार किया गया है। इसका उपयोग भारत के गगनयान मिशन के लिए किया जाएगा जिसमें देश के अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजा जाना है।

नियंत्रण केंद्र में मौजूद अंतरिक्ष विभाग के राज्‍य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, ”यह वास्‍तव में देश के लिए गौरव का क्षण है। देश को गौरवान्वित करने के लिए टीम इसरो का धन्‍यवाद।”

विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक एस. उन्नीकृष्णन के अनुसार, यह एलवीएम3 रॉकेट का सातवां सफल मिशन है। रॉकेट को गगनयान मिशन के लिए आदर्श वाहन बनाने के लिए इसमें कई बदलाव किए गए हैं।

–आईएएनएस

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श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश), 14 जुलाई (आईएएनएस)। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि ‘बाहुबली’ रॉकेट एलवीएम3 से चंद्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण के साथ ही इसरो परिवार की 73 दिनों की तपस्या सफल रही।

सफल प्रक्षेपण के बाद यहां सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के मिशन नियंत्रण केंद्र में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए चंद्रयान-3 के मिशन निदेशक एस. मोहना कुमार ने कहा कि यह इसरो परिवार के लिए 73 दिनों की तपस्या थी।

तपस्या का फल अंततः 3.8 टन वजन वाले चंद्रयान-3 को पृथ्‍वी की वांछित कक्षा में स्थापित करने के साथ मिल गया है।

अंतरिक्ष केंद्र के लॉनच पैड नंबर-2 से दोपहर बाद करीब 2.35 बजे ‘बाहुबली’ रॉकेट एलवीएम3 चंद्रयान के साथ अंतरिक्ष के लिए रवाना हुआ और लगभग 16 मिनट बाद चंद्रयान उससे अलग हो गया। अब धीरे-धीरे चंद्रयान की कक्षा में बदलाव कर उसे समुचित समय पर चंद्रमा के लिए रवाना किया जाएगा।

एलवीएम3 रॉकेट को ‘बाहुबली’ उपनाम दिया गया है। कुमार ने कहा कि इसमें निरंतर सुधार किया गया है। इसका उपयोग भारत के गगनयान मिशन के लिए किया जाएगा जिसमें देश के अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजा जाना है।

नियंत्रण केंद्र में मौजूद अंतरिक्ष विभाग के राज्‍य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, ”यह वास्‍तव में देश के लिए गौरव का क्षण है। देश को गौरवान्वित करने के लिए टीम इसरो का धन्‍यवाद।”

विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक एस. उन्नीकृष्णन के अनुसार, यह एलवीएम3 रॉकेट का सातवां सफल मिशन है। रॉकेट को गगनयान मिशन के लिए आदर्श वाहन बनाने के लिए इसमें कई बदलाव किए गए हैं।

–आईएएनएस

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सफल प्रक्षेपण के बाद यहां सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के मिशन नियंत्रण केंद्र में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए चंद्रयान-3 के मिशन निदेशक एस. मोहना कुमार ने कहा कि यह इसरो परिवार के लिए 73 दिनों की तपस्या थी।

तपस्या का फल अंततः 3.8 टन वजन वाले चंद्रयान-3 को पृथ्‍वी की वांछित कक्षा में स्थापित करने के साथ मिल गया है।

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एलवीएम3 रॉकेट को ‘बाहुबली’ उपनाम दिया गया है। कुमार ने कहा कि इसमें निरंतर सुधार किया गया है। इसका उपयोग भारत के गगनयान मिशन के लिए किया जाएगा जिसमें देश के अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजा जाना है।

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विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक एस. उन्नीकृष्णन के अनुसार, यह एलवीएम3 रॉकेट का सातवां सफल मिशन है। रॉकेट को गगनयान मिशन के लिए आदर्श वाहन बनाने के लिए इसमें कई बदलाव किए गए हैं।

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सफल प्रक्षेपण के बाद यहां सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के मिशन नियंत्रण केंद्र में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए चंद्रयान-3 के मिशन निदेशक एस. मोहना कुमार ने कहा कि यह इसरो परिवार के लिए 73 दिनों की तपस्या थी।

