जबलपुर. गढ़ा थाना क्षेत्र के गणतंत्र दिवस का अवकाश होने की वजह से एक करीब 10 वर्षीय मासूम अपनी साइकिल चला रहा था कि उसकी नजर एक घर के गेट में फंसी पतंग पर पड़ी. सहसा साइकिल से उतर कर बालक ने पतंग निकालने उसका धागा खींचा और फिर प्रत्यक्षदर्शियों को स्तब्ध कर देने वाला मंजर सामने आया. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार पतंग खींच रहे बालक की तीन उंगलियां पतंग की डोर जो चाइनीज मांझा था उसकी वजह से कट कर लगभग लटक गई.
आनन-फानन में आस-पास के लोग और परिजन रोते बिलखते बालक को लेकर अस्पताल पहुंचे. चिकित्सकों ने उपचार के बाद बालक को करीब एक सप्ताह अस्पताल में रखने की सलाह दी हैं. गत दिवस विजय नगर निवासी बीएसएनएल से सेवानिवृत्त अधिकारी अपने एक्टिवा वाहन से यादव कॉलोनी जा रहे थे कि अचानक किसी पतंग के कटने के बाद चाइनीज मांझे की डोर आकर उनके गले में फंस गई. घटना से अनियंत्रित हुए वाहन को नियंत्रण में लेकर किसी तरह उन्होंने गले से मांझे की डोर निकालने की कोशिश की तो न सिर्फ उनका गला बल्कि उनकी उंगली भी बुरी तरह कट गई.
आस-पास के लोगों ने किसी तरह उन्हें पास के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया. दोनों ही घटनाओं में किसी तरह घायलों का जीवन तो बच गया लेकिन चाइनीज मांझा उन्हें जीवन भर के लिए न भूलने वाले घाव दे गया. शहर में गणतंत्र दिवस पर अवकाश होने की वजह से जमकर पतंगबाजी हुई जिसमें बड़े पैमाने पर चाइनीज मांझे का उपयोग भी हुआ. अपुष्ट सूत्रो के अनुसार जिले भर में मांझे से न सिर्फ पतंग उड़ाने वाले 17 लोग बल्कि अन्य 29 निदोषों नागरिकों जिन्में अधिकांश बुजुर्ग और बच्चे शामिल थे चाइनीज मांझे का शिकार बने.
चाइनीज मांझे के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर जिम्मेदार गाल बजाकर और रस्म अदायगी के नाम पर दो-चार कार्रवाईयां कर शांत बैठ गए हैं जबकि जिले में बड़े पैमाने पर अब भी न सिर्फ चाइनीज मांझा बिक रहा हैं बल्कि इसका पतंगबाज बड़ी ही बेशर्मी से धड़ल्ले से उपयोग भी कर रहे हैं. न तो चाइनीज मांझे से हो रहे हादसों के बाद एमएलसी (मुलाहिजा) रिपोर्ट तैयार हो रही हैं न हीं किसी तरह की कार्रवाईयां करने के प्रति जिम्मेदारों में कोई रुचि दिखाई दे रही हैं जिसके चलते हर रोज इस तरह के हादसे सामने आ रहे हैं.
प्रदेश भर में जिम्मेदार सक्रिय, शहर में मौन
चाइनीज मांझा प्रदेश भर में कहर बरपा रहा हैं अन्य जिलों में जहां युद्ध स्तर पर कार्रवाईयां जारी हैं वहीं जिले चाइनीज मांझे के प्रति न तो प्रशासन गंभीर नजर आ रहा हैं न हीं पुलिस विभाग में इसके खिलाफ कार्रवाई करने में रुचि दिखाई दे रही हैं. जिसके चलते महज 3-4 कार्रवाईयां कर जहां पुलिस विभाग ने रस्म अदायगी कर दी हैं वहीं प्रशासन में भी इस पर रोक लगाने कोई खास दिलचस्पी नहीं नजर आ रही हैं. जबकि जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के साथ अन्य हॉस्पिटलों में चिकित्सीय सूत्रों के मुताबिक हर रोज करीब 6 से 8 प्रकरण सामने आ रहेहैं जिनमें चाइनीज मांझे से लगी चोटों की वजह से लोग उपचार कराने आए.
चिकित्सीय सूत्रों के मुताबिक उन्होंने संबंधित थानों को घटनाओं से अवगत भी कराया लेकिन कहीं भी एमएलसी (मुलाहिजा) रिपोर्ट नहीं बनाई गई. उज्जैन में युवक का गला कटने के बाद जान बचाने 20 टांके लगने की घटना यहीं पतंग निकालते हुए करंट की चपेट में आकर बुरी तरह एक बालिका के झुलसने सहित अन्य घटनाओं के संज्ञान में आने के बाद जबलपुर जिला प्रशासन संभवत: कार्रवाईयों के लिए शहर में किसी बड़ी अनहोनी की प्रतीक्षा कर रहा हैं. प्रशासन और पुलिस की अकमण्र्यता के चलते शहर के मुख्य बाजारों के साथ गली-मौहल्ले की पतंग दुकानों में भी चाइनीज मांझा धड़ल्ले से बिक रहा हैं.