मझगवां, देशबन्धु। चित्रकूट विधानसभा के जनपद मुख्यालय से महज 2 किमी दूरी जंगल में आबाद गढ़ीघाट आज भी पहुंच विहीन है। यह सुनने में अजीब लग रहा होगा लेकिन यह सच है। आदिवासी बाहुल्य इस गांव में सड़क तो दूर पेय जल के लिए हैंडपंप भी नहीं हैं। आजादी के साढ़े सात दशक से ऊपर का समय बीत जाने के बाद भी इस तरफ किसी ने ध्यान नहीं दिया। तभी तो जनपद पंचायत मुख्यालय के नाक के नीचे आबाद यह गांव विकास से कोसों दूर है।
चित्रकूट विस में कई सारे ऐसे गांव हैं जो गढ़ीघाट की तरह हैं लेकिन वह जनपद मुख्यालय से कोसों दूर हैं जिनकों लेकर यह कहा जा सकता है कि वहां किसी का ध्यान नहीं गया होगा। लेकिन गढ़ीघाट तो पास में ही है। यहां के आदिवासी अपना दुख दर्द बयां करते हुए बताया कि यहां किसी को भी किसी भी शासकीय योजना का लाभ नहीं मिला। सड़क न होने के चलते सभी योजनाएं यहां तक पहुंच ही नहीं पाती।
चुनाव के समय आते हैं नेता
ग्रामीणों का कहना है कि हमारी सुध सिर्फ और सिर्फ चुनाव के समय ली जाती है। तब बड़े-बड़े नेता यहां आते हैं और बड़ी-बड़ी बातें कह के चले जाते हैं। इसके बाद इस ओर मुड़कर नहीं देखते। हम लोग इसी लिए अभी भी किसी तरह से गुजर बसर कर रहे हैं।
कट गया बिजली कनेक्शन
धन्ने मवासी, ओम नारायण, राम दास मवासी ने बताया कि स्वच्छ पेय जल का अभाव तो है ही साथ ही यहां पर बिजली की भी समस्या बनी हुई है। बताया गया है कि विद्युत विभाग द्वारा यहा की बिजली भी काट दी है। जिसके चलते ग्रामीण अंधेरे में रहने को मजबूर हैं। लोगों का कहना है कि हम लोग नरकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। जिस तरह की समस्या हम लोगों के साथ बनी हुई है। ऐसे में हम लोग अपना दुखड़ा किसे सुनाए यह चुनौती सबसे ज्यादा बनी हुई है।
पीते हैं झरने का पानी
बबलू मवासी, सुरेंद्र मवासी सहित गीता मवासी ने बताया कि पेय जल के लिए हैंडपंप नहीं होने के चलते लोग पहाड़ी से बहने वाले झरने का पानी पीने के लिए ग्रामीण पूरी तरह से विवश हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यह पहाड़ी झरना ही हम लोगों के लिए सिर्फ और सिर्फ एक आधार है। अगर यह नहीं होता तो ऐसे उपेक्षा के चलते गुजर बसर कर पाना बहुत ही कठिन होता।
इनका कहना है
यहां तक काई भी सरकार की योजना नहीं पहुंच पाती है। कुल मिलाकर के हमारे साथ छलाव हुआ है। कई दशकों से हम लोग अव्यवस्था के बीच गुजर बसर कर रहे हैं।
पवन मवासी
यहां कितनी समस्या है हम लोग गिनाते, गिनाते थक जाएंगे बता नहीं पाएंगे। यहां तो समस्याओं का अंबार लगा हुआ है। स्कूल और सड़क यहां की प्रमुख समस्या है।
जय नारायण
सड़क नहीं होने के चलते गांव तक वाहन नहीं पहुंच पाते हैं। कई बार इस दिशा में जिम्मेदारों को बताया जा चुका है लेकिन इस दिशा में कोई सुधार नहीं हुआ है। ऐसे में हम लोग कहां जाएं।
सुरेंद्र मवासी
सरकार हर गांव को सड़क से जोडऩे की बात कह रही है लेकिन यहां गांव आज भी मुख्य मार्ग से अछूता है। यहां पर समस्याओं का अंबार लगा हुआ है।
जनकलली