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एलवीएम3 रॉकेट को ‘बाहुबली’ उपनाम दिया गया है। कुमार ने कहा कि इसमें निरंतर सुधार किया गया है। इसका उपयोग भारत के गगनयान मिशन के लिए किया जाएगा जिसमें देश के अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजा जाना है।

नियंत्रण केंद्र में मौजूद अंतरिक्ष विभाग के राज्‍य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, ”यह वास्‍तव में देश के लिए गौरव का क्षण है। देश को गौरवान्वित करने के लिए टीम इसरो का धन्‍यवाद।”

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सफल प्रक्षेपण के बाद यहां सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के मिशन नियंत्रण केंद्र में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए चंद्रयान-3 के मिशन निदेशक एस. मोहना कुमार ने कहा कि यह इसरो परिवार के लिए 73 दिनों की तपस्या थी।

तपस्या का फल अंततः 3.8 टन वजन वाले चंद्रयान-3 को पृथ्‍वी की वांछित कक्षा में स्थापित करने के साथ मिल गया है।

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सफल प्रक्षेपण के बाद यहां सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के मिशन नियंत्रण केंद्र में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए चंद्रयान-3 के मिशन निदेशक एस. मोहना कुमार ने कहा कि यह इसरो परिवार के लिए 73 दिनों की तपस्या थी।

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एलवीएम3 रॉकेट को ‘बाहुबली’ उपनाम दिया गया है। कुमार ने कहा कि इसमें निरंतर सुधार किया गया है। इसका उपयोग भारत के गगनयान मिशन के लिए किया जाएगा जिसमें देश के अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजा जाना है।

नियंत्रण केंद्र में मौजूद अंतरिक्ष विभाग के राज्‍य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, ”यह वास्‍तव में देश के लिए गौरव का क्षण है। देश को गौरवान्वित करने के लिए टीम इसरो का धन्‍यवाद।”

विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक एस. उन्नीकृष्णन के अनुसार, यह एलवीएम3 रॉकेट का सातवां सफल मिशन है। रॉकेट को गगनयान मिशन के लिए आदर्श वाहन बनाने के लिए इसमें कई बदलाव किए गए हैं।

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सफल प्रक्षेपण के बाद यहां सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के मिशन नियंत्रण केंद्र में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए चंद्रयान-3 के मिशन निदेशक एस. मोहना कुमार ने कहा कि यह इसरो परिवार के लिए 73 दिनों की तपस्या थी।

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एलवीएम3 रॉकेट को ‘बाहुबली’ उपनाम दिया गया है। कुमार ने कहा कि इसमें निरंतर सुधार किया गया है। इसका उपयोग भारत के गगनयान मिशन के लिए किया जाएगा जिसमें देश के अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजा जाना है।

नियंत्रण केंद्र में मौजूद अंतरिक्ष विभाग के राज्‍य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, ”यह वास्‍तव में देश के लिए गौरव का क्षण है। देश को गौरवान्वित करने के लिए टीम इसरो का धन्‍यवाद।”

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सफल प्रक्षेपण के बाद यहां सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के मिशन नियंत्रण केंद्र में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए चंद्रयान-3 के मिशन निदेशक एस. मोहना कुमार ने कहा कि यह इसरो परिवार के लिए 73 दिनों की तपस्या थी।

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अंतरिक्ष केंद्र के लॉनच पैड नंबर-2 से दोपहर बाद करीब 2.35 बजे ‘बाहुबली’ रॉकेट एलवीएम3 चंद्रयान के साथ अंतरिक्ष के लिए रवाना हुआ और लगभग 16 मिनट बाद चंद्रयान उससे अलग हो गया। अब धीरे-धीरे चंद्रयान की कक्षा में बदलाव कर उसे समुचित समय पर चंद्रमा के लिए रवाना किया जाएगा।

एलवीएम3 रॉकेट को ‘बाहुबली’ उपनाम दिया गया है। कुमार ने कहा कि इसमें निरंतर सुधार किया गया है। इसका उपयोग भारत के गगनयान मिशन के लिए किया जाएगा जिसमें देश के अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजा जाना है।

नियंत्रण केंद्र में मौजूद अंतरिक्ष विभाग के राज्‍य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, ”यह वास्‍तव में देश के लिए गौरव का क्षण है। देश को गौरवान्वित करने के लिए टीम इसरो का धन्‍यवाद।”

विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक एस. उन्नीकृष्णन के अनुसार, यह एलवीएम3 रॉकेट का सातवां सफल मिशन है। रॉकेट को गगनयान मिशन के लिए आदर्श वाहन बनाने के लिए इसमें कई बदलाव किए गए हैं।

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सफल प्रक्षेपण के बाद यहां सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के मिशन नियंत्रण केंद्र में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए चंद्रयान-3 के मिशन निदेशक एस. मोहना कुमार ने कहा कि यह इसरो परिवार के लिए 73 दिनों की तपस्या थी।

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सफल प्रक्षेपण के बाद यहां सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के मिशन नियंत्रण केंद्र में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए चंद्रयान-3 के मिशन निदेशक एस. मोहना कुमार ने कहा कि यह इसरो परिवार के लिए 73 दिनों की तपस्या थी।

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सफल प्रक्षेपण के बाद यहां सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के मिशन नियंत्रण केंद्र में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए चंद्रयान-3 के मिशन निदेशक एस. मोहना कुमार ने कहा कि यह इसरो परिवार के लिए 73 दिनों की तपस्या थी।

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सफल प्रक्षेपण के बाद यहां सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के मिशन नियंत्रण केंद्र में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए चंद्रयान-3 के मिशन निदेशक एस. मोहना कुमार ने कहा कि यह इसरो परिवार के लिए 73 दिनों की तपस्या थी।

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एलवीएम3 रॉकेट को ‘बाहुबली’ उपनाम दिया गया है। कुमार ने कहा कि इसमें निरंतर सुधार किया गया है। इसका उपयोग भारत के गगनयान मिशन के लिए किया जाएगा जिसमें देश के अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजा जाना है।

नियंत्रण केंद्र में मौजूद अंतरिक्ष विभाग के राज्‍य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, ”यह वास्‍तव में देश के लिए गौरव का क्षण है। देश को गौरवान्वित करने के लिए टीम इसरो का धन्‍यवाद।”

विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक एस. उन्नीकृष्णन के अनुसार, यह एलवीएम3 रॉकेट का सातवां सफल मिशन है। रॉकेट को गगनयान मिशन के लिए आदर्श वाहन बनाने के लिए इसमें कई बदलाव किए गए हैं।

–आईएएनएस

एकेजे

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श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश), 14 जुलाई (आईएएनएस)। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि ‘बाहुबली’ रॉकेट एलवीएम3 से चंद्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण के साथ ही इसरो परिवार की 73 दिनों की तपस्या सफल रही।

सफल प्रक्षेपण के बाद यहां सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के मिशन नियंत्रण केंद्र में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए चंद्रयान-3 के मिशन निदेशक एस. मोहना कुमार ने कहा कि यह इसरो परिवार के लिए 73 दिनों की तपस्या थी।

तपस्या का फल अंततः 3.8 टन वजन वाले चंद्रयान-3 को पृथ्‍वी की वांछित कक्षा में स्थापित करने के साथ मिल गया है।

अंतरिक्ष केंद्र के लॉनच पैड नंबर-2 से दोपहर बाद करीब 2.35 बजे ‘बाहुबली’ रॉकेट एलवीएम3 चंद्रयान के साथ अंतरिक्ष के लिए रवाना हुआ और लगभग 16 मिनट बाद चंद्रयान उससे अलग हो गया। अब धीरे-धीरे चंद्रयान की कक्षा में बदलाव कर उसे समुचित समय पर चंद्रमा के लिए रवाना किया जाएगा।

एलवीएम3 रॉकेट को ‘बाहुबली’ उपनाम दिया गया है। कुमार ने कहा कि इसमें निरंतर सुधार किया गया है। इसका उपयोग भारत के गगनयान मिशन के लिए किया जाएगा जिसमें देश के अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजा जाना है।

नियंत्रण केंद्र में मौजूद अंतरिक्ष विभाग के राज्‍य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, ”यह वास्‍तव में देश के लिए गौरव का क्षण है। देश को गौरवान्वित करने के लिए टीम इसरो का धन्‍यवाद।”

विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक एस. उन्नीकृष्णन के अनुसार, यह एलवीएम3 रॉकेट का सातवां सफल मिशन है। रॉकेट को गगनयान मिशन के लिए आदर्श वाहन बनाने के लिए इसमें कई बदलाव किए गए हैं।

