जयपुर, 21 मार्च (आईएएनएस)। सोशल मीडिया पर एक कथित वीडियो वायरल हो गया है, जिसमें जोधपुर जिले में एक चिंकारा (भारतीय गजेल) के शव को एक पेड़ से लटका हुआ दिखाया गया है, जिसमें लगभग 10-12 लोग खाना पका रहे हैं और उसका मांस खा रहे हैं। वीडियो ने पूरे बिश्नोई समुदाय को क्रोधित कर दिया है, जिससे पूरे राजस्थान में विरोध प्रदर्शन छिड़ गया है।
अधिकारियों के अनुसार, 10 से अधिक शिकारी थे जिन्होंने पहले चिंकारा को मार डाला और फिर उसे एक पेड़ से उल्टा लटका कर उसके टुकड़े कर दिए। फिर उन्होंने मांस पकाया और उसे खाने लगे। ग्रुप ने पूरे एक्ट का वीडियो भी बना लिया और सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया। क्लिप लूनी के पन्नेसिंह नगर के एक खेत की बताई जा रही है।
वीडियो वायरल होने के बाद बिश्नोई समुदाय के लोग नाराज हैं, जो लंबे समय तक थार डेसर्ट क्षेत्र में फ्लोरा और जीवों की रक्षा और संरक्षण के लिए जाना जाता है।
बिश्नोई टाइगर फोर्स ने अब सबूत के साथ एक ज्ञापन पुलिस आयुक्त रविदत्त गौर और मुख्य वन संरक्षक एस.वी. मूर्ति ने वीडियो में दिख रहे सभी लोगों को वाइल्ड लाइफ (प्रोटेक्शन) एक्ट के तहत गिरफ्तार करने की मांग की है।
समुदाय के सदस्यों ने अधिकारियों को सूचित किया कि शिकारी जोधपुर, बाड़मेर और पाली जिलों के सीमावर्ती क्षेत्रों में और उसके आसपास नियमित रूप से चिंकारा का शिकार कर रहे हैं।
बिश्नोई टाइगर फोर्स के प्रमुख राम पाल भवाद ने कहा, हमने क्षेत्र में नियमित पेट्रोलिंग के लिए उड़न दस्ते के गठन की भी मांग की। हमें आश्वासन दिया गया है कि दो दिनों के भीतर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अगर कुछ नहीं हुआ तो गुरुवार को जिला कलेक्ट्रेट पर सांकेतिक धरना प्रदर्शन करेंगे।
वन्यजीव कार्यकर्ताओं ने कहा कि कई शिकारियों ने जोधपुर-बाड़मेर सीमा पर अपना ठिकाना बना लिया है और चिंकारा का शिकार करते हैं, जिसे वे इन जैसे समूहों और यहां तक कि होटलों को बेचते हैं।
–आईएएनएस
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