बीजिंग, 27 अगस्त (आईएएनएस)। हाल के वर्षों में दुनिया में विभिन्न आपदाओं ने खूब कहर बरपाया है। भारत हो या चीन या फिर अमेरिका व जापान – सभी देशों में प्राकृतिक आपदाएं बहुत बड़ी चुनौती के रूप में उभरी हैं।
इनके बारे में समय पूर्व चेतावनी जारी करना और रोकथाम संबंधी उपाय करना बहुत जरूरी है। हालांकि कई देश इस बारे में ध्यान दे रहे हैं, लेकिन हाल के दशकों में प्रकृति को इतना नुकसान पहुंचा है कि यह चुनौती बड़ी है। वैज्ञानिक चेतावनी देते रहे हैं कि जलवायु परिवर्तन के कारण हमें आने वाले दिनों में और भी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
चीन की बात करें तो यहां हाल के दिनों में विभिन्न प्रांतों में भारी बारिश और बाढ़ का सामना करना पड़ा। लेकिन चीन ने तूफान, बाढ़ और सूखा आदि चुनौतियों के मुकाबले के लिए प्रभावी कदम उठाए हैं। बताया जाता है कि राजधानी पेइचिंग, थ्येनचिन और हबेई क्षेत्र में जलाशयों का निर्माण किया गया है। आप सोच रहे होंगे कि आपदा में जलाशयों की क्या भूमिका हो सकती है। चीनी जल संसाधन मंत्रालय के मुताबिक भारी बारिश और बाढ़ के वक्त इन जलाशयों ने काफी नुकसान बचाया। जुलाई के आखिर में और अगस्त की शुरुआत में इन क्षेत्रों में भीषण बाढ़ ने लोगों को परेशान किया था।
संबंधित मंत्रालय के बाढ़ और सूखा आपदा रोकथाम विभाग के अनुसार पेइचिंग, थ्येनचिन और हबेइ क्षेत्र में 84 मध्यम और बड़े आकार के जलाशय मौजूद हैं। जिन्होंने हालिया बाढ़ को रोकने का काम किया। लगभग 2.9 अरब घन मीटर बाढ़ का पानी इन जलाशयों में समा गया जिससे इलाके को होने वाले भारी नुकसान से बचाने में मदद मिली। ध्यान रहे कि उक्त क्षेत्रों ने लगभग 60 वर्षों में पहली बारी इतनी गंभीर बाढ़ का सामना किया। ऐसे में बाढ़ की विभीषिका को कम करने में इन जलाशयों और सरकार के विभिन्न उपायों ने भूमिका निभाई।
सरकारी आंकड़ों की मानें तो इन जलाशयों ने 24 शहरों की पांच लाख हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि को बाढ़ से बचाने में मदद की। अगर ये जलाशय नहीं होते तो लगभग 46 लाख लोगों को वहां से सुरक्षित जगहों पर भेजना पड़ता और शायद जान-माल को भारी नुकसान पहुंचता। इस तरह यह स्थानीय सरकारों के लिए राहत की बात कही जा सकती है। इसके बावजूद भारी बारिश और बाढ़ ने पेइचिंग सहित कई इलाकों में कहर मचाया। हालांकि इससे निपटने के लिए आपदा प्रबंधन एजेंसियों ने अपनी ओर से कोई कमी नहीं छोड़ी।
–आईएएनएस
एकेजे