–आईएएनएस

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श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश), 14 जुलाई (आईएएनएस)। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि ‘बाहुबली’ रॉकेट एलवीएम3 से चंद्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण के साथ ही इसरो परिवार की 73 दिनों की तपस्या सफल रही।

सफल प्रक्षेपण के बाद यहां सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के मिशन नियंत्रण केंद्र में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए चंद्रयान-3 के मिशन निदेशक एस. मोहना कुमार ने कहा कि यह इसरो परिवार के लिए 73 दिनों की तपस्या थी।

तपस्या का फल अंततः 3.8 टन वजन वाले चंद्रयान-3 को पृथ्‍वी की वांछित कक्षा में स्थापित करने के साथ मिल गया है।

अंतरिक्ष केंद्र के लॉनच पैड नंबर-2 से दोपहर बाद करीब 2.35 बजे ‘बाहुबली’ रॉकेट एलवीएम3 चंद्रयान के साथ अंतरिक्ष के लिए रवाना हुआ और लगभग 16 मिनट बाद चंद्रयान उससे अलग हो गया। अब धीरे-धीरे चंद्रयान की कक्षा में बदलाव कर उसे समुचित समय पर चंद्रमा के लिए रवाना किया जाएगा।

एलवीएम3 रॉकेट को ‘बाहुबली’ उपनाम दिया गया है। कुमार ने कहा कि इसमें निरंतर सुधार किया गया है। इसका उपयोग भारत के गगनयान मिशन के लिए किया जाएगा जिसमें देश के अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजा जाना है।

नियंत्रण केंद्र में मौजूद अंतरिक्ष विभाग के राज्‍य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, ”यह वास्‍तव में देश के लिए गौरव का क्षण है। देश को गौरवान्वित करने के लिए टीम इसरो का धन्‍यवाद।”

विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक एस. उन्नीकृष्णन के अनुसार, यह एलवीएम3 रॉकेट का सातवां सफल मिशन है। रॉकेट को गगनयान मिशन के लिए आदर्श वाहन बनाने के लिए इसमें कई बदलाव किए गए हैं।

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श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश), 14 जुलाई (आईएएनएस)। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि ‘बाहुबली’ रॉकेट एलवीएम3 से चंद्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण के साथ ही इसरो परिवार की 73 दिनों की तपस्या सफल रही।

सफल प्रक्षेपण के बाद यहां सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के मिशन नियंत्रण केंद्र में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए चंद्रयान-3 के मिशन निदेशक एस. मोहना कुमार ने कहा कि यह इसरो परिवार के लिए 73 दिनों की तपस्या थी।

तपस्या का फल अंततः 3.8 टन वजन वाले चंद्रयान-3 को पृथ्‍वी की वांछित कक्षा में स्थापित करने के साथ मिल गया है।

अंतरिक्ष केंद्र के लॉनच पैड नंबर-2 से दोपहर बाद करीब 2.35 बजे ‘बाहुबली’ रॉकेट एलवीएम3 चंद्रयान के साथ अंतरिक्ष के लिए रवाना हुआ और लगभग 16 मिनट बाद चंद्रयान उससे अलग हो गया। अब धीरे-धीरे चंद्रयान की कक्षा में बदलाव कर उसे समुचित समय पर चंद्रमा के लिए रवाना किया जाएगा।

एलवीएम3 रॉकेट को ‘बाहुबली’ उपनाम दिया गया है। कुमार ने कहा कि इसमें निरंतर सुधार किया गया है। इसका उपयोग भारत के गगनयान मिशन के लिए किया जाएगा जिसमें देश के अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजा जाना है।

नियंत्रण केंद्र में मौजूद अंतरिक्ष विभाग के राज्‍य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, ”यह वास्‍तव में देश के लिए गौरव का क्षण है। देश को गौरवान्वित करने के लिए टीम इसरो का धन्‍यवाद।”

विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक एस. उन्नीकृष्णन के अनुसार, यह एलवीएम3 रॉकेट का सातवां सफल मिशन है। रॉकेट को गगनयान मिशन के लिए आदर्श वाहन बनाने के लिए इसमें कई बदलाव किए गए हैं।